राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार के आप सभी विजेताओं को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई। अब आप बधाई लेते-लेते थक गए लगते हो। बधाई ज्‍यादा हो गई ना? कम है कि ज्‍यादा हो गई; ऐसा तो नहीं हुआ ना? अच्‍छा, यहां आते समय मास्‍टरजी ने कहा होगा वहां बिल्‍कुल discipline में रहना है, हाथ-पैर नहीं हिलाने, ऐसा बोला होगा। हां....ये गड़बड़ है। यहां आ करके कैसा लग रहा है आप लोगों को? मतलब क्‍या – मौसम अच्‍छा लग रहा है? राष्‍ट्रपति भवन देखा…पूरा..और आज क्‍या देख रहे हैं? पेड़-पौधे ?

आप में से कितने लोग हैं जो पहली बार दिल्‍ली आए हैं? अच्‍छा...बाकी सब बार-बार आ चुके हैं.. सब परिचित हैं। ये जो पीछे लोग हैं उनके लिए सवाल नहीं हैं मेरे...ये सब बच्‍चों के लिए हैं। वरना prompting पीछे से हो रहा है।

वैसे दिल्‍ली आने का अपना ही एक उत्‍साह होता है, फिर भी मुझे पता है कि आपको जरा जल्‍दी जाने का मूड करता होगा, घर जाने का। देखिए, आपको पक्‍का मन करता होगा जल्‍दी घर जाएं, क्‍या-क्‍या हुआ दोस्‍तों को बताएं, फोटो दिखाएं, अपना अवॉर्ड दिखाएं, दिल्‍ली के अनुभव सुनाएं, दिल्‍ली की ठंड कैसी है, वो बताएं, ऐसा मन करता है ना? किसी का भी करता है जी, अपने सा‍थियों को अपनी अच्‍छी-अच्‍छी बातें बताने का मन हर किसी को करता है। आपको नहीं करता है?

देखिए, पूरी यात्रा की ढेर सारी कहानियां होंगी, जो आप सुनाना चाहते होंगे। आप भले ही न कहते हों, लेकिन आपका मन करता होगा, पहले जा करके दादीजी को तो ये कहना ही कहना है, ऐसा मन करता होगा। और कुछ लोग होंगे जो घर जा करके कहेंगे, देखो आप मुझे मना कर रहे थे, अब पता चला ना मैं अच्‍छा-अच्‍छा काम कर रहा हूं। तो अब आप लोग घर में जा करके मम्‍मी-पापा को डांटोगे? बताओगे- हां-हां देखो हमारे पास फोटो है राष्‍ट्रपति जी के साथ, हम अवॉर्ड लेकर आए हैं, ऐसा करोगे ना? नहीं करोगे? ऐसा हो सकता है क्‍या? अच्‍छा छुपा करके करना, चोरी-छिपे से करना। करेंगे, नहीं करेंगे?

ये क्‍या बचपन खो दिया है आपने? अरे बचपन तो बचा रहना चाहिए। आपका बचपन खो गया है। जिसको ये मन न करे कि मम्‍मी–पापा को भी जा करके बताऊंगा,  ये कहूंगा, उनको ये सुनाऊंगा, तो फिर तो आपने बचपन खो दिया है आपका। तो आपको अलग खुला नहीं छोड़ते हैं मम्‍मी-पापा, पीछे लगे रहते हैं? उनको भरोसा नहीं है, छोटे बच्‍चे हैं क्‍या करेंगे, ऐसा लग रहा है ना? अगली बार बताइए उनको कि मुझे अकेले कहीं जाने दो।

देखिए, थोड़ी देर पहले आप सभी का जब परिचय हो रहा था, तो मैं सचमुच में बहुत हैरान था। इतनी कम आयु में जिस प्रकार से आप सभी ने अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ न कुछ करके दिखाया है, कोई प्रयास किए, कोई काम किया है, आपको तो समाधान होगा ही होगा लेकिन आज के बाद आपको कुछ और करने का मन कर जाएगा। और अधिक अच्‍छा करने का इरादा हो जाएगा। 

