संगीत, साहित्य और कला ‘राज्य पुरस्कृत’ होने चाहिएं- श्री मोदी
‘हिन्दुस्तानी संगीत की अनमोल विरासत का गौरव करें’
ताना रीरी संगीत सम्मान- किशोरी अमोनकर (२०१२)
- बेगम परवीन सुलताना (२०१३)
- पंडित जसराज (२०१२)
- पंडित राजन एवं साजन मिश्रा (२०१३)
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में गुजरात सरकार के दो प्रतिष्ठित अवार्ड- ताना रीरी संगीत सम्मान और पंडित ओंकारनाथ संगीत सम्मान के महत्वपूर्ण पुरस्कारों से आज भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुप्रसिद्ध गायकों को सम्मानित किया।
गुजरात सरकार के हिन्दुस्तानी संगीत के वर्ष २०१२ और २०१३ का अवार्ड इनायत करने का यह गरिमामय समारोह आज सचिवालय स्वर्णिम संकुल-१ के गिरनार सभाकक्ष में संपन्न हुआ।
वर्ष २०१२ का ताना रीरी संगीत सम्मान श्रीमती किशोरी अमोनकर एवं २०१३ के लिए यह सम्मान सुश्री बेगम परवीन सुलताना को इनायत किया गया। वहीं, वर्ष २०१२ का पंडित ओंकारनाथ संगीत सम्मान पंडित जसराज एवं २०१३ के लिए यह पुरस्कार पंडित राजन और साजन मिश्रा को प्रदान किया गया। इस सम्मान के अंतर्गत ताम्रपत्र सम्मान पत्र, शॉल एवं पांच लाख रुपये के पुरस्कार से मुख्यमंत्री ने पांचों गायकों को विभूषित किया।
सम्मानित गायकों की साधना की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार संगीत, कला और साहित्य की साधना-यात्रा को ‘राज्य पुरस्कृत’ करने को प्रतिबद्ध है। समग्र विश्व में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गीत-संगीत की अनमोल विरासत है परन्तु हम दुनिया को इस वैभव से परिचित नहीं करा सके। उन्होंने कहा कि पश्चिम के संगीत से शरीर डोल सकता है लेकिन भारत का संगीत तो मन को प्रभावित करता है। हिन्दुस्तानी संगीत में प्रत्येक प्रहर के सुर-स्वर और लय-ताल का अद्भुत समन्वय हुआ है।
श्री मोदी ने कहा कि संगीत, कला और साहित्य कभी भी राज्याश्रित नहीं हो सकता। समय का बंधन भी इसके आड़े नहीं आता। हिन्दुस्तानी संगीत की धरोहर को सदियों से शक्ति मिल रही है और अनेक ‘घरानों’ ने इसके संवर्द्धन की साधना को अपनाया है।
ताना रीरी की संगीत साधना की जन्म-कर्मभूमि की गौरवपूर्ण नगरी वडनगर में स्वयं के जन्म होने का भावपूर्ण उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने संगीत साधना के तपस्वियों को गौरवांवित करने का प्रयास किया है।
कार्यक्रम की शुरुआत में युवक सेवा और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रमणलाल वोरा ने दोनों गौरवशाली अवार्ड की रूपरेखा प्रस्तुत की और आमंत्रितों तथा सम्मानित गायकों का अभिवादन किया।
इस अवसर पर मंत्रीगण नितिनभाई पटेल, भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, राज्य मंत्री नानुभाई वानाणी और राज्य के संगीत क्षेत्र के पदाधिकारी और आमंत्रित उपस्थित थे।
युवक सेवा और सांस्कृतिक विभाग के सचिव भाग्येश झा ने सम्मान पत्र का पठन किया।