चैत्र नवरात्रि पर्व के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में समग्र बनासकांठा से भारी संख्या में किसान और पशुपालक परिवार उमड़ पड़े। इन सभी का अभिवादन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पशु स्वास्थ्य मेलों द्वारा पशु धन के स्वास्थ्य की सुरक्षा, प्रति पशु दूध की उत्पादकता बढ़ाने, पोषणयुक्त चारे का विकास तथा पशु आहार के लिए अनोखी व्यूहरचना राज्य सरकार ने अपनायी है। नर्मदा के जल और सुजलाम-सुफलाम योजना का लाभ उत्तर गुजरात के सूखे क्षेत्रों को मिला है और इस वजह से कृषि क्षेत्र ही नहीं बल्कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में भी बनासकांठा के किसानों ने गुजरात को गौरव दिलवाया है। बनास डेयरी गुजरात में सहकारी दूध उद्योग की सबसे बड़ी डेयरी बन गई है और अब पशु आहार क्षेत्र में भी एशिया का सबसे बड़ा कैटलफीड प्लान्ट पशुपालकों को समर्पित किया है।
बनास डेयरी में वर्ष २००१ में ३.५ लाख लीटर दूध एकत्रित होता था जो आज बढ़कर ३५ लाख लीटर दैनिक तक पहुंच गया है। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, इसी को विकास कहेंगे ना? परन्तु जो लोग गुजरात की आबरू को नीलाम कर रहे हैं और झूठ फैलाकर गुजरात की शक्ति को बदनाम कर रहे हैं, उनकी मानसिकता सुधरने की आशा रखना भी बेकार है। गुजरात की जनता ने तो उन्हें कब से धूल चटा दी है। पानी के नाम पर सौराष्ट्र के किसानों और जनता को उकसाने के लिए विपक्ष के नेताओं ने जलयात्रा निकाली है, जिसकी जनता ने अवहेलना की है। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नर्मदा का पानी पहुंचाने के लिए जो अभियान शुरू किया है उस पर जनता को पूरा भरोसा है।
कांग्रेस की जलयात्रा तो जल के मुद्दे पर जनता को उकसाने के एजेंडे से आयोजित हुई है, लेकिन जनता ने गांव-गांव में उसका कोई समर्थन नहीं किया है। गुजरात की इस सरकार पर ग्रामीण जनता और किसानों का विश्वास इसलिए हैं क्योंकि बिजली के बजाय पानी पर ध्यान केन्द्रीत करने के लिए सरकार ने नर्मदा का पानी देकर ज्यादा उत्पादन लेने के लिए टपक सिंचाई अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया है। इसके परिणामस्वरूप बनासकांठा के किसानों ने टपक सिंचाई अपनाकर कृषि उत्पादन क्षेत्र में अनेक नई उपलब्धियां हासिल की हैं। अब बनासकांठा जिला टपक सिंचाई के क्षेत्र में समग्र देश में प्रथम स्थान पर पहुंचे और गुजरात को गौरव दिलवाए, ऐसा आह्वान श्री मोदी ने किया।
मुख्यमंत्री ने दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ प्रति पशु अधिकतम दूध उत्पादन हासिल करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की भूमिका पेश की। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने समग्र प्रदेश में पशुओं के स्वास्थ्य की चिकित्सा करने के लिए ३०,००० से ज्यादा पशु स्वास्थ्य मेले आयोजित कर १२१ पशुरोगों को पूर्णतया खत्म कर दिया है। पशुओं के मोतियाबिंद के ऑपरेशन तथा दंत चिकित्सा करके पशु स्वास्थ्य की सुध ली है। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब पशुओं के हड्डियों के रोगों और चोटों का आर्थोपीडिक उपचार किया जाएगा। पशु स्वास्थ्य सुधार की वजह से गुजरात में दूध उत्पादन में ६८ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो एक रिकार्ड है।
केन्द्र सरकार की किसान और पशुपालक विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अनाज का संग्रह लंबे समय तक किया जा सकता है। परन्तु उसी पद्धति से दूध को संभाला नहीं जा सकता। इसके बावजूद गुजरात ने बल्क मिल्क चिलिंग प्लान्ट स्थापित कर दूध को खराब होने से रोकने की दिशा में पहल की है। लेकिन केन्द्र सरकार के गोदामों में करोड़ों टन अनाज उचित संग्रह व्यवस्थापन के अभाव में सड़ रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी गोदामों का अनाज गरीबों को तत्काल वितरीत करने का आदेश दिया था, लेकिन इस अनाज को बिल्कुल कम दर पर शराब बनाने वाले कारखानों को बेच दिया गया है।
किसानों के पसीने से उत्पादित अनाज के मूल्यवान भंडार को गरीबों को देने के बजाय शराब कारखानों को देने की केन्द्र की विकृत मानसिकता की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन और दूध उत्पादन के क्षेत्र में दी जाने वाली केन्द्रीय सहायता के मामले में भी गुजरात के साथ अन्याय हो रहा है। दिल्ली के केन्द्रीय शासक सत्ता के लिए राजनीतिक उठापटक में लगे रहते हैं लेकिन गुजरात सरकार गांवों के विकास, खेती और पशुपालन द्वारा आर्थिक ताकत और खरीद शक्ति बढ़ाने के निरंतर प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने आखा तीज के अगले दिन से राज्य में कृषि महोत्सव शुरू किये जाने और हर दो वर्ष में गुजरात सरकार इंटरनेशनल एग्री टेक फेस्टीवल आयोजित करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में खेतीबाड़ी के क्षेत्र में उत्तम संशोधन हुए हैं। एग्रो टेक्नोलॉजी का उपयोग हुआ है इसकी जानकारी गुजरात के किसानों और पशुपालकों को मिले, इस मकसद से आगामी वर्ष २०१४ से हर दो वर्ष में इंटरनेशनल एग्रो टेक फेयर आयोजित किया जाएगा।
बनासकांठा के प्रभारी और वित्त मंत्री नितिनभाई पटेल, कृषि और पशुपालन मंत्री बाबूभाई बोखीरिया, स्वास्थ्य राज्य मंत्री परवतभाई पटेल, पशुपालन राज्य मंत्री लीलाधरभाई वाघेला, विधायक शंकरभाई चौधरी, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. अमृता पटेल सहित कई अग्रणी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। बनास डेयरी के अध्यक्ष परथीभाई भटोळ ने मुख्यमंत्री और आमंत्रितों का स्वागत करते हुए डेयरी और कैटलफीड प्लान्ट की जानकारी दी।