मुम्बई: कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज CII की राष्ट्रीय परिषद
युवाशक्ति की बेचैनी दूर करने और उसके विकास के अवसर उपलब्ध करवाने का वातावरण तैयार करना होगाः श्री मोदी
भारत को शक्तिशाली बनाने के लिए स्थायी और सातत्यपूर्ण सरकारी नीतियों पर भरोसा खड़ा करें
भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में शक्तिशाली बनाने के लिए चुनौतियों और अवसरों पर किया चिंतन
आगामी लोकसभा चुनाव भारत की युवा पीढ़ी की आशा, अरमानों की पूर्ति के एजेंडे पर लड़े जाएंगे
केन्द्र सरकार राज्यों के साथ बिग ब्रदर का रोल न रखे
फेडरल डेमोक्रेसी में राज्य-केन्द्र विकास के समान भागीदार
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुंबई में सीआईआई के तत्वावधान में उद्योग-व्यापार जगत के प्रतिनिधियों के साथ संवाद में कहा कि भारत को शक्तिशाली बनाने के लिए युवा पीढ़ी की आशा-अरमानों की पूर्ति करने, शासन में स्थायित्व और सातत्यपूर्ण नीतियों के लिए भरोसे का वातावरण बनाना जरूरी है। श्री मोदी ने दृढ़तापूर्वक कहा कि विकास के लिए हमारी ताकत युवाशक्ति में है। इस युवापीढ़ी में मौजूद बेचैनी की स्थिति को दूर करने के लिए उनमें विश्वास के ऊर्जा स्त्रोत जगाकर विकास के अवसर उपलब्ध करवाने ही होंगे।
२०१४ का लोकसभा चुनाव पर्व देश की युवा पीढ़ी के अरमानों और आशाओं के एजेंडे के आसपास रहेगा। हमारे नौजवान दुनिया के सामने सिर झुकाकर खड़े रहना नहीं चाहते। युवा पीढ़ी के अरमानों की पूर्ति होगी तभी इन चुनावों में विजय हासिल हो सकेगी। उन्होंने कहा कि भारत जैसे ६५ प्रतिशत युवाशक्ति वाले देश में युवाओं के कौशल्य विकास के लिए स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान केन्द्रित करने की खास जरूरत है।
गुजरात में जन्म से मृत्यु तक जिन कुशल सेवाओं की जरूरत पड़ती है, उसके लिए ९७६ जितने हुनर कौशल्य के विषय खोजकर कौशल्य वर्धन केन्द्रों का नेटवर्क खड़ा किया है और गुजरात को प्रधानमंत्री का उत्तम स्किल डेवलपमेंट का अवार्ड भी मिला है। इतना ही नहीं, स्किल डेवलपमेंट का गुजरात मॉडल भारत में स्वीकृत बना है। गुजरात सरकार ने आईटीआई का उद्योगों की कुशल कारीगरी के औद्योगिक तालीम नेटवर्क को विकसित किया है जिसकी वजह से कुशल कौशल्य वाले युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। जो लोग युवाओं के कौशल्य विकास की उपेक्षा करेंगे वह युवाओं के बेचैन मन को आंदोलित करेंगे और इसके कारण देश संकट में आ जाएगा। गुजरात ने स्किल यूनिवर्सिटी स्थापित करने की पहल भी की है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज की राष्ट्रीय परिषद आज मुंबई में आयोजित हुई थी। मुख्यमंत्री श्री मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में उद्योग-व्यापार जगत के योगदान, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को शक्तिशाली बनाने के सामने चुनौतियों और अवसरों के सन्दर्भ में फलदायी संवाद किया। भारत के विकास के लिए उद्योग-व्यापार जगत के विविध मंतव्यों और सुझावों का स्वागत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश और समाज के हितों, विकास और पर्यावरण की चिंता देश का उद्योग-व्यापार जगत भी कर रहा है जो भारत के आने वाले कल के लिए उज्जवल संकेत है। सामूहिक मंथन और चिंतन द्वारा हमें भारत को शक्तिशाली बनाने की सही दिशा मिल पाएगी।
हमारे देश की हजारों वर्ष की सामाजिक व्यवस्था को स्वीकार करना होगा और उसकी वजह से जहां अवसर उपलब्ध नहीं हुए हैं, ऐसे समाज, जाति और वर्गों के विकास के अवसर मिलने ही चाहिएं। जहां ऐसे अवसर मिले वहां समाज, वर्ग या जाति की सीमाएं तोड़कर विकास हुआ है। किसी का हक छिन न जाए ऐसे संसाधनों की विपुलता की स्थिति खड़ी होगी तो समाज में तनाव नहीं बल्कि नई शक्ति पैदा होगी। गुजरात ने जहां संसाधनों की कमी थी उसे बदलकर विपुलता लाने में कामयाबी हासिल की है।
जब तक राज्य मजबूत नहीं बनेंगे तब तक भारत मजबूत नहीं बनेगा। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने सरकारिया कमीशन और पुंछी कमेटी की रिपोर्टों पर अमल करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्यों और केन्द्र के बीच संबंधों को भारत जैसे संघीय ढांचे के लोकतंत्र में प्रगति के समान भागीदार के रूप में देखना पड़ेगा। केन्द्र में बैठे लोग राज्यों के साथ बिग ब्रदर की भूमिका नहीं निभाएं बल्कि साथी की भूमिका निभाएं तो बेहतर होगा।
जीएसटी के लिए टेक्नोलॉजी का समग्र देश में नेटवर्क अनिवार्य हो और राज्यों के आर्थिक व्यवस्थापन के लिए फार्मूला भी तर्कसंगत होना चाहिए। मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर संबंधी राज्यों के हितों का भोग लेना ठीक नहीं है। जीएसटी वैट के स्थान पर आए तब इसकी व्यवहारिक परेशानियों पर विचार कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों की आर्थिक स्वायत्तता को सुरक्षित करना ही चाहिए। मैं जीएसटी का विरोधी नहीं हूं और मेरी राजनीतिक पार्टी भी इसकी विरोधी नहीं है। विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं जीते जा सकते, इस भ्रम को गुजरात ने तोड़ दिया है। डेवलपमेंट प्लस गुड गवर्नेंस साथ रहने चाहिएं और गुड गवर्नेंस प्लस डेवलपमेंट को साकार कर दिखाया है।
शहरीकरण समस्या नहीं है बल्कि अवसर है, इस प्रकार इसका आयोजन कर गांवों को मजबूत बनाने, सुविधापूर्ण बनाने के लिए गुजरात के रूर्बन प्रोजेक्ट की रूपरेखा श्री मोदी ने पेश की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों, गुड गवर्नेंस, पॉलिसी ड्रिवन एफिशियन्ट गवर्नमेंट और स्थायी नीतियों का सातत्य ही पूंजी निवेश ला सकेगा। नीतियों को बदलने से भरोसा जीता नहीं जा सकेगा बल्कि राज्य व्यवस्थापन के लिए स्थायी नीतियां पूर्व शर्त है। रुपये के अवमूल्यन से केन्द्र सरकार की साख का भी तेजी से अवमूल्यन हो रहा है। हम अपनी साख खो देंगे तो हमारी नीतियों पर भरोसा कौन करेगा? यह सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र की वर्तमान सरकार पर अब किसी को भरोसा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी पचास वर्ष एन्वार्यमेंट टेक्नोलॉजी का प्रभाव आईटी से ज्यादा बढ़ेगा।
हमारी समस्याओं का समाधान है ही। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने माइक्रो इरिगेशन से वाटर मैनेजमेंट के गुजरात मॉडल और अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट के गुजरात मॉडल की रूपरेखा पेश की। उन्होंने कहा कि लेबर लॉ के रिफॉर्म्स के लिए गुजरात में श्रमिकों-मालिकों और सरकार के बीच पारिवारिक भावना है, इसलिए गुजरात में जीरो लेवल मैन डेज लॉस है। श्रमिकों और मालिकों के बीच औद्योगिक संबंध बेहतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेबर लॉ स्टेट सब्जेक्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां से अच्छा चिंतन प्रेरणा मिलेगी उसे स्वीकार करने का अभिगम विकास के लिए उपकारक साबित होगा। पर्यावरण के साथ विकास के लिए उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की भारतीय संस्कृति की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रकृति का शोषण नहीं वरन प्रकृति का दोहन होना चाहिए।
गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ भारत की अर्थव्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, संतुलित विकास, रोजगार, आर्थिक-सामाजिक समस्याओं, सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों, युवा सशक्तिकरण, २१वीं सदी के वैश्विक आर्थिक व्यवस्थापन संबंधी पहलुओं, कॉरपोरेट सेक्टर की भूमिका, उद्योग, कृषि, मैन्युफेक्चरिंग, सर्विस सेक्टर का विकास, विदेशी पूंजी निवेश, प्राकृतिक संसाधन, नये आयाम और ढांचागत सुविधाएं, मानव विकास सूचकांक और सामाजिक सेवाओं में गुणात्मक परिवर्तन के अवसर और व्यूह रचना, गुजरात के गुड गवर्नेंस और विकास मॉडल संबंधी अनेक पहलुओं पर संवाद हुआ। सीआईआई के प्रमुख गोपाल कृष्ण ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व ने गुजरात के विकास को वैश्विक प्रतिष्ठा दिलवाई है और स्वप्नदृष्टा के तौर पर भारत को शक्तिशाली बनाने का उनका मौलिक चिंतन देश के लिए दिशादर्शक साबित होगा। सीआईआई के उद्योग-व्यापार जगत के प्रतिनिधियों ने श्री मोदी के साथ संवाद किया।