साहित्य संस्कार और संगम को चरितार्थ करता यह पुस्तक मेला एक सप्ताह तक साहित्य संस्कार प्रेमियों का केन्द्र बनेगा
गुजरातियों ने पुस्तक प्रेम की संस्कार यात्रा तेज गति से आगे बढ़ाई : मुख्यमंत्री
श्री मोदी ने किया पुस्तक प्रकाशन स्टाल्स का निरीक्षण
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अहमदाबाद में द्वितीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारम्भ करते हुए कहा कि गुजरातियों में तेज गति से पुस्तक प्रेम की संस्कार यात्रा आगे बढ़ रही है। गुजरात में पुस्तक प्रदान की सफलता के बाद पुस्तक दान की महिमा करें।
उन्होंने कहा कि गुजरात गौरव दिवस की पूर्व संध्या पर पुस्तक मेले की महिमा गुजरात की साहित्य संस्कार प्रीति का साक्षात्कार करवाती है।
अहमदाबाद में महानगरपालिका, नेशनल बुक ट्रस्ट, गुजराती साहित्य परिषद और गुजरात प्रकाशन मंडल के संयुक्त तत्वावधान में गुजरात युनिवर्सिटी कन्वेंशन सेंटर के परिसर में 350 जितने पुस्तक प्रकाशन स्टाल्स खड़े किए गये हैं, जिनका श्री मोदी ने निरीक्षण किया।
एक वर्ष पूर्व गुजरात राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री की प्रेरणा से प्रथम राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया था।इसकी अद्भुत सफलता के चलते आज से प्रारम्भ इस द्वितीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन गुजरात की जनता की संस्कृति और साहित्य की प्रीति की वजह से हो पाया है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वांचे गुजरात के अभ्यान को गुजरात की जनता ने जिस तरह से समर्थन दिया उसी में से साहित्य पुस्तक प्रेम का आविष्कार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि पिछले साल इस पुस्तक मेले का पाठकों ने जमकर लाभ लिया था और इस बार तो पुस्तक मेले ने गुजराती परिवारों में ग्रंथ मन्दिर का व्यापक आन्दोलन चलाया जाएगा।
ई लाइब्रेरी की सफलता का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि ई बुक का महत्व बढ़ रहा है। ई लाइब्रेरी से डिजीटल बुक अब लोकप्रिय बनेगी। अब उंगलियों के इशारे पर साहित्य कृतियां मिलने लगेगी।हिन्दुस्तान में गुजरात सरकार ने पहली बार अदालतों की बार वर्कर्स एसोसिएशंस को ई लाइब्रेरी की न्यायतंत्र को पोषक भेंट दी है। गुजरात के पुस्तकालयों को ई लाइब्रेरी का मोडल बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। राज्य स्तरीय केन्द्रीय लाइब्रेरियों में बीस लाख पुस्तकें और दो हजार मेगजींस की ई लाइब्रेरी प्रारम्भ हो गई हैं।
पुस्तक मेले के एक सप्ताह के दौरान साहित्य सर्जकों और साहित्य सर्जन के बारे में जो सामूहिक समाजशक्ति के दर्शन होंगे जो अपनी सरस्वती माता की संस्कार साधना के लिए गुजरातियों का सम्मान बढ़ाएंगे। श्री मोदी ने वांचे गुजरात अभियान के बाद घर में ग्रंथ मन्दिर की डिजाइन को बिल्डिंग आर्किटेक्ट में शामिल करने का सुझाव दिया।मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित कच्छ की संस्कृति के अनोखे नजारे के समान फोटोग्राफर दिनेश कुम्बले और उनकी पत्नी द्वारा कच्छ के कोने-कोने में घूमकर तैयार की गई पुस्तक का विमोचन भी किया। पर्यटन विषयक पुस्तकों के प्रकाशन क्षेत्र को और ज्यादा महत्व देकर उभारने का सुझाव भी दिया। पुस्तक मेले में पर्यटन विषयक विभिन्न भाषाओं में पुस्तकों के प्रकाशन का एक विशेष मेला आयोजित करने का भी श्री मोदी ने सुझाव दिया।
उन्होंने अनुरोध किया कि बंगाली और मराठी भाषा के साहित्य संस्कार की शान की तरह ही गुजराती साहित्य की अनोखी महिमा करके इस पुस्तक मेले को सफल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में बाल साहित्य की कमी को पूरा करने के लिए आईटी सॉफ्टवेयर द्वारा बाल साहित्य कृतियों का दायरा वीडियो गेम्स के माध्यम से साहित्य रूचि में बालकों को आकर्षित करेगा।
प्रतिष्ठित क.मा. मुंशी और राजेन्द्र शाह जैसे साहित्यकारों को श्री मोदी ने वन्दन किया और अभिलाषा जताई कि इस ग्रंथ परिक्रमण यात्रा से कोई वंचित ना रहे।इस अवसर पर साहित्यकार और लेखक भगवती कुमार शर्मा, नेशनल बुक ट्रस्ट नयी दिल्ली के निदेशक एम.ए. सिकन्दर ने अपने विचार व्यक्त किए।
प्रारम्भ में अहमदाबाद महानगरपालिका की मेयर श्रीमती मीनाक्षी बेन पटेल ने स्वागत भाषन दिया। कार्यक्रम में सांसद,विधायक, पूर्व मेयर असित वोरा, मनपा आयुक्त गुरुप्रसाद महापात्र, सूचना आयुक्त श्री वी.थिरुपुगल, विभिन्न साहित्यकार,पुस्तक विक्रेता,प्रकाशक, पुस्तक प्रेमी और नागरिक मौजूद थे।