और मैं समझता हूं कि ये सारे जो awards वगैरह होते हैं ना, वो आखिरी मुकाम नहीं होता है। एक प्रकार से ये beginning होता है। जब कोई recognize करता है तो मन को अच्‍छा लगता है। एक प्रकार से ये जिंदगी की शुरूआत है। और आपने मुश्किल परिस्थितियों से लड़ने का साहस दिखाया। आप में से कुछ वीर बालक हैं, कुछ ऐसे भी हैं जिन्‍होंने गंभीर बीमारियों से लोगों को बाहर निकालने के लिए, ease of living के लिए कई नए-नए innovation किए हैं। किसी ने आर्ट एंड कल्‍चर में, किसी ने स्‍पोर्ट्स में, तो किसी ने शिक्षा साहित्‍य में, तो किसी ने समाज सेवा में; विविधताओं से भरा हुआ आपका योगदान रहा है।

आप अपने समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति अपनी ड्यूटी... आपने देखा होगा मैंने लालकिले से एक बात कही थी, याद है किसी को...लाल किले से कुछ कहा था?  याद है ? बहुत कुछ कहा था, कुछ भी कहोगे तो सच निकलेगा। एक बात मैंने कही थी- ‘कर्त्तव्‍य पर बल’। ज्‍यादातर हम अधिकार पर बल देते हैं। अब देश की आजादी को 75 साल होने वाले हैं, तो कब तक अधिकार पर बल देते रहेंगे? अब कर्त्तव्‍य पर बल देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? Duty को प्राथमिकता कि rights को प्राथमिकता? पक्‍का, सब सहमत हैं, चलिए हमने आज एक कानून पास कर दिया।

देखिए, आप अपने समाज के प्रति, राष्‍ट्र के प्रति अपनी ड्यूटी से और उसके लिए जिस प्रकार से जागरूक हैं, ये सिर्फ आपके माता-पिता को नहीं, आपके परिवारजनों के लिए, जो भी आपके बारे में जानेगा उन सबको गर्व होगा,  उनको पक्‍का गर्व होगा।

देखिए, मैं एक काम करूंगा, आप सबकी फोटो के साथ मैं आज आपकी जो स्‍टोरी है, उसको मैं सोशल मीडिया में दुनिया से शेयर करूंगा। हर individual, कैसे आपने किया है, कहां से आए हैं, कैसा रहा है; मैं लिखूंगा उसमें। लेकिन कुछ गलती हो जाए तो फिर आप नाराज मत हो जाना, क्‍योंकि कभी-कभी जानकारियों में गलती हो जाती है।

देखिए दोस्‍तो, आप सब कहने को तो बहुत छोटी आयु के हैं, कम आयु के हैं, लेकिन आपको पता है आपने जो काम किया है, उसको करने की बात छोड़ दीजिए, सोचने में भी बड़े-बड़े लोगों को पसीने छूट जाते हैं। आप में से जिन्‍होंने innovation किया होगा, जब अपने टीचर को बताओगे तो टीचर भी कहेगा, तुम मुझे परेशान मत करो, तुम जाओ। उनको दिमाग खपाते होंगे, टीचर भी नाराज हो जाते होंगे। उनको लगता होगा ये बच्‍चा इतना bright है, ये मेरे पल्‍ले कैसे पड़ गया, ये मुझे पढ़ाता है। ऐसा होता है ना? देखिए, मैं एक बात बताऊं आपको, आप अपने सभी friends और teachers को जरूर बताइएगा। मैं आप सभी युवा साथियों के ऐसे साहसिक काम के बारे में जब भी सुनता हूं, आपसे बातचीत करता हूं, तो मुझे भी प्रेरणा मिलती है, आपसे मैं भी कुछ सीखता हूं। अभी एक बच्‍चे ने मुझे पूछा कि आप इतना काम करते हैं तो मां की याद नहीं आती है; याद करता हूं तो सब थकान उतर जाती है।

सा‍थियो, आप जैसे बच्‍चों के भीतर छुपी इस प्रतिभा को प्रोत्‍साहित करने के लिए ही ये राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों का दायरा बढ़ाया गया है। और ये सिर्फ आपको पुरस्‍कार मिल रहा है, ऐसा नहीं है, इस अवसर के कारण देशभर के बच्‍चों का इन चीजों पर ध्‍यान जाता है। एक प्रकार से आप उनके लिए हीरो बन जाते हैं, आप उनके लिए inspiration बन जाते हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर में बैठा हुआ कोई बच्‍चा होगा, लद्दाख में बैठा हुआ बच्‍चा होगा, नागालैंड में बैठा हुआ बच्‍चा होगा; वो केरल के किसी बच्‍चे की कथा सुनेगा तो उसको लगेगा अच्‍छा! हमारे देश के बालक ऐसा कर रहे हैं? ये अपने आप में- कई गुना इसका प्रभाव पैदा होता है, इसकी तरंगें चलती रहती हैं। Waves लगातार नीचे प्रभावित करते रहते हैं और इसलिए इन चीजों की तरफ, इन घटनाओं को कभी कम नहीं आंकना चाहिए, उसका अपना एक महत्‍व है। लेकिन कभी-कभी क्‍या होता है, जब नाम हो जाए, अखबार में तस्‍वीर छप जाए तो फिर हम भी जमीन से दो-तीन फीट ऊपर चलते हैं ना, फिर पैर जमीन पर नहीं पड़ते हैं,  ऐसा हो जाता है ना? फिर घर में भी- देखिए, मुझे कोई काम मत बताइए, मैं National award लेकर आया हूं, ऐसा होता है ना? तो क्‍या ऐसा करोगे आप लोग? पैर जमीन पर रखोगे?

अधिकतम लोगों के जीवन में दो पड़ाव आते हैं- एक सहज भाव से अच्छा करता चला जाता है और जब कहीं recognized हो जाता है, फिर जाने-अनजाने में हवा भर जाती है और फिर वो उसी धुन में रहता है आगे कुछ नया नहीं कर पाता है। उसको लगता है बस हो गया, फोटो छप गई, दिल्‍ली हो आया, राष्‍ट्रपति भवन हो आया, अब क्‍या है। ज़िन्दगी में सब हो गया है। ज़िन्दगी इतनी छोटी नहीं है।

दूसरे वो लोग होते हैं- अगर कुछ किया, कहीं recognized हुआ तो उसी को वो अपनी प्रेरणा बना लेते हैं, उसी को अपनी प्रतिज्ञा बना लेते हैं, उसी में से पुरुषार्थ करने के रास्‍ते खोजते रहते हैं और वे नई-नई चीजों को हासिल करने के लिए रुकते नहीं हैं, थकते नहीं हैं।

मैं चाहूंगा कि आप कभी भी अपने जीवन में उन दूसरे प्रकार की आदतों को घुसने ही मत देना। अभी जो हुआ है वो कुछ नहीं, ऐसा ही मानकर जाइए। ठीक है, अभी तो मुझे बहुत कुछ करना है, देश को बहुत कुछ देना है, खुद को हर प्रकार से तैयार करना है। ये अगर जज्‍बा ले करके जाते हैं तो आप देखिए, आपको इस अवसर का बहुत बड़ा आनंद मिलेगा, उसमें से कुछ नया सीखने को मिलेगा। तो आप बताइए पहले रास्‍ते पर जाएंगे कि दूसरे? अपने हाथ ऊपर कीजिए, कितने लोग हैं जो पहले रास्‍ते पर जाएंगे? अच्‍छा ये बताइए, जो दूसरे रास्‍ते पर जाएंगे, वो कौन हैं? इसका मतलब आप मेरी बात समझे नहीं? मैं ये कह रहा था कि एक रास्‍ता वो होता है जो पहला रास्‍ता, कि जिसमें इसको आप अंतिम नहीं मानते हैं, इसको आप शुरूआत मानते हैं। आपके पैर जमीन से उखड़ नहीं जाते हैं, आप हवा में उड़ने नहीं लगते और कुछ और अधिक करने का संकल्‍प करते हैं, ये पहला रास्‍ता है। दूसरा- यार बहुत हो चुका, अब फोटो छप गई, टीवी में आ गए, अब क्‍या करना है, सो जाओ। तो बताइए कि पहला रास्‍ता है कि दूसरा? पक्‍का, देखिए, पहले गलती की थी ना?

अच्छा, मैं आपसे कुछ सवाल पूछता हूं। आप में से कौन इतने लोग हैं जिनको दिन में चार बार पसीना आता है, भरपूर पसीना आता है, पूरा पसीना-पसीना शरीर हो जाता है, जैसे कोई भी सीजन हो, ठंडी हो, गरमी हो। जिसको चार बार दिन में पूरा पसीना निकलता है, कैसे निकलता है, धूप में खड़े रहते हैं? Morning exercise में? और कोई ? देखिए एक भी बालक ऐसा नहीं होना चाहिए, अपने दोस्‍तों को भी बताइए कि जिसको दिन में चार बार पसीना नहीं आए, ऐसा एक भी बालक नहीं होना चाहिए। मुझे एक बार किसी ने बहुत साल पहले किसी ने पूछा था कि आपके चेहरे पर इतना तेज क्‍यों है तो मैंने बड़ा आसान जवाब दिया था- मैंने कहा मेरे शरीर में इतना पसीना निकलता है, मेहनत करता हूं और मैं उसी पसीने से मालिश करता हूं, इसलिए चमक जाता है। अच्‍छा आप में से कितने लोग हैं जो पानी पीते हैं तो खड़े-खड़े पीते हैं, बैठ करके नहीं पीते? ऐसे कितने लोग हैं? देखिए, पानी जब पीते हैं तो बैठ करके पीजिए। छोटी चीज है लेकिन आपको जा करके उसका शास्‍त्र कोई समझाएगा, मैं उस चक्‍कर में नहीं पड़ता हूं। करेंगे ये?

अच्‍छा आपमें से कितने हैं जो पानी दवाई की तरह पीते हैं? कुछ लोग होंगे जो पानी जूस की तरह पीते होंगे, पानी का भी आनंद लेते होंगे। कुछ लोग होते होंगे दवाई की तरह...आप कितने हैं जो पानी को पानी का मजा लेते हैं, पानी का टेस्‍ट करते हैं? Enjoy करते हैं। आप कोशिश कीजिए पानी का टेस्‍ट होता है, वो शरीर को बहुत फायदा करता है, आप उसको enjoy कीजिए। दवाई की तरह ऐसे पानी लगा दिया, ऐसे मत कीजिए। करेंगे? आप कहेंगे- ऐसे क्‍या फायदा, मां तो कहती है पढ़ाई करो, मैं पांच मिनट तक पानी पी रहा हूं, तो झगड़ा हो जाएगा ना। कभी-कभी मां दूध ले करके आती है, मां को काम है, टीवी सीरियल चल रहा है तो मां कहती है, चल जल्‍दी दूध पी ले और आप वो दूध भी दवाई की तरह पी जाते हो, क्‍योंकि मां को सीरियल देखना है। ऐसा होता है ना? कौन सा- सास भी कभी बहू थी?

छोटी-छोटी चीजें होती हैं, हमने बचपन में शरीर को जो आदतें डाली होती हैं वो जीवनभर काम आती हैं और मन में वो एकदम से फिट बैठ जाती हैं। आपको मालूम है देश में एक अभियान चल रहा है, ‘फिट इंडिया’, पता है? कितनों को मालूम है? तो फिट इंडिया के लिए किस दर्जी के पास जाते हो, किस tailor के पास जाते हो? कौन, फिट इंडिया के लिए tailor के पास कौन जाता है, तो क्‍या करते हैं फिट इंडिया के लिए कोई बताएगा? नहीं, क्‍या करते हैं? exercise कहने से थोड़ा ही होता है, कोई कहेगा मैं सूर्य नमस्‍कार करता हूं, कोई कहता है मैं साइकलिंग करता हूं, कोई कहता है मैं स्‍वीमिंग करता हूं...क्‍या करते हैं? अच्‍छा आप में से कितने लोग हैं फटाफट पेड़ पर चढ़ जाते हैं, फिर उतर जाते हैं? घरवालों को चिल्‍लाना पड़ता है, अरे नीचे उतरो, नीचे उतरो- ऐसे कितने लोग हैं?

देखिए साहस- ये हमारे स्‍वभाव में होना चाहिए। यहां पैर रखूंगा तो गिर जाऊंगा, तो ये करूंगा तो- ऐसे जिंदगी नहीं जीते। साहस के बिना जीवन संभव नहीं है। आप छोटी-छोटी चीजों का साहस करने की आदत बनाओगे तो आगे चलकर वो भी बहुत काम आएगा। और आप जैसे लोग जब करेंगा ना,  तो बाकी 50 लोग देखेंगे- अरे देखो,  ये भी करता है। इतना अवॉर्ड लेकर आया, फिर भी इतनी मेहनत करता है। इतना मान-सम्‍मान ले करके आया, लेकिन देखिए ये काम कर रहा है। तो क्‍या होगा- बहुतों को प्रेरणा मिलेगी। करोगे? पक्‍का करोगे? तो परसों 26 जनवरी की तैयारी? तो सिखाया गया होगा, ऐसे-ऐसे करो? दाहिने हाथ से करना है कि बाएं हाथ से? ये नहीं बताया। जिस तरफ लोग होंगे, उस तरफ करना है। अरे हम होंगे तो पांच मीटर, दस मीटर तक ही होंगे, बाकी तो बहुत भीड़ होती है।

चलिए, मुझे बहुत अच्‍छा लगा आप लोग enjoy कीजिए और दिल्‍ली में बहुत कुछ देखिए। अलग-अलग जगह पर जाइए। लालकिले में आपको मालूम होगा, नेताजी सुभाष बाबू को ले करके, क्रांतिकारियों को ले करके बहुत अच्‍छा म्‍यूजियम बना है। देखेंगे आप लोग? देखकर आए, ले जाने वाले हैं? अच्‍छा वॉर मेमोरियल देखा? हैं, नहीं देखा। देखिए, वॉर मेमोरियल भी देखने जाना चाहिए। और अपने राज्‍य का कोई एकाध भी जो वीर शहीद हुआ होगा, उसका नाम पढ़ करके, लिख करके ले जाना, अपने घर पर। अगर मोबाईल फोन है तो उसकी फोटो निकाल करके ले जाना। देखिए, कर्नाटक के ये वीर शहीद का नाम है, उसका फोटो लेकर जाना चाहिए। किसी को दिखाना चाहिए- देखिए, हमारे कर्नाटक के वीर शहीद का नाम वहां वॉर मेमोरियल में है। हरेक को अपने-अपने राज्‍य का ढूंढना चाहिए। ऐसे ही देखकर नहीं आना चाहिए वो जो नाम लिखे हैं ना उन पर तुम्‍हें गर्व होना चाहिए। यहां एक पुलिस मेमोरियल भी बना है, देखने जाओगे? आपको मालूम है ये देश में 33 हजार से ज्‍यादा पुलिस, कभी-कभी लोग पुलिस से नफरत करते हैं ना? पुलिसवाले कहते हैं, चलो इधर चलो,  साइकिल यहां मत रखो,  बहुत गुस्‍सा होता है ना? 33 हजार पुलिस देश के नागरिकों की रक्षा के लिए शहीद हुए हैं आजादी के बाद। आंकड़ा बहुत बड़ा है, 33 हजार। उस पुलिस के प्रति आदर का, गौरव का भाव बनना चाहिए, देखिए समाज जीवन में एक बदलाव शुरू हो जाएगा। पुलिस मेमोरियल देखोगे ना तो आपको लगेगा कि ये इतना काम होता रहा, ये ऐसे करते रहे। करोगे? पक्‍का करोगे?

चलिए, बहुत-बहुत धन्‍यवाद आपको। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.