"“India’s share in global chemical industry just three per cent”"
"“Onus on industry to save society from hazardous chemicals”"
"“Why can’t India produce chemical ink for currency notes?”"

महात्मा मंदिर: गांधीनगर

इंडियाकेम : गुजरात इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ

केमिकल्स सेक्टर के स्वास्थ्यप्रद विकास के साथ समाज की सुविधाओं का पर्यावरण भी जुड़ा हुआ है: मुख्यमंत्री

भारतीय नोटों की छपाई की रासायनिक स्याही भारत में क्यों नहीं बन सकती?

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केमिकल्स सेक्टर की इंडियाकेम गुजरात इंटरनेशनल का गुरुवार को गांधीनगर में शुभारम्भ करते हुए केमिकल्स इंडस्ट्रीज के स्वास्थ्यप्रद विकास के लिए एंवायर्नमेंट टेक्नोलॉजी और कॉमन रिसर्च के लिए कॉर्प्स फंड बनाने का प्रेरक सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि समाज के हितों और सुविधाओं के साथ पर्यावरन जुड़ा हुआ है और सामाजिक दायित्व के साथ केमिकल्स इंडस्ट्रीज को समयानुकूल हेजार्ड्स केमिकल्स की प्रदूषण निवारण की चुनौती का सामना करना होगा।

गुजरात में केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर के स्वस्थ विकास के समूह चिंतन की यह इंडियाकेम कॉन्फ्रेंस आज से महात्मा मंदिर परिसर में शुरु हुई है जो 26 अक्टूबर तक चलेगी। देश- विदेश के 6000 प्रतिनिधि और 150 एक्जीबीटर्स इसमें भाग ले रहे हैं और 30 जितने विशेषज्ञ इसमें भाग लेंगे।

Shri Modi inaugurates Indiachem Gujarat International Conference 2013

भारत के आर्थिक विकास में गुजरात के केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स के निर्णायक योगदान का गौरवपूर्ण उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में 1000 वर्ष का केमिकल्स का इतिहास है। पुरातन समय में गुजरात विज्ञान में कितना आगे था यह उसका इतिहास है। केमिकल्स इंडस्ट्रीज सेक्टर की समाज के प्रति जिम्मेदारी को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि हवा और पानी शुद्ध मिले, खुराक, खाद्य वस्तुएं शुद्ध मिलें यह अनिवार्य है। कॉर्पोरेट सोश्यल रिस्पॉंसिबिलिटी के लिए सावधानी रखकर मानव सुविधाओं को हानिकारक केमिकल्स से बचाने की जिम्मेदारी केमिकल्स इन्डस्ट्रीज की है।

पर्यावरण के समक्ष ग्लोबल वार्मिंग का खतरा सबसे बड़ा है और इसका सबसे विपरीत असर केमिकल्स सेक्टर पर पड़ेगा। यह चेतावनी देते हुए श्री मोदी ने कहा कि एनवायर्नमेंट टेक्नोलॉजी और केमिकल्स प्रोडक्टीविटी के लिए संशोधन समय की मांग है। इसे अपनाने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण रक्षा के तमाम नियमों का पलन करने से ही केमिकल्स उद्योग का स्वास्थ्य बरकरार रहेगा। उन्होंने कहा कि एक्स्ट्रा सेंसिविटी केर के साथ समाज के हितों को बरकारार रखने के लिए कायदे कानून को मानना ही चाहिए।

Shri Modi inaugurates Indiachem Gujarat International Conference 2013

भारत में केमिकल्स उद्योग के लिए कितना बड़ा अवसर है इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के केमिकल्स सेक्टर में भारत का योगदान सिर्फ 3 प्रतिशत ही है। इस सन्दर्भ में केमिकल्स एंड एनवायर्नमेंट टेक्नोलॉजी के रिसर्च के लिए सामूहिक जिम्मेदारी से कॉर्प्स फंड बनाने की जरूरत है। कॉमन एफ्ल्युएंट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की तरह कॉमन केमिकल्स रिसर्च फंड के लिए इनवेस्टमेंट भविष्य में केमिकल्स इंडस्ट्रीज को ज्यादा मजबूत बनाएगा।

केमिकल्स सेक्टर्स की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारतीय नोटों की छपाई में काम आने वाली स्याही भारत में क्यों नहीं बन सकती ? केस्टर ऑयल केमिकल्स में से 300 से ज्यादा वेल्यु एडिशन दुनिया में होते हैं और गुजरात 85 प्रतिशत केस्टर का उत्पादन करता है। श्री मोदी ने आह्वान करते हुए कहा कि इसका वेल्यु एडिशन केमिकल्स सेक्तर क्यों नहीं बना सकता?

इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री सौरभ भाई पटेल, भारत सरकार के केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स सेक्रेटरी इन्द्रजीत पाल ने भी अपने विचार रखे।

प्रारम्भ में फिक्की के आरबी. कनोरिया ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा पेश की। मुख्य सचिव डॉ.वरेश सिन्हा, उद्योग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महेश्वर शाहु, वरिष्ठ सचिव, केमिकल्स इंडस्ट्रीज के साथ जुड़े आमंत्रित प्रतिनिधि और उद्योगपति भी यहां मौजूद रहे।

Shri Modi inaugurates Indiachem Gujarat International Conference 2013

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।