भावनगर के मेरे नागरिक भाईयों और बहनों... आज भावनगर की धरती पर त्रिविध संगम है. राज्य सरकार की ओर से राज्य के गणतंत्र दिवस पर्व का उत्सव भावनगर की धरती पर मनाने का निर्णय किया गया. भावनगर को इसलिए पसंद किया गया क्योंकि इस धरती के दो महान पुत्र, जो आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरणा दे सके ऐसा जीवन जी गए हैं, ऐसे प्रजा वत्सल राजवी कृष्ण कुमार सिंहजी की शताब्दी और ज्ञान एवं प्रबन्ध के भंडार ऐसे प्रभाशंकर पट्टनीजी के 150 वर्ष. एक ऐसा अपूर्व अवसर जिसे गणतंत्र दिवस पर्व के साथ जोड़कर मना सकें इसलिए राज्य ने भावनगर को पसंद किया.

 

क समय था, 15 अगस्त हो या 26 जनवरी हो, वह लगभग स्कूल के छात्रों का कार्यक्रम बन गया था, उसने सिर्फ एक रिच्युअल का रूप ले लिया था. जैसे हम अपनी ही प्राणशक्ति खो चुके थे. हमने पिछले कुछ वर्षों से इस समग्र उत्सव को प्राणवान बनाए, प्रजावान बनाये, लोकशक्ति के जागरण के अवसर बनाए. यह अनमोल आज़ादी सिर्फ मतदान करने का कार्यक्रम नहीं है, समग्र मानवजाति के कल्याण के लिए इस भारत भूमि की किसी जिम्मेदारी का निर्वाह करने का है और अगर जिम्मेदारी का निर्वाह करने की बात हो तो यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है. स्वामि विवेकानंद ने स्वप्न देखा था कि ‘मैं मेरी भारत माता को देदीप्यमान अवस्था में देख रहा हूँ, विश्वगुरु के स्थान पर बिराजीत देख रहा हूँ’. हम सबको मिलकर स्वामि विवेकानंद के उस स्वप्न को साकार करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ, एक प्रजाजन के रूप में, संयुक्त रूप से प्रयास करने होंगे, पराक्रमी बनना होगा. पुरुषार्थ और पराक्रम की पराकाष्ठा स्वामि विवेकानंदजी के स्वप्न को साकार कर सकती है. और इस जागरण के लिए निरंतर ऐसे अवसरों द्वारा हमने लोकशक्ति को विकास यात्रा में जोड़कर यह भारत माता देदीप्यमान बने उस दिशा में प्रयास आरम्भ किया. हमने अवसरों को विकास के पर्व बनाए हैं. कई लोग मुझे कहते हैं कि साहब, दिवाली आने वाली हो और हम अपना घर जैसे साफ़-सुथरा करते हैं, वैसे ही इस 26 जनवरी पर हम पूरे भावनगर की सफाई करते हैं. आपको खुशी होती है लेकिन मुझे दुख होता है. कारण, फिर आप मुझे कहोगे कि साहब, अब फिर से 15 अगस्त या 26 जनवरी यहाँ कब लाओगे? ताकि हमारी सफ़ाई हो..! भाईयों-बहनों, एक नागरिक के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम अब भावनगर को ऐसा ही साफ़-सुथरा रखें, एक नागरिक के रूप में हमारा कर्तव्य बनता है. शुरूआत वहीं से होती है. कदम कदम पर हम महात्मा गाँधीजी को याद करते हैं लेकिन महात्मा गाँधीजी को अगर सच्ची श्रद्धांजलि देनी हो तो मैं कहता हूँ कि स्वच्छता का आग्रह, स्वच्छता का अमल, स्वच्छ जीकर दिखाना... महात्मा गाँधीजी को उस से बड़ी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती. कितना टन कचरा उठाया... वह कचरा गाँधीनगर से फेंकने मैं नहीं आया था भाई, लेकिन साफ करने के लिए मुझे आना पड़ा..! यह परिवर्तन हमें लाना पड़ेगा, हमारे स्वभाव में लाना पड़ेगा. आज जब विश्व में इक्कीसवीं सदी को हिंदुस्तान की सदी; भारत की सदी के रूप में देखा जाता है तब इस महत्वपूर्ण मामले की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए.

भाईयों-बहनों, हमने इस अवसर को पर्व बनाया है तब पिछले एक महीने में भावनगर शहर और भावनगर जिले में विकास के अनेक कार्यों के शिलान्यास हुए, विकास के अनेक कार्यों के लोकार्पण किए, विकास के अनेक नये कार्यों के आयोजन किए. आमतौर पर अगर कार्य सरकार की आदत के अनुसार होते हैं तो कागज़ात घूमते ही रहते हैं, फ़ाइलें चलती ही रहती हैं... देढ़-दो साल निकल जाते हैं, वही कार्य इस 26 जनवरी के मौके पर हफ्ते, दस दिन या पंद्रह दिनों में यहाँ भावनगर की धरती पर उतार दिये गए. सारे विकास के कार्यों में तेज़ी आती है. और इस अवसर पर 140 करोड़ रुपयों के विकास कार्यों के लोकार्पण हुए, इस एक महिने में. इसी समय के दौरान लगभग 155 करोड़ रुपयों के नए कार्यों के खात-मुहुर्त हुए, इसी समय के दौरान 424 करोड़ रुपयों के विकास के नये कार्यक्रमों के आयोजन हुए. आप सोच सकते हो कि 26 जनवरी के अवसर पर विकास के कार्यों को कैसी गति दी जा सकती है, और उसके कारण प्रजा की भागीदारी भी बढ़ती है. एक पर्व प्रजा को कैसी प्रेरणा दे सकता है उसका समग्र हिंदुस्तान में हमने प्रतिमान स्थापित किया है.

