वघई में आरटीओ कार्यालय का उद्घाटन

वघई में विशाल आदिवासी युवा सम्मेलन

विवेकानंद युवा केन्द्र को खेलकूद साधनों के स्पोर्ट्स किट का वितरण

गुजरात के युवा कौशल्यवर्धन केन्द्र देश के लिए मॉडल

 

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गणतंत्रदिवस की पूर्व संध्या पर वघई में विशाल वनवासी युवा सम्मेलनमें कहा कि गुजरात के युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट के कौशल्य वर्धन केन्द्र देश के लिए मॉडल बने हैं। गुजरात के युवाओं ने हुनर-कौशल्य में सामर्थ्यदिखलाकरराज्यके उत्पादन, मैन्यूफेक्चरिंगक्षेत्रमें नईताकतखड़ी की है। उन्होंने कहा किपर्यटनक्षेत्र में डांगजिलाएक नई पर्यटनविरासतबनेगा, जोरोजगारके नयेअवसरखोलेगा।

६४वें गणतंत्र पर्वके राज्यस्तरीयसमारोहके यजमान बने गुजरात के आदिवासीडांग जिले में आज मुख्यमंत्री आदिवासी जनता-जनार्दन के उत्साह में सह भागीहोने के लिए पहुंचे। डांग जिले के वघई में आज सुबह स्वामीविवेकानंद युवा परिषदमें भाग लेते हुए श्री मोदी ने वनबंधु युवाशक्तिकाअभिवादनकिया। उन्होंने वघई में आरटीओ के नयेकार्यालयका लोकार्पण और विवेकानंदकेन्द्रों के लिएखेलकूदके साधनों केकिटवितरीत किए।

गणतंत्रपर्वकी अंतःकरण से शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरदराज केपहाड़ी इलाकों में बसे आदिवासियों के चरणों में पूरी गुजरातसरकारआकर बैठी है।राष्ट्रीयपर्वों कोसरकारीसमारोहों केसीमितदायरे सेबाहरलाकर जनशक्ति को जोड़ने के लिएइसमेंनयेप्राणफूंके हैं। राष्ट्रीय पर्व समारोह मेंविकासको जोड़कर विकास को जनभागीदारी काआंदोलनबनाया है और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय को साकार किया है, जिसके परिणाम स्वरूप विकास के लिए जन विश्वास पैदा हुआ है।

गणतंत्रपर्वकी महिमा दर्शाते हुए श्री मोदी ने कहा कि जनशक्ति ही शासक केकार्यों का लेखाजोखा करती है और उसी आधार पर सरकारको चुनती है। इस सन्दर्भमें निरंतर चौथी बार गुजरात की जनताने अटूट विश्वासरखकर हमारी सरकार कोसेवाकाअवसरदिया है। मेरी सरकार इस विश्वास को तनिक भी आंच नहीं आने देगी और विकास को एक-एक नागरिक तक पहुंचाने के लिए हरक्षण पुरुषार्थ करती रहेगी।

उन्होंने कहा कि स्वामीविवेकानंद की १५०वीं जयंती गत पूरे वर्षको गुजरात ने युवाशक्तिवर्ष के रूपमें मनाया और गुजरात की युवा शक्ति को अवसर मिले तो उनमें कितना सामर्थ्य है, यह साबित किया है। 

गुजरात सरकारने इस वर्ष भी युवाशक्तिवर्ष में स्किल डेवलपमेंट कोकेन्द्रबिंदुबनाकर युवाओं को हुनर,कलाऔर कौशल्य मेंपारंगतबनाने काअभियानचलाया है।

गुजरात केग्रामीणक्षेत्रकेकिसानपरिवारों की युवापीढ़ीभी अब हुनर-कौशल्य के आधुनिकस्किल डेवलपमेंट टेक्निकल और नॉन टेक्निकलकोर्स का प्रशिक्षण लेकर उत्तम कौशल्यवान बनी है। कौशल्य के दायरे कोविकसितकरने और लाखों युवाओं को कौशल्यवान बनाने काअभियानशुरू किया गया है। इसकालाभलाखों युवा ही नहीं बल्कि ग्रामीण कन्याएं भी कौशल्यवर्धन केन्द्रों में जाकर ले रही हैं। प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं। कौशल्यवर्धन से कर्मबल, बुद्धिबल से आजकी युवा पीढ़ी मेंउत्पादनक्षेत्र में नई ताकत फूंकी है। गुजरात के कौशल्यवर्धन केन्द्र देश के स्किल डेवलपमेंट के लिए मॉडल बने हैं।

