संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व समुदाय को पिछड़ी हुई सोच और अतिवाद के बढ़ते हुए ख़तरों से आगाह करते हुए वैज्ञानिक, तार्किक और प्रगतिवादी सोच को विकास का आधार बनाने का आवाहन किया।
साथ ही प्रधानमंत्री ने बताया की साइंस बेस्ड अप्रोच को मजबूत करने के लिए भारत, अनुभवपरक शिक्षा को को बढ़ावा दे रहा है। “हमारे यहां, स्कूलों में हजारों अटल टिंकरिंग लैब्स खोली गई हैं, इंक्यूब्येटर्स बने हैं और एक मजबूत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम विकसित हुआ है। अपनी आजादी के 75वें वर्ष के उपल्क्ष्य में, भारत 75 ऐसे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाला है, जो भारतीय विद्यार्थी, स्कूल-कॉलेजों में बना रहे हैं”, प्रधानमंत्री ने कहा।
अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा “जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो। हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थितियों का कोई देश, अपने स्वार्थ के लिए, एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं करे।“
प्रधानमंत्री ने विश्व समुदाय से अफगानिस्तान की जनता, वहां की महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के प्रति अपना दायित्व निभाने की अपील की।