 

भाईयों-बहनों, गुजरात एक छोटा सा राज्य है. 26 जनवरी की परेड को दिल्ली में पूरा देश देखने आता है. और दिल्ली के बाद अगर कहीं 26 जनवरी मनाई जाती हो और देश का ध्यान आकर्षित करती हो तो वह गुजरात की धरती पर मनाई जाती है, हमने ऐसी स्थिति खड़ी कर दी है. आज़ादी के दिवानों ने, आज़ादी के लिए मर-मिटने वाले महापुरुषों ने कित-कितने सपने संजोकर इस देश को हमारे सुप्रत किया था. उन्होंने कितने कष्ट उठाये थे, फांसी के तख़्ते को शोभायमान किया था, जिंदगी की जवानी जेलों में खपा दी थी. सिर्फ इसलिए कि भारत माता आज़ाद हो..! उन्होंने आज़ाद हिंदुस्तान हमारे सुप्रत किया था. उस स्वराज्य को सुराज्य में परिवर्तित करना इस देश के 120 करोड़ नागरिकों की जिम्मेदारी है. छ: करोड़ गुजरातीयों ने गुजरात को उस दिशा में आगे बढ़ाकर उदाहरणीय कार्य करने की पहल की है. उसे आगे बढ़ाना ही हमारा प्रयास है.

भाईयों-बहनों, आज जब 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आपके बीच आया हूँ तब, जब कृष्ण कुमार सिंहजी की शताब्दी मना रहे हैं तब, मुझे इस गोहिलवाड को एक नज़राना देकर जाना है. और वह नज़राना है कि अब से भावनगर यूनिवर्सिटी ‘कृष्ण कुमार सिंहजी भावनगर यूनिवर्सिटी’ के नाम से जानी जाएगी और वहाँ पढ़ने वाला प्रत्येक व्यक्ति उस राजवी का महज़ नाम नहीं, उसमें से प्रेरणा लेकर भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए तैयार होगा ऐसी मैं आशा करता हूँ. भाईयों-बहनों, मैंने आज सुबह घोघा में ‘रो-रो फेरी सर्विस' की आधारशिला रखी. पिछले 3-4 दशकों से निलंबित सपने को साकार करने का अवसर मेरे भाग्य में आया है. मेरे लिए आनन्द की घडी है. मैं अच्छी तरह देख सकता हूँ कि कैसे विकास का रूप बदल जाएगा. लेकिन उसके साथ-साथ हमारा अलंग, शिप ब्रेकिंग यार्ड के रूप में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ लेकिन हम वहाँ से आगे बढ़े ही नहीं. कितने दिनों तक तोड़-फोड़ करते रहेंगे, बहुत हो गया भाई..! बहुत शिप तोड़े, बहुत मलबे बेचे... अब मुझे इसे नई दिशा में ले जाना है और इसलिए 175 करोड़ रुपयों से यहाँ मरीन शिप बिल्डिंग यार्ड बनाने के बारे में सरकार ने सोचा है. शिप बनाने का काम यहाँ होगा, यहाँ के नौजवानों के कौशल से समुद्र पार करने का साधन बनेगा, उस दिशा में काम करने का सोचा गया है. नवा माढीया में गुजरात औद्योगिक विकास निगम, जी.आई.डी.सी. द्वारा 2300 हेक्टर में एक नई औद्योगिक वसाहत बनाई जायेगी, जिसके कारण लघु उद्योगों को, नौजवानों को नए रोजगार के अवसर मिल सकें, यह काम किया जाएगा. भाईयों-बहनों, गुजरात में बहुत तेजी से शहरीकरण होता जा रहा है. हिंदुस्तान के अर्बनाइझेशन की मात्रा की तुलना में गुजरात के अर्बनाइझेशन की मात्रा अधिक है. बहुत निकट भविष्य में इस राज्य की 50-55% जनता गिने-चुने शहरों में रह रही होगी. भाईयों-बहनों, जैसे मनुष्य को फेफड़ों की आवश्यकता होती है, वैसे ही एक शहर को भी फेफड़ों की जरूरत होती है. यदि शहर को फेफड़े नहीं हैं, तो उस शहर में रहने वाला व्यक्ति कभी स्वस्थ जीवन जी नहीं सकता और भावनगर को मजबूत फेफड़े मिल सके इसलिए ‘विक्टोरिया पार्क’ को रमणीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला किया गया है. भावनगर की ‘न्यू जहांगीर मिल’ की जमीन पर 15 एकड़ विस्तार में आधुनिक जेम्स ऍन्ड ज्वेलरी पार्क का निर्माण करने का आयोजन किया गया है. मित्रों, पूरे विश्व में ज्वेलरी का बहुत बड़ा मार्केट है फिर भी भारत दुनिया के बाजार में नगण्य अवस्था में है. उस विश्व के बड़े मार्केट पर कब्जा करना है. और हमारे यहाँ कौशल है. आज भी, आज भी अगर आप थाईलैंड जाओ तो भावनगर के सुनार थाईलैंड में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं. आज भी दुबई में जेम्स ऍन्ड ज्वेलरी का प्रदर्शन हो तो भावनगर और राजकोट के कारीगरों की कलाकृतियाँ दुनिया के बाजार में बिकती हैं. सामर्थ्य बहुत है तो क्यों ऐसा अवसर इस धरती पर न आए..! और इसलिए जेम्स ऍन्ड ज्वेलरी पार्क को इस भूमि पर बनाने का निश्चय किया गया है. भाईयों-बहनों, सदभावना मिशन के दौरान मैंने इस भावनगर में कोई भी घोषणा नहीं की थी, लेकिन आज जब यह अवसर है तब मैं घोषणा करता हूँ कि इस एक साल में, अगली 26 जनवरी से पहले 1900 करोड़ रुपये, भावनगर के विकास के लिए लगभग 2000 करोड़ रुपये. मित्रों, जिस वक्त ये प्रतापभाई और सब विधानसभा में जाते थे तब पूरी सरकार का बजट 2000 करोड़ नहीं था..! आज मैं एक वर्ष में भावनगर जिले में 1900 करोड़ रुपये के विकास के आयोजनों की घोषणा करता हूँ. गारीयाधार और भावनगर की पानी आपूर्ति योजनाओं के लिए लगभग 494 करोड़ रुपये खर्च करेंगे और गारीयाधार और भावनगर शहर की पीने के पानी की समस्या का कायमी निराकरण करने का एक बड़ा बीडा उठाया है. वल्लभीपुर, बोटाद, लींबडी सहित 92 गाँवों और 65,000 हेक्टर जमीन की सिंचाई के लिए नर्मदा नहर-शाखा से संबंधित कार्यों के लिए लगभग 125 करोड़ रुपयों की एक बड़ी राशि किसानों के लिए खर्च करने का आयोजन है. भाईयों-बहनों, बोटाद, गोमा, सुखभादर डैम, कृष्णसागर तालाब को जोड़ती नर्मदा नहर-शाखा से पाइपलाइन के द्वारा 8600 हेक्टर में सिंचाई की सुविधा के लिए इसमें से लगभग 225 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा. भाईयों-बहनों, 1900 करोड़ रुपए के साथ-साथ, आज जब गणतंत्र दिवस यहाँ मनाया जा रहा है तब, भावनगर शहर के लिए अतिरिक्त 1 करोड़ रुपए, भावनगर जिले के लिए 1 करोड़ रुपए और भावनगर जिले के नगर निगमों के लिए 1 करोड़ रुपए, इस तरह 3 करोड़ रुपयों के चैक मैं यहीं से देकर जाउँगा.

भाईयों-बहनों, यह गणतंत्र दिवस हम मना रहे हैं तब गणतंत्र दिवस का अगला दिन समग्र देश में ‘मतदाता जागृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. लोकशाही में नागरिकों का मूल्य विशेष होता है लेकिन दुर्भाग्यवश हमारे देश में लोकशाही का अर्थ बहुत सीमित रह गया है. हर पाँच साल पर मत दे देते हैं और किसी को कॉन्ट्राक्ट दे देते हैं कि लो, पाँच साल में इतना कर देना... और न करे तो दूसरी बार किसी और को कॉन्ट्राक्ट दे देते हैं, यही परम्परा स्थापित हो गई है. भाईयों-बहनों, लोकशाही की समग्र विकास यात्रा में लोक भागीदारी चाहिए. केवल बटन दबाने से बात खत्म नहीं हो जाती. प्रत्येक क्षण लोक भागीदारी चाहिए और इसलिए जब हम इस लोक भागीदारी के पर्व को विकास पर्व के रूप में मना कर आगे बढ़ रहे हैं तब, आज समग्र देश ‘मतदार दिवस’ मना रहा है तब, मेरी सब नागरिकों से विनती है कि लोकशाही की सफ़लता के लिए पहली शर्त है कि प्रत्येक पुख्त नागरिक मतदार होना चाहिए और प्रत्येक मतदार को मतदान करना चाहिए तभी लोकशाही फूलती-फलती है. हम इस पर्व को भी मनाएँ और कल के गणतंत्र पर्व को भी मनाएँ. बाबा साहेब आंबेडकर सहित जिन महापुरुषों ने हमें यह संविधान दिया है, इस संविधान ने हमारे समवाय तंत्र की रक्षा करने का वचन दिया है, हम हमारे संघीय ढाँचे की सुरक्षा के लिए शपथ लें. कल जब तिरंगा झंडा लहराएँ तब उस तिरंगे झंडे की साक्षी में हिंदुस्तान के संघीय ढाँचे को आंच नहीं आने देंगे, देश की एकता को खंडित कर सके ऐसे किसी भी पापाचार को चलने नहीं देंगे ऐसे संकल्प के साथ भारत की एकता और अखंडितता के लिए, भारत के संघीय ढाँचे की सुरक्षा, भारत के संघीय ढाँचे की ‘लेदर एंड स्पिरिट’ के साथ रक्षा, उस भाव को प्रकट करें तभी देश को आगे बढ़ाने में राज्य और केन्द्रीय सरकार दोनों साथ मिलकर काम कर सकेंगी. इस संकल्प की पूर्ति के लिए तिरंगा झंडा हमें आशीर्वाद दे, संविधान के निर्माता हमें आशीर्वाद दें और उनकी भावनाओं को लेकर हम आगे बढ़ें.

ज मेरे इस कार्यक्रम के बाद ‘भावसभर भावनगर’ के अंश हम देखने वाले हैं. और हमारे युवक सेवा और सांस्कृतिक प्रवृत्ति के मित्रों, श्री भाग्येश झा और श्री फकीरभाई वाघेला के नेतृत्व में अनेक परम्पराएँ उदित की गई हैं जैसे कि इस राष्ट्रीय पर्व पर इतिहास जीने का भी अवसर बनाना, ऐतिहासिक घटनाओं को नाटकीय ढंग से नई पीढ़ी को शिक्षित करने का अवसर बनाना. श्रीमान विष्णुभाई पंड्या लगातार इस विषय में संशोधन करते रहते हैं, अनेक ग्रंथों को मथते रहते हैं और नई पीढ़ी को क्या परोसा जा सकता है उसकी आपूर्ति करने का कडी मेहनत से प्रयास करते रहते हैं.

 

स्वामी विवेकानंद ने जो स्वप्न देखा था कि मैं मेरी भारत माता को देदीप्यमान अवस्था में देख रहा हूँ, विश्वगुरु के स्थान पर बिराजीत देख रहा हूँ. स्वामि विवेकानंद के उस स्वप्न को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ, एक प्रजाजन के रूप में हम सब को संयुक्त रूप से प्रयास करना होगा, पराक्रमी बनना होगा. पुरुषार्थ और पराक्रम की पराकाष्ठा ही स्वामि विवेकानंदजी के स्वप्न को साकार कर सकती है.

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भाजपा की डबल इंजन की सरकारें सुशासन का प्रतीक बन रही हैं: जयपुर में पीएम
December 17, 2024
प्रधानमंत्री ने राजस्थान में ऊर्जा, सड़क, रेलवे और जल से संबंधित 46,300 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 24 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आज सुशासन का प्रतीक बन रही हैं
इन 10 वर्षों में हमने देश के लोगों को सुविधाएं प्रदान करने, उनके जीवन से कठिनाइयां कम करने पर बहुत ध्यान दिया है: श्री मोदी
हम समाधान प्रदान करने में विरोध नहीं, बल्कि सहयोग में विश्वास करते हैं: श्री मोदी
मैं वो दिन देख रहा हूं जब राजस्थान में पानी की कमी नहीं होगी, राज्य में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संसाधनों का संरक्षण, पानी की हर बूंद का उपयोग करना केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है
राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं, यह इस क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन सकता है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

गोविन्द की नगरी में गोविन्ददेव जी नै म्हारो घणो- घणो प्रणाम। सबनै म्हारो राम-राम सा!

राजस्थान के गवर्नर श्री हरिभाऊ बागड़े जी, राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी, मध्य प्रदेश से विशेष रूप से आज पधारे हुए हमारे लाडले मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान सी. आर. पाटिल जी, भागीरथ चौधरी जी, राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी जी, प्रेम चंद भैरवा जी, अन्य मंत्रिगण, सांसदगण, राजस्थान के विधायक, अन्य महानुभाव और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। और जो वर्चुअली हमारे साथ जुड़े हुए हैं, राजस्थान की हजारों पंचायतों में एकत्र आए हुए सभी मेरे भाई-बहन।

मैं राजस्थान की जनता को, राजस्थान की भाजपा सरकार को, एक साल पूरा करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इस एक साल की यात्रा के बाद आप जब लाखों की तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए हैं, और मैं उस तरफ देख रहा था जब खुली जीप में आ रहा था, शायद जितने लोग पंडाल में हैं तीन गुना लोग बाहर नजर आ रहे थे। आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए हैं, मेरा भी सौभाग्य है कि मैं आज आपके आशीर्वाद को प्राप्त कर सका। बीते एक वर्ष में राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने में भजनलाल जी और उनकी पूरी टीम ने बहुत परिश्रम किया है। ये पहला वर्ष, एक प्रकार से आने वाले अनेक वर्षों की मज़बूत नींव बना है। और इसलिए, आज का उत्सव सरकार के एक साल पूरा होने तक सीमित नहीं है, ये राजस्थान के फैलते प्रकाश का भी उत्सव है, राजस्थान के विकास का भी उत्सव है।

अभी कुछ दिन पहले ही मैं इंवेस्टर समिट के लिए राजस्थान आया था। देश और दुनियाभर के बड़े-बड़े निवेशक, यहां जुटे थे। अब आज यहां 45-50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगे। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान को देश के सबसे कनेक्टेड राज्यों में से एक बनाएंगे। इससे राजस्थान में निवेश को बल मिलेगा, रोजगार के अनगिनत अवसर बनेंगे। राजस्थान के टूरिज्म को, यहां के किसानों को, मेरे नौजवानों साथियों को इससे बहुत फायदा होगा।

साथियों,

आज भाजपा की डबल इंजन की सरकारें सुशासन का प्रतीक बन रही हैं। भाजपा जो भी संकल्प लेती है, वो पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती है। आज देश के लोग कह रहे हैं कि भाजपा, सुशासन की गारंटी है। और तभी तो एक के बाद, एक के बाद एक राज्यों में आज भाजपा को इतना भारी जन-समर्थन मिल रहा है। देश ने लोकसभा में भाजपा को लगातार तीसरी बार देश की सेवा करने का अवसर दिया है। बीते 60 सालों में हिन्दुस्तान में ऐसा नहीं हुआ। 60 साल के बाद भारत की जनता ने तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाई है, लगातार तीसरी बार। हमे देशवासियों की सेवा करने का अवसर दिया है, आशीर्वाद दिए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही, महाराष्ट्र में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। और चुनाव नतीजों के हिसाब से देखें तो वहां भी ये लगातार तीसरी बार बहुमत मिला है। वहां भी पहले से कहीं अधिक सीटें भाजपा को मिली हैं। इससे पहले हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। हरियाणा में भी पहले से भी ज्यादा बहुमत लोगों ने हमें दिया है। अभी-अभी राजस्थान के उपचुनाव में भी हमने देखा है कि कैसे भाजपा को लोगों ने ज़बरदस्त समर्थन दिया है। ये दिखाता है कि भाजपा के काम और भाजपा के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर आज जनता-जनार्दन का कितना विश्वास है।

साथियों,

राजस्थान तो वो राज्य है जिसकी सेवा का भाजपा को लंबे समय से सौभाग्य मिलता रहा है। पहले भैरों सिंह शेखावत जी ने, राजस्थान में विकास की एक सशक्त नींव रखी। उनसे वसुंधरा राजे जी ने कमान ली और सुशासन की विरासत को आगे बढ़ाया, और अब भजन लाल जी की सरकार, सुशासन की इस धरोहर को और समृद्ध करने में जुटी है। बीते एक वर्ष के कार्यकाल में इसी की छाप दिखती है, इसी की छवि दिखती है।

साथियों,

बीते एक वर्ष के दौरान क्या-क्या काम हुए हैं, उसके बारे में विस्तार से यहां कहा गया है। विशेष रूप से गरीब परिवारों, माताओं-बहनों-बेटियों, श्रमिकों, विश्वकर्मा साथियों, घूमंतु परिवारों के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं। यहां के नौजवानों के साथ पिछली कांग्रेस सरकार ने बहुत अन्याय किया था। पेपरलीक और भर्तियों में घोटाला, ये राजस्थान की पहचान बन चुकी थी। भाजपा सरकार ने आते ही इसकी जांच शुरु की और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने यहां एक साल में हज़ारों भर्तियां भी निकालीं हैं। यहां पूरी पारदर्शिता से परीक्षाएं भी हुई हैं, नियुक्तियां भी हो रही हैं। पिछली सरकार के दौरान राजस्थान के लोगों को, बाकि राज्यों की तुलना में महंगा पेट्रोल-डीज़ल खरीदना पड़ता था। यहां भाजपा सरकार बनते ही, राजस्थान के मेरे भाइयों-बहनों को राहत मिली। केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे भेजती है। अब डबल इंजन की राजस्थान भाजपा सरकार उसमें इजाफा करके, अतिरिक्त पैसे जोड़कर किसानों को मदद पहुंचा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कामों को भी यहां डबल इंजन की सरकार तेजी से जमीन पर उतार रही है। भाजपा ने जो वायदे किए थे, उन्हें वो तेजी से पूरा कर रही है। आज का ये कार्यक्रम भी इसी की एक अहम कड़ी है।

