खेलकूद को समाज जीवन के सहज हिस्से के रूप में स्वीकार करें – श्री मोदी
२१ खेलों में भाग लेने के लिए रिकॉर्ड २१ लाख खिलाड़ियों ने कराया नाम दर्ज
‘रमशे गुजरात, जीतशे गुजरात’ का संदेश लेकर १८ दिन तक गुजरात भर में परिभ्रमण
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को खेल महाकुंभ-२०१२ की मशाल-ज्योत रैली को गांधीनगर से प्रस्थान कराते हुए खेलकूद को स्पर्धा के स्वरूप में नहीं वरन समस्त समाज जीवन के सहज हिस्से के रूप में विकसित करने की मंशा जतायी। आगामी खेल महाकुंभ-२०१२-१३ की पूर्व तैयारी के रूप में १८ दिनों तक यह मशाल ज्योत यात्रा गुजरात भर में ‘रमशे गुजरात, जीतशे गुजरात’ का संदेश लेकर परिभ्रमण करेगी। इस वर्ष करीब २१ खेलों में भाग लेने के लिए रिकॉर्ड २१ लाख खिलाड़ियों द्वारा नाम दर्ज कराए जाने का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि खेल में स्पर्धा या हार-जीत का नहीं बल्कि खेलभावना के तंदरुस्त वातावरण का महत्व है। उन्होंने कहा कि खेल महाकुंभ से खेलभावना की प्रतिष्ठा बढ़ने के साथ ही खिलाड़ियों की कौशल्य शक्ति और आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी।
चुनाव आचार संहिता के अमल में होने की वजह से तीन महीनों तक खेल महाकुंभ की अंतरंग तैयारियों के बाद पिछले एक ही सप्ताह में इतने विराट खेलोत्सव के आयोजन कार्य में जुट जाने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी सहयोगियों को अभिनंदन दिया। श्री मोदी ने कहा कि खेल महाकुंभ की दो वर्ष की अद्भुत सफलता ने गुजरात में खेलकूद के प्रति स्कूल, समाज और परिवारों की उदासीनता और निरुत्साह के माहौल को बदल दिया है। खेलकूद के मैदान, सुविधा, नीति-नियम, गुणविकास और खिलाड़ियों की क्षमता निर्माण में गुणात्मक परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में व्यायाम और पी.टी. शिक्षकों को भी नई प्रतिष्ठा मिली है। खेल महाकुंभ को इतने बड़े पैमाने पर सफल बनाने में व्यायाम एवं स्कूल के खेल शिक्षकों ने अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
युवक सेवा, खेलकूद एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग को भूतकाल में कभी इतना महत्व नहीं दिया गया था, इसका निर्देश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने तो वित्त, उद्योग और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभागों के समकक्ष इस विभाग को महत्व दिया है। वजह यह कि खेलकूद के क्षेत्र में युवा-शक्ति कौशल्य के लिए नई पीढ़ी और आगामी पीढ़ी का विशेष ध्यान यह सरकार रख रही है। इस सन्दर्भ में उन्होंने स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाने और हर जिले में स्पोर्ट्स स्कूल शुरू करने की मंशा जतायी। मुख्यमंत्री ने शारीरिक क्षति के बावजूद अद्भुत शक्ति से ओत-प्रोत विशेष बालकों (स्पेशली एबल्ड चिल्ड्रन) में विकलांग खेल के लिए उत्साह-उमंग को अभूतपूर्व करार दिया। उन्होंने कहा कि खेल महाकुंभ की वजह से खेलकूद और खिलाड़ियों के प्रति समाज में उदासीन नहीं अपितु उदार एवं प्रोत्साहक रवैये का निर्माण हुआ है।
इस वर्ष स्वामी विवेकानंद की १५०वीं जयंती का वर्ष युवा वर्ष के रूप में मनाए जाने की रूपरेखा पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि राज्य में गांव से लेकर जिलों तक के गांवों और शहरों में विवेकानंद युवा केन्द्र शुरू हो चुके हैं, जो खेल महाकुंभ के लिए महत्वपूर्ण चालक बल साबित होंगे। उन्होंने होनहार खिलाड़ियों को आत्मविश्वास के साथ समग्रतया खेल कौशल्य के विकास का वातावरण सृजित करने एवं स्वस्थ खेलभावना से टीम स्पिरिट के साथ खेल महाकुंभ में शिरकत करने का आह्वान किया। युवक सेवा, सांस्कृतिक मामलों और खेलकूद मंत्री रमणभाई वोरा ने मशाल महाप्रस्थान के अवसर पर स्वागत भाषण दिया। उन्होंने खुशी जतायी कि राज्य के स्वर्णिम जयंति वर्ष-२०१० से प्रारंभ हुए खेल महाकुंभ को लगातार तीसरे वर्ष देश के विराट खेलोत्सव के रूप में मनाने का गौरव गुजरात को मिला है। उन्होने विश्वास जताया कि खेल महाकुंभ की मशाल राज्य भर में खेलकूद संस्कृति की ज्योत उजागर करेगी।
इस मौके पर गांधीनगर (दक्षिण) के विधायक शंभुजी ठाकोर, गांधीनगर (उत्तर) के विधायक अशोककुमार पटेल, गांधीनगर शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन अशोकभाई भावसार, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन वाडीभाई पटेल, गांधीनगर महानगरपालिका के महापौर महेन्द्र सिंह राणा, खेलकूद, युवा एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सचिव भाग्येश झा, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ गुजरात के महानिदेशक विकास सहाय सहित अनेक महानुभाव, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त युवा खिलाड़ी, खेलप्रेमी युवा एवं नागरिक बड़ी तादाद में मौजूद थे।