ज एक ऐसे नए प्रोजेक्ट का हम लोकापर्ण कर रहे हैं जिसके कारण कई सारे डॉक्टरों की दुकानें बंद हो सकती हैं, ऐसा काम हम आज अहमदाबाद को दे रहे हैं। यह रिवरफ्रन्ट शहर की तबीयत के साथ साथ नागरिकों की तबीयत को भी सुधारेगा। मित्रों, ये आज पहला कार्यक्रम है रिवरफ्रन्ट के लोकापर्ण का, 'वॉक वे’ का लोकापर्ण है। इसका लोकापर्ण हो इससे पहले राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के आधे दर्जन से ज्यादा अवार्ड यह प्रोजेक्ट जीत चुका है। जो लोग गुजरात को बदनाम करते थे, दिन रात बस एक ही काम... आज के कार्यक्रम के बारे में आपने पढ़ा होगा, कैसी गंदगी का उपयोग किया है आपने देखा होगा ....।

भाइयों-बहनों, दो प्रोजेक्टों की मैं बात करना चाहता हूँ, नर्मदा योजना के लिए वर्ल्ड बैंक से हमने पैसे मांगे थे और वर्ल्ड बैंक ने यह कह कर नर्मदा परियोजना के लिए पैसा देने से मना कर दिया था कि यह प्रोजेक्ट ऍन्वाइरमॅन्ट फ्रेन्ड्ली नहीं है और इसके कारण ऍन्वाइरमॅन्ट को नुकसान पहुँचेगा। अपने विरोधियों, गुजरात विरोधियों ने जो हंगामा मचाया था, रोज सवेरे पत्र लिखना, इसके कारण वर्ल्ड बैंक ने इस प्रकार का कदम उठाया था। उस समय मैंने निर्णय किया कि वर्ल्ड बैंक की ऐसी की तैसी..! गुजरात अपने बलबूते पर यह करके दिखायेगा। लेकिन मुझे वर्ल्ड बैंक को जवाब देना था, उन्हें समझाना था कि हम हिन्दुस्तान के लोग पर्यावरण की कितनी चिंता करते हैं, मानवता की कितनी चिंता करते हैं और हमारी शर्तों पर तुम्हें झुकाएंगे। निवेदन नहीं किया था, निश्चय किया था..! और जब गुजरात में भूकंप आया, भूकंप के बाद फिर पुनर्निर्माण का जो काम हुआ, इस पुनर्निर्माण के काम के लिए, भूकंप के बाद यहाँ जो नए मकान बनाए गए उसके लिए पर्यावरण का, ऍन्वाइरमॅन्ट का वर्ल्ड बैंक का सबसे बड़ा 'ग्रीन अवॉर्डगुजरात ले आया, मित्रों..! 'ग्रीन मूवमॅन्ट’ किसे कहते हैं, ऍन्वाइरमॅन्ट किसे कहते हैं यह वर्ल्ड बैंक को हमने समझा दिया।

हाँ जब इस नदी के ऊपर हजारों की संख्या में झोपड़पट्टी बन गई थीं, कब्जा हो गया था, कई प्रकार की अवैध गतिविधियों का अड्डा बन चूका था। अब रीवर-फ्रन्ट बनाना हो तो उनका पुनर्वास भी कराना पड़े। चुपचाप सारे सर्वे कर लिए गए, सारी जानकारी एकत्र कर ली गई। हमारे कांग्रेस के मित्र हवन में हड्डियां डालने का एक भी मार्ग नहीं छोड़ते हैं। केवल मीडिया का प्रयोग करते हैं ऐसा नहीं, कोर्ट कचहरी में जाकर ऐसे अच्छे से अच्छे कामों को रूकवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है मित्रों, कोई कसर नहीं रखी..! ये रिवर-फ्रन्ट नहीं बन सके इसके लिए दर्जनों बार स्टे लाने के लिए कोर्ट में गए हैं। इतना ही नहीं, ये मकान देने पर भी बखेड़ा खड़ा किया कि ये लडक़ा अब बड़ा हो गया है, इसे अलग से मकान दो, इसको ये दो, उसे वो दो... हजारों मकान बनाए गए, तो उसके लिए भी हंगामा मचा दिया। कोर्ट में उस हद तक याचिका दायर की कि ये मकान ऐसे हैं कि जिसमें कोई रहने जा ही नहीं सकता। झोपड़पट्टी में जिंदगी गुजारने वाले लोगों का फ्लॅट देने का निर्णय किया, फ्लॅट बनाए, फिर भी कोर्ट कचहरी की..! भाइयो और बहनों, यही कांग्रेस की सरकार दिल्ली में बैठी है। यहाँ कांग्रेस के लोग कोर्ट कचहरी करके, स्टे लाकर पूरे प्रोजेक्ट को रोकने के लिए प्रयास करते हैं और वही दिल्ली की कांग्रेस सरकार की 'हुडकोनाम की एजेंसी उत्तम कार्य के लिए अवॉर्ड दे..! हाउसिंग की उत्तम कारवाई की गई, पुनर्वसन का उत्तम काम किया, गरीब झोपड़पट्टी के लोगों को अच्छे से अच्छे घर दिए, जिसके लिए 'हुडको’ ने हमें अवॉर्ड भी दिया..!

भाइयो-बहनों, इस कांग्रेस के चरित्र को पहचानने की जरूरत है। यह देश गरीब क्यों रहा है इसके मूल में कांग्रेस की मानसिकता है, कांग्रेस की गरीब मनोवृत्ति है। आज सुबह मैं प्रधानमंत्री का भाषण सुन रहा था। रोज़ कोई बोलता हो तो कुछ खास सुनने की इच्छा नहीं होती, लेकिन बारह महीने में एक बार सुनने को मिले तो मन करता है कि भाई, हम सुनें तो सही, प्रधानमंत्री बोल रहे हैं..? मेरे लिए प्रधानमंत्री मौन खोल रहे हों वह बड़ी घटना थी। मैं जूनागढ़ में था, सवेरे खास तौर पर टीवी चालू करके मैंने उन्हें सुना। पढ़ रहे थे वो..! और वह भी हिन्दी में नहीं लिखा हुआ था, गुरूमुखी भाषा में लिखा हुआ था और हिन्दी में पढ़ रहे थे..! क्योंकि मैं बराबर देख रहा था, उन्होंने एक पन्ना पलटा इसलिए मुझे पता चला कि ये पीछे की ओर से पढ़ रहे हैं, इसका अर्थ यह है कि भाषा हिन्दी नहीं है। हिन्दी हो तो हम बाएं से दाएं जाते हैं, दाएं से बाएं तो... उर्दू हो तो ऐसे जाते हैं, गुरूमुखी होती है तो ऐेसे जाते हैं... जो भी हो, हमारी समझ में तो सब कुछ आ ही जाता है..! मित्रों, कांग्रेस पार्टी के नेता हैं डॉ. मनमोहन सिंहजी, यू.पी.ए. सरकार ने उन्हें प्रधानमंत्री के पद पर विराजमान किया है... वे अपने भाषण में ऐसा कहते हैं कि अपने देश में रोजगार बढ़े इसके लिए उद्योग लाना जरूरी है, विदेश से निवेश लाने की आवश्यकता है, इस देश में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने की आवश्यकता है... ये सब डॉ. मनमोहन सिंहजी ने आज सुबह बोला है। अभी भी टी.वी. पर आ रहा होगा, बीच-बीच में टुकड़े आते होंगे। यही कांग्रेस पार्टी के नेता मनमोहन सिंहजी दिल्ली से एक भाषण दे रहे हैं और उन्हीं के चेले चपाटे जो यहाँ गुजरात में बैठे हैं, कांग्रेस के मित्रों, वे विज्ञापन दे रहे हैं। वह विज्ञापन देखने जैसा है, पूरी तरह से मनमोहन सिंहजी से विपरीत, पूरा कांग्रेस का विज्ञापन मनमोहन सिंहजी के विरुद्ध है..! मनमोहन सिंहजी ये कह रहे हैं कि कारखाने आने चाहिए, विकास होना चाहिए, ऊर्जा का उत्पादन होना चाहिए, ये सब कहते हैं, जबकि गुजरात कांग्रेस का टीवी पर विज्ञापन यह कहता है कि हमें रोड नहीं चाहिए, हमें कारखाने नहीं चाहिए, हमें तो आधी रोटी मिल जाए तो भी चलेगा... देखा था न यह विज्ञापन..? मित्रों, आप ही मुझे बताओ, ये कांग्रेस आपको अठ्ठारहवीं शताब्दी में ले जाना चाहती है, आपको अठ्ठारहवीं सदी में जाना है..? ऐसी दरिद्र मानसिकतावाली विज्ञप्ति लेकर कांग्रेस आती है कि हमें रोड नहीं चाहिए, बोलिए... हमें कारखाने नहीं चाहिए, हमें बिजली नहीं चाहिए, हमारे बच्चों को पढऩे के लिए कॉलेज नहीं चाहिए, यूनिवर्सिटी नहीं चाहिए... बस, आधी रोटी दे दो तो काफी है..! इन साठ सालों में यही तो दिया है इन लोगों ने..! मैं कांग्रेस के विज्ञापन के जो इंचार्ज होंगे उन्हें बधाई देता हूँ कि आपकी असलियत तो सामने आई..! आप इससे आगे सोच भी नहीं सकते। इस देश के गरीब लोगों को महंगाई से बचाकर रोजी रोटी देने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार आपकी है। आप यह मंहगाई घटाते नहीं हो। आपने सौ दिनों में महंगाई हटाने की बात कही थी, आज भी गुजरात का गरीब इंसान, हिन्दुस्तान का गरीब इंसान इस दिल्ली की सल्तनत को पूछ रहा है कि आपने महंगाई घटाने का वादा किया था, हुआ क्या, इसका जवाब दो..! भाइयो और बहनों, नहीं दे सकेंगे।

भाइयो-बहनों, आज इस अहमदाबाद शहर के आंगन में रीवर-फ्रन्ट की रचना हुई है। इसका पहला चरण, इस वॉक-वे को आज लोकार्पित किया गया है। मैं चाहता हूँ कि समाज के सभी लोग अपने तदंरूस्ती के लिए इसका उपयोग करें। पर साथ-साथ, कांकरीया में जैसे अहमदाबाद के नागरिकों ने, गुजरात के नागरिकों ने मेरे अनुरोध का मान रखा है। उनको मैंने कहा था कि कांकरीया की स्वच्छता को कोई आंच नहीं आनी चाहिए, कांकरीया की एक भी चीज़ टूटनी नहीं चाहिए। भाइयो-बहनों, नए कांकरिया को बनाए हुए आज करीब पांच साल हो गए हैं, इस अहमदाबाद के नागरिकों ने एक भी वस्तु को टूटने नहीं दी, कचरे का कहीं नामोनिशान नहीं है..! भाइयों, इस रिवर-फ्रन्ट को भी ऐसा ही, हमें अपने घर की तरह ही स्वच्छ रखना है, साफ़-सुथरा रखना है। और एक बार यदि नागरिक तय कर लें कि हमें इसे अच्छा रखना है तो फिर इस कॉर्पोरेशन की ताकत नहीं है कि इसको गंदा कर सके..! यह कॉर्पोरेशन इसे गंदा नहीं कर सकती ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ। अगर इस शहर के नागरिक, इस राज्य के नागरिक तय कर लें कि इसको हमें स्वच्छ रखना है, किसी चीज को हमें टूटने फूटने नहीं देना है..! हमारे शहर की अमानत है, मित्रों। भले ही इस रिवर-फ्रन्ट का लोकापर्ण अहमदाबाद की धरती पर हो रहा है, परन्तु हकीकत में इस रिवर-फ्रन्ट का लोकापर्ण हिन्दुस्तान को हो रहा है। क्योंकि पूरे हिन्दुस्तान में यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसकी हमने शुरूआत की है। पूरे देश में कहीं नहीं है, मित्रों..! अभी आने वाले दिनों में हम ऐसी बस लाने वाले हैं कि जिसे ऊपर चलने वाली बस में ना जाना हो, तो वह एक छोर से दूसरे छोर तक पानी में चलने वाली बस में जाए..! ट्रांसपोर्टेशन के जितने भी साधन उपलब्ध हो सकते हैं, हमें उपलब्ध करवाने हैं। मैंने यंग दोस्तों को आकर्षित करने के लिए एक बार असितभाई से कहा था कि हम ‘फेसबुक फोटोग्राफी कम्पीटीशन’ करते हैं। और मैंने देखा कि 'फेसबुक फोटोग्राफी‘ में कितने सारे युवा भाग ले रहे हैं और उनकी ‘फेसबुक फोटोग्राफी’ कितनी रिट्विट हो रही है, कितनी व्यापक रूप में उसकी पब्लीसिटी हो रही है..! आज दुनिया में किसी एक प्रोजेक्ट को सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा देखा जाता हो तो वह ये रिवर-फ्रन्ट है। मैंने आज उनसे कहा कि हर सप्ताह का फेसबुक स्पर्धा में जो फोटो सर्वश्रेष्ठ आए उसे यहाँ प्रदर्शनी के लिए रखो, फिर हर महीने उत्तम आने वाले फोटो को प्रदर्शन में रखो और पूरे साल में जो बेस्ट फोटो साबित होगा उसे महंगी से मंहगी कार ईनाम में दी जाएगी, साढ़े छह लाख रूपये की काम उसे मिलने वाली है..! मोबाइल से फोटो लो, फोटो का प्रिंट भेजने की जरूरत नहीं है, सस्ते से सस्ता... बस, फोटो खींचों और मेल करो..! आपके मित्र देखें, लाइक करें, आगे भेजें... चारों तरफ चलता है फेसबुक का नेटवर्क। रिवर-फ्रन्ट पूरी दुनिया में नंबर एक पर आ सके ऐसी ताकत रखता है। अहमदाबाद के युवाओं, लग जाओ..!

