"In 2003 Goldman Sachs led by Mr. Jim O’Neill predicted that BRIC Nations would overtake G-6 by 2050. World was taken aback and we were pleasantly surprised: Shri Modi"
"Unfortunately India has not been able to grow upto its full potential. In the last decade, nation has been stuck in uncertain and uneven growth: CM"
"We insisted on transparency, openness and people’s participation from the very beginning: Shri Modi"
"Overall idea was to move from Government to Governance, from rules and acts to responsible action: Shri Modi"
"Our innovations in the social sector and progress on HDI parameters have been appreciated far and wide: Shri Modi"
"We are working with the motto of Gujarat’s growth for India’s growth. We know that India cannot develop unless the States develop: Shri Modi"

 

वाइब्रेंट गुजरात लेक्चर सीरीज

विषयवस्तु : भारत अधिकतम आर्थिक सम्भावनाएं साकार करे

लकवाग्रस्त नीतियों और कुशासन से भारत ने एक पूरा दशक खो दिया है  : श्री मोदी

राष्ट्रीय नीतियों में गुणात्मक परिवर्तन लाएंगे तो भारत की अर्थव्यवस्था चुनौतियों से निपट लेगी

वैश्विक अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ जिम आर्निल और जितेन्द्र गढिया के साथ संवाद सत्र

मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल, सामाजिक हितचिंतकों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति

जिम आर्निल :

भारत की अर्थव्यवस्था के सामने

दस महत्वपूर्ण समस्याएं हैं-

  • शासन सुधार

  • आधारभूत शैक्षणिक उपलब्धियों को और ऊंचाईयों तक ले जाना

  • युनिवर्सिटियों का संख्यामूलक और गुणवत्तामूलक संवर्धन करना

  • मुद्रा स्फिती और महंगाई को नियंत्रित रखने के लक्ष्य को साकार करना

  • फिस्कल पॉलिसी की विश्वसनीयता का अमल करना और इसके लिए मध्यसत्र व्यूहरचना बनाना

  • वित्तीय बाजारों का उदारीकरण

  • कृषि उत्पादकता बढ़ाना

  • अंतरढांचागत सुविधा को ऊंचे ले जाना

  • पर्यावरणीय सुविधा को बढ़ाना

भारत में विश्व के परिपेक्ष्य में आर्थिक विकास की सम्भावनाएं प्रबल हैं - जितेन्द्र गढिया

वैश्विक अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ जिम आर्निल ने आज गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात लेक्चर सीरीज के संवाद सत्र में व्याख्यान देते हुए कहा कि सम्पूर्ण आर्थिक सम्भावनाओं को सफल बनाने के लिए भारत के समक्ष दस महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं और इनसे निपटने के लिए भारत में क्षमता है।

मुख्यमंत्री के प्रेरणास्त्रोत से गुजरात से गुजरात सरकार द्वारा वाइब्रेंट गुजरात लेक्चर सीरीज की तीसरी व्याख्यानमाला आयोजित की गई है। आज सचिवालय स्वर्णिम संकुल के साबरमती ऑडिटोरियम में वैश्विक अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ जिम आर्निल और जितेन्द्र गढिया के साथ संवाद सत्र आयोजित किया गया था जिसका विषय- भारत अधिकतम आर्थिक सम्भावनाएं साकार करे था।

इस व्याख्यानमाला के अवसर पर मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी और आमंत्रित महानुभाव मौजूद रहे। जिम आर्निल ने भारतीय अर्थव्यवस्था की सभी सम्भावनाओं को सफल बनाने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था के व्यापक परिपेक्ष्य में भारत के सामने दस महत्वपूर्ण चुनौतियों का निरूपन किया।

उन्होंने कहा कि 2050 की भारत की अर्थव्यवस्था की सम्भावनाओं के समक्ष जो चुनौतियां हैं उनमें- शासन सुधार, आधारभूत शैक्षणिक उपलब्धियों को और ऊंचाईयों तक ले जाना ,युनिवर्सिटियों का संख्यामूलक और गुणवत्तामूलक संवर्धन करना ,मुद्रा स्फिती और महंगाई को नियंत्रित रखने के लक्ष्य को साकार करना ,फिस्कल पॉलिसी की विश्वसनीयता का अमल करना और इसके लिए मध्यसत्र व्यूहरचना बनाना ,वित्तीय बाजारों का उदारीकरण ,कृषि उत्पादकता बढ़ाना ,अंतरढांचागत सुविधा को ऊंचे ले जाना और पर्यावरणीय सुविधा को बढ़ाना शामिल है।

भारत की जनशक्ति विकास के लिए लाभदायक है इसका उल्लेख करते हुए श्री आर्निल ने कहा कि इस डेमोक्रेटिक एडवांटेज का महत्तम विनियोग वर्किंग फोर्स के रूपांतरण में इस तरह करना चाहिए कि जो सम्पदा की वृद्धि के परिणाम दर्शाए।

भारत के पास अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए चुनौतियां तो हैं मगर अवसर भी हैं। उन्होंने सिगापोर और साउथ अफ्रिका की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था का उदाहरण देकर गुजरात के सफल विकास उपक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के सामने जो दस चुनौतियां हैं उनको कैसे झेला जा सकता है इसकी दिशा गुजरात करवा रहा है।

श्री आर्निल ने बीआरआईसी देशों जिसमें ब्राजील, रशिया, इंडिया, और चीन शामिल हैं, वह 2050 में जी 6 देशों से आगे निकल जाएंगे इसका संशोधन 2003 में किया था। इस भविष्यवाणी से सभी को अचरज हुआ था। इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री श्रीनरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत भी चीन की तरह आर्थिक सम्भावनाओं को साकार करने में सक्षम है। परंतु पिछला एक दशक दुर्भाग्य से अनिश्चित और असमान विकास का रहा है जिसकी वजह लकवाग्रस्त नीतियां और कुशासन है। हमने एतिहासिक अवसर को खो दिया है।

भारत की फेडरल स्टेट इकॉनॉमी के सन्दर्भ में गुजरात जैसे राज्य को श्री आर्निल ने संशोधन करके अनेक मामलों में सफल बतलाया है। भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास का विजन पंचामृत विकास शक्तियों के आधार पर साकार किया गया है। इसकी भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि भारत के सभी राज्यों की विकास उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए विकसित भारत के विजन के लिए हमारी राष्ट्र नीतियां बनाएंगे तो भारत भी सम्पूर्ण आर्थिक सम्भावनाओं को साकार कर सकेगा। उन्होंने कहा कि श्री आर्निल के अभिगम के साथ गुजरात की वर्तमान सरकार के नये अभिनव आयाम और उपलब्धियों में काफी समानता है।

श्री मोदी ने कहा कि गुजरात को 2001 में विनाशक भूकम्प के बाद पुनर्वास कार्यों द्वारा तेजी से उबारा गया। राज्य में पुनर्वास की जनभागीदारी ही नहीं बल्कि ई गवर्नेंस, राज्य की सार्वजनिक इकाईयों का पुनर्गठन, लाभदायक पीएसयु में रुपांतरण, सुशासन, व्यवस्थापन, सरकार के सुशासन की ओर से गतिशीलता, नियमों और कानूनों का पालन किया गया है। दस साल में पंचामृत विकास शक्तियों की आधारशिला पर किया गया बीजारोपण आज वटवृक्ष बन चुका है।

श्री मोदी ने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि मानव विकास सूचकांक और सामाजिक ढांचागत क्षेत्रों के पेरामीटर्स और नये आयामों की व्यापक स्तर पर प्रशंसा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक कापाम सहित कई अंतरराष्ट्रीय अवार्ड गुजरात को मिले हैं, इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि नये युग के शिक्षण के लिए विजन अपनाकर गुजरात ने न्यु एज युनिवर्सिटियां स्थापित की है और आधारभूत प्राथमिक शिक्षा से लेकर कन्या केलवणी जैसे क्रांतिकारी अभियान सफलतापूर्वक चलाए हैं। गुजरात में तकनीकी शिक्षा में 6 गुणा और युनिवर्सिटियों में चार गुणा बढोतरी हुई है। इसी साल विश्व की गणमान्य अंतरराष्ट्रीय 120 युनिवर्सिटियों और 52 राष्ट्रीय युनिवर्सिटियों के साथ उच्च शिक्षा को ज्यादा ओजस्वी बनाने के लिए गुजरात ने सहयोग किया है

गुजरात सरकार द्वारा दस साल में वित्तीय अनुशासन और वित्तीय व्यवस्थापन सुचारु बनाकर घाटेवाली अर्थव्यवस्था को लाभ वाली अर्थव्यवस्था बनाए जाने, ढांचागत सुविधाओं के लिए वैश्विक उत्तम मापदंड अपनाए जाने की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने दी। उन्होंने कहा कि गुजरात ने फिस्कल रिस्पॉंसिबिलिटी एक्ट बनाया और गैर जरूरी खर्च को घटाने में सफलता पाई है। गुजरात देश में प्रथम बार निर्यात नीति ला रहा है। गुजरात सरकार ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट आयोजित करने की नवीन प्रणाली शुरु की और 121 जितने देश इसमें शामिल हुए। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात अब ग्लोबल इकॉनॉमी हब बन चुका है। कृषि विकास की लगातार एक दशक से जारी 10 प्रतिशत दर, जल व्यवस्थापन, पशु स्वास्थ्य से समग्र कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया गया है। कृषि महोत्सव, पशु स्वास्थ्य मेले और सूक्ष्म सिंचाई के नये आयामों का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने सबसे बड़ा सोलर पार्क स्थापित किया है और यह केपिटल ऑफ सोलर एनर्जी बनने में सक्षम है।

उन्होंने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का ढांचागत सुविधा का मॉडल स्थापित किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि पोर्ट लैंड डवलपमेंट एंड कोस्टल डवलपमेंट के एसआईआर के साथ गुजरात पर्यावरण का भी खयाल रख रहा है। प्राकृतिक सम्पदा का उत्पादकीय और मितव्ययता से उपयोग करने वाला और कार्बन क्रेडिट की सबसे ज्यादा आय हासिल करने वाला राज्य गुजरात बना है। गुजरात का विकास भारत के विकास के लिए है, यह संकल्प साकार कर राज्य विकसित बनेंगे तो देश विकसित बनेगा। विशेषज्ञ जितेन्द्र गढिया ने ब्रिक देशों के विभिन्न क्षेत्रों की आर्थिक विकास दर में आ रहे उतार- चढावों और उसके कारणों की विवेचना की।

वर्ल्ड बैंक द्वारा 185 देशों के करवाए गए सर्वे में भारत सहित ब्रिक राष्ट्रों के स्थान के बारे में भी उन्होंने प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने भारत में आर्थिक क्षेत्र और अर्थव्यवस्था की सभी सम्भावनाओं को सफल बनाने के अवसरों की चर्चा की। राज्य सरकार के वित्त विभाग के अग्र सचिव हसमुख अढिया ने संवाद सत्र का संचालन किया।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !