1. हम ब्राजील संघीय गणराज्य, रूसी संघ, भारत गणराज्य, चीन जनवादी गणराज्य और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के नेता 15 जुलाई, 2014 को फोर्टलेजा, ब्राजील में छठे शिखर सम्मेलन में मिले। हमारी सरकारों द्वारा चलाई गई समावेशी सूक्ष्म आर्थिक तथा सामाजिक नीतियों के अनुरूप और विकास, समावेशिता, सुरक्षा और संरक्षण हासिल करने की आवश्यकता द्वारा मानवता को पेश चुनोती को देखते हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ''समावेशी विकास: सतत् समाधान'' विषय को विचार-विमर्श के लिए चुना गया।
2. ब्रिक्स सदस्यों द्वारा आयोजित किए जाने वाले सम्मेलनों के प्रथम चक्र के पूरा होने के बाद विभिन्न बहुपक्षीय, बहुल प्रयासों तथा ब्रिक्स के अंदरूनी सहयोग में हमारा सहयोग नए क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। साझे विचार और अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, जिसके केन्द्र और मूल में संयुक्त राष्ट्र है, को व्यापक सहमति मिली है और यह वैश्विक शांति, आर्थिक स्थिरता, सामाजिक समावेश, समानता, सतत. विकास तथा सभी देशों के लाभकारी पारस्परिक सहयोग में योगदान है।
3. हम अन्य देशों के साथ बढ़ते सहयोग, विशेषकर विकासशील देशों तथा उभरती अर्थव्यवस्थाओं के प्रति अपने खुलेपन को नया रूप देते हैं। इसके साथ ही हम सभी राष्ट्रों के साथ सहयोग और मित्रता विकसित करने के उद्देश्य से सभी अंतर्राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय संगठनों के प्रति खुलापन व्यक्त करते हैं। इसके लिए ब्रिक्स तथा दक्षिण अफ्रीका के बीच सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से हम छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के विषय के तहत दक्षिण अमेरिकी देशों के नेताओं के साथ संयुक्त सत्र का आयोजन करेंगे। हम दक्षिण अमेरिकी सम्मिलन प्रक्रिया के लिए अपना समर्थन दोहराते हैं तथा क्षेत्र में शांति और लोकतंत्र को बढावा देने तथा सतत् विकास और गरीबी उन्मूलन लक्ष्य हासिल करने में विशेष रूप से दक्षिण अमेरिकी देशों के संघ (यूएनएएसयूआर) के महत्व को मानते हैं। ब्रिक्स तथा दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ संवाद से शांति, सुरक्षा, आर्थिक तथा सामाजिक प्रगति को प्रोत्साहित करने तथा एक दूसरे पर निर्भर तथा जटिल विश्व में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
4. ब्रिक्स अपनी स्थापना के समय से ही शांति, सुरक्षा, विकास तथा सहयोग के दूरगामी उद्देश्यों से निर्देशित होता रहा है। हम इन उद्देशयों के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए इस नए चक्र में खुलेपन पर आधारित नई दृष्टि समावेशिता तथा पारस्परिक लाभकारी सहयोग के साथ साझेदारी मजबूत बनाने का वचन व्यक्त करते हैं। इस अर्थ में हम व्यापक सहयोग तथा घनिष्ठ आर्थिक साझेदारी के नए क्षेत्रों की तलाश के लिए तैयार हैं ताकि आंतरिक बाजार सम्पर्क, वित्तीय समन्वय, बुनियादी संरचना जुड़ाव तथा जन सम्पर्क सुविधा सहज बनाई जा सके।
5. छठा शिखर सम्मेलन गंभीर समय में हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय वैश्विक आर्थिक संकट से उबरने तथा जलवायु परिवर्तन सहित सतत् विकास की चुनौतियों से निपटने की समीक्षा कर रहा है। विश्व समुदाय 2015 के बाद का विकास एजेन्डा तय कर रहा है। इसी समय हम विश्व के विभिन्न भागों में राजनीतिक अस्थिरता तथा गैर-पारंपरिक खतरों से जूझ रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय शासकीय ढांचे संक्रमणकारी तथा तदर्थ व्यवस्थाओं के फैलाव से वैधता और सक्रियता खो रहे हैं। अक्सर यह बहुपक्षवाद की कीमत पर हो रहा है। हम मानते हैं कि ब्रिक्स आवश्यक परिवर्तनों तथा वर्तमान संस्थाओं को प्रतिनिधिमूलक बनाने में, समावेशी वैश्विक विकास सृजन में सक्षम तथा स्थाई शांतिपूर्ण और समृद्ध विश्व बनाने में महत्वपूर्ण शक्ति है।
6. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पहले चक्र में सामूहिक रूप से हमारी अर्थव्यवस्थाओं ने आर्थिक संकट, वैश्विक वित्तीय संकट से उबरने के इंजन के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है। ब्रिक्स वैश्विक विकास और अपने तथा अन्य देशों में गरीबी कम करने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। आर्थिक विकास तथा सामाजिक समावेश की हमारी नीतियों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाने, रोजगार सृजन में तेजी, गरीबी कम करने तथा असमानता का मुकाबला करने में मदद मिली है और इस तरह सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य को हासिल करने में हमारी नीतियां योगदान कर रही हैं। इस नए चक्र में मजबूत, सतत् तथा संतुलित विकास में योगदान के अतिरिक्त ब्रिक्स सामाजिक विकास को बढाने, इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय एजेन्डा को परिभाषित करने तथा गरीबी, असमानता की चुनौतियों से निपटने में भूमिका निभाता रहेगा।
7. हम ब्रिक्स की सामाजिक नीतियों को अग्रणी दिखाने तथा आर्थिक विकास के सकारात्मक विकास को दिखाने के लिए अपने राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थानों तथा स्वास्थ्य तथा शिक्षा मंत्रालयों को निर्देश देते हैं कि वे ब्रिक्स संयुक्त सांख्यिकी प्रकाशन में शामिल किये जाने वाले सामाजिक संकेतकों के लिए साझा तौर-तरीका विकसित करने का काम करें। हम ब्रिक्स थिंक टैंक काउंसिल को इस कार्य में तकनीकी सहयोग देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम ब्रिक्स राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थानों से फिर अनुरोध करते हैं कि वे ऐेसे तौर-तरीके विकसित करने के लिए मंच प्रदान करने की संभावनाओं पर विचार करें।
8. विश्व अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है, कुछ अग्रणी अर्थव्यव्स्थाओं में सुधार के संकेत दिख रहे है। लेकिन अभी जोखिम बाकी है। बेरोजगारी और ऋण स्तर की चिंता बहुत अधिक है और कई अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में विकास की गति धीमी है। उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं तथा विकासशील देश (ईएमडीसी) वैश्विक विकास में अपना योगदान जारी रखे हुए हैं और आने वाले वर्षों में भी जारी रखेंगे। वैश्विक अर्थव्यवस्था की मजबूती के वाबजूद कुछ अ्ग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में नया मौद्रिक दबाव बन सकता है और वित्तीय बाजारों में उतार चढ़ाव हो सकता है। मौद्रिक नीतियों में बदलाव पर सावधानी से बढ़ने की जरूरत है।
9. मजबूत सूक्ष्म आर्थिक ढांचों, नियमबद्ध वित्तीय बाजार तथा सुरक्षित भण्डारों के अच्छे स्तर ने सामान्य तौर पर ईएमडीसी तथा विशेषरूप से ब्रिक्स को पिछले कुछ वर्षों की चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थितियों द्वारा प्रस्तुत जोखिमों से निपटने की इजाजत दी है। फिर भी, सभी प्रमुख अर्थव्यव्थाओं विशेषकर जी-20 के बीच सूक्ष्म आर्थिक सहयोग आर्थिक संकट से उबरने के विश्वव्यापी सम्भावनाओं को मजबूत बनाना गंभीर विषय है। इस संदर्भ में हम आपस में काम करना जारी रखने के प्रति तथा वित्तीय स्थिरता, सतत् समावेशी विकास और गुणवत्ता सम्पन्न रोजगार प्रोत्साहन में विश्व समुदाय के साथ कार्य करने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराते हैं। ब्रिक्स अगले पाँच वर्षों में अपना सामूहिक सकल घरेलू उत्पाद 2 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने के जी-20 के लक्ष्य में योगदान देने के लिए तैयार है।
