भारत माता की जय..!

भारत माता की जय..!

भारत माता की जय..!

दरणीय श्रीमान नीतिन गडकरी जी, भारतीय जनता पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, दिल्ली प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के सभी पदाधिकारी और विशाल संख्या में पधारे हुए दिल्ली के प्यारे कार्यकर्ता भाईयों और बहनों..!

मित्रों, मैंने जीवन में कभी सोचा भी नहीं था कि पार्टी के दफ्तर पर, 11 अशोका रोड पर, मुझे आप लोगों का इतना प्यार मिलेगा। आपने गर्म जोशी से जो स्वागत और सम्मान मुझे दिया है, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ। मेरे मन को ये घटना छू रही है उसका एक विशेष कारण है। मैंने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष इसी 11, अशोका रोड में बिताए थे। कई वर्षों तक इसी 11, अशोका रोड की छोटी सी खोली में पार्टी का जो काम मेरे लिए निश्चित होता था, उसे मैं करता था। भाईयों-बहनों, मैं अपने अनुभव से कहता हूँ, भारत के लोकतंत्र की ताकत और भारतीय जनता पार्टी के संगठन का सामर्थ्य, उसी का परिणाम है कि एक व्यक्ति जो कोने में बैठकर इस कार्यालय में जिंदगी गुजरता था, इतने सालों तक यहां रहा था, आपमें से बहुत कम लोगों को मिला था, एक पर्दे के पीछे एक साधक की तरह अपना काम करता था, लेकिन ये संगठन का सार्मथ्य है कि उसने मुझे कहां से कहां पहुंचा दिया और इसी प्रकार से ये भारत के लोकतंत्र का भी सामर्थ्य और शक्ति है कि जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया से, वोट की ताकत से, सामान्य से सामान्य व्यक्ति को भी बहुत बड़ी जिम्मेवारी दे सकती है और गुजरात के मतदाताओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से मुझे ये दायित्व दिया है। और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के नाते मैं अपने साथियों को हिसाब देने आया हूँ, भाईयों और बहनों, मैं आपका एक साथीदार हूँ और आपके साथीदार होने के नाते मुझे आपको हिसाब देना चाहिए और मेरे लिए आज मौका है मेरे साथियों को हिसाब देना का।

मित्रों, भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के अविरत परिश्रम का यह परिणाम है कि आज जब दो साल, ढाई साल में सरकारें बदलती हैं, इसमें 12-12 साल से तीन बार एक सरकार को जनता चुने, ये भारतीय जनता पार्टी के संगठन और सरकार के काम की गवाही देता है। भाईयों-बहनों, मुझे इस बात का भी आज संतोष हो रहा है कि 12 साल के इस शासन काल के दौरान मेरी सरकार ने जो कुछ भी काम किए, भारतीय जनता पार्टी ने हमें जो कुछ भी जिम्मेदारी दी, और उसको पूरा करने का हमने जो प्रयास किया, उस प्रयास का परिणाम है। और मुझे इस बात का गर्व है कि देश और दुनिया में भारत माता को प्यार करने वाले हर व्यक्ति का सीना चौड़ा हो रहा है, माथा गर्व से ऊंचा हो रहा है। और एक कार्यकर्ता के नाते, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकता के नाते ये मेरा कर्तव्य बनाता है कि मुझे जो दायित्व मिले, उस दायित्व से मैं ऐसा कार्य करूं कि मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ता सीना तान करके, आंख में आंख डाल कर के दुनिया को चुनौती देने का सामर्थ्य पैदा करें।

भाईयों और बहनों, आपके एक साथी के रूप में आपने जो भी जिम्मा मुझे दिया है उस जिम्मे को पूरा करने का मैंने प्रयास किया है और हर बार गुजरात के मतदाताओं ने उन अच्छे कामों को मुहर लगाई है। भाईयों-बहनों, गुजरात के अनुभव से मैं कार्यकर्ताओं को ये जरूर कहूँगा कि कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। भाईयों-बहनों, मैं ये भी मानता हूँ कि आज जन सामान्य की आशा अपेक्षाएं बहुत बढ़ी हुई हैं, व्यक्ति की आकांक्षा भी बढ़ी हुई है और इस आशा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिपल शासन को जनसमर्पण के साथ चलाए रखना, जनता को संतोष देना, ये अपने आप में एक बहुत बड़ा दायित्व होता है। लेकिन इस पार्टी से मुझे जो संस्कार मिले, पार्टी के हर छोटे मोटे कार्यकर्ताओं से जो समर्थन मिला, उससे भली-भांति उस पवित्र कार्य को हम कर पाएं हैं। और मुझे गर्व है कि मुझे जो दायित्व मिला है उस दायित्व को भारतीय जनता पार्टी को संतोष हो, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता को गर्व हो, इस प्रकार से पूरा करने का मैंने प्रयास किया है।

भाईयों-बहनों, आज देश और दुनिया में भारतीय जनता पार्टी के गुजरात शासन की चर्चा हो रही है। मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ वर्षों से देश के कई प्रमुख लोग, भिन्न-भिन्न राजनैतिक दलों के लोग भी, मीडिया में कोई हाइप किये बिना भी, लगातार गुजरात आते रहें हैं। सरकार के साथ बैठ कर के उन्होंने विस्तार से अध्ययन किया है, विकास की योजनाओं का अध्ययन किया है, उसके इम्पलीमेंटेशन का अध्ययन किया है। मैं भी दिल्ली के मित्रों को निमंत्रण देता हूँ कि अगर आप में से यदि पार्टी तय करे तो आप गुजरात आ कर के पाँच-सात दिन रूक कर के शासन व्यवस्था और गुजरात ने क्या मॉडल दिया है उसे जरूर देखें। और आपने तो इतने बड़े दिल्ली को चलाया है और देखा भी है। और मैं आग्रह करूँगा कि अगर हममें कुछ कमियाँ हैं तो आकर जरूर हमें बताईए ताकि हम उसे और अधिक अच्छा करें और देश की और अधिक अच्छी सेवा कर सकें। भाईयों-बहनों, भले ही आप गुजरात से ना हों, आपका गुजरात से कोई कारोबार ना हो, लेकिन उसके बावजूद भी अगर आपके मन में गुजरात में करने योग्य कोई सुझाव हों और अगर आप मुझे भेजेंगे तो एक कार्यकर्ता के रूप में मैं उसका स्वागत करुंगा और मैं कोशिश करुंगा कि उन चीजों को कैसे लागू किया जा सकता है।

भाईयों-बहनों, आज मैं यहां एन.डी.सी. की मीटिंग में आया था और मैंने एन.डी.सी. की मीटिंग में प्रधानमंत्री के सम्मुख अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ये देश का दुर्भाग्य है कि आप जिस पद पर बैठे हैं, जहां से आप बात बोल रहे हैं, देश में निराशा का माहौल बन रहा है। आप जो कुछ भी बातें कर रहे हैं, देश को एक निराशा के गर्त में डुबाए जा रहे हैं। मैंने अपनी बात आज पूरी कठोरता के साथ इस मीटिंग में रखी और मैंने उनसे कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए आपके पास कोई सोच नहीं है, ना कल्पना है, ना कोई परिश्रम करने वाला है, ना कोई एक्शन प्लान है..! अगर ये ही हाल रहा तो पता नहीं देश और कितना नीचे जाएगा। आपको हैरानी होगी, एक साल पहले देश के प्लानिंग कमीशन और भारत सरकार ने 9% विकास दर का संकल्प किया था, नाइन परसेंट। हम तो उनसे काफी आगे हैं, लेकिन ये 9% भी नहीं कर पाए, 7.9 पर अटक गए। दु:ख का विषय दूसरा है दोस्तों, इस बार उन्होंने 9% सोचना भी बंद कर दिया है और इस बार उन्होंने सोचा है कि 8.2% ग्रोथ करेंगे, विकास दर करेंगे। अब आज 7.9 है, 8.2 करना मतलब 0.3% आगे बढ़ना..! और इस देश को 0.3% आगे बढ़ाने के लिए आज पूरा देश दिल्ली में इक्कठा हुआ था। मैंने कहा क्या हाल है, जी..? हम सब मुख्यमंत्री कितना भी धक्का लगाएं, लेकिन जिस प्रकार से आप दिल्ली चला रहे हो... ये 0.3% के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है, ये हाल है दिल्ली सरकार का..! जबकि गुजरात 11% प्लस दर से विकास कर रहा है। कृषि के क्षेत्र में वे 2.5-3% से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं और गुजरात 10% से नीचे नहीं आ रहा है। यानि इतना मिस मैच है... मैंने आज सारे विषय उनके सामन रखे। मैंने कहा कि कुछ तो सोचिए आप, देश का नौजवान, हिन्दुस्तान की 65% आबादी 35 से कम उम्र की है। हिन्दुस्तान की जनसंख्या के 65% का 35 वर्ष से कम उम्र की आयु का होना, यानि भारत युवा शक्ति से भरा पड़ा है। लेकिन इस युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में जोड़ने के लिए ना आपके पास कोई सोच है, ना कोई सपना है, ना कोई योजना है, ना आपका कोई पॉलिटिकल वील है। भाईयों-बहनों, आप कल्पना कर सकते हैं कि किस स्थिति से आज ये नेतृत्व देश को चला रहा है।

भाईयों-बहनों, आज देश में कुछ भी अगर होप आ रहा है, तो कुछ राज्यों के परिश्रम के कारण हो रहा है। थोड़ा सी भी अगर आशा नजर आ रही है, तो कुछ राज्यों के परिश्रम के कारण आ रही है। इंदिरा गांधी के जमाने से एक कार्यक्रम चलता था, 20 पाइंट प्रोग्राम, गरीबों की भलाई के लिए चल रहा था। जितनी भी सरकारें आई, सब सरकारों ने इसे कन्टीन्यू किया। अटल जी के जमाने में भी कन्टीन्यू किया गया था, आगे भी कन्टीन्यू किया। और उसका हर छह महीने में रिव्यू बाहर निकलता था। और पिछले दस सालों में गरीबों की भलाई के 20 पाइंट प्रोग्राम के इम्पलीमेंटेशन में हर बार पहला नम्बर गुजरात का आया है। और इतना ही नहीं, पहले पाँच में कांग्रेस का एक भी राज्य नहीं। इतना ही नहीं, पहले पाँच में यू.पी.ए. का भी कोई स्टेट नहीं। और मैंने एक साल पहले एक मीटिंग में जब कहा, मैंने कहा कि आपका ये हाल है, आपका कोई स्टेट परफार्म नहीं कर रहा है। तो भारत सरकार ने क्या किया कि अपने राज्य को परफोर्मेन्स करके मोदी से आगे निकल जाने के लिए प्रेरित करने कि बजाए उन्होंने निर्णय किया कि अब भारत सरकार जो हर छह महीने में रिपोर्ट निकालती थी, वो निकालेगी ही नहीं, क्योंकि उनकी बेइज्जती होती थी..! यानि वो रास्ते ऐसे खोज रहे हैं जो देश को गड्ढे में ले जा रहे हैं। अच्छा करना, अच्छा सोचना, आगे बढना, ऐसी कोई भी अपेक्षा आज वर्तमान कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से करना बहुत मुश्किल है।

भाईयों-बहनों, गुजरात ने वादा किया है, विकास की नई ऊंचाइयों पर जाना और विश्व की समृद्घ शक्तियों की बराबरी करने का सपना लेकर गुजरात आगे बढ़ रहा है। मित्रों, अगर मैन्यूफैक्चिरिंग सैक्टर में चीन अपना लोहा मनवा रहा है, तो गुजरात क्यों नहीं कर सकता, इस सोच से हम आगे बढ़ रहे हैं।

भाईयों-बहनों, आपने स्वागत किया, सम्मान किया, स्वयं अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी भी इस काम के लिए आए, मैं सबका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ, बहुत-बहुत धन्यवाद व्यक्त करता हूँ..!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।