वाइब्रेंट गुजरात लेक्चर सीरीज
विषयवस्तु : भारत अधिकतम आर्थिक सम्भावनाएं साकार करे
लकवाग्रस्त नीतियों और कुशासन से भारत ने एक पूरा दशक खो दिया है : श्री मोदी
राष्ट्रीय नीतियों में गुणात्मक परिवर्तन लाएंगे तो भारत की अर्थव्यवस्था चुनौतियों से निपट लेगी
वैश्विक अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ जिम आर्निल और जितेन्द्र गढिया के साथ संवाद सत्र
मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल, सामाजिक हितचिंतकों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति
जिम आर्निल :
भारत की अर्थव्यवस्था के सामने
दस महत्वपूर्ण समस्याएं हैं-
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शासन सुधार
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आधारभूत शैक्षणिक उपलब्धियों को और ऊंचाईयों तक ले जाना
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युनिवर्सिटियों का संख्यामूलक और गुणवत्तामूलक संवर्धन करना
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मुद्रा स्फिती और महंगाई को नियंत्रित रखने के लक्ष्य को साकार करना
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फिस्कल पॉलिसी की विश्वसनीयता का अमल करना और इसके लिए मध्यसत्र व्यूहरचना बनाना
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वित्तीय बाजारों का उदारीकरण
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कृषि उत्पादकता बढ़ाना
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अंतरढांचागत सुविधा को ऊंचे ले जाना
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पर्यावरणीय सुविधा को बढ़ाना
भारत में विश्व के परिपेक्ष्य में आर्थिक विकास की सम्भावनाएं प्रबल हैं - जितेन्द्र गढिया
वैश्विक अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ जिम आर्निल ने आज गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात लेक्चर सीरीज के संवाद सत्र में व्याख्यान देते हुए कहा कि सम्पूर्ण आर्थिक सम्भावनाओं को सफल बनाने के लिए भारत के समक्ष दस महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं और इनसे निपटने के लिए भारत में क्षमता है।
मुख्यमंत्री के प्रेरणास्त्रोत से गुजरात से गुजरात सरकार द्वारा वाइब्रेंट गुजरात लेक्चर सीरीज की तीसरी व्याख्यानमाला आयोजित की गई है। आज सचिवालय स्वर्णिम संकुल के साबरमती ऑडिटोरियम में वैश्विक अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ जिम आर्निल और जितेन्द्र गढिया के साथ संवाद सत्र आयोजित किया गया था जिसका विषय- भारत अधिकतम आर्थिक सम्भावनाएं साकार करे था।
इस व्याख्यानमाला के अवसर पर मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी और आमंत्रित महानुभाव मौजूद रहे। जिम आर्निल ने भारतीय अर्थव्यवस्था की सभी सम्भावनाओं को सफल बनाने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था के व्यापक परिपेक्ष्य में भारत के सामने दस महत्वपूर्ण चुनौतियों का निरूपन किया।
उन्होंने कहा कि 2050 की भारत की अर्थव्यवस्था की सम्भावनाओं के समक्ष जो चुनौतियां हैं उनमें- शासन सुधार, आधारभूत शैक्षणिक उपलब्धियों को और ऊंचाईयों तक ले जाना ,युनिवर्सिटियों का संख्यामूलक और गुणवत्तामूलक संवर्धन करना ,मुद्रा स्फिती और महंगाई को नियंत्रित रखने के लक्ष्य को साकार करना ,फिस्कल पॉलिसी की विश्वसनीयता का अमल करना और इसके लिए मध्यसत्र व्यूहरचना बनाना ,वित्तीय बाजारों का उदारीकरण ,कृषि उत्पादकता बढ़ाना ,अंतरढांचागत सुविधा को ऊंचे ले जाना और पर्यावरणीय सुविधा को बढ़ाना शामिल है।
भारत की जनशक्ति विकास के लिए लाभदायक है इसका उल्लेख करते हुए श्री आर्निल ने कहा कि इस डेमोक्रेटिक एडवांटेज का महत्तम विनियोग वर्किंग फोर्स के रूपांतरण में इस तरह करना चाहिए कि जो सम्पदा की वृद्धि के परिणाम दर्शाए।
भारत के पास अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए चुनौतियां तो हैं मगर अवसर भी हैं। उन्होंने सिगापोर और साउथ अफ्रिका की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था का उदाहरण देकर गुजरात के सफल विकास उपक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के सामने जो दस चुनौतियां हैं उनको कैसे झेला जा सकता है इसकी दिशा गुजरात करवा रहा है।
श्री आर्निल ने बीआरआईसी देशों जिसमें ब्राजील, रशिया, इंडिया, और चीन शामिल हैं, वह 2050 में जी 6 देशों से आगे निकल जाएंगे इसका संशोधन 2003 में किया था। इस भविष्यवाणी से सभी को अचरज हुआ था। इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री श्रीनरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत भी चीन की तरह आर्थिक सम्भावनाओं को साकार करने में सक्षम है। परंतु पिछला एक दशक दुर्भाग्य से अनिश्चित और असमान विकास का रहा है जिसकी वजह लकवाग्रस्त नीतियां और कुशासन है। हमने एतिहासिक अवसर को खो दिया है।