10. हम 2013 में जी-20 की सफल अध्यक्षता की सराहना करते हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलनों की शुरूआत वैश्विक संकट प्रारंभ होने, प्रथम जी-20 शिखर सम्मेलन तथा अपने सदस्यों के बीच आर्थिक सहयोग के लिए मंच के रूप में समूह की मजबूती के साथ हुई। ब्रिक्स शिखर सम्मेलनों का नया दौर प्रारंभ होने के साथ हम वैश्विक आर्थिक तथा वित्तीय चुनौतियों से निपटने में सकारात्मक कार्य करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं और सतत् विकास, समावेशी विकास, वित्तीय स्थिरता तथा अधिक प्रतिनिधित्व वाले अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक शासन के लिए मजबूत आवाज हैं। हम लाभकारी सहयोग जारी रखेंगे और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था तथा वित्तीय ढ़ांचे के तहत अपने विकास लक्ष्यों को प्रोत्साहित करेंगे।
11. ब्रिक्स तथा अन्य ईएमडीसी को सतत विकास जरूरतों के लिए बुनियादी सुविधाओं में अंतर कम करने और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण की समस्याओं का सामना लगातार करना पड रहा है। यह सोच कर, हमें यह एलान करते हुए हर्ष होता है कि हमने एक नये विकास बैंक की स्थापना के समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इसका उद्देश्य ब्रिक्स देशों और अन्य उभरती तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की सतत विकास की मूलभूत परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना है। हम अपनी वित्त मंत्रियों के काम की सराहना करते हैं। स्वस्थ बैंकिंग सिद्धांतों के आधार पर यह नया बैंक हमारे देशों के बीच सहयोग सुदृढ़ करेगा और क्षेत्रीय एवं बहुराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का वैश्विक विकास में पूरक बनेगा, और इस प्रकार से सुदृढ, सतत और संतुलित विकास के लक्ष्य को पूरा करने की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता में भी सहयोगी बनेगा।
12. यह बैंक शुरू-शुरू में 100 अरब अमरीकी डालर की प्राधिकृत पूंजी जुटाएगा। इस धनराशि में सभी संस्थापक सदस्य बराबर-बराबर राशि देंगे। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पहले प्राधिकारी रूस के होंगे और बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स के पहले प्राधिकारी ब्राजील से होंगे। बैंक का पहला अध्यक्ष भारत का होगा। इस बैंक का मुख्यालय शंघाई में स्थित होगा। नया विकास बैंक अफ्रीका क्षेत्रीय केन्द्र दक्षिण अफ्रीका में फिलहाल बना रहेगा। हम अपने वित्त मंत्रियों को निर्देश दे रहे हैं कि वे संचालन संबंधी तौर तरीके तय करें।
13. हमें इस बात की घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है कि हम ब्रिक्स कंटिंजेंट रिजर्व अरेंजमेंट (सीआरए) की स्थापना कर रहे हैं। इसका शुरूआती आकार 100 अरब अमरीकी डॉलर होगा। इस व्यवस्था का आमतौर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, यह सदस्य देशों की अल्पकालिक नकदी समस्याएं दूर करने में मदद करेगा, ब्रिक्स देशों में सहयोग प्रोत्साहित करेगा और वैश्विक वित्तीय सुरक्षा तंत्र मजबूत करेगा और मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय प्रंबंधो में पूरक बनेगा। इस दिशा में हमारे वित्त मंत्रियों और सैंट्रल बैंक के गवर्नरों ने जो काम किया है उसकी हम सराहना करते हैं। यह समझौता एक ऐसी रूपरेखा प्रस्तुत करेगा जिसमें नकदी के आदान-प्रदान का प्रावधान होगा। इसके जरिये अल्पकालिक अदायगी दबाव संतुलन की स्थिति से निपटा जा सकेगा।