साथियों,

राजस्थान के लोगों के आशीर्वाद से, बीते 10 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार है। इन 10 सालों में हमने देश के लोगों को सुविधाएं देने, उनके जीवन से मुश्किलें कम करने पर बहुत जोर दिया है। आजादी के बाद के 5-6 दशकों में कांग्रेस ने जो काम किया, उससे ज्यादा काम हमने 10 साल में करके दिखाया है। आप राजस्थान का ही उदाहरण लीजिए...पानी का महत्व राजस्थान से बेहतर भला कौन समझ सकता है। यहां कई क्षेत्रों में इतना भंयकर सूखा पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के ऐसे ही समंदर में बहता चला जा रहा है। और इसलिए ही जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी, तो अटल जी ने नदियों को जोड़ने का विजन रखा था। उन्होंने इसके लिए एक विशेष कमेटी भी बनाई। मकसद यही था कि जिन नदियों में ज़रूरत से ज्यादा पानी है, समुद्र में बह रहा है, उसको सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके। इससे बाढ़ की समस्या और दूसरी तरफ सूखे की समस्या, दोनों का समाधान संभव था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके समर्थन में कई बार अपनी बातें बताई हैं। लेकिन कांग्रेस कभी आपके जीवन से पानी की मुश्किलें कम नहीं करना चाहती। हमारी नदियों का पानी बहकर सीमापार चला जाता था, लेकिन हमारे किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता था। कांग्रेस, समाधान के बजाय, राज्यों के बीच जल-विवाद को ही बढ़ावा देती रही। राजस्थान ने तो इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगता है, यहां की माताओं-बहनों ने भुगता है, यहां के किसानों ने भुगता है।

मुझे याद है, मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करता था, तब वहां सरदार सरोवर डेम पूरा हुआ, मां नर्मदा का पानी गुजरात के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने का बड़ा अभियान चलाया, कच्छ में सीमा तक पानी ले गए। लेकिन तब उसे रोकने के लिए भी कांग्रेस द्वारा और कुछ NGO के द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए। लेकिन हम पानी का महत्व समझते थे। और मेरे लिए तो मैं कहता हूं पानी पारस है, जैसे पारस लोहे को स्पर्श करे और लोहा सोना हो जाता है, वैसा पानी जहां भी स्पर्श करे वो एक नई ऊर्जा और शक्ति को जन्म दे देता है।

साथियों,

पानी पहुंचाने के लिए, इस लक्ष्य पर मैं लगातारे काम करता रहा, विरोधों को झेलता रहा, आलोचनाएं सहता रहा, लेकिन पानी के महत्मय को समझता था। नर्मदा के पानी का लाभ सिर्फ गुजरात को ही मिले इतना नहीं नर्मदा जी का पानी राजस्थान को भी इसका फायदा हो। और कभी कोई तनाव नहीं, कोई रुकावट नहीं, कोई मेमोरेंडम नहीं, आंदोलन नहीं जैसे ही डेम का काम पूरा हुआ, और गुजरात को हो जाए उसके बाद राजस्थान को देंगे वो भी नहीं, एक साथ गुजरात में भी पानी पहुंचाना, उसी समय राजस्थान को भी पानी पहुंचाना, ये काम हमने शुरू किया। और मुझे याद है जिस समय नर्मदा जी का पानी राजस्थान में पहुंचा राजस्थान के जीवन में एक उमंग और उत्साह था। और उसके कुछ दिन बाद अचानक मैं, मुख्यमंत्री के कार्यालय में मैसेज आया कि भैरों सिंह जी शेखावत और जसवंत सिंह जी वो गुजरात आए हैं और मुख्यमंत्री जी को मिलना चाहते हैं। अब मुझे पता नहीं था वो आए हैं, किस काम के लिए आए हैं। लेकिन वो मेरे दफ्तर आए, मैंने पूछा कैसे आना हुआ, क्यों...नहीं बोले कोई काम नहीं था, आपको मिलने आए हैं। मेरे वरिष्ठ नेता थे दोनों, भैरों सिंह जी की तो उंगली पकड़कर के हम कई लोग बड़े हुए हैं। और वो आकर के मेरे सामने बैठ नहीं हैं, वो मेरा सम्मान करना चाहते थे, मैं भी थोड़ा भौचक्का था। लेकिन उन्होंने मेरा मान-सम्मान तो किया, पर वो दोनों इतने भावुक थे, उनकी आंखें नम हो गई थी। और उन्होंने कहा मोदी जी आपको पता है पानी देने का मतलब क्या होता है, आप इतनी सहज-सरलता से गुजरात नर्मदा का पानी राजस्थान को दें दें, ये बाले, ये मेरे मन को छू गया। और इसीलिए करोड़ राजस्थान वासियों की भावना को प्रकट करने के लिए आज मैं आपके दफ्तर तक चला आया हूं।

साथियों,

पानी में कितना सामर्थ्य होता है इसका एक अनुभव था। और मुझे खुशी है कि माता नर्मदा आज जालौर, बाड़मेर, चूरु, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, हनुमानगढ़, ऐसे कितने ही जिलों को नर्मदा का पानी मिल रहा है।

साथियों,

हमारे यहां कहा जाता था कि नर्मदा जी में स्नान करें, नर्मदा जी की परिक्रमा करें तो अनेक पीढ़ी का पाप धुलकर के पुण्य प्राप्त होता है। लेकिन विज्ञान का कमाल देखिए, कभी हम माता नर्मदा की परिक्रमा करने जाते थे, आज स्वयं माता नर्मदा परिक्रमा करने के लिए निकली है और हनुमानगढ़ तक चली जाती है।

साथियों,

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना...ERCP को कांग्रेस ने कितना लटकाया, ये भी कांग्रेस की नीयत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ये किसानों के नाम पर बातें बड़ी-बड़ी करते हैं। लेकिन किसानों के लिए ना खुद कुछ करते हैं और ना ही दूसरों को करने देते हैं। भाजपा की नीति, विवाद की नहीं संवाद की है। हम विरोध में नहीं, सहयोग में विश्वास करते हैं। हम व्यवधान में नहीं, समाधान पर यकीन करते हैं। इसलिए हमारी सरकार ने, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को स्वीकृत भी किया है और विस्तार भी किया है। जैसे ही एमपी और राजस्थान में भाजपा सरकार बनी तो, पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, एमपीकेसी लिंक परियोजना पर समझौता हो गया।

ये जो तस्वीर आप देख रहे थे ना, केंद्र के जल मंत्री और दो राज्यों के मुख्यमंत्री, ये तस्वीर सामान्य नहीं है। आने वाले दशकों तक हिंदुस्तान के हर कोने में ये तस्वीर राजनेताओं को सवाल पूछेगी, हर राज्य को पूछा जाएगा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान मिलकर पानी की समस्या को, नदी के पानी के समझौते को आगे बढ़ा सकते हैं, तुम ऐसी कौन-सी राजनीति कर रहे हो कि पानी समु्द्र में बह रहा है तब तुम एक कागज पर हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे हो। ये तस्वीर, ये तस्वीर पूरा देश आने वाले दश्कों तक देखने वाला है। ये जो जलाभिषेक हो रहा था ना, ये दृश्य भी मैं सामान्य दृश्य नहीं देखता हूं। देश का भला करने के लिए सोचने वाले विचार से काम करने वाले लोग उनको जब सेवा करने का मौका मिलता है तो कोई मध्य प्रदेश का पानी लेकर आता है, कोई राजस्थान का पानी लेकर आता है, उन पानी का इकट्ठा किया जाता है और मेरे राजस्थान को सुजलाम-सुफलाम बनाने के लिए पुरूषार्थ की परंपरा शुरू कर दी जाती है। ये असाधाारण दिखता है, एक साल का उत्सव तो है ही लेकिन आने वाली सदियों का उज्जवल भविष्य आज इस मंच से लिखा जा रहा है। इस परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा।

साथियों,

नदियों को जोड़ने की ताकत क्या होती है वो मैं गुजरात में करके आया हूं। नर्मदा का पानी गुजरात की अलग-अलग नदियों से जोड़ा गया। आप कभी अहमदाबाद जाते हैं तो साबरमती नदी देखते हैं। आज से 20 साल पहले किसी बच्चें को अगर कहा जाए तुम साबरमती के ऊपर निबंध लिखो। तो वो लिखता की साबरमती में सर्कस के तंबू लगते हैं। बहुत अच्छे सर्कस के शो होते हैं। साबरमती में क्रिकेट खेलने का मजा आता है। साबरमती में बहुत अच्छी मिट्टी धूल होती रहती है। क्योंकि साबरमती में पानी देखा नहीं था। आज नर्मदा के पानी से साबरमती जिंदा हो गई और अहमदाबाद में रिवर front आप देख रहे हैं। ये नदियों को जोड़ने से ये ताकत है और मैं राजस्थान का वैसा ही सुंदर दृश्य मेरी आंखों में कल्पना कर सकता हूं।

साथियों,

मैं वो दिन देख रहा हूं जब राजस्थान में पानी की कमी नहीं होगी, राजस्थान में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, इससे राजस्थान के 21 जिलों में सिंचाई का पानी भी मिलेगा और पेयजल भी पहुंचेगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश, दोनों के विकास में तेजी आएगी।

साथियों,

आज ही ईसरदा लिंक परियोजना का भी शिलान्यास हुआ है। ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने पर भी आज समझौता हुआ है। इस पानी से, इस समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा। मुझे विश्वास है कि राजस्थान में भी जल्द से जल्द शत-प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचेगा।

साथियों,

हमारे सीआर पाटिल जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। अभी ज्यादा उसकी मीडिया में और बाहर चर्चा कम है। लेकिन मैं उसकी ताकत भलिभांति समझता हूं। जनभागीदारी से अभियान चलाया गया है। Rain water harvesting के लिए recharging wells बनाये जा रहे हैं। शायद आपाको भी पता नहीं होगा, लेकिन मुझे बताया गया कि जनभागीदारी से राजस्थान में आज daily rain harvesting structure तैयार हो रहे हैं। भारत के जिन राज्यों में पानी की किल्लत है, उन राज्यों में पिछले कुछ महीनों में अब तक करीब-करीब तीन लाख rain harvesting structures बन चुके हैं। मैं पक्का मानता हूं कि वर्षा के पानी को बचाने का ये प्रयास आने वाले दिनों में हमारी इस धरती मां की प्यास को बुझाएगा। और यहां बैठा हुआ हिन्दुस्तान में बैठा हुआ कोई भी बेटा, कोई भी बेटी कभी भी अपनी धरती मां को प्यासा रखना नहीं चाहेगा। जो प्यास की तड़प हमें होती है, वो प्यास हमें जितना परेशान करती है, वो प्यास उतना ही हमारी धरती मां को परेशान करती है। और इसलिए इस धरती की संतान के नाते हम सबका दायित्व बनता है कि हम अपनी धरती मां की प्यास बुझाएं। वर्षा के एक एक बूंद पानी को धरती मां की प्यास बुझाने के लिए काम लाए। और एक बार धरती मां का आशीर्वाद मिल गया ना फिर दुनिया की कोई ताकत हमें पीछे नहीं रख सकती।

मुझे याद है गुजरात में एक जैन महात्मा हुआ करते थे। करीब 100 साल पहले उन्होंने लिखा था, बुद्धि सागर जी महाराज थे, जैन मुनि थे। उनहोंने करीब 100 साल पहले लिखा था और उस समय शायद कोई पढ़ता तो उनकी बातों में विश्वास नहीं करता। उन्होंने लिखा था 100 साल पहले – एक दिन ऐसा आएगा जब किराने की दुकान में पीने का पानी बिकेगा। 100 साल पहले लिखा था आज हम किराने की दुकान से बिस्लेरी की बॉटल खरीदकर पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं, 100 साल पहले कहा गया था।

साथियों,

ये दर्द भरी दास्तां है। हमारे पूवर्जों ने हमें विरासत में बहुत कुछ दिया है। अब हमारा दायित्व है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को पानी के अभाव में मरने के लिए मजबूर न करें। हम उन्हें सुजलाम सुफलाम ये हमारी धरती माता, हमारी आने वाली पीढ़ियों को सुपुर्द करें। और उसी पवित्र कार्य को करने की दिशा में, मैं आज मध्यप्रदेश सरकार को बधाई देता हूं। मैं मध्य प्रदेश की जनता को बधाई देता हूं। मैं राजस्थान की सरकार और राजस्थान की जनता को बधाई देता हूं। अब हमारा काम है कि बिना रुकावट इस काम को हम आगे बढ़ाएं। जहां जरूरत पड़े, जिस इलाके से ये योजना बनती है। लोग सामने से आकर के समर्थन करें। तब समय से पहले योजनाएं पूरी हो सकती हैं और इस पूरे राजस्थान का भाग्य बदल सकता है।

साथियों,

21वीं सदी के भारत के लिए नारी का सशक्त होना बहुत जरूरी है। भई वो कैमरा, कैमरा को शौक इतना है कि उनका उत्साह बढ़ गया है। जरा वो कैमरा वाले को जरा दूसरी तरफ ले जाइये, वो थक जाएंगे।

साथियों,

आपका ये प्यार मेरे सर आंखों पर मैं आपका आभारी हूं इस उमंग और उत्साह के लिए साथियों नारीशक्ति का सामर्थ्य क्या है, ये हमने विमन सेल्फ हेल्प ग्रुप स्वयं सहायता समूह के आंदोलन में देखा है। बीते दशक में देश की 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं। इनमें राजस्थान की भी लाखों बहनें शामिल हैं। इन समूहों से जुड़ी बहनें, उनको मजबूत बनाने के लिए भाजपा सरकार ने दिन रात मेहनत की है। हमारी सरकार ने इन समूहों को पहले बैंकों से जोड़ा, फिर बैंकों से मिलने वाली मदद को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया। हमने उन्हें मदद के तौर पर करीब 8 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। हमने उन्हें ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई है। महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप में बने सामानों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराए।

आज इसी का नतीजा है कि ये सेल्फ हेल्प ग्रुप, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बने हैं। और मेरे लिए खुशी है, मैं यहा आ रहा था सारे ब्लॉक के ब्लॉक माताओं बहनों से भरे हुए हैं। और इतना उमंग इतना उत्साह। अब हमारी सरकार, सेल्फ हेल्प ग्रुप की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने पर काम कर रही है। मुझे खुशी है कि करीब सवा करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। यानि इन्हें साल में एक लाख रुपए से ज्यादा की कमाई होने लगी है।

साथियों,

नारी शक्ति को मजबूत करने के लिए हम अनेक नई योजनाएं बना रहे हैं। अब जैसे नमो ड्रोन दीदी योजना है। इसके तहत हजारों बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है। हज़ारों समूहों को ड्रोन मिल भी चुके हैं। बहनें ड्रोन के माध्यम से खेती कर रही हैं, उससे कमाई भी कर रही हैं। राजस्थान सरकार भी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास कर रही है।

साथियों,

हाल में ही हमने बहनों-बेटियों के लिए एक और बड़ी योजना शुरु की है। ये योजना है बीमा सखी स्कीम। इसके तहत, गांवों में बहनों-बेटियों को बीमा के काम से जोड़ा जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत प्रारंभिक वर्षों में जब तक उनका काम जमें नहीं उनको कुद राशि मानदंड के रूप में दी जाएगी। इसके तहत बहनों को पैसा भी मिलेगा और साथ साथ देश की सेवा करने का अवसर भी मिलेगा। हमने देखा है कि हमारी जो बैंक सखियां हैं, उन्होंने कितना बड़ा कमाल किया है। देश के कोने-कोने तक, गांव-गांव में हमारी बैंक सखियों ने बैंक सेवाएं पहुंचा दी है, खाते खुलवाए हैं, लोन की सुविधाओं से लोगों को जोड़ा है। अब बीमा सखियां, भी भारत के हर परिवार को बीमा की सुविधा से जोड़ने में मदद करेंगी। जरा ये जो कैमरामेन है उनको मेरी रिक्वेस्ट है कि आप अपना कैमरा दूसरी तरफ मोड़िये प्लीज, यहां लाखों लोग हैं उनकी तरफ ले जाइये ना।

साथियों,

भाजपा सरकार का निरंतर प्रयास है कि गांव की आर्थिक स्थिति बेहतर हो। ये विकसित भारत बनाने के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए गांव में कमाई के, रोजगार के हर साधन पर हम बल दे रहे हैं। राजस्थान में बिजली के क्षेत्र में अनेक समझौते यहां भाजपा सरकार ने किए हैं। इनका सबसे अधिक फायदा हमारे किसानों को होने वाला है। राजस्थान सरकार की योजना है कि यहां के किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध हो सके। किसान को रात में सिंचाई की मजबूरी से मुक्ति मिले, ये इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है।

साथियों,

राजस्थान में सौर ऊर्जा की पर्याप्त संभावनाएं हैं। राजस्थान इस मामले में देश का सबसे आगे रहने वाला राज्य बन सकता है। हमारी सरकार ने सौर ऊर्जा को आपका बिजली बिल ज़ीरो करने का माध्यम भी बनाया है। केंद्र सरकार, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना चला रही है। इसके तहत घर की छत पर सौलर पैनल लगाने के लिए करीब करीब 75-80 हज़ार रुपए की मदद केंद्र सरकार दे रही है। इससे जो बिजली पैदा होगी, वो आप उपयोग करें और आपकी जरूरत से ज्यादा है, तो आप बिजली बेच सकते हैं और सरकार वो बिजली खरीदेगी भी। मुझे खुशी है कि अब तक देश के 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना के लिए रजिस्टर करा चुके हैं। बहुत ही कम समय में करीब 7 लाख लोगों के घरों में सोलर पैनल सिस्टम लग चुका है। इसमें राजस्थान के भी 20 हज़ार से अधिक घर शामिल हैं। इन घरों में सोलर बिजली पैदा होनी शुरू हो चुकी है और लोगों के पैसे भी बचने शुरू हो गए हैं।

साथियों,

घर की छत पर ही नहीं, खेत में भी सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। पीएम कुसुम योजना के तहत, राजस्थान सरकार आने वाले समय में सैकड़ों नए सोलर प्लांट्स लगाने जा रही है। जब हर परिवार ऊर्जादाता होगा, हर किसान ऊर्जादाता होगा, तो बिजली से कमाई भी होगी, हर परिवार की आय भी बढ़ेगी।

साथियों,

राजस्थान को रोड, रेल और हवाई यात्रा में सबसे कनेक्टेड राज्य बनाना, ये हमारा संकल्प है। हमारा राजस्थान,दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों के बीच में स्थित है। ये राजस्थान के लोगों के लिए, यहां के नौजवानों के लिए बहुत बड़ा अवसर है। इन तीन शहरों को राजस्थान से जोड़ने वाला जो नया एक्सप्रेसवे बन रहा है, ये देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेसवे में से एक है। मेज नदी पर बड़ा पुल बनने से, सवाईमाधोपुर, बूंदी, टोंक और कोटा जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के किसानों के लिए दिल्ली, मुंबई और वड़ोदरा की बड़ी मंडियों, बड़े बाज़ारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे जयपुर और रणथंभौर टाइगर रिजर्व तक पर्यटकों के लिए पहुँचना भी आसान हो जाएगा। हम सभी जानते हैं कि आज के समय में, समय की बहुत कीमत है। लोगों का समय बचे, उनकी सहूलियत बढ़े, यही हम सभी का प्रयास है।

साथियों,

जामनगर - अमृतसर इकोनामिक कॉरिडोर जब दिल्ली-अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा तो राजस्थान को मां वैष्णो देवी धाम से कनेक्ट करेगा। इससे उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क बनेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट से जुड़े सेक्टर को होगा, यहां बड़े-बड़े वेयर हाउस बनेंगे। इनमें ज्यादा काम राजस्थान के नौजवानों को मिलेगा।

साथियों,

जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है। इससे शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। जोधपुर आने वाले पर्यटकों, व्यापारियों-कारोबारियों को इससे बहुत सुविधा होगी।

साथियों,

आज यहां इस कार्यक्रम में हजारों भाजपा कार्यकर्ता भी मेरे सामने मौजूद हैं। उनके परिश्रम से ही हम आज का ये दिन देख रहे हैं। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से कुछ आग्रह भी करना चाहता हूं। भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल तो है ही, भाजपा एक विराट सामाजिक आंदोलन भी है। भाजपा के लिए दल से बड़ा देश है। हर भाजपा कार्यकर्ता, देश के लिए जागरुक और समर्पित भाव से काम कर रहा है। भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ राजनीति से नहीं जुड़ता,वो सामाजिक समस्याओं के समाधान से भी जुड़ता है। आज हम एक ऐसे कार्यक्रम में आए हैं, जो जल संरक्षण से बहुत गहराई से जुड़ा है। जल संसाधानों का संरक्षण और जल की हर बूंद का सार्थक इस्तेमाल सरकार समेत पूरे समाज की, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। और इसीलिए मैं अपने भाजपा के हर कार्यकर्ता, हर साथी से कहूंगा कि वे भी अपनी रोज की दिनचर्या में जल संरक्षण के काम के लिए अपन कुद समय समर्पित कर दें और बड़ी श्रद्धाभाव से काम करें। माइक्रो इरीगेशन, ड्रिप इरीगेशन से जुड़ें अमृत सरोवर की देखरेख में मदद करें, जल प्रबंधन के साधन बनाएं और जनता को जागरूक भी करें। आप प्राकृतिक खेती नैचुरल फार्मिंग के प्रति भी किसानों को जागरूक करें।

हम सब जानते हैं कि जितने ज्यादा पेड़ होंगे, धरती को पानी का भंडारण करने में उतनी मदद मिलेगी। इसीलिए एक पेड मां के नाम अभियान बहुत मदद कर सकता है। इससे हमारी मां का भी सम्मान बढ़ेगा और धरती मां का भी मान बढ़ेगा। पर्यावरण के लिए ऐसी बहुत से काम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैंने पहले ही पीएम सूर्य घर अभियान की बात कही। बीजेपी के कार्यकर्ता लोगों को सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए जागरुक कर सकते हैं, उन्हें इस योजना और उसके लाभ के विषय में बता सकते हैं। हमारे देश के लोगों का एक स्वभाव है। जब देश देखता है कि किसी अभियान की नीयत सही है, इसकी नीति सही है, तो लोग उसको अपने कंधे पर उठा लेते हैं, इससे जुड़ जाते हैं और खुद को भी एक मिशन के काम से जोड़कर के खपा देते हैं। हमने स्वच्छ भारत में ये देखा है। हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में ये देखा है। मुझे विश्वास है कि हमें पर्यावरण संरक्षण में भी, जल संरक्षण में भी ऐसी ही सफलता मिलेगी।

साथियों,

आज राजस्थान में विकास के जो आधुनिक काम हो रहे हैं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, ये वर्तमान और भावी पीढ़ी सबके काम आएगा। ये विकसित राजस्थान बनाने के काम आएगा और जब राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करेगी। मैं भरोसा देता हूं, कि केंद्र सरकार की तरफ से भी राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। एक बार फिर इतनी बड़ी तादाद में आप लोग आशीर्वाद देने आएं, विशेष रूप से माताएं बहनें आईं, मैं आपका सर झुकाकर के धन्यवाद करता हूं, और आज का ये अवसर आपके कारण है और आज का ये अवसर आपके लिए है। मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं। पूरी शक्ति से दोनों हाथ ऊपर कर मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !