गांधीनगर, मंगलवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बनास डेयरी के नवनिर्मित तीसरे संकुल का उद्घाटन करते हुए उत्तर गुजरात की सूखी धरती पर सौर ऊर्जा और नर्मदा के पानी से आर्थिक क्रांति का संकल्प जताया है। उन्होंने सरदार पटेल के गुजरात की धरती के किसानों की आंखों में अमृत सहन नहीं करने वाले, झूठ फैलाकर किसानों को गुमराह करने वाले तत्वों और केन्द्र की दिल्ली सरकार की गुजरात विरोधी मानसिकता की कड़ी आलोचना की।
श्री मोदी ने सवाल उठाया कि केन्द्र सरकार सरदार सरोवर डेम पर दरवाजे लगाने की अनुमति क्यों नहीं देती? गुजरात के किसानों के प्रति थोड़ा भी प्रेम हो तो खरीफ बुवाई के लिए पर्याप्त खाद का आवंटन क्यों नहीं करती?
गुजरात के सहकारी दूध उद्योग क्षेत्र में प्रतिष्ठित बनास डेयरी के 110 करोड़ रुपये के खर्च से नवनिर्मित बनास-3 संकुल का उद्घाटन करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने बनास डेयरी के 100 टन क्षमता वाले मिल्क पावडर प्लान्ट का शिलान्यास भी किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में बनास-3 के नए संकुल का शिलान्यास भी श्री मोदी ने ही किया था।
सरदार पटेल के गुजरात में किसानों को कंगाल करने के षड्यंत्र किए जा रहे हैं, इसकी भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि नर्मदा के पानी से खेती-बाड़ी और पशुपालन, डेयरी उद्योग उत्तर गुजरात की सूखी धरती पर समृद्घि ला सकते हैं। जल को धरती की नसों की तरह गुजरात के गांव-गांव में पहुंचाने के लिए नर्मदा की शाखा केनालों का काम सरकार ने शुरू कर दिया है। इसके लिए 9,000 करोड़ रुपये का आवंटन इस वर्ष किया गया है। लेकिन सूखी धरती के किसानों की आंखों में अमृत छलके यह केन्द्र की कांग्रेस सरकार को मंजूर नहीं। इसलिए ही सरदार सरोवर डेम की ऊंचाई का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बावजूद डेम पर गेट लगाने की मंजूरी दो वर्षों से नहीं दी जा रही है। यह दरवाजे लगाने में तीन वर्ष लगेंगे और हमनें (राज्य सरकार) वचन दिया है कि अगर कोई गांव दरवाजे बंद करने से डूबेगा तो दरवाजे बंद नहीं किए जाएंगे। इसके बावजूद केन्द्र सरकार मंजूरी नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि नर्मदा शाखा केनालों के लिए जमीन संपादन में स्वेच्छा से सहयोग देने वाले किसानों को गुमराह कर जमीन संपादन के लिए रोकने वाले लोकहित के दुशमन हैं।
जिन किसानों ने पूर्व में जमीन देकर नर्मदा केनाल के नेटवर्क को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया है, उनको नई जंत्री के मुताबिक मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार ने 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाया है और किसानों के हितों की रक्षा की है। नर्मदा की शाखा केनाल से नर्मदा के पानी की पाइपलाइनों द्वारा दांतीवाड़ा और सीपु जलाशय भरने के लिए 400 करोड़ का विशेष प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
राज्य में वर्षा के विलम्ब के कारण किसानों की चिन्ता में सहभागी बनी सरकार किसानों की हर समस्या का निराकरण करने के लिए तत्पर है। यह विश्वास जताते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात के किसानों को अभी तत्काल डीएपी खाद की आवश्यकता है। परन्तु केन्द्र सरकार गुजरात के किसानों को बर्बाद करना चाहती है। 4.80 लाख टन खाद की मंजूरी की तुलना में तीन महीने में केवल 1 लाख टन खाद गुजरात को मिला है। राज्य सरकार एडवांस में खाद का मूल्य चुकाने को तैयार है, लेकिन केन्द्र सरकार किसानों को गुमराह कर रही है।