14. हम ब्रिक्स एक्सपोर्ट क्रेडिट एण्ड गांरटी एजेंसी में सहयोग बढ़ाने के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने का भी स्वागत करते हैं। यह हमारे राष्ट्रों के बीच व्यापार अवसर बढ़ाने के माहौल में सुधार लाएगा।
15. हम अपने विकास बैंकों की प्रगति की सराहना करते हैं। उन्होंने ब्रिक्स देशों के बीच वित्तीय संबंधों को मजबूत बनाया है और उनका संवर्धन किया है। अंगीकार करने के नये उपायों के महत्व को देखते हुए हम ब्रिक्स इंटरबैंक कॉआपरेशन मैकेनिजम के अंतर्गत सहयोग समझौते का भी स्वागत करते हैं।
16. हम इस बात को मान्यता देते हैं कि ब्रिक्स देशों में बीमा और पुनःबीमा बाजारों की पूल क्षमता की संभावना है। हम अपने संबद्ध अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं कि वे इस संबंध में सहयोग के क्षेत्र तलाशें।
17. हमारा विश्वास है कि सतत् विकास और आर्थिक वृद्धि से कराधान की सुविधाएं बढ़ेंगी और इस तरह से जहां भी आर्थिक गतिविधियां चलाई जाएंगी वहीं राजस्व की संभावना बढ़ेंगी। कर चोरी के दुष्प्रभावों, विभिन्न राष्ट्रों के बीच होने वाले छल-कपट और विश्व अर्थव्यवस्था के आक्रामक कर नियोजन पर हम चिंता जाहिर कर रहे हैं। हम आक्रामक कर वंचना और परिपालन न करने की परिपाटियों की चुनौती से अवगत हैं। इसीलिए हम कर प्रशासन से जुड़े हुए मुद्दों पर सहयोग जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि कर रहे हैं। हम अपने संबद्ध अधिकारिओं को निर्देश दे रहे हैं कि वे इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीके तलाशें। हम अपने अधिकारियों को यह भी निर्देश दे रहे हैं कि वे तटकर क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ बनाएं।
18. हम इस बात पर निराश हैं और गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि 2010 के अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष संबंधी सुधारों को लागू नहीं किया गया। इससे अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की वैधता, विश्वसनीयता प्रभावशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। आईएमएफ सुधारों की प्रक्रिया का आधार उच्चस्तर की प्रतिबद्धता है जिससे इस कोष के संसाधन सुदृढ़ हुए हैं और हम सुशासन रूपरेखा आधुनिक बनाने की तरफ बढ़े हैं ताकि ईएमडीसी और विश्व अर्थव्यवस्था में सुदृढ़ता बढ़ सके। यह कोष कोटा आधारित संस्था बनी रहनी चाहिए। हम अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के सदस्यों का आह्वान करते हैं कि वे बिना और देरी किये 14वीं आम कोटा समीक्षा पर अमल करें। हम यह भी आह्वान करते हैं कि वे सुधार प्रक्रिया विकसित करने की ओर बढ़ें ताकि ईएमडीसी का प्रतिनिधित्व और उसकी बात की सुदृढ़ता बढ़ना सुनिश्चित किया जा सके। अगर 2010 के सुधारों को इस साल के आखिरी तक प्रभावी न बनाया गया तो उनकी बातों का महत्व कम हो जाएगा। हम अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के सदस्यों से यह भी आह्वान करते हैं कि वे 15वीं आम कोटा समीक्षा के बारे में नया कोटा समझौता जल्दी से जल्दी करें। ताकि इसकी जनवरी 2015 की समय सीमा बरकरार रखी जा सके।
19. हम विश्व बैंक समूह के उन लक्ष्यों का स्वागत करते हैं जो उऩ्होंने अत्यंत गरीबी समाप्त करने और समृद्धि में भागीदारी के लिए तय किये हैं। हम इस नई कार्य नीति का समर्थन करते हैं जिसके जरिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा कर सकेगा। ये संभावित लक्ष्य तभी पूरे होंगे जब यह संस्थान अधिक लोकतंत्रीय संरचना की तरफ बढ़ेगा और बैंक की वित्तीय क्षमता तथा विकास के वित्तपोषण के नये-नये रास्ते निकालेगा और हर देश की विकास आवश्यकताओं को मान्यता देते हुए ग्राहक संतुष्टि का ध्यान रखा जा सकेगा। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि विश्व बैंक की अगली शेयरधारिता समीक्षा शुरू करनी चाहिए ताकि अक्तूबर 2015 तक की समय सीमा मान्य रखी जा सके। इन अर्थों में हमारी वित्तीय रूप रेखा का आह्वान अधिक सुनम्य और विकास चुनौतियों के अनुरूप होना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय रूपरेखा को सुधारने के प्रति हम बहुत सक्रिय रहे हैं और इसके लिए हमने वित्तीय सहयोग के उपाय बहुराष्ट्रीय समन्वय के तरीके अपनाये हैं। इनसे पूरक तौर पर विविधता बढ़ेगी और विकास को प्रोन्नत करने के लिए उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी।
20. हम अपना आर्थिक सहयोग एक नये स्तर तक विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस नये स्तर को प्राप्त करने के लिए हम एक ब्रिक्स देशों के बीच एक आर्थिक सहयोग की रूपरेखा की स्थापना करने पर जोर दे रहे हैं। इस संबंध में हम ब्रिक्स देशों के आर्थिक सहयोग संबंधी कार्यनीति के प्रस्तावों का स्वागत करते हैं। हम ब्रिक्स देशों के बीच अधिक घनिष्ठ आर्थिक भागीदारी की रूपरेखा के प्रस्ताव का भी स्वागत करते हैं ये बातें ब्रिक्स देशों में व्यापार आर्थिक संबंध और निवेश सहयोग बढ़ाने में सहायक होंगी। इस सिलसिले में ब्रिक्स देशों के चिंतकों की परिषद (बीटीटीसी), द्वारा पटल पर रखे गये अन्य दस्तावेजों के आधार पर हम अपने अधिकारियों को निर्देंश देते हैं कि वे अगली ब्रिक्स शीर्ष बैठक से पहले इस संबंध में अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
21. हमारा विश्वास है कि सभी देशों को समान अधिकार, बराबर अवसर और निष्पक्ष ढंग से अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था वित्तीय गतिविधियां चलाने और व्यापार के लिए काम करने के अवसर मिलने चाहिए। हम इस बात को मान्यता देते हैं कि विभिन्न देशों की अपनी-अपनी अलग क्षमताएं हैं और वे विकास के विभिन्न स्तरों पर हैं। हम एक खुली विश्व अर्थव्यवस्था के लिए काम कर रहे है जिसमें संसाधनों का कुशल आवंटन होगा, माल का उन्मुक्त प्रवाह होगा और सबके लाभ के लिए आमतौर पर सामान्य प्रतिस्पर्धा होगी। एक खुली, समावेशी, भेदभावरहित, पारदर्शी और नियम आधारित बहुराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था के आधार पर हम विश्व व्यापार संगठन के दोहा राउंड के लिए काम करते रहेंगे। इससे पहले नौ देशों के मंत्री सम्मेलन बाली, इंडोनेशिया में दिसंबर 2013 में इस पर विचार कर चुका है। इस संदर्भ में हम वर्ष के अंत तक बाली के बाद वाला कार्यक्रम पूरा करने और दोहा राउंड को पूरा कर लेने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। दोहा विकास एजेंडा के साथ हमें जो आदेश मिले थे उऩके आधार पर जो प्रगति हुई है उसके प्रति भी हम अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं । हम इस बात की भी पुष्टि करते हैं इस कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और नौ देशों की मंत्री स्तर की बातचीत में खाद्य सुरक्षा के बारे में सार्वजनिक स्टॉक होलडिंग सहित जिन बातों को वैधानिक बाध्यता नहीं मिल पाई थी उन सबको प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही, हम व्यापार सुविधा समझौते के लागू होने को भी आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। हम अपने अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों से अनुरोध करते है कि वे गरीब से गरीब लोगों को जो अधिक संवेदनशील हैं, समर्थन देना चाहिए। विश्व व्यापार संगठन के अधिक संवेदनशील लोगों को इस समझौतों को लागू करने में सहायता करनी चाहिए। हम विश्व व्यापार संगठन की विवाद शमन व्यवस्था का भी समर्थन करते हैं क्योंकि यह बहुराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था की सुरक्षा की आधारशिला है और इस दिशा में चल रहे संवाद को हम अधिक व्यावहारिक बनाएंगे, ताकि विश्व व्यापार विवाद शमन व्यवस्था सहित पूरे तंत्र को सार्थक बनाया जा सके। हम क्षेत्रीय व्यापार समझौते के महत्व को मान्यता देते हैं जो बहुराष्ट्रीय व्यापार की पूरक है। इसको खुली, समावेशी और पारदर्शी बनाए रखना है और पक्षपातपूर्ण शर्तों और मानकों से इसे मुक्त रखना है।
22. हम संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) के निर्णय की संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में केंद्रीय बिंदु के रूप में पुन: पुष्टि करते हैं जो विकास की दृष्टि से व्यापार, निवेश, वित्त और प्रौद्योगिकी के अंतर संबंधी मामलों पर विचार करने के लिए है। अंकटाड का निर्णय और कार्य बढ़ती हुई अंत: निर्भर वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास और वृद्धि की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अद्वितीय और आवश्यक हैं। अंकटाड को सन् 2014 में उसकी स्थापना की 50वीं वर्षगांठ पर, जो ग्रुप-77 की भी स्थापना वर्षगांठ है, बधाई देते हुए हम अंकटाड के सर्वसम्मत निर्माण, नीतिगत वार्ता, अनुसंधान, तकनीकी सहयोग और क्षमता निर्माण के कार्यक्रमों को पूरा करने की क्षमता को मजबूत करने के महत्व की भी पुष्टि करते हैं ताकि यह विकास संबंधी अपने कार्यक्रम को पूरा करने में बेहतर सक्षम हो।
23. हम अर्थव्यवस्था में राज्यों के स्वामित्व वाली कंपनियों (एसओसी) की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हैं और अपनी एसओसी को सहयोग, सूचना के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम परिपाटियों के उपायों का पता लगाना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम नौकरियों और धन के मुख्य सृजकों के रूप में अपने देशों की अर्थव्यवस्थाओं में लघु और मझौले आकार के उद्यमों द्वारा अदा की जा रही आधारभूत भूमिका को भी स्वीकार करते हैं। हम अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान और सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा नवाचार, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने की दृष्टि से ब्रिक्स देशों के बीच बातचीत को मजबूत करने की आवश्यकता को स्वीकार करेंगे और सहयोग बढ़ाएंगे।
24. हम इस बात पर जोर देते हैं कि सन् 2015 संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ और द्वितीय विश्व युद्ध के अंत का प्रतीक बने। मानव इतिहास में इन दो ऐतिहासिक घटनाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई पहल और उसे मनाने के लिए आयोजित किये जाने वाले स्मारक कार्यक्रमों का समर्थन करते हैं। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित न्यायोचित अंतर्राष्ट्रीय आदेश की सुरक्षा, विश्व शांति और सुरक्षा के रखरखाव तथा मानव प्रगति एवं विकास को बढ़ावा देने के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराते हैं।
25. हम संयुक्त राष्ट्र की बुनियादी बहुदेशीय संगठन के रूप में अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाये रखने, मानव अधिकारों के संरक्षण एवं प्रोत्साहन तथा निरतंर विकास को बढ़ावा देने में अंतर्राष्ट्रीय जगत की सहायता करने का काम कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र को सार्वभौम सदस्यता प्राप्त है और यह वैश्विक शासन तथा बहुराष्ट्रवाद का मुख्य केंद्र है। हम यहां सन् 2005 के विश्व शिखर सम्मेलन के परिणाम (आउटकम) दस्तावेज का स्मरण करते हुए संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधि, कारगर और कुशल बनाने की दृष्टि से व्यापक सुधार की आवश्यकता की भी पुष्टि करते हैं ताकि यह विश्व की चुनौतियों का कारगर रूप से सामना कर सके। चीन और रूस ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ब्राजील, भारत तथा दक्षिण अफ्रीका की भूमिका को महत्व देते हैं और उनकी संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी भूमिका निभाने की आकांक्षा के समर्थन को दोहराया है।
26. हम याद दिलाना चाहेंगे कि स्थाई शांति प्राप्त करने के लिए विकास और सुरक्षा के बीच घनिष्ठ संबंध है और उनकी मुख्य भूमिका है। हम अपने इस विचार को दोहराते हैं कि स्थाई शांति की स्थापना के लिए आपसी विश्वास, आपसी लाभ, निष्पक्षता और सहयोग पर आधारित व्यापक, जोरदार और सुदृढ़ दृष्टिकोण की आवश्यकता है। ये राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक आकारों सहित विवादों के मूल कारणों को दूर करती है। इस संबंध में हम शांति रखरखाव और शांति निर्माण के बीच निकट अंतर संबंध पर भी बल देते हैं। हम विवाद निवारण और समाधान, शांति निर्माण, शांति रखरखाव, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के प्रयासों के प्रति लैंगिक परिप्रेक्ष्य लाने के महत्व पर भी जोर देते हैं।
27. हम मानवता के कल्याण के लिए विश्व शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर अपने संयुक्त प्रयास जारी रखेंगे। हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और लक्ष्यों के अनुरूप विवादों के शांतिपूर्ण और टिकाऊ समाधान के प्रति अपनी वचनबद्धता पर बल देते हैं। हम एकतरफा सैनिक हस्तक्षेप और अंतर्राष्ट्रीय कानून तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के स्वीकृत तौर-तरीकों के विपरीत आर्थिक प्रतिबंधों की निंदा करते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हम सुरक्षा के अविभाज्य स्वरूप के अद्वितीय महत्व पर जोर देते हैं और कि किसी देश को दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर अपनी सुरक्षा को मजबूत नहीं करना चाहिए।
28. हम सभी मानव अधिकारों को, जिनमें विकास का अधिकार भी शामिल हैं, उचित और समान रूप में व्यवहार करना जारी रखने पर सहमत हैं। हम ब्रिक्स देशों के बीच और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सहित बहुदेशीय मंचों पर मानव अधिकारों के क्षेत्र में समानता और आपसी सम्मान के आधार पर वार्ता और सहयोग को बढ़ावा देंगे। इसमें भेदभाव रहित, राजनीति से ऊपर उठकर और सृजनात्मक तरीके तथा दोहरे मानदंडों के बिना मानव अधिकारों के संरक्षण एवं सुरक्षा की आवश्यकता को ध्यान में रखा जायेगा।
29. हम गिनी बिसाऊ में वैधानिक और राष्ट्रपति पद के चुनाव कराने तथा वहां संवैधानिक लोकतंत्र की बहाली के उपाय करने में अन्य संस्थाओं के अलावा संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघ, पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय और पुर्तगाली भाषी देशों के समुदाय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हैं। हम गिनी बिसाऊ में दीर्घकालिक राजनीतिक स्थिरता को बढावा देने के महत्व को भी स्वीकार करते हैं। इसके अंतर्गत खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना और व्यापक सुरक्षा क्षेत्र सुधार को बढावा देना शामिल हैं। इनका संयुक्त राष्ट्र शांति निर्माण आयोग के गिनी बिसाऊ की सदस्यता वाले संगठन ने प्रस्ताव किया है। इसी प्रकार, मडगासकर में वैधानिक और राष्ट्रपति के चुनावों, वहां संवैधानिक लोकतंत्र की बहाली के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघ और दक्षिण अफ्रीका विकास समुदाय द्वारा किये जा रहे प्रयासों का भी हम स्वागत करते हैं।
