महात्मा मंदिर गांधीनगर में आयोजित होगी कौशल विकास की राष्ट्रीय परिषद
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर २५ सितंबर को
कौशल विकास के जरिए देश भर की युवा शक्ति का सशक्तिकरण करने की गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अनोखी पहल
राज्य सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री ने प्रस्तुत की राष्ट्रीय परिषद की भूमिका
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आगामी २५ सितंबर, बुधवार को महात्मा मंदिर, गांधीनगर में कौशल विकास की राष्ट्रीय परिषद (नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन स्किल डेवलपमेंट) का उद्घाटन करेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री यह मानते हैं कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस पर विश्व की सर्वाधिक युवा शक्ति वाले देश भारत में कुशल मानव बल को सशक्त करने के लिए कौशल विकास निर्णायक परिबल है। गुजरात जिस तरह से कौशल विकास के क्षेत्र में देश की अगुवाई कर रहा है उसके मद्देनजर मुख्यमंत्री की प्रेरणा से पहली बार कौशल विकास की इस राष्ट्रीय परिषद का आयोजन गांधीनगर में होने जा रहा है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता और श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री सौरभभाई पटेल ने इस राष्ट्रीय परिषद को देश के कोने-कोने से मिल रहे अभूतपूर्व समर्थन की जानकारी देते हुए कहा कि, देश के २८ राज्यों एवं ४ केन्द्रशासित प्रदेशों के कुल ५३१ जिलों में से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएं, स्वनिर्भर प्रशिक्षण संस्थाएं, औद्योगिक गृहों के प्रतिनिधि समेत देश-विदेश के विशेषज्ञ इस परिषद में शिरकत करने वाले हैं।
राष्ट्रीय परिषद के मकसद की भूमिका पेश करते हुए श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के युवाओं के लिए निपुणता-कौशल विकास और संवर्द्धन की जो अनोखी पहल की है तथा राज्य में आर्थिक एवं औद्योगिक विकास के जो नित-नये वाइब्रेंट क्षेत्र विकसित हो रहे हैं उनकी प्राथमिक आवश्यकता स्किल्ड मैन पॉवर है। देश में युवाओं को सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले राज्य में गुजरात शीर्ष पर है और गुजरात के कौशलवर्द्धन केन्द्रों के स्किल डेवलपमेंट मॉडल को प्रधानमंत्री का श्रेष्ठ राष्ट्रीय अवार्ड भी हासिल हुआ है। इतना ही नहीं, भारत सरकार ने गुजरात सरकार के स्किल डेवलपमेंट मॉडल को उत्तम मॉडल करार देते हुए अन्य राज्यों को भी इस मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। इस सन्दर्भ में गुजरात में आयोजित होने जा रही कौशल विकास की यह राष्ट्रीय परिषद समग्र भारत के युवाओं को कौशल विकास के जरिए उज्जवल भविष्य की नई क्षितिजों को छूने के लिए पथप्रदर्शक बनेगी।
परिषद की विशेषताओं का जिक्र करते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्री ने कहा कि भारत की युवा संपदा में हुनर-कौशल की आन्तरिक ऊर्जा शक्ति समाहित है एवं कौशल विकास से राष्ट्र निर्माण में देश और युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए कुशल मानव शक्ति के तौर पर डेमोग्राफिक डिविडेंड का बड़ा लाभ मिल सकता है।
महात्मा मंदिर में आयोजित होने वाली कौशल विकास की इस राष्ट्रीय परिषद का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इसके बाद दिन के दौरान पांच तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। जिसमें मि. जॉन ब्लॉम्किस्ट, प्रमुख अर्थशास्त्री-दक्षिण एशिया क्षेत्र, विश्व बैंक, मि. जीन- मार्क केस्टजॉन, युरोपियन यूनियन स्किल प्रोजेक्ट तथा जापान के मि. नोबुहिको योशिदा बतौर पैनल चेयरमैन तकनीकी सत्र का संचालन करेंगे। इसके अंतर्गत विविध सेक्टरों जैसे कि टेलीकॉम, सूचना प्रोद्योगिकी, जेम्स एवं ज्वेलरी, कंस्ट्रक्शन, एग्रीकल्चर, सिक्योरिटी सहित इंडस्ट्रीज से संबंधित कौशल विषयक १० पैनल डिस्कशन में कुल ३० विषयवस्तु के अलावा गुजरात सहित अन्य राज्यों की कौशल निर्माण से संबंधित नई पहल पर चर्चा भी की जाएगी।
परिषद में एआईसीटीई के चेयरमैन का कौशल विकास और शिक्षा को सही तरीके से जोड़ने के मंतव्य के अलावा विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा इंडस्ट्री रिस्पॉन्सिव स्किलिंग से लेकर ग्रामीण स्तर एवं शहरी क्षेत्र में कुशल मानव बल की जरूरतों के अलावा संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में हुनर-कौशल के नये आयामों को लेकर चर्चा की जाएगी।
श्री सौरभभाई पटेल ने इस राष्ट्रीय परिषद की विषयवस्तु की जानकारी देते हुए बताया कि, स्किलिंग फॉर इन्क्लुसिव डेवलपमेंट इन रूरल एरियाज, लिवरेजिंग स्किल्स- ए सर्विस सेक्टर पर्सपेक्टिव, स्किल फॉर सिक्योरिटी सेक्टर, इम्पॉर्टेंट ऑफ स्किल इन इंडस्ट्रीज, लार्ज स्किल एम्प्लॉयमेंट सर्विस सेक्टर पर्सपेक्टिव तथा इंडिया ए ग्लोबल सोर्सिंग हब इन स्किल्ड वर्क फोर्स फॉर आईटी सेक्टर समेत कुल छह विषयवस्तु पर केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीतियों पर भी चर्चा होगी, जिसमें विशेषकर इस बात पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा कि किस तरह कौशल विकास एवं श्रम की महिमा स्थापित की जा सकती है।
विविध राज्यों के कौशल विकास के क्षेत्र में कार्यरत उच्च अधिकारियों वाले शिष्टमंडल ने इस परिषद में हिस्सा लेने के लिए अपना उत्साह बताया है।
पंडित दीनदयाल जी के जन्म स्थान मथुरा समेत उत्तर प्रदेश से २०० से भी अधिक प्रशिक्षणार्थी-प्रशिक्षकों का शिष्टमंडल आएगा। इतना ही नहीं राजस्थान के सीकर, जहां से पंडित जी ने अपनी मेट्रिक की शिक्षा हासिल की थी, से भी प्रशिक्षणार्थी आएंगे। भौगोलिक दृष्टि से गुजरात से काफी दूर त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, सिक्किम और नागालैंड की राज्य सरकारों के वरिष्ठ सचिवों का दल भी इस परिषद में शिरकत करेगा।
श्री पटेल ने भरोसा जताया कि ‘भारत के विकास के लिए गुजरात के विकास’ का संकल्प साकार कर रहे मुख्यमंत्री द्वारा २१वीं सदी के ज्ञान युग में कौशल विकास के जरिए राष्ट्र की युवा शक्ति का सशक्तिकरण करने की दिशा में की गई इस पहल के दूरगामी परिणाम मिलेंगे।
इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. पनीरवेल एवं रोजगार तालीम आयुक्त श्रीमती सोनल मिश्रा भी मौजूद थे।