"Shala Praveshotsav and Kanya Kelavani Abhiyan 2013-14 commence"
"Shri Modi travels to Lihoda village to inspire parents to send their children to school"
"CM calls ensuring that children, particularly the girl child goes to school"
"Shri Modi talks about steps taken by Gujarat Government to improve primary education in the last decade"

समाजशक्ति द्वारा गुजरातभर से निरक्षरता और कुपोषण को खत्म किया जाएगा:मुख्यमंत्री

दहेगाम तहसील के तीन गांवों में श्री मोदी ने शिक्षा का दीप प्रगटाया 

कन्या केलवणी अभियान में ग्राम महिला समाज की बेहतर भागीदारी गुजरात का आनेवाला कल शिक्षित और सशक्त बनेगा

शिक्षा के समाज यज्ञ द्वारा गुजरात देश को बीमारी, गरीबी, निरक्षरता से मुक्ति का मार्ग दिखलाएगा 

समाज को अन्धकार में रखकर प्राथमिक शिक्षा की दुर्दशा का पाप भूतकाल की सरकारों ने किया है

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज से समग्र गुजरात में 11 वें कन्या केलवणी- शाला प्रवेशोत्सव के तीन दिवसीय ग्रामीण क्षेत्र के अभियान का नेतृत्व करते हुए गुजरात में से निरक्षरता और कुपोषण को खत्म करने का संकल्प जताया।शिक्षा और संस्कार के इस सामाजिक यज्ञ का नेतृत्व जागृत समाज लेगा तो गुजरात का आनेवाला कल तो शिक्षित बनेगा ही बल्कि समग्र देश को गरीबी, बीमारी और निरक्षरता में से मुक्ति हासिल करने में पथप्रदर्शक बनेगा। यह बात श्री मोदी ने आज प्रथम दिन गांधीनगर जिले की दहेगाम तहसील के तीन गांवों में प्राथमिक शिक्षा की ज्योति प्रगताते हुए कही।

मुख्यमंत्री आज सड़क मार्ग से दहेगाम तहसील के लिहोडा गांव की 106 वर्ष पुरानी शाला में जाकर शाला प्रवेशोत्सव के आनन्द, उमंग में उमड़े ग्रामिणों के साथ सहभागी बने। शाला नामांकन, विभिन्न योग निदर्शन, कन्याओं की कक्षा 8 में प्रवेश विधि, शाला के बालकों को जनभागीदारी से शैक्षणिक साधनों का वितरण और आंगनवाडी, नन्दघर में प्रवेश लेने वाले बालकों को मिठाई का वितरण मुख्यमंत्री ने किया।

शाला में अभ्यास करके कैरियर में यशस्वी बनने वाले पुराने विद्यार्थियों और गांव के सेवानिवृत्त शिक्षकों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। वर्धा के मुवाडा और नान्दोल गांवों में प्राथमिक शिक्षा के इस यज्ञ में भी श्री मोदी की उपस्थिति से ग्रामीण प्रफुल्लित हो गए।तपती गर्मी में गुजरात की पूरी सरकार प्राथमिक शिक्षा के लिए 18,000 गांवों में कड़ा परिश्रम करती है। दस वर्ष से समाज शक्ति और संवेदना को निरक्षरता का कलंक मिटाने के लिए काम में लगाया गया है। दस ही वर्ष में सौ प्रतिशत नामांकन और कन्या केलवणी का भगीरथ अभियान चलाया गया है।

श्री मोदी ने कहा कि कोई गरीब का बालक शिक्षा से वंचित ना रहे, गांव की एक भी बेटी या बेटा निरक्षर ना रहे यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। सरकार ने तो 32,000 जितनी सभी ग्रामीण शालाओं में शिक्षक, वर्गखंड, सेनिटेशन, कम्प्युटर और लाइब्रेरी की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं। अब तो गांव की शाला उत्तम बननी ही चाहिए।

शाला प्रवेशोत्सव में बेटियों को पढ़ाने के लिए अभूतपूर्व उत्साह से उमड़ रही गांव की मातृशक्ति, महिलाशक्ति की जागृति और भागीदारी के संकल्प की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्या केलवणी के लिए इनका संकल्प गुजरात की प्रत्येक बेटी को शिक्षित बनाएगा और यही शिक्षित कन्याएं समाज, परिवार और कुल का आभुषण बनेगी। प्राथमिक शाला और आंगनवाडी दोनों आधारभूत संस्कार- केलवणी के गांव के गौरव हैं। राज्य सरकार ने इनकी गुणवत्ता सुधारने का जनाभियान शुरु किया है। आंगनवाडी के बालकों को जनसहयोग से मिले खिलौनों और साधनों का वितरण करते हुए श्री मोदी ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा के प्रवेशोत्सव का संचालन कर रहे गांव के ही बालकों में व्यक्तित्व विकास और अपार आत्मविश्वास के जो दर्शन हो रहे हैं, वह प्रशंसनीय हैं। गुजरात का आनेवाला कल इन खिलते विकसते बालकों की तेजस्विता से ही सशक्त बनेगा।

इस सरकार की कुपोषण के खिलाफ जंग में भी शिक्षा के तपस्या यज्ञ की तरह जनभागीदारी का सहयोग मिल रहा है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गांव की गरीब माता और शिशु को कुपोषण से मुक्त करने के लिए समाज खुद जागृत हुआ है। गांव के बालक को पोषक आहार मिले इसके लिए डेयरी में दूध का केन भगवान के भाग के तौर पर रखकर बालकओं को पोष्ण देने के सामाजिक दायित्व की अनोखी पहल गुजरात ने की है। ग्राम समाज का इस सरकार पर यह भरोसा विभिन्न स्वरूपों में सक्रिय सामाजिक योगदान को बतलाता है। भूतकाल की सरकारों ने समाज को अन्धेरे में रखकर प्राथमिक शिक्षा की उपेक्षा का पाप किया है। अरबों, खरबों का बजट स्वाहा हो गया इसके बावजूद प्रौढ़ शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा का कलंक आजादी के बाद भी देश की पीढ़ीयों पर लगा है। गुजरात सरकार निरक्षरता के कलंक, बहनों के शौचालयों के अभाव और कुपोषण की पीड़ा में से सभी गांवों को सम्पूर्ण मुक्त करवाने के लिए समाज की भागीदारी को पूरा सहयोग दे रही है। निरक्षर माता और नारी को शर्म से सर झुकाना पड़े यह 21वीं सदी के गुजरात में मंजूर नहीं है। बेटी पराया धन नहीं है, कुल और समाज का आभुषण है। माता शिक्षित होगी तो बालक संस्कारवान बनेगा ही।

प्रत्येक गांव की शाला का जन्मोत्सव पूरा गांव मनाए और अभिभावक शाला में अध्ययनरत उनकी संतानों के भविष्य की परवाह करे। यह प्रेरक आह्वान करते हुए श्री मोदी ने जनशक्ति के सामर्थ्य सेगुजरात को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाने का संकल्प जताया। मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से निकले तब रास्ते में उनका इन्तजार कर रही जनता ने अभूतपूर्व गर्मजोशी से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने शाला प्रवेशोत्सव के आज के शुभारम्भ में शाला में नामांकन करवाने वाले बालकों को शिक्षा सामग्री, खिलौनें और कन्या केलवणी निधि के बॉंन्ड का वितरण भी किया। तीनों गांवों में उन्होंने शाला के वरिष्ठ पूर्व विद्यार्थियों और गांव के वरिष्ठ अग्रणियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर दाताओं द्वारा पुस्तक, खिलौनें और गर्भवती माताओं को सुखडी का वितरण किया। इस मौके पर विधायक अशोक पटेल, गांधीनगर के मेयर महेन्द्र सिंह राणा, गुडा के प्रमुख अशोक भावसार, नैलेश शाह, कल्याण सिंह चौहान, खेलकूद, युवा और सांस्कृतिक मामलों के सचिव भाग्येश झा, बालक, अभिभावक, कलैक्टर बीजी. भट्ट गांव केसर्पंचों सहित भारी तादाद में नागरिक मौजूद रहे।

Watch : Shri Narendra Modi at the Kanya Kelavani and Shala Praveshotsav Programme in, Vardhana Muvada

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।