भारत माता की जय..!
भारत माता की जय..!
भारत माता की जय..!
आदरणीय श्रीमान नीतिन गडकरी जी, भारतीय जनता पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, दिल्ली प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के सभी पदाधिकारी और विशाल संख्या में पधारे हुए दिल्ली के प्यारे कार्यकर्ता भाईयों और बहनों..!
मित्रों, मैंने जीवन में कभी सोचा भी नहीं था कि पार्टी के दफ्तर पर, 11 अशोका रोड पर, मुझे आप लोगों का इतना प्यार मिलेगा। आपने गर्म जोशी से जो स्वागत और सम्मान मुझे दिया है, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ। मेरे मन को ये घटना छू रही है उसका एक विशेष कारण है। मैंने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष इसी 11, अशोका रोड में बिताए थे। कई वर्षों तक इसी 11, अशोका रोड की छोटी सी खोली में पार्टी का जो काम मेरे लिए निश्चित होता था, उसे मैं करता था। भाईयों-बहनों, मैं अपने अनुभव से कहता हूँ, भारत के लोकतंत्र की ताकत और भारतीय जनता पार्टी के संगठन का सामर्थ्य, उसी का परिणाम है कि एक व्यक्ति जो कोने में बैठकर इस कार्यालय में जिंदगी गुजरता था, इतने सालों तक यहां रहा था, आपमें से बहुत कम लोगों को मिला था, एक पर्दे के पीछे एक साधक की तरह अपना काम करता था, लेकिन ये संगठन का सार्मथ्य है कि उसने मुझे कहां से कहां पहुंचा दिया और इसी प्रकार से ये भारत के लोकतंत्र का भी सामर्थ्य और शक्ति है कि जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया से, वोट की ताकत से, सामान्य से सामान्य व्यक्ति को भी बहुत बड़ी जिम्मेवारी दे सकती है और गुजरात के मतदाताओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से मुझे ये दायित्व दिया है। और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के नाते मैं अपने साथियों को हिसाब देने आया हूँ, भाईयों और बहनों, मैं आपका एक साथीदार हूँ और आपके साथीदार होने के नाते मुझे आपको हिसाब देना चाहिए और मेरे लिए आज मौका है मेरे साथियों को हिसाब देना का।
मित्रों, भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के अविरत परिश्रम का यह परिणाम है कि आज जब दो साल, ढाई साल में सरकारें बदलती हैं, इसमें 12-12 साल से तीन बार एक सरकार को जनता चुने, ये भारतीय जनता पार्टी के संगठन और सरकार के काम की गवाही देता है। भाईयों-बहनों, मुझे इस बात का भी आज संतोष हो रहा है कि 12 साल के इस शासन काल के दौरान मेरी सरकार ने जो कुछ भी काम किए, भारतीय जनता पार्टी ने हमें जो कुछ भी जिम्मेदारी दी, और उसको पूरा करने का हमने जो प्रयास किया, उस प्रयास का परिणाम है। और मुझे इस बात का गर्व है कि देश और दुनिया में भारत माता को प्यार करने वाले हर व्यक्ति का सीना चौड़ा हो रहा है, माथा गर्व से ऊंचा हो रहा है। और एक कार्यकर्ता के नाते, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकता के नाते ये मेरा कर्तव्य बनाता है कि मुझे जो दायित्व मिले, उस दायित्व से मैं ऐसा कार्य करूं कि मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ता सीना तान करके, आंख में आंख डाल कर के दुनिया को चुनौती देने का सामर्थ्य पैदा करें।
भाईयों और बहनों, आपके एक साथी के रूप में आपने जो भी जिम्मा मुझे दिया है उस जिम्मे को पूरा करने का मैंने प्रयास किया है और हर बार गुजरात के मतदाताओं ने उन अच्छे कामों को मुहर लगाई है। भाईयों-बहनों, गुजरात के अनुभव से मैं कार्यकर्ताओं को ये जरूर कहूँगा कि कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। भाईयों-बहनों, मैं ये भी मानता हूँ कि आज जन सामान्य की आशा अपेक्षाएं बहुत बढ़ी हुई हैं, व्यक्ति की आकांक्षा भी बढ़ी हुई है और इस आशा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिपल शासन को जनसमर्पण के साथ चलाए रखना, जनता को संतोष देना, ये अपने आप में एक बहुत बड़ा दायित्व होता है। लेकिन इस पार्टी से मुझे जो संस्कार मिले, पार्टी के हर छोटे मोटे कार्यकर्ताओं से जो समर्थन मिला, उससे भली-भांति उस पवित्र कार्य को हम कर पाएं हैं। और मुझे गर्व है कि मुझे जो दायित्व मिला है उस दायित्व को भारतीय जनता पार्टी को संतोष हो, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता को गर्व हो, इस प्रकार से पूरा करने का मैंने प्रयास किया है।
भाईयों-बहनों, आज देश और दुनिया में भारतीय जनता पार्टी के गुजरात शासन की चर्चा हो रही है। मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ वर्षों से देश के कई प्रमुख लोग, भिन्न-भिन्न राजनैतिक दलों के लोग भी, मीडिया में कोई हाइप किये बिना भी, लगातार गुजरात आते रहें हैं। सरकार के साथ बैठ कर के उन्होंने विस्तार से अध्ययन किया है, विकास की योजनाओं का अध्ययन किया है, उसके इम्पलीमेंटेशन का अध्ययन किया है। मैं भी दिल्ली के मित्रों को निमंत्रण देता हूँ कि अगर आप में से यदि पार्टी तय करे तो आप गुजरात आ कर के पाँच-सात दिन रूक कर के शासन व्यवस्था और गुजरात ने क्या मॉडल दिया है उसे जरूर देखें। और आपने तो इतने बड़े दिल्ली को चलाया है और देखा भी है। और मैं आग्रह करूँगा कि अगर हममें कुछ कमियाँ हैं तो आकर जरूर हमें बताईए ताकि हम उसे और अधिक अच्छा करें और देश की और अधिक अच्छी सेवा कर सकें। भाईयों-बहनों, भले ही आप गुजरात से ना हों, आपका गुजरात से कोई कारोबार ना हो, लेकिन उसके बावजूद भी अगर आपके मन में गुजरात में करने योग्य कोई सुझाव हों और अगर आप मुझे भेजेंगे तो एक कार्यकर्ता के रूप में मैं उसका स्वागत करुंगा और मैं कोशिश करुंगा कि उन चीजों को कैसे लागू किया जा सकता है।
भाईयों-बहनों, आज मैं यहां एन.डी.सी. की मीटिंग में आया था और मैंने एन.डी.सी. की मीटिंग में प्रधानमंत्री के सम्मुख अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ये देश का दुर्भाग्य है कि आप जिस पद पर बैठे हैं, जहां से आप बात बोल रहे हैं, देश में निराशा का माहौल बन रहा है। आप जो कुछ भी बातें कर रहे हैं, देश को एक निराशा के गर्त में डुबाए जा रहे हैं। मैंने अपनी बात आज पूरी कठोरता के साथ इस मीटिंग में रखी और मैंने उनसे कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए आपके पास कोई सोच नहीं है, ना कल्पना है, ना कोई परिश्रम करने वाला है, ना कोई एक्शन प्लान है..! अगर ये ही हाल रहा तो पता नहीं देश और कितना नीचे जाएगा। आपको हैरानी होगी, एक साल पहले देश के प्लानिंग कमीशन और भारत सरकार ने 9% विकास दर का संकल्प किया था, नाइन परसेंट। हम तो उनसे काफी आगे हैं, लेकिन ये 9% भी नहीं कर पाए, 7.9 पर अटक गए। दु:ख का विषय दूसरा है दोस्तों, इस बार उन्होंने 9% सोचना भी बंद कर दिया है और इस बार उन्होंने सोचा है कि 8.2% ग्रोथ करेंगे, विकास दर करेंगे। अब आज 7.9 है, 8.2 करना मतलब 0.3% आगे बढ़ना..! और इस देश को 0.3% आगे बढ़ाने के लिए आज पूरा देश दिल्ली में इक्कठा हुआ था। मैंने कहा क्या हाल है, जी..? हम सब मुख्यमंत्री कितना भी धक्का लगाएं, लेकिन जिस प्रकार से आप दिल्ली चला रहे हो... ये 0.3% के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है, ये हाल है दिल्ली सरकार का..! जबकि गुजरात 11% प्लस दर से विकास कर रहा है। कृषि के क्षेत्र में वे 2.5-3% से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं और गुजरात 10% से नीचे नहीं आ रहा है। यानि इतना मिस मैच है... मैंने आज सारे विषय उनके सामन रखे। मैंने कहा कि कुछ तो सोचिए आप, देश का नौजवान, हिन्दुस्तान की 65% आबादी 35 से कम उम्र की है। हिन्दुस्तान की जनसंख्या के 65% का 35 वर्ष से कम उम्र की आयु का होना, यानि भारत युवा शक्ति से भरा पड़ा है। लेकिन इस युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में जोड़ने के लिए ना आपके पास कोई सोच है, ना कोई सपना है, ना कोई योजना है, ना आपका कोई पॉलिटिकल वील है। भाईयों-बहनों, आप कल्पना कर सकते हैं कि किस स्थिति से आज ये नेतृत्व देश को चला रहा है।
भाईयों-बहनों, आज देश में कुछ भी अगर होप आ रहा है, तो कुछ राज्यों के परिश्रम के कारण हो रहा है। थोड़ा सी भी अगर आशा नजर आ रही है, तो कुछ राज्यों के परिश्रम के कारण आ रही है। इंदिरा गांधी के जमाने से एक कार्यक्रम चलता था, 20 पाइंट प्रोग्राम, गरीबों की भलाई के लिए चल रहा था। जितनी भी सरकारें आई, सब सरकारों ने इसे कन्टीन्यू किया। अटल जी के जमाने में भी कन्टीन्यू किया गया था, आगे भी कन्टीन्यू किया। और उसका हर छह महीने में रिव्यू बाहर निकलता था। और पिछले दस सालों में गरीबों की भलाई के 20 पाइंट प्रोग्राम के इम्पलीमेंटेशन में हर बार पहला नम्बर गुजरात का आया है। और इतना ही नहीं, पहले पाँच में कांग्रेस का एक भी राज्य नहीं। इतना ही नहीं, पहले पाँच में यू.पी.ए. का भी कोई स्टेट नहीं। और मैंने एक साल पहले एक मीटिंग में जब कहा, मैंने कहा कि आपका ये हाल है, आपका कोई स्टेट परफार्म नहीं कर रहा है। तो भारत सरकार ने क्या किया कि अपने राज्य को परफोर्मेन्स करके मोदी से आगे निकल जाने के लिए प्रेरित करने कि बजाए उन्होंने निर्णय किया कि अब भारत सरकार जो हर छह महीने में रिपोर्ट निकालती थी, वो निकालेगी ही नहीं, क्योंकि उनकी बेइज्जती होती थी..! यानि वो रास्ते ऐसे खोज रहे हैं जो देश को गड्ढे में ले जा रहे हैं। अच्छा करना, अच्छा सोचना, आगे बढना, ऐसी कोई भी अपेक्षा आज वर्तमान कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से करना बहुत मुश्किल है।
भाईयों-बहनों, गुजरात ने वादा किया है, विकास की नई ऊंचाइयों पर जाना और विश्व की समृद्घ शक्तियों की बराबरी करने का सपना लेकर गुजरात आगे बढ़ रहा है। मित्रों, अगर मैन्यूफैक्चिरिंग सैक्टर में चीन अपना लोहा मनवा रहा है, तो गुजरात क्यों नहीं कर सकता, इस सोच से हम आगे बढ़ रहे हैं।
भाईयों-बहनों, आपने स्वागत किया, सम्मान किया, स्वयं अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी भी इस काम के लिए आए, मैं सबका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ, बहुत-बहुत धन्यवाद व्यक्त करता हूँ..!
भारत माता की जय..!