किसानों को आश्वासन: किसानों की भावनाओं और मर्जी का रखा जाएगा खयाल
SIR संबंधी निर्णय लेने के लिए चार मंत्रियों की समिति सभी पहलुओं पर किसानों से परामर्श कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी
15 अगस्त तक सही निर्णय की घोषणा होगी
यह सरकार किसानों- खेती और गांवों के संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है, किसान भरोसा रखें : श्री मोदी
राजनैतिक रोटियां सेंकने और स्वार्थी वाले लोग किसानों को गुमराह कर अनेक झूठ फैला रहे हैं
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रस्तावित मांडल- वीरमगाम स्पेशल इंवेस्टमेंट रिजन SIR के सन्दर्भ में आज गांधीनगर में भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों, भारतीय जनता पार्टी अहमदाबाद और सुरेन्द्रनगर जिले के अग्रणियों के साथ 44 जितने गांवों के किसानों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों की शिकायतों को ध्यानपूर्वक सुना।प्रस्तावित मांडल- वीरमगाम SIR का प्रोजेक्ट दिल्ली- मुम्बई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के अंतर्गत विकसित करने का संकल्प किया गया है। किसान अग्रणियों की शिकायतें सुनने के बाद, इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित SIR के तमान तकनीकी पहलुओं पर विचार करने और किसानों की मर्जी तथा भावनाओं को ध्यान में लेकर 15 अगस्त तक निर्णय करने के लिए राजय सरकार के चार मंत्रियों नितिन भाई पटेल, श्रीमती आनंदी बेन पटेल, भुपेन्द्र सिंह चूडास्मा और सौरभ भाई पटेल की उच्च स्तरीय समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्रियों की इस उच्च स्तरीय समिति के समक्ष किसानों की ओर से निर्धारित चार अग्रणी शिकायत कर सकेंगे। श्री मोदी ने कहा कि राज्य सरकार का मन इस सन्दर्भ में पूरी तरह खुला है।
मुख्यमंत्री की किसानों के साथ हुई इस बैठक में मंत्री नितिन भाई पटेल, भुपेन्द्र सिंह चूडास्मा, सौरभ भाई पटेल, भारतीय किसान संघ गुजरात प्रदेश के पदाधिकारियों सहित भाजपा के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
राज्य सरकार ने गुजरात के संतुलित विकास के लक्ष्य के साथ जो क्षेत्र औद्योगिक और कृषि विकास में पीछे रह गए हैं उनको मुख्यधारा में लाने के लिए प्रस्तावित मांडल- बेचराजी SIR का निर्णय किया गया है। इन दोनों तहसीलों में नर्मदा का पानी पहुंचने से सिचाई की सुविधाएं बढ़ी हैं। राज्य सरकार भी औद्योगिक प्रगति, कृषि विकास और गांवों के विकास की प्रगतिशील नीति को समर्पित है। श्री मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि खेती और उद्योगों का विकास करने के पहलुओं के साथ ही किसानों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करने को राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। तमाम शिकायतों का उचित निराकरण करने के लिए मंत्रिमंडल की चार सदस्यीय समिति, 44 गांवों के किसान जो चार प्रतिन्धि तय करें वह और किसान संघ के पांच किसान प्रतिनिधियों के साथ परामर्श करेगी। किसानों की मर्जी और सहमति के सिवाय राज्य सरकार SIR मामले में कोई कार्यवाही नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने किसान प्रतिनिधियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि किसानों को गुमराह करने, उकसाने के लिए राजनैतिक रोटियां सेंकने वाले स्वार्थी तत्व अनेक प्रकार के झूठ फैला रहे हैं परंतु यह राज्य सरकार किसानों, खेती और गांवों के विकास के लिए सदैव प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को गुजरात सरकार पर भरोसा रखना चाहिए और किसानों को उकसाने वाले तत्वों से दूर रहना चाहिए।