30. हम अफ्रीका में अस्थिरता को अफ्रीकी संघ और उसकी शांति एवं सुरक्षा परिषद के सहयोग से दूर करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों की सराहना करते हैं। हम पश्चिमी अफ्रीका में सुरक्षा और मानवीय स्थिति में गिरावट पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। हम इस संघर्ष के सभी पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लड़ाई बंद करें, संयम बरते और बातचीत के जरिेये शांति एवं स्थायित्व बहाल करें। तथापि, हमें ज्ञात है कि राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के समाधान में इस प्रदेश के क्षेत्रों में प्रगति हुई है।
31. हम चिबोक की अपहृत महिलाओं और बच्चों की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त करते हैं और बोको हरम की आतंकवादी गतिविधियों को समाप्त करने की अपील करते हैं।
32. हम माली सरकार के देश को पूरी तरह स्थिर बनाने, राष्ट्रीय राजनीतिक चर्चा को सुविधाजनक बनाने, नागरिकों की सुरक्षा, मानवाधिकार स्थिति की निगरानी, मानवीय सहायता के प्रावधान के हालात पैदा करना तथा विस्थापित लोगों की वापसी और पूरे देश में सरकार की सत्ता के विस्तार में सहायता करने के काम में माली में संयुक्त राष्ट्र बहुआयामी समन्वित स्थिरता मिशन के प्रयासों का समर्थन करते हैं। हम माली में टिकाऊ शांति और स्थिरता के लिए समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया के महत्व, निशस्त्रीकरण, लामबंदी खत्म करने और पुन: एकीकरण (डीडीआर) प्रक्रिया को तत्काल लागू करने और राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के महत्व पर जोर देते हैं।
33. हम दक्षिणी सूडान में जारी राजनीतिक और मानवीय संकट पर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं। हम नागरिकों पर की जा रही हिंसा के जारी रहने की भी निंदा करते हैं और सभी पक्षों से आग्रह करते हैं कि मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाये। हम हिंसा रोकने के प्रति उत्तरोत्तर प्रतिबद्धता के बावजूद हिंसा जारी रहने की भी निंदा करते हैं और विश्वास के साथ कहते हैं कि राष्ट्रीय सामंजस्य के लिए समावेशी राजनीतिक वार्ता के जरिये संकट का स्थाई समाधान संभव है। इस बारे में हम, खासकर विकास संबंधी अंत: सरकारी सत्ता (आईजीएडी) के नेतृत्व में मध्यस्थता प्रक्रिया से संकट का शांतिपूर्ण समाधान ढूंढने के क्षेत्रीय प्रयासों का समर्थन करते हैं। हम दक्षिण सूडान में संकट के समाधान के लिए समझौते पर 9 मई को हुए हस्ताक्षर का स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि दक्षिण सूडान के राजनीतिक नेता समझौता प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे और 60 दिन के भीतर राष्ट्रीय एकता की संक्रमणकालीन सरकार के गठन पर बातचीत पूरी करेंगे, जैसा कि आईजीएडी ने 10 जून को घोषणा की थी। हम दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के अपने कार्यक्रम को पूरा करने के प्रयासों की सराहना करते हैं और वहां संयुक्त राष्ट्र के अड्डों पर किये गये सशस्त्र आक्रमण के प्रति अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं।