संदेशखाली फाइल्स

Published By : Admin | April 2, 2024 | 18:43 IST

संदेशखाली में जो कुछ भी घटित हुआ वह शर्मनाक है। संदेशखाली से उठा तूफान पश्चिम बंगाल के हर हिस्से तक पहुंचेगा: प. बंगाल के आरामबाग में एक जनसभा में पीएम मोदी (1 मार्च, 2024)

पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले का एक गांव संदेशखाली, स्थानीय महिलाओं द्वारा हिंसा और विरोध प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में रहा है। उन्होंने क्षेत्र के तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ सुनियोजित यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे। यह इलाका, भारत और बांग्लादेश के एक साझा क्षेत्र सुंदरबन के भीतर स्थित है, जो लोगों, वस्तुओं, नकदी और पशुओं की अवैध तस्करी के लिए कुख्यात है।

राशन घोटाले के आरोप में शेख शाहजहां पर छापा मारने गए ED अफसरों पर हमले के बाद संदेशखाली ने ध्यान आकर्षित किया। लगभग दो महीने तक जांच एजेंसियों से बचने के बाद, शाहजहां को बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच गिरफ्तार कर लिया गया, और वर्तमान में वह CBI की हिरासत में है। संदेशखाली में ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर उसकी गिरफ्तारी का जश्न मनाया, जबकि महिलाओं ने सामूहिक एकजुटता दिखाने के लिए गुलाल खेला। भारतीय जनता पार्टी ने संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्रा को बशीरहाट लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वह महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ने वाली नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरी हैं। पीएम मोदी ने टेलीफोन पर बातचीत में उन्हें 'शक्ति स्वरूपा' कहा।

संदेशखाली में उथल-पुथल शाहजहां के खिलाफ बेहद गंभीर आरोंपों के इर्द-गिर्द घूमती है। स्थानीय महिलाएं उस पर और उसके 'गिरोह' पर यौन उत्पीड़न और स्थानीय जनजातियों से जबरन ज़मीन हड़पने का आरोप लगाती हैं। तृणमूल पार्टी के सदस्यों और समर्थकों पर बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोप लगे थे, जिससे भय का व्यापक माहौल बना और जिसके चलते लोग इस अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा सके।

ऐसी परेशान करने वाली रिपोर्टें सामने आई हैं, जिनमें विवाहित और अविवाहित महिलाओं को देर शाम 'पार्टी बैठकों' में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया।

आरोप है कि तृणमूल पार्टी के लोग देर शाम के समय महिलाओं को उनके घरों से जबरन ले जाते थे और उनके साथ जबरदस्ती करते थे। संदेशखाली के असहाय निवासी इन भयावह अत्याचारों को सहने के लिए मजबूर थे।

भगोड़े शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर क्षेत्र की महिलाओं ने प्रदर्शन किया। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार महिलाओं और आदिवासियों, दोनों की गुहार को नजरअंदाज करते हुए चुप रही।

यह गिरफ्तारी तब हुई जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हालात पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि शाहजहां "भाग नहीं सकता" और "सरकारी मशीनरी उसका समर्थन नहीं कर सकती"।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में शेख शाहजहां का सरकार का बचाव बेशर्मी के नए स्तर पर पहुंच गया। मुख्यमंत्री ने कहा, "पहले, उन्होंने (भाजपा के लोग) क्षेत्र में प्रवेश किया और ED के माध्यम से शेख शाहजहां को निशाना बनाया और फिर उन्होंने लोगों को अंदर लाकर परेशानी शुरू कर दी।" संदेशखाली में शाहजहां के कुकर्मों की जानकारी होने के बावजूद, मुख्यमंत्री ने भाजपा-आरएसएस को दोषी ठहराया और उसे क्लीन चिट प्रदान की, जिससे मानवीय संकट एक राजनीतिक तमाशा बन गया।

संदेशखाली में हिंसा भड़कने से पहले, शेख शाहजहां के कारनामों में अनेक पाप और कुकर्म दर्ज हैं। क्षेत्र से जुड़े लोगों का मानना है कि वह बांग्लादेशी मूल का है। वह अपने शुरुआती दिनों से ही सभी प्रकार के अपराधों में शामिल रहा है, जिनमें से सबसे अधिक जमीनों कब्ज़ा करना है - या तो बलपूर्वक या धनबल के माध्यम से, खेती की भूमि पर कब्ज़ा करना, स्थानीय लोगों से तालाबों को ज़बरदस्ती छीनना, और फिर मछली पकड़ने की अनुमति देने के बदले में उनसे पैसे लेना, स्थानीय लोगों से ज़मीन पट्टे पर लेना और फिर ज़मीन मालिकों को पैसे देने से इनकार करना। यह सब इसलिए संभव हो सका क्योंकि इस दौरान राज्य सरकार उस पर मेहरबानी रही। शेख और उसके दो करीबी सहयोगियों - शिबोप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार - पर अनुमानित 5000 बीघे (3095 एकड़) से अधिक भूमि पर जबरन कब्जा करने और उन्हें मछली तालाबों (बंगाल में भेड़ी कहा जाता है) में बदलने करने का आरोप है। उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मीडिया, जिसे अक्सर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, को पश्चिम बंगाल में चुप कराया जा रहा है। एक प्रमुख टीवी चैनल के बांग्ला पत्रकार को राज्य पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट तलक से वंचित, पत्रकार को बिना किसी सूचना के शारीरिक रूप से घसीट कर ले जाया गया। वीडियो फुटेज में दिख रहा है, जिसमें पत्रकार को जबरन प्रदर्शन स्थल से हटाया जा रहा है। इसी तरह राज्य में विपक्ष को खामोश करने की कोशिश की गई है। संदेशखाली में पीड़ितों तक पहुंचने की कोशिश करने पर स्थानीय विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी की घटनाएं हुई हैं।

हेमलेट की प्रसिद्ध पंक्तियां 'डेनमार्क स्टेट में कुछ गड़बड़ है'...की तर्ज पर यह कहना गलत नहीं होगा कि 'तृणमूल शासित पश्चिम बंगाल में कुछ गड़बड़ है।’ राज्य की मशीनरी करप्ट हो चुकी है। और महिलाएं न्याय की बाट जोह रही हैं।

 

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।