संदेशखाली में जो कुछ भी घटित हुआ वह शर्मनाक है। संदेशखाली से उठा तूफान पश्चिम बंगाल के हर हिस्से तक पहुंचेगा: प. बंगाल के आरामबाग में एक जनसभा में पीएम मोदी (1 मार्च, 2024)
पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले का एक गांव संदेशखाली, स्थानीय महिलाओं द्वारा हिंसा और विरोध प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में रहा है। उन्होंने क्षेत्र के तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ सुनियोजित यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे। यह इलाका, भारत और बांग्लादेश के एक साझा क्षेत्र सुंदरबन के भीतर स्थित है, जो लोगों, वस्तुओं, नकदी और पशुओं की अवैध तस्करी के लिए कुख्यात है।
राशन घोटाले के आरोप में शेख शाहजहां पर छापा मारने गए ED अफसरों पर हमले के बाद संदेशखाली ने ध्यान आकर्षित किया। लगभग दो महीने तक जांच एजेंसियों से बचने के बाद, शाहजहां को बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच गिरफ्तार कर लिया गया, और वर्तमान में वह CBI की हिरासत में है। संदेशखाली में ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर उसकी गिरफ्तारी का जश्न मनाया, जबकि महिलाओं ने सामूहिक एकजुटता दिखाने के लिए गुलाल खेला। भारतीय जनता पार्टी ने संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्रा को बशीरहाट लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वह महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ने वाली नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरी हैं। पीएम मोदी ने टेलीफोन पर बातचीत में उन्हें 'शक्ति स्वरूपा' कहा।
संदेशखाली में उथल-पुथल शाहजहां के खिलाफ बेहद गंभीर आरोंपों के इर्द-गिर्द घूमती है। स्थानीय महिलाएं उस पर और उसके 'गिरोह' पर यौन उत्पीड़न और स्थानीय जनजातियों से जबरन ज़मीन हड़पने का आरोप लगाती हैं। तृणमूल पार्टी के सदस्यों और समर्थकों पर बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोप लगे थे, जिससे भय का व्यापक माहौल बना और जिसके चलते लोग इस अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
ऐसी परेशान करने वाली रिपोर्टें सामने आई हैं, जिनमें विवाहित और अविवाहित महिलाओं को देर शाम 'पार्टी बैठकों' में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया।
आरोप है कि तृणमूल पार्टी के लोग देर शाम के समय महिलाओं को उनके घरों से जबरन ले जाते थे और उनके साथ जबरदस्ती करते थे। संदेशखाली के असहाय निवासी इन भयावह अत्याचारों को सहने के लिए मजबूर थे।
भगोड़े शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर क्षेत्र की महिलाओं ने प्रदर्शन किया। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार महिलाओं और आदिवासियों, दोनों की गुहार को नजरअंदाज करते हुए चुप रही।
यह गिरफ्तारी तब हुई जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हालात पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि शाहजहां "भाग नहीं सकता" और "सरकारी मशीनरी उसका समर्थन नहीं कर सकती"।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में शेख शाहजहां का सरकार का बचाव बेशर्मी के नए स्तर पर पहुंच गया। मुख्यमंत्री ने कहा, "पहले, उन्होंने (भाजपा के लोग) क्षेत्र में प्रवेश किया और ED के माध्यम से शेख शाहजहां को निशाना बनाया और फिर उन्होंने लोगों को अंदर लाकर परेशानी शुरू कर दी।" संदेशखाली में शाहजहां के कुकर्मों की जानकारी होने के बावजूद, मुख्यमंत्री ने भाजपा-आरएसएस को दोषी ठहराया और उसे क्लीन चिट प्रदान की, जिससे मानवीय संकट एक राजनीतिक तमाशा बन गया।
संदेशखाली में हिंसा भड़कने से पहले, शेख शाहजहां के कारनामों में अनेक पाप और कुकर्म दर्ज हैं। क्षेत्र से जुड़े लोगों का मानना है कि वह बांग्लादेशी मूल का है। वह अपने शुरुआती दिनों से ही सभी प्रकार के अपराधों में शामिल रहा है, जिनमें से सबसे अधिक जमीनों कब्ज़ा करना है - या तो बलपूर्वक या धनबल के माध्यम से, खेती की भूमि पर कब्ज़ा करना, स्थानीय लोगों से तालाबों को ज़बरदस्ती छीनना, और फिर मछली पकड़ने की अनुमति देने के बदले में उनसे पैसे लेना, स्थानीय लोगों से ज़मीन पट्टे पर लेना और फिर ज़मीन मालिकों को पैसे देने से इनकार करना। यह सब इसलिए संभव हो सका क्योंकि इस दौरान राज्य सरकार उस पर मेहरबानी रही। शेख और उसके दो करीबी सहयोगियों - शिबोप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार - पर अनुमानित 5000 बीघे (3095 एकड़) से अधिक भूमि पर जबरन कब्जा करने और उन्हें मछली तालाबों (बंगाल में भेड़ी कहा जाता है) में बदलने करने का आरोप है। उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मीडिया, जिसे अक्सर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, को पश्चिम बंगाल में चुप कराया जा रहा है। एक प्रमुख टीवी चैनल के बांग्ला पत्रकार को राज्य पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट तलक से वंचित, पत्रकार को बिना किसी सूचना के शारीरिक रूप से घसीट कर ले जाया गया। वीडियो फुटेज में दिख रहा है, जिसमें पत्रकार को जबरन प्रदर्शन स्थल से हटाया जा रहा है। इसी तरह राज्य में विपक्ष को खामोश करने की कोशिश की गई है। संदेशखाली में पीड़ितों तक पहुंचने की कोशिश करने पर स्थानीय विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी की घटनाएं हुई हैं।
हेमलेट की प्रसिद्ध पंक्तियां 'डेनमार्क स्टेट में कुछ गड़बड़ है'...की तर्ज पर यह कहना गलत नहीं होगा कि 'तृणमूल शासित पश्चिम बंगाल में कुछ गड़बड़ है।’ राज्य की मशीनरी करप्ट हो चुकी है। और महिलाएं न्याय की बाट जोह रही हैं।