भाइयों और बहनों, इस प्रकार की व्यवस्था शहर को ताजगी देती है, शहर में एक नई प्राणशक्ति पैदा करती है। ये अरबों-खरबों रूपये का जो खर्चा किया है वह इस शहर की जनता के लिए है, इन नौजवानों के लिए है, भावी पीढ़ी के लिए है। मित्रों, गुजरात को मानसिक दरिद्रता से बाहर लाने का एक भागीरथ प्रयास हमने किया है, इसके एक भाग के रूप में यह काम किया है। और आज इस रिवर-फ्रन्ट के काम के लिए इसके आर्किटेक्ट, इसके डिज़ाइनर... क्योंकि देश में पहली बार ऐसा कुछ हो रहा था, इसलिए सभी चीज़ें नए सिरे से करनी थीं। और नए सिरे से किए गए सभी प्रयोगों को हमने सफलता पूर्वक पूरा किया है तब आज पन्द्रह अगस्त के आजादी के अवसर की भी शुभकामनाएं और नए उपहार के लिए भी आपको शुभकामनाएं। मेरे साथ बोलिए...

भारत माता की जय...!!

उस पुल तक लोग हैं, आवाज वहां तक पहुँचनी चाहिए...

भारत माता की जय...!!

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters 23rd November twenty twenty four
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।