ओजस और तेजस से भरपूर युवाशक्ति का करें निर्माण: श्री मोदी
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चेन्नई की डीएवी स्कूल के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर
श्री मोदी का विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शिक्षण का चिंतन
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मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने २१वीं सदी में भारत की नई पीढ़ी ओजस और तेजस से परिपूर्ण हो, ऐसी शिक्षा प्रणाली की हिमायत की है।चेन्नई के आडम्बाक्कम की दयानन्दा एंग्लो वैडिक स्कूल के २८ वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर श्री मोदी ने गांधीनगर स्थित उनके निवासस्थान से विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ज्ञानयुग में शिक्षा के तमाम स्तरों पर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का संवर्धन करनेवाली शिक्षा प्रणाली में गुणात्मक बदलाव की प्रेरक भूमिका पेश की।
भारत में २०२५ तक ७० प्रतिशत जनशक्ति युवाओं की है, इसको केन्द्र में रखते हुए शिक्षा के माध्यम द्वारा स्किल+विल+जिल=विन का संकल्प साकार करने की श्री मोदी ने अपील की।
डीएवी स्कूल की स्थापना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुरु गोलवलकर जी, दयानन्द सरस्वती जी और स्वामी विवेकानन्द जी के आदर्शों से से प्रभावित हुए आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक वरदराज ने अविरत पुरुषार्थ और नैतिक संकल्प से स्थापित की है। इसमें भारतीय संस्कारों और मूल्यों को समर्पित ६५०० विद्यार्थियों का जीवन निर्माण हो रहा है। इस अवसर पर इस शिक्षा परिसर में दयानन्द सरस्वती कक्ष का नामकरण श्री मोदी ने घोषित किया जिसका उद्घाटन रामकृष्ण मिशन चेन्नई के प्रमुख गौतमानन्दजी ने किया।
मुख्यमंत्री श्री मोदी ने गुजरात में शिक्षा के तमाम स्तरों पर दस वर्ष में जो गुणात्मक बदलाव आए हैं उनकी रूपरेखा पेश की। राज्य में २००१ में ११ युनिवर्सिटियां थी जो आज ४२ हो चुकी हैं और इनमें भी २१वीं सदी के ज्ञानयुग में देश-दुनिया में मानव संसाधन विकास में पथप्रदर्शक टीचर्स युनिवर्सिटी, चिल्ड्रन युनिवर्सिटी, फॉरेंसिक साइंस युनिवर्सिटी, रक्षाशक्ति युनिवर्सिटी, संस्कृत युनिवर्सिटी, पेट्रोलियम युनिवर्सिटी और लॉ युनिवर्सिटी जैसी विशिष्ट युनिवर्सिटियां शामिल हैं जो ज्ञान सम्पदा का उच्च स्तरीय संवर्धन करती हैं।
गुजरात में दस साल में मेडिकल और इंजिनियरिंग टेक्निकल शिक्षा की सुविधा का विराट दायरा खड़ा किया गया है। इसकी जानकारी देते हुए श्री मोदी ने कहा कि इंजिनियरिंग और मैनेजमेंट सेक्टर में सीटों की संख्या २२,००० से बढ़ाकर १.२५ लाख की गई हैं।
देश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्राथमिक स्तर पर कन्या केळवणी और शाला प्रवेशोत्सव के जन आन्दोलन में पूरी सरकार ने शामिल होकर लोगों को प्रेरित किया है। इससे १०० प्रतिशत शाला प्रवेश और कन्या ड्रॉपआउट दर सिर्फ २.०९ प्रतिशत रह गई है। गुणोत्सव अभियान के माध्यम से समग्र देश में सरकारी शालाओं की गुणवता के आधार पर रेंकिंग करने की पहल गुजरात ने की है।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने बौद्धिक संशोधन और उद्यमशीलता की क्षमतावाले युवाओं के लिए आई क्रियेट सेंटर शुरु किए गए हैं। राष्ट्रभक्ति, ईश्वर के प्रति प्रेम, बौद्धिक विकास, संस्कृति, साहित्य और कलाभिव्यक्ति का सामर्थ्य, योग, प्राणायाम, खेलकूद और शारीरिक शिक्षा तथा नागरिक व्यक्तित्व के विकास से परिपूर्ण शिक्षा के लिए मात्र शिक्षण संस्थाओं के संकुल ही नहीं वरन डिस्टेंस लर्निंग एज्युकेशन का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। गुजरात सरकार ने तो एज्युसेट प्रोजेक्ट के तहत ३६ मेगाहर्ट्ज की क्षमतावाली सेटेलाइट तकनीक हासिल कर शिक्षण सेटेलाइट ट्रांसपॉंण्डर अपनाने का फैसला किया है।
समाज के सम्पन्न वर्गों ही नहीं बल्कि गरीब और वंचित वर्ग के बालकों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके और उनमें सांस्कृतिक, खेलकूद और बौद्धिक कौशल्य का विकास हो इसके लिए स्क़ोप का कोर्स भी शुरु किया है जो अंग्रेजी में बातचीत का कौशल सिखाता है। स्वामी विवेकानन्द की १५० वीं जयंति के वर्ष को युवाशक्ति वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है इस सिलसिले में हुनर कौशल्य की तालीम के लिए स्कील डवलपमेंट सेंटर शुरु किए गए हैं। श्री मोदी ने वरदराजन की शिक्षा के लिए की जा रही इस साधना को प्रेरक करार दिया।