भारत की फेडरल स्टेट इकॉनॉमी के सन्दर्भ में गुजरात जैसे राज्य को श्री आर्निल ने संशोधन करके अनेक मामलों में सफल बतलाया है। भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास का विजन पंचामृत विकास शक्तियों के आधार पर साकार किया गया है। इसकी भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि भारत के सभी राज्यों की विकास उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए विकसित भारत के विजन के लिए हमारी राष्ट्र नीतियां बनाएंगे तो भारत भी सम्पूर्ण आर्थिक सम्भावनाओं को साकार कर सकेगा। उन्होंने कहा कि श्री आर्निल के अभिगम के साथ गुजरात की वर्तमान सरकार के नये अभिनव आयाम और उपलब्धियों में काफी समानता है।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात को 2001 में विनाशक भूकम्प के बाद पुनर्वास कार्यों द्वारा तेजी से उबारा गया। राज्य में पुनर्वास की जनभागीदारी ही नहीं बल्कि ई गवर्नेंस, राज्य की सार्वजनिक इकाईयों का पुनर्गठन, लाभदायक पीएसयु में रुपांतरण, सुशासन, व्यवस्थापन, सरकार के सुशासन की ओर से गतिशीलता, नियमों और कानूनों का पालन किया गया है। दस साल में पंचामृत विकास शक्तियों की आधारशिला पर किया गया बीजारोपण आज वटवृक्ष बन चुका है।
श्री मोदी ने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि मानव विकास सूचकांक और सामाजिक ढांचागत क्षेत्रों के पेरामीटर्स और नये आयामों की व्यापक स्तर पर प्रशंसा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक कापाम सहित कई अंतरराष्ट्रीय अवार्ड गुजरात को मिले हैं, इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि नये युग के शिक्षण के लिए विजन अपनाकर गुजरात ने न्यु एज युनिवर्सिटियां स्थापित की है और आधारभूत प्राथमिक शिक्षा से लेकर कन्या केलवणी जैसे क्रांतिकारी अभियान सफलतापूर्वक चलाए हैं। गुजरात में तकनीकी शिक्षा में 6 गुणा और युनिवर्सिटियों में चार गुणा बढोतरी हुई है। इसी साल विश्व की गणमान्य अंतरराष्ट्रीय 120 युनिवर्सिटियों और 52 राष्ट्रीय युनिवर्सिटियों के साथ उच्च शिक्षा को ज्यादा ओजस्वी बनाने के लिए गुजरात ने सहयोग किया है
गुजरात सरकार द्वारा दस साल में वित्तीय अनुशासन और वित्तीय व्यवस्थापन सुचारु बनाकर घाटेवाली अर्थव्यवस्था को लाभ वाली अर्थव्यवस्था बनाए जाने, ढांचागत सुविधाओं के लिए वैश्विक उत्तम मापदंड अपनाए जाने की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने दी। उन्होंने कहा कि गुजरात ने फिस्कल रिस्पॉंसिबिलिटी एक्ट बनाया और गैर जरूरी खर्च को घटाने में सफलता पाई है। गुजरात देश में प्रथम बार निर्यात नीति ला रहा है। गुजरात सरकार ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट आयोजित करने की नवीन प्रणाली शुरु की और 121 जितने देश इसमें शामिल हुए। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात अब ग्लोबल इकॉनॉमी हब बन चुका है। कृषि विकास की लगातार एक दशक से जारी 10 प्रतिशत दर, जल व्यवस्थापन, पशु स्वास्थ्य से समग्र कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया गया है। कृषि महोत्सव, पशु स्वास्थ्य मेले और सूक्ष्म सिंचाई के नये आयामों का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने सबसे बड़ा सोलर पार्क स्थापित किया है और यह केपिटल ऑफ सोलर एनर्जी बनने में सक्षम है।
उन्होंने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का ढांचागत सुविधा का मॉडल स्थापित किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि पोर्ट लैंड डवलपमेंट एंड कोस्टल डवलपमेंट के एसआईआर के साथ गुजरात पर्यावरण का भी खयाल रख रहा है। प्राकृतिक सम्पदा का उत्पादकीय और मितव्ययता से उपयोग करने वाला और कार्बन क्रेडिट की सबसे ज्यादा आय हासिल करने वाला राज्य गुजरात बना है। गुजरात का विकास भारत के विकास के लिए है, यह संकल्प साकार कर राज्य विकसित बनेंगे तो देश विकसित बनेगा। विशेषज्ञ जितेन्द्र गढिया ने ब्रिक देशों के विभिन्न क्षेत्रों की आर्थिक विकास दर में आ रहे उतार- चढावों और उसके कारणों की विवेचना की।
वर्ल्ड बैंक द्वारा 185 देशों के करवाए गए सर्वे में भारत सहित ब्रिक राष्ट्रों के स्थान के बारे में भी उन्होंने प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने भारत में आर्थिक क्षेत्र और अर्थव्यवस्था की सभी सम्भावनाओं को सफल बनाने के अवसरों की चर्चा की। राज्य सरकार के वित्त विभाग के अग्र सचिव हसमुख अढिया ने संवाद सत्र का संचालन किया।