Published By : Admin |
February 14, 2014 | 18:53 IST
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"Shri Narendra Modi dedicates various development projects, including the Surat BRTS, the revolutionary green project of Tertiary Treatment Plant, the Dr. Jagdishchandra Bose marine aquarium and the Surat Municipal Corporation’s smart governance initiatives"
"Surat has honoured its proud son Sanjeev Kumar very well and I congratulate them for it: Shri Modi"
"Shri Modi performes the computerized draw for the beneficiaries of the Mukhyamantri Gruh Yojana "
मुख्यमंत्री गृह योजना में प्रत्येक गरीब और नवोदित मध्यम वर्ग को घऱ मिलेगाः मुख्यमंत्री
सूरतः महानगर में १००८ करोड़ का विकास उत्सव मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण और भूमिपूजन
सूरत के सपूत और सुप्रसिद्ध अभिनेता स्व. संजीव कुमार की स्मृति में आधुनिक संजीव कुमार ऑडिटोरियम की भेंट
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क की अर्पण विधि
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज एक ही दिन में १००८ करोड़ के जनसुविधा विकास के उपहार सूरत की जनता के चरणों में अर्पित करते हुए कहा कि राज्य के प्रत्येक गरीब के घर का सपना साकार करने के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का महाअभियान इस सरकार ने शुरू किया है। नवोदित मध्यम वर्ग और घर की जरूरत वाले प्रत्येक परिवार को मुख्यमंत्री गृह योजना में मकान मिलेंगे इसके लिए शहरों में २२ लाख आवास बनाए जाएंगे। जबकि गांवों में २८ लाख आवास का निर्माण किया जाएगा।
सूरत महानगर सेवा सदन के तत्वावधान में आज सूरत के सपूत और हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता का गौरव हासिल करने वाले स्व. संजीव कुमार की स्मृति में आधुनिकतम संजीव कुमार ऑडिटोरियम सूरत के नागरिकों को नये नजराने के रूप में मुख्यमंत्री ने अर्पित किया। इसके साथ ही बीआरटीएस जनमार्ग के प्रथम चरण के रूप में १० किमी का पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बीआरटीएस प्रोजेक्ट, उद्योगों के उपयोग के लिए सुएज वाटर टर्शरी ट्रीटमेंट प्लान्ट, सिंगणपोर सुएज ट्रीटमेंट विस्तृतिकरण का प्रोजेक्ट और एक्वेरियम के लोकार्पण के रूप में ३२५ करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट और ६८७ करोड़ रुपये के दो प्रोजेक्ट का भूमिपूजन मुख्यमंत्री ने किया। इसके साथ ही सूरत में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क की अर्पण विधि भी मुख्यमंत्री ने संपन्न की।
आज समग्र गुजरात में मुख्यमंत्री गृह योजना के अंतर्गत अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में सूरत शहर के ६५०९ आवासों के भूमिपूजन, ४६८ करोड़ सहित राज्य में ५२४४० आवासों के ४१२३ करोड़ के निर्माण कार्य और लाभार्थियों के आवास का ड्रॉ मुख्यमंत्री ने किया। सूरत के राज्य स्तरीय विकास उत्सव के साथ-साथ तमाम जिले में इस प्रकार का विकास समारोह जिला प्रभारी मंत्रियों द्वारा संपन्न हुआ जिसका सीधा प्रसारण हुआ।
सूरत विकास से निरंतर गतिशील महानगर है, इसकी सराहना करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई फिल्म जगत के १०० वर्ष और संजीव कुमार जैसे सूरत के सपूत कलाकार की स्मृति में ऑडिटोरियम का निर्माण करने की सूरत की कला संस्कृति के गुण संस्कार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कला राज्याश्रित नहीं, राज्य पुरस्कृत होनी चाहिए।
उन्होंने संजीव कुमार के ७५वें वर्ष पर उनकी विदाई के बाद भी सूरत के सपूत हरिभाई जरीवाला (संजीव कुमार) का गौरव करने की बात कही।
विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट की रूपरेखा में श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने गरीब से गरीब परिवार को घर दिलवाने का बीड़ा उठाया है। महात्मा गांधी जी की १५०वीं जन्म जयंती के अवसर को ध्यान में रखते हुए गरीबों को आधुनिक सुविधाओं के साथ पक्के आवास देने और झोपड़पट्टियों को खत्म करने की नीति अपनायी है। कल तक झुग्गी-झोपड़ी में जीने वाले गरीब को पक्के आवास देने पर ध्यान केन्द्रित करने का यह महाअभियान है। शहरों में २२ लाख और गांवों में २८ लाख आवास मिलाकर कुल ५० लाख आवासों के निर्माण का अभियान चलाया गया है। इतने बड़े पैमाने पर पक्के मकान बनाकर झोपड़पट्टी मुक्त शहर बनाने का संकल्प श्री मोदी ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट प्रत्येक गरीब परिवार की जीवन की गति को बदलेगा, विकास का ग्रोथ इंजन यही आवास योजना बनेगी।
बीआरटीएस पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अहमदाबाद की सफलता ने यूनाइटेड नेशन्स का ध्यान आकर्षित किया है, इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने मास ट्रांसपोर्ट सिस्टम समाज के प्रबुद्ध नागरिक अपनाएं, यह अपील की। इस मौके पर सूरत के नागरिकों के साथ ही विधायक, मनपा मेयर, कार्पोरेटर और पदाधिकारी उपस्थित थे।
राज्य की शहरी विकास और सूरत जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने इस मौके पर अपने विचार रखे। संजीव कुमार फैमिल ट्रस्ट द्वारा संजीव कुमार को मिले अवार्ड तथा ट्राफियां मुख्यमंत्री द्वारा मेयर को अर्पित की गई। सूरत मनपा और गुजरात हाउसिंग बोर्ड के ड्रॉ में सफल ५-५ लाभार्थियों को अभिनंदन पत्र प्रदान किए गए।
प्रारंभ में सूरत के प्रथम नागरिक, मेयर निरंजनभाई झांझमेरा ने मेहमानों का स्वागत किया।
इस मौके पर मेयर, सांसद दर्शनाबेन जरदोश, विधायक नरोत्तमभाई पटेल, रणजीतभाई गिलीटवाला, जनकभाई पटेल, पूर्णेशभाई मोदी, डिप्टी मेयर दयाशंकर सिंह, स्थायी समिति के अध्यक्ष राकेशभाई, रमेश के लाठिया, जी.आर. अलोरिया, श्रीमती मोना खंधार, एस.के. हैदर, एम.के. दास, जयप्रकाश शिवहरे और राकेश अस्थाना के साथ ही साहित्यकार भगवतीकुमार शर्मा उपस्थित थे।
हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है: पीएम मोदी
December 26, 2024
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PM launches ‘Suposhit Gram Panchayat Abhiyan’
On Veer Baal Diwas, we recall the valour and sacrifices of the Sahibzades, We also pay tribute to Mata Gujri Ji and Sri Guru Gobind Singh Ji: PM
Sahibzada Zorawar Singh and Sahibzada Fateh Singh were young in age, but their courage was indomitable: PM
No matter how difficult the times are, nothing is bigger than the country and its interests: PM
The magnitude of our democracy is based on the teachings of the Gurus, the sacrifices of the Sahibzadas and the basic mantra of the unity of the country: PM
From history to present times, youth energy has always played a big role in India's progress: PM
Now, only the best should be our standard: PM
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों,
आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।
साथियों,
आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है।
साथियों,
वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।
साथियों,
इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है।
मेरे युवा दोस्तों,
आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है।
भाइयों बहनों,
आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है।
साथियों,
वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है।
साथियों,
समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, 'विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी।
साथियों,
अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।