गुजरात सहकारी महासम्मेलन संपन्न
नाबार्ड का फैसला सहकारिता के संघीय ढांचे पर कुठाराघात
समाज की शक्ति बने सहकारी आंदोलन
यूपीए सरकार को सुनाई खरी-खरी कहा, सहकारिता राज्यों का विषय है
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात सहकारी महासम्मेलन का मंगलवार को उद्घाटन करते हुए गुजरात के सहकारी क्षेत्र की शुद्धिकरण की सतत प्रक्रिया को और भी गतिशील बनाने का प्रेरक आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात की सहकारी प्रवृत्ति का इतिहास चार-पांच पीढ़ियों की निष्ठा की नींव पर खड़ा है और वर्तमान पीढ़ी ने भी सहकारिता की भावना के शुद्धिकरण का संवर्द्धन करने को जागरुक प्रयास किया है।गुजरात राज्य सहकारी संघ के उपक्रम से आज अडालज में आयोजित सहकारी महासम्मेलन में सहकारी क्षेत्र के तकरीबन ३००० पदाधिकारियों के अलावा अन्य राज्यों की सहकारिता प्रवृत्ति से जुड़ी संस्थाओं के अग्रणी प्रतिनिधिमंडलों ने शिरकत की। इस मौके पर श्री मोदी ने कहा कि गुजरात की भूमि ने सहकारी क्षेत्र के मूल्यों के उम्दा मापदंड स्थापित कर विश्व में सहकारिता की भावना की अनोखी पहचान खड़ी की है। राज्य सरकार और सहकारिता तथा जनता और सहकारी क्षेत्र के बीच भावनात्मक नाता प्रस्थापित हुआ है।
उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र में जब माधुपुरा सहकारी बैंक के आर्थिक भूकंप से सहकारी बैंकिंग व्यवस्था ताश के पत्तों की भांति टूटने की कगार पर पहुंच गई थी, तब राज्य की इस वर्तमान सरकार ने राजनैतिक इच्छाशक्ति से हिम्मत के साथ सहकारी क्षेत्र के लिए सुधार की पहल की, जिसे तत्कालीन मूर्द्धन्य सहकारी अग्रणियों ने दलगत राजनीति से दूर रहते हुए सहकारी क्षेत्र को नेस्तनाबूद होने से बचाने के लिए अपना समर्थन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी ने आंख बंद कर सहकारी क्षेत्र पर भरोसा किया है, ऐसे में सहकारिता की मूल्यनिष्ठा और विश्वसनीयता को बरकरार रखने की जवाबदारी सहकारी क्षेत्र की है। सहकारी क्षेत्र की व्यापकता और विकास के कारण यदि कहीं कोई त्रुटि या खामी हो तो इसके बुरे अंजाम का पता शायद देर से चले, लेकिन हमारी प्रतिबद्धता सहकारी क्षेत्र के शुद्धिकरण के लिए सतत प्रक्रिया को और भी गतिशील और फलदायी बनाने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार का सहकारी प्रवृत्ति और इस क्षेत्र में दखल करने का कोई सवाल ही नहीं उठता लेकिन सहकारी क्षेत्र की पवित्र भावना को अटूट बनाए रखने के लिए जरूरी है कि स्वयं शुद्धिकरण की प्रक्रिया अपनायी जाए।
सहकारी क्षेत्र में नये आयाम और नये अवसरों के लिए अनेक प्रकार की संभावनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात का सहकारी आंदोलन समाज जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम है। इसका साक्षात्कार करने के लिए महज आर्थिक व्यवस्था और नफे तक ही सीमित न रहे बल्कि समाज की शक्ति बनकर उभरे, इस हेतु सहकारिता आंदोलन अपना सामर्थ्य बताए। इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि खेलकूद और जलसंचय के क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सहकारी आंदोलन मिशन मोड पर नेतृत्व करे।
श्री मोदी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि, राज्य के सहकारी दूध उद्योग की अपनी प्रतिष्ठा है बावजूद इसके, गुजरात की सहकारी डेयरी का दूध समूचे देश में पहुंचाने के लिए रेल के टैंकर उपलब्ध कराने को केन्द्र सरकार ध्यान नहीं दे रही। गुजरात सरकार ने तो सहकारी क्षेत्र द्वारा दूध के रेल टैंकरों का निर्माण कर सिर्फ रेलवे लाइन के उपयोग की मांग की है, लेकिन इसे भी स्वीकृति देने के मामले में केन्द्र सरकार मौन है।
इसी तरह गुजरात के किसानों को कृषिलक्षी कर्ज देने के लिए वैद्यनाथन समिति की सिफारिशों के मुताबिक केन्द्र सरकार के पास से २६१ करोड़ रुपये लेने को बाकी हैं। लेकिन भारत सरकार गुजरात के हक की रकम किसानों को देने के बजाय मौन धारण किये बैठी है। गत वर्ष बारिश में विलंब और मानसून की विफलता के कारण जिन किसानों ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से खेती कर्ज लिया था, उनके ब्याज की दरें ७ फीसदी से घटाकर ४ फीसदी करने को भी भारत सरकार तैयार नहीं है। गुजरात सरकार ने तो इन हालातों में सहकारी क्षेत्र से बैंक कर्ज लेने पर उसके ब्याज की दरें ४ फीसदी करने की मांग को स्वीकृत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार संघीय ढांचे को तहस-नहस करने के लिए पूरी ताकत से जुटी हुई है। इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि नाबार्ड संस्था द्वारा प्राथमिक सहकारी मंडलियों को जिला सहकारी बैंकों के अंकुश में रखने का केन्द्रिय निर्णय सहकारिता के राज्य के विषय पर कुठाराघात और राज्यों को विश्वास में लिए बगैर तथा राज्यों के साथ परामर्श किये बगैर किया गया है। इस प्रकार के निर्णय लेकर केन्द्र सरकार भारत के लोकतांत्रिक संघीय ढांचे को छिन्न-भिन्न कर रही है, सहकारी क्षेत्रों को चाहिए कि वे इसका पुरजोर विरोध करें।
उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन समाज के सुख-दुःख की संवेदना के साथ जुड़ा है। सहकारिता की भावना के प्रति समर्पित गुजरात में इसकी विश्वसनीयता को आंच न आए, इसके लिए संपूर्ण निष्ठा और दायित्व का अनुरोध करते हुए श्री मोदी ने सहकारी क्षेत्र को मतदान प्रवृत्ति के लिए गुजरात सरकार द्वारा विकसित मोबाइल वोटिंग की टेक्नोलॉजी फुलप्रुफ सिस्टम देने की तत्परता जतायी।
भारत सरकार युरोपियन यूनियन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने जा रही है, ऐसे में इससे खड़े होने वाले गंभीर संकटों की ओर इशारा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यूरोपीय देशों का दूध और उसके उत्पाद भारत को आयात करने होंगे, जिससे गुजरात सहित देश के सहकारी डेयरी उद्योग के दूध के मूल्यवर्द्धित उत्पादनों पर गंभीरतम आर्थिक असर पड़ेगा। यूरोप के दूध-उत्पादन चीज-वस्तुओं का हिन्दुस्तान में ढेर लगने से गुजरात सहित भारत के पशुपालकों की आर्थिक स्थिति और सहकारी दूध डेयरी उद्योग आर्थिक रूप से चौपट हो जाएंगे। सरकार देश की जनता, पशुपालकों, सहकारी डेयरी उद्योगों, सहकारी क्षेत्र के साथ चर्चा करने के बजाय उन्हें अंधेरे में रख रही है। इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट द्वारा भारत की कृषि आधारित पशुपालन संस्कृति की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए केन्द्र की वर्तमान सरकार तत्पर बनी है।
भारत सरकार श्वेत क्रांति के सहकारी डेयरी उद्योग का गला घोंटकर मांस-मटन के निर्यात और नये कत्लखानों के लिए प्रोत्साहन सब्सिडी देते हुए पिंक रिवोल्यूशन की दिशा में आगे बढ़ रही है तथा जीवदया की संस्कृति का विनाश करने पर तुली है। ऐसे में सहकारी क्षेत्र पूरी ताकत के साथ इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाए।
गुजरात में आगामी १७-१८ अगस्त को ग्राम विकास पर राष्ट्रीय सेमीनार और सितंबर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास के इन्टरनेशनल एग्रीटेक फेयर में निर्णायक सहभागी बनने के लिए मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल किसान के पुत्र थे और भारत की एकता के शिल्पी थे। उनकी स्मृति में विश्वस्तरीय गणमान्य स्मारक बनाने के लिए नर्मदा बांध के निकट स्मारक निर्माण हेतु हिन्दुस्तान के सात लाख गांवों में से किसानों के खेती में उपयोग होने वाले लोहे के पुराने औजारों को एकत्रित करने का अभियान ३१ अक्टूबर से शुरू होगा। उन्होंने देश भर की सहकारी संस्थाओं से इसमें योगदान देने की अपील की।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र शुगर सहकारी विकास प्रवृत्ति के प्रणेता शिवाजीराव पाटिल, गुजरात सहकारी संघ के अध्यक्ष घनश्यामभाई अमीन और भादरण सेवा सहकारी मंडली के अध्यक्ष नृपेश पटेल को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।
महासम्मेलन में मंत्रिगण सर्वश्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, बाबूभाई बोखीरिया, गुजरात को-ऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन के अध्यक्ष नरहरि अमीन, गुजरात मिल्क को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन के अध्यक्ष विपुल चौधरी सहित वरिष्ठ अग्रणियों का स्वागत किया गया। गुजरात राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष घनश्यामभाई अमीन ने स्वागत भाषण में सहकारिता प्रवृत्ति की राष्ट्रीय विकास में निर्णायक भूमिका और वर्तमान सहकारिता विकास के लिए सुधार की भूमिका पेश की।