आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें स्वच्छ भारत अभियान पर मुख्यमंत्रियों के उप-समूह की अंतिम रिपोर्ट सौंपी।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों की उनके प्रयासों के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि यद्यपि स्वच्छ भारत एक मुश्किल कार्य है लेकिन असंभव नहीं है।

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स्वच्छ भारत अभियान पर मुख्यमंत्रियों के उप-समूह का गठन 24 मार्च, 2015 को किया गया था। इसके गठन का फैसला 8 फरवरी, 2015 को होने वाली नीति आयोग की गवर्निंग कांउसिल की पहली बैठक में किया गया था। उप-समूह में आंध्रप्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मिजोरम, सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सदस्य हैं तथा आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री इसके संयोजक हैं। इस उप-समूह की बैठक नई दिल्ली, चंडीगढ़ और बेंगलूरु में चार बार हुई, जिनमें इस विषय पर गहन चर्चा की गई।

उप-समूह की नियमावली में चार बिन्दु शामिल हैं- 1.) स्वच्छ भारत अभियान के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक वित्त प्रबंध की विवेचना करना और बजटीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सुझाव देना, 2.) इसके प्रभावशाली कार्यान्वयन के लिए मजबूत कार्यप्रणाली की सिफारिश करना, 3.) शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन सहित स्वच्छ भारत अभियान के विभिन्न घटकों को प्रौद्योगिकीय समर्थन देने के लिए उपाय सुझाना, 4.) स्वच्छ भारत अभियान में निजी क्षेत्र की भागीदारी के विषय में विचार करना और इसके प्रभावशाली कार्यान्वयन के संबंध में निजी क्षेत्र और सिविल सोसाइटी संगठनों की भागीदारी में सुधार करने के उपाय बताना, 5.) स्वच्छ भारत अभियान को गतिशील बनाने के लिए उपाय सुझाना और 6.) अन्य उपाय।

रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशों में व्यवहार में बदलाव और लोगों में स्वच्छता एवं सफाई की सकारात्मक आदतों को प्रोत्साहन देना शामिल है। इस बदलाव के लिए उप-समूह ने सिफारिश की है कि सूचना, शिक्षा एवं संचार को वित्तीय रूप से मजबूत करने के लिए एक संचार रणनीति तैयार की जाए, ताकि व्यवहार में बदलाव लाया जा सके। सफाई और स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में “स्वच्छता सेनानी” नामक छात्रों का दल बनाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा स्कूलों के पाठ्यक्रमों में स्वच्छता एवं सफाई को शामिल करने का भी सुझाव दिया गया है।

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कार्यक्रम के आयाम और महत्व को ध्यान में रखते हुए सुझाव दिया गया है कि इस कार्यक्रम का वित्त पोषण केन्द्र और राज्य के बीच 75:22 के आधार पर हो, जबकि पहाड़ी राज्यों के संदर्भ में वित्त पोषण का अनुपात 90:10 रखा जाए। कार्यक्रम के संसाधनों के लिए स्वच्छ भारत बांड भी जारी किए जा सकते है और केन्द्र सरकार पेट्रोल, डीजल, दूरसंचार सेवाओं तथा कोयला, एल्मुनियम और लौह अयस्क जैसे खनिज कचरा उत्पन्न करने वाले संयंत्रों पर स्वच्छ भारत उपस्कर (सेस) लगाया जा सकता है।

कार्यक्रम के दिशा-निर्देश, समर्थन और निगरानी के संबंध में रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर स्वच्छ भारत अभियान के लिए एक समर्पित अभियान का गठन किया जाए। एक राष्ट्रीय तकनीकी बोर्ड के गठन की भी सिफारिश की गई है, ताकि उसके जरिए राज्य और स्थानीय निकाय प्रौद्योगिकीयों की निशानदेही, मूल्यांकन, चयन और खरीद कर सकें। यह सिफारिश भी की गई है कि रासायनिक उर्वरक पर सब्सिडी कम की जाए और कम्पोस्ट खाद को प्रोत्साहित करने के लिए उस पर सब्सिडी बढ़ाई जाए। कचरा प्रबंधन की गतिविधियों में सुधार के लिए रिपोर्ट ने प्रस्ताव किया है कि निजी क्षेत्र को केन्द्र और राज्य सरकारें कर छूट प्रदान करें।

रिपोर्ट में यह सुझाव भी दिया गया है कि निजी क्षेत्र की भागीदारी तथा सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) को आकर्षित करने के लिए उपाय किए जाएं। सुझाव दिया गया है कि बड़ी नगरपालिकाओं में बिजली संयंत्रों के कचरे को पीपीपी प्रणाली पर आधारित किया जाए और छोटे कस्बों और गांवों में कम्पोस्ट प्रणाली को अपनाया जाए।

सामुदायिक और जन-शौचालयों के संचालन और रख-रखाव के उपाय किए जाएं, जिनमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में किए जाने वाले विभिन्न उपाय शामिल हैं। अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों को हल करने के लिए नीति आयोग एक साझा मंच उपलब्ध करा सकता है। प्रस्ताव किया गया है कि नीति आयोग खुले में शौच जाने से मुक्ति (ओडीएफ) और ओडीएफ-प्लस के लिए एक खाका विकसित कर सकता है।

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सभी ग्राम पंचायतों, नगरपालिकाओं, उप-खंडों, जिलों और राज्यों के बीच प्रति वर्ष आपसी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए उनके लिए स्वच्छ भारत वर्गीकरण/रेटिंग जैसे प्रेरक उपायों का भी प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा सुझाव दिया गया है कि हर महीने के एक दिन और हर साल में एक सप्ताह (2 अक्टूबर के अनुरूप) स्वच्छ भारत अभियान गतिविधियों का आयोजन किया जाए तथा जो ग्राम पंचायतें, उप-खंड, शहरी निकाय, जिले और राज्य रेटिंग के आधार पर बेहतरीन प्रदर्शन करें, उन्हें पुरुस्कृत किया जाए। रिपोर्ट में प्रस्ताव किया गया है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में हर पारिवारिक इकाई में शौचालय बनाने की वित्तीय सहायता 15 हजार रुपए की जाए।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि कचरा उठाने वाले व्यक्तियों को कचरा प्रबंधन प्रणाली में समायोजित किया जाए, ताकि उनकी आजीविका पर दुष्प्रभाव न पड़े। रिपोर्ट में कहा गया है कि केन्द्र और राज्य सिर पर मैला ढोने की गतिविधि पर पूर्ण अंकुश लगाएं, जिसके लिए मैला ढोने से संबंधित गतिविधि उन्मूलन और पुर्नवास अधिनियम 2013 को कड़ाई से लागू किया जाए। इसके लिए कचरा प्रबंधन संबंधी सभी कानूनों और नियमों की समीक्षा की जाए।

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Sikkim Governor meets Prime Minister
June 13, 2025

The Governor of Sikkim, Shri Om Prakash Mathur met the Prime Minister, Shri Narendra Modi in New Delhi today.

The Prime Minister’s Office handle posted on X:

“Governor of Sikkim, Shri @OmMathur_Raj, met Prime Minister @narendramodi.”