मुख्यमंत्री ने नर्मदा का पानी गैरकानूनी रूप से चोरी करने वाले मुट्ठीभर असामाजिक तत्वों और उनको संरक्षण देने वालों की आलोचना करते हुए कहा कि मां नर्मदा के पानी की चोरी करना, अम्बाजी माता के प्रसाद की चोरी करने जैसा पाप है। इससे मेघराजा रुठते हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि इस वर्ष भी गुजरात में पर्याप्त वर्षा हो, और अपनी कृषि क्रांति की यात्रा अविरत चलती रहे। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में ही उत्तर गुजरात के रेगिस्तानी तट खास तौर पर बनासकांठा के लोगों का रोजी-रोटी के लिए स्थानांतरण रुक गया है। बनासकांठा और पाटण जिले में धूल के भंवर तथा तपते सूरज की गर्मी सौर ऊर्जा बनकर आर्थिक क्रांति के लिए देश-दुनिया का आकर्षण बनने वाली है। सोलर पार्क से सौर ऊर्जा और नर्मदा के पानी से सूखी धरती पर उत्तर गुजरात के किसान अपने परिश्रम से कच्चा सोना उगाएंगे, यह सपना साकार होने वाला है। बनास नदी सूखी रह गई लेकिन बनास डेयरी ने दूध की धारा बहाकर किसान और पशुपालकों में आर्थिक क्रांति कर दी है।
पशुपालक मातृशक्ति को शुभकामनाएं देते हुए श्री मोदी ने कहा कि डेयरी उद्योग को स्वीकृति देने में ग्रामीण नारी समाज का सबसे निर्णायक योगदान रहा है। अब तो इस सरकार ने पशुपालन क्षेत्र में मानवशक्ति विकास के वैज्ञानिक प्रशिक्षण के लिए कामधेनु यूनिवर्सिटी भी शुरू की है। गुजरात सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 2700 जितने पशु स्वास्थ्य मेले 9 वर्ष से आयोजित किए जा रहे हैं। पशुओं की आंख के मोतियाबिंद ऑपरेशन तथा दंत चिकित्सा करने की सबसे बड़ी जीवदया की पहल गुजरात ने की है। लाखों मूक पशुओं की चिकित्सा कर राज्य में 169 जितने पशु रोगों में से 137 पशु रोगों को खत्म किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने किसानों से अनुरोध किया कि उनके परिवार में जब बेटी का जन्म हो, तब उत्सव के रूप में पांच वृक्ष बोए जाने चाहिए। इस बेटी के विवाह के समय पांच वृक्षों की आवक से ही विवाह का खर्चा निकल जाएगा। बनास डेयरी के संस्थापक स्व. गलबाभाई पटेल के सपनों को साकार करने वाली बनास डेयरी के विकास में सहभागी सभी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए श्री मोदी ने कहा कि, आज इस डेयरी का कारोबार एक ही दशक में 400 करोड़ से बढ़कर 2200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसका श्रेय जिले के साढ़े तीन लाख पशुपालकों के पुरुषार्थ का परिणाम है।
इस अवसर पर कृषि एवं सहकारिता मंत्री दिलीप संघाणी और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की अध्यक्ष डॉ.अमृता पटेल ने अपने विचार रखे। बनास डेयरी के अध्यक्ष परथीभाई भटोळ ने आमंत्रितों का स्वागत किया। पशुओं की उचित देखरेख और दूध उत्पादन की जानकारी उपलब्ध करवाने वाली मोबाइल लेबोरेटरी वैन मुख्यमंत्री ने बनास डेयरी को अर्पित की। साथ ही वर्ष में अधिकतम दूध उत्पादन उपलब्ध करवाने वाली पशुपालक महिलाओं को बनास लक्ष्मी अवार्ड अर्पित किए गए। बनास डेयरी ने 11 लाख का चेक मुख्यमंत्री की कन्या केळवणी निधि में अर्पित किया।
इस मौके पर मंत्रिमंडल के सदस्य नरोत्तमभाई पटेल, फकीरभाई वाघेला, परबतभाई पटेल, लीलाधर वाघेला, जयसिंह चौहान, विधायक शंकरभाई चौधरी, वसंतभाई भटोळ, मफतलाल पुरोहित, अनिलभाई माली, गोविन्दभाई प्रजापति, बाबूभाई देसाई, पूर्व सांसद हरिभाई चौधरी, पूर्व मंत्री ए.के. पटेल, जिला भाजपा के पदाधिकारी अन्य डेयरियों के चेयरमैन, बनास डेयरी के डायरेक्टर्स, किसान और जनप्रतिनिधि आदि मौजूद थे।