मुख्यमंत्री का जापान दौरा : प्रथम दिन
सोमवार को पूरे दिन जापान सरकार के मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक
जेट्रो के जापान एक्सपर्ट ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित सेमीनार में 400 जितने जापानी व्यापार-उद्योग के पदाधिकारी रहे मौजूद
जापान और गुजरात के बीच ढांचागत सुविधाओं के विकास प्रोजेक्ट में जापान की भागीदारी की नई क्षितिजें आकार लेंगी : श्री मोदी
गुजरात में दो जापानी सेज स्थापित होंगे
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज टोकियो में जापान एक्सपर्ट ऑर्गेनाइजेशन, जेट्रो द्वारा आयोजित सेमीनार को सम्बोधित करते हुए गुजरात और जापान के बीच आर्थिक- औद्योगिक सम्बन्धों में नया मोड़ देने के संकल्प के साथ जापान की औद्योगिक कम्पनियों को गुजरात में भागीदार बनने का आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात और जापान की सांस्कृतिक जीवनशैली के साथ दो जापानीज स्पेशल इन्डस्ट्रीयल जोन आकार ले रहे हैं और यह जोन जेट्रो पीपीपी मॉडल पर बनाए जाएंगे। गुजरात के दूरगामी विकास प्रोजेक्ट में जापान सरकार का भी विधेयात्मक प्रतिभाव मिल रहा है, ऐसे में जापान और गुजरात के बीच ऐतिहासिक सम्बन्धों का नया सेतु स्थापित होगा। जेट्रो के इस सेमीनार को जापान के व्यापार-उद्योग क्षेत्र की ओर से काफी जोरदार प्रतिसाद मिला है। गुजरात के साथ आर्थिक- वाणिज्य और औद्योगिक सम्बन्धों को व्यापक स्तर पर विकसित करने की तत्परता के साथ गुजरात में प्रोजेक्ट और पूंजी निवेश के लिए यह सेमीनार जापान की कम्पनियों और उद्योगपतियों के लिए सक्षम प्लेट्फार्म बन गया। 400 जितनी जापानी कम्पनियों के पदाधिकारी और जापानी नेशनल मीडिया ने इसमें भाग लिया।मुख्यमंत्री श्री मोदी ने इस मौके पर अपने प्रेरक सम्बोधन में कहा कि गुजरात और जापान की बीच के यह सम्बन्ध भावनाओं और सद्भावना के सेतु पर सुदृढ़ हुए हैं। हिदुस्तान में गुजरात ने औद्योगिक ऊंचाई पार कर ली है और लाखों छोटी-लघु औद्योगिक इकाईयों के नेटवर्क से गुजरात के औद्योगिक विकास की नई पहचान बन गई है। गुजरात के लहु में औद्योगिक प्रगति का प्रोत्साहक बल बहता है। जापान की कोई ना कोई कम्पनी हर सप्ताह गुजरात में नए उद्योग लगाने आती रहती है। गुजरात में शांतिपूर्ण और हुनर कौशल्य से परिपूर्ण मानवबल, बिजली आपूर्ति की गेरंटी और रोड, रेलवे, पोर्ट, एक्सपोर्ट जैसी परम्परागत ढांचागत सुविधाओं की उपलब्धि के साथ ही नेक्स्ट जनरेशन जैसे इंफ्रास्ट्र्क्चर- गैस ग्रीड, इंटरनेट ब्रॉडबेंड कनेक्टिविटी जैसी 21 वीं सदी के प्रगतिशील देशों के बेंचमार्क की बराबरी गुजरात कर रहा है।
जापान और भारत के सांस्कृतिक सम्बन्ध संवेदना और सद्भावना की बुनियाद है, इसकी भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि 1952 में भारत और जापान के बीच समझौता करार हुआ था जिसका यह 60 वां साल है और भारत हमेशा जापान के साथ ही रहा है। सार्वजनिक वैश्विक क्षेत्र में भारत पर दबाव होने के बावजूद और तत्कालीन भारत आजाद नहीं होने के बावजूद भारत जापान का मित्र बन कर खड़ा रहा था। 21वीं सदी में भी भारत और जापान एशिया में बड़ी आर्थिक ताकत बनकर विश्व की मानवजाति के कल्याण के लिए नई शक्ति बनेंगे।
जेट्रो के चेयरमेन हिरोयुकी इशिग ने मुख्यमंत्री के प्रगतिशील और विजनरी नेतृत्व की सराहना करते हुए गुजरात के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का सत्कार किया। वैश्विक मन्दी में भी भारत और जापान किस तरह बन सकते हैं, गुजरात के स्थाई शासन और विश्व की आर्थिक समस्याओं के साथ भी प्रतियोगिता में टिके रहने की शक्ति और क्षमता की उन्होंने रूपरेखा पेश की।
इससे पूर्व सोमवार के पूरे दिन के दौरान जापान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हुई बैठक में गुजरात के विजनरी प्रोजेक्ट्स सहित गुजरात के विकास की भविष्य की सम्भावनाओं के सन्दर्भ में श्री मोदी के प्रस्तावों का जापान सरकार ने जबर्दस्त प्रतिभाव दिया। इस वजह से गुजरात और जापान के बीच सहभागिता के दूरगामी और नए क्षितिज आकार लेंगे।
सोमवार का दिन श्री मोदी के लिए व्यस्ततापूर्ण रहा। श्री मोदी ने आज जापान प्रवास में टोकियो के प्रथम दिन जापान सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के मंत्रीयों के साथ गुजरात के विशेष प्रोजेक्ट्स साकार करने में जापान सरकार के सहयोग की भूमिका के सम्बन्ध में तीन फलदायी बैठकें की।जापान के आर्थिक व्यापार और उद्योग मंत्री युकिओ एडानो के साथ (मेटी) : गुजरात के आर्थिक विकास से प्रभावित मेटी श्री एडानो के साथ हुई बैठक में श्री मोदी ने डीएमआईसी प्रोजेक्ट, दिल्ली- मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को वाया अहमदाबाद से धोलेरा- भावनगर- कल्पसर तक विस्तृत करने का संकल्प जताया और जापान सरकार गुजरात सरकार के साथ भागीदारी करे यह अपेक्षा जताई। अहमदाबाद- मुम्बई –पूना की सबसे तेज गति की बुलेट ट्रेन और गांधीनगर- अहमदाबाद- धोलेरा मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट जापान की बुलेट ट्रेन मॉडल के आधार पर सार्थक करने का श्री मोदी ने आग्रह किया। कल्पसर और धोलेरा एसआईआर को जापान के मंत्री ने विजनरी प्रोजेक्ट करार दिया। इस सन्दर्भ में कल्पसर और धोलेरा एसआईआर के लिए मुख्यमंत्री श्री मोदी ने ढांचागत सुविधाओं में तकनीकी सहयोग का आग्रह भी किया।
अहमदाबाद में से वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट मेनेजमेंट और धोलेरा में नदियों के फ्लड वाटर चेनेलाइज करने की तकनीक के लिए मुख्यमंत्री ने भूमिका रखी। जापान के दो इंडस्ट्रियल जोन जापान और गुजरात के बीच आर्थिक के साथ ही सांस्कृतिक सम्बन्धों में नई चेतना जगाएंगे। इस सन्दर्भ में श्री मोदी ने गुजरात में जापानी बाषा की क्लासेज शुरु करने में सहयोग की अपेक्षा जताई।
जापान में से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए दहेज में जापान के सहयोग से एशिया के सबसे बड़े डिसेलिनेशन प्लांट को तेजी से आगे बढ़ाने का संकल्प जताया गया। अहमदाबाद में मेटी का सेंटर स्थापित करने के मामले में तथा आगामी वाइब्रेंट गुजरात समिट में जापानी प्रतिनिधिमंडल पार्टनर कंट्री के तौर पर तीसरी बार सहभागी बनेगा। जापान के दो इंडस्ट्रियल जोन निर्माण से जापान के लघु और मध्यम उद्योगों के लिए भी गुजरात में भागीदार बनने के द्वार खुल जाएंगे। यह इस बैठक का केन्द्रबिन्दु रहा।
जापान के जमीन, ढांचागत सुविधाओं, परिवहन और पर्यटन मंत्री युचीरो हाटा के साथ भी श्री मोदी की बैठक अत्यंत फलदायी रही। जापान ने जिस तरह सुनामी की प्राकृतिक आपदा में से उबरकर आर्थिक प्रगति की छलांग लगाई है इसके लिए और गुजरात के साथ भूकम्प में आपत्ति व्यवस्थापन में संवेदना दर्शाने के लिए जापान सरकार और वहां की जनता को शुभकामनाएं दीं। गुजरात और जापान के बीच बुद्ध टूरिज्म के नये क्षेत्रों की उज्जवल सम्भावनाओं की रूपरेखा से जापान सरकार के मंत्री प्रभावित हुए।
जापान की संसद चल रही है इसके बावजूद जापान के मंत्रियों ने श्री मोदी और प्रतिनिधिमंडल सदस्यों का गर्मजोशी से सत्कार किया। श्री मोदी ने अहमदाबाद- टोकियो के बीच हवाई सेवा शुरु करने, डीएमआईसी प्रोजेक्ट के लिए सहयोग द्वारा जापान- गुजरात के बीच परस्पर सहभागिता के सम्बंधों को नया रूप देने की चर्चा का भी जापानी मंत्री ने स्वागत किया।
गुजरात रिन्युएबल एनर्जी में भारत का अग्रिम राज्य रहा है ऐसे में गुजरात की भूमि पर जापान की सरकार को रिन्युएबल एनर्जी में रिसर्च के लिए गुजरात के साथ भागीदारी का श्री मोदी ने आमंत्रण दिया।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ श्री मोदी की औपचारिक मुलाकात भी महत्वपूर्ण रही। 2007 में जापान प्रवास के बाद गुजरात के साथ जापान के सम्बन्ध सातत्यपूर्ण और मजबूत बने हैं और बुद्ध के अवशेष से गुजरात की भूमि पर भव्य बौद्ध मन्दिर निर्माण की योजना का भी उन्होंने स्वागत किया। गुजरात में नया जापान खड़ा करें जापान के पास अनुभव और शक्ति है- गुजरात के पास उद्यमशीलता है जापान के पास टेक्नॉलॉजी है गुजरात के पास टेलेंटेड युथ पावर है जापान अनुशासन का पालनकर्ता है गुजरात श्रेष्ठता का पालनकर्ता है
आईये, इन दोनों का समन्वय करें, भारत और जापान के लिए गुजरात में मिनी जापान खड़ा करें.. ( श्री नरेन्द्र मोदी, टोकियो- जेट्रो सेमीनार)