श्री मोदी ने कहा कि डांग जिले में वघई और सुबीर दो नई तहसीलें बनेंगी। युवाओं के सपने साकारकरनाहीविकासहै। यहसंकल्पव्यक्तकरते हुए उन्होंने कहा कि नई २४ माध्यमिक स्कूलें शुरू की गई हैं। डांग जिले में सापुतारासबकी आंख का तारा बन रहा है। अब समग्र डांगजिला पर्यटनक्षेत्रमें भी आकर्षणखड़ा करेगा।जिससे युवाओं के लिए आर्थिक प्रवृत्तियों के अनेक अवसरपैदा होंगे। उन्होंने कहा कि डांग जिले मेंआदिवासीसमाजमेंभ्रूणहत्याकाकलंकनहींहै। समग्र देश में बेटी बचाने कीकोशिशेंचलरही हैं, जबकि इस डांग जिले मेंप्रतिहजार पुरुष पर १००७ स्त्रियां हैं जोसमानताकेगौरवको बढ़ाती है।

उन्होंने कहा कि इस आदिवासीजिले में माता मृत्युदर और बालमृत्यु दर काफी ऊंची थी। दस वर्ष में १०८ एंबुलेंस सेवा और चिरंजीवी योजनाकी संस्थागत प्रसूतिकी सेवा से माता-शिशु मृत्यु दर काफी तेजी सेघटरही है।

डांग जिले नेप्रगतिकी कैसी छलांगलगाईहै, इसकीसफलताकेउदाहरणदेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजीरोटी के लिएआदिवासीस्थानांतरणकाप्रतिशत४० प्रतिशत से घटकर मात्र १४ रह गया है।ग्रामीणकृषिऔरसिंचाईकेक्षेत्रमें मिलीसुविधासेसमृद्धिकीखेतीकरने लगे हैं। सब्जियों कीबुवाई५००० हेक्टेयर में होती है,जिससेआयदोगुनी हो गई है। डांग मेंवार्षिकअनाजउत्पादन७३,०००टनसे बढ़कर सवालाखटन पर पहुंचा है। और सिंचाई की सुविधाअतिरिक्तआठ हजार हेक्टेयर में बढ़ी है। उन्होंने कहा कि डांगजैसेजंगली क्षेत्र मेंआज३११ गांव में से ३०५ गांवों की पक्की सड़कों केआधुनिकीकरणपर १५० करोड़ जितनीभारीरकमखर्चहुई है।आजादीके बाद डांग जिले में ऐसा पहली बार हुआ है।

इस मौके पर गुजरात के युवक सेवाऔर सांस्कृतिक विभागकेसचिवभाग्येश झा नेस्वागतभाषणदिया जबकि डांग जिले केप्रभारीसचिव एस.के. नंदा ने श्री मोदी को स्वामी विवेकानंद जी कीप्रतिमाका स्मृति चिन्ह प्रदानकिया। नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. एआरपाठकने भी मुख्यमंत्री को स्मृतिचिन्ह प्रदान किया।व्यसन मुक्ति की प्रतिज्ञालेने वाले डांग जिले के सात हजार जितने युवाओं को श्री मोदी नेशपथपत्रप्रदान किए। आहवा की विवेकानंद सार्धशतीमंडलकेप्रमुखसंजयभाई पाटील ने फोटो फ्रेम तथा घनश्यामभाई पटेल ने डांग के वनवासियोंद्वाराबनाई गई बांस कीकलाकृतिश्री मोदी को एनायत की।

 

श्री मोदी द्वारा संजयभाई पाटील को ७,००० जितने  स्लोगन वाले फोटोग्राफ्स एनायत कर व्यसन मुक्ति अभियान का शुभारंभ करवाया गया। जिला स्तरीय स्वामी विवेकानंद वक्तृत्व स्पर्धा के विजेता एकलव्य रेसीडेंसी शाला के परशुराम भोये को स्मृतिचिन्ह प्रदान करने के साथ ही आईटीआई द्वारा कंप्यूटर के प्रशिक्षणार्थी लाभार्थियों को ई-एम्पावर प्रमाण पत्र और राज्य स्तरीय क्विज स्पर्धा की दीपदर्शन शाला, आहवा को भी स्मृतिचिन्ह प्रदान कर अभिवादन किया गया।

कार्यक्रम में मंगलभाई गावित, बाबूभाई चौर्या,परिवहनआयुक्तश्री गुप्ता,जिलाविकासअधिकारीबीके ठक्कर, आहवा-डांग के अग्रणी, जनप्रतिनिधि और युवा तथा नागरिक भारी संख्यामें मौजूद थे।

 

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !