महामहिम राष्‍ट्रपति यू थेन सेन, इस शिखर सम्‍मेलन का आयोजन करने और इस सत्र की अध्‍यक्षता करने के लिए मैं आपका आभारी हूं। आपके नेतृत्‍व के तहत, म्‍यांमार इस क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इससे भारत-आसियान संबंधों को भी मजबूती मिली है।

5-684

आपके विचारों के लिए मैं आप सभी का आभारी हूं। इससे भारत-आसियान सामरिक साझेदारी में मेरा विश्‍वास और मजबूत हुआ है।

उपर्युक्‍त सभी बातों के साथ, अच्‍छे मित्रों की भांति आप सभी ने एक सफल और समृद्ध भारत की कामना की है।

मैं कुछ बिंदुओं का उल्‍लेख करना चाहता हूं। हमारे बीच में कई समानताएं और समरूपताएं हैं। भारत और आसियान जनसंख्‍या के मामले में द्वितीय और तृतीय नंबर पर हैं। हम सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शामिल हैं और इस शताब्‍दी की सबसे तेजी से उभरती तीन अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शामिल हैं। हमारे पास एक युवा जनसंख्‍या की ताकत और क्षमता मौजूद है। भारत में 35 वर्ष की आयु से कम के आठ सौ मिलियन लोग एक बड़े अवसर का सृजन करते हैं।

हम भारत में एक नई आर्थिक यात्रा प्रारंभ कर चुके हैं। हम बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, व्‍यापार, कृषि, कौशल विकास, शहरी नवीकरण और स्‍मार्ट शहरों पर बल दे रहे हैं। ‘मेक इन इंडिया’ एक नया अभियान है। हम भारत में कारोबार करना आसान बनाने पर विशेष जोर दे रहे हैं और इसके तहत हम अपनी नीतियों को आ‍कर्षक बना रहे हैं। मैं आपको भारत के इस नए वातावरण में शामिल होने के लिए आमंत्रण देता हूं। भारतीय कंपनियां भी आसियान के साथ निवेश और व्‍यापार करने की इच्‍छुक हैं।

मैं आपको यह भी विश्‍वास दिलाता हूं कि हमारी व्‍यापार नीति और माहौल में व्‍यापक सुधार होगा। हम आसियान के साथ त्‍वरित गति से संपर्क परियोजनाओं की दिशा में भी आगे बढ़ेंगे। मैं यह भी सुझाव देता हूं कि हम भविष्‍य में और सुधार के लिए अपने सामान पर नि:शुल्‍क व्‍यापार समझौते की भी समीक्षा करें और इसे सभी के लिए लाभकारी बनाएं। मैं यह भी अपील करता हूं कि सेवा और निवेश पर मुक्‍त व्‍यापार समझौते को अति शीघ्र लागू किया जाए।

आपमें से कई महानुभावों ने क्षेत्रीय व्‍यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर विचार व्‍यक्‍त किए हैं। यह इस क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण और समृद्धि के लिए एक महत्‍वपूर्ण मंच हो सकता है। हालांकि हमारा उद्देश्‍य एक संतुलित समझौते के लिए होना चाहिए, जो सभी के लिए लाभकारी हो और वस्‍तु एवं सेवा के लिए समान समय-सीमा के साथ समान महत्‍वाकांक्षी एजेंडे के माध्‍यम से अपने स्‍वरूप में व्‍यापक हो।

अपने संपर्कों को और गहन बनाने के लिए, मैं आपके सहयोग से एक विशेष सुविधा अथवा विशेष उद्देश्‍य साधन का गठन करने पर विचार कर रहा हूं जिससे कि परियोजना के वित्‍त पोषण और शीघ्र कार्यान्‍वयन की सुविधा दी जा सके।

हालांकि, इस युग में हमें भौतिक संपर्क से ज्‍यादा सूचना और इंटरनेट तकनीक की आवश्‍यकता है। मेरा अनुभव है कि जहां भी सड़क संपर्क मजबूत नहीं है, वहां हम इंटरनेट संपर्क के माध्‍यम से व्‍यापक आर्थिक अवसर और रोजगार सृजन कर सकते हैं। भारत इस क्षेत्र में सभी संभव सहायता और सहयोग देने के लिए तैयार है।

SHV_2083-684

भारत और आसियान में बड़े शहर हैं और वह त्‍वरित गति से शहरीकरण का अनुभव कर रहे हैं। यह चुनौती और अवसर दोनों ही हैं। आइए, भारत के सौ स्‍मार्ट शहरों और पांच सौ शहरों के नवीकरण में भागीदार बनें। विज्ञान और तकनीक तथा शिक्षा, सहयोग के महत्‍वपूर्ण क्षेत्र हैं। हम नवीकरण ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में क्‍या कर सकते हैं, इस बारे में हमें महत्‍वाकांक्षी ढंग से सोचना चाहिए। आइए शोध, विनिर्माण और तैनाती के लिए एक प्रमुख आसियान-भारत सौर परियोजना के बारे में विचार करते हैं।

अंतरिक्ष विज्ञान भी हमें बहुत से क्षेत्रों में लाभ दे सकता है। हमें वियतनाम में एक नए भारत-आसियान अंतरिक्ष संबंधित भू-स्‍टेशन की स्‍थापना शीघ्रता से करनी चाहिए और इंडोनेशिया में मौजूदा स्‍टेशन के उन्‍नयन की परियोजना प्रारंभ करनी चाहिए। पड़ोसी के तौर पर भारत और आसियान आपदा जोखिम में कमी, त्‍वरित प्रतिक्रिया और प्रबंधन में सहयोग से अत्‍यंत लाभान्वित हो सकते हैं। भारत इस क्षेत्र में क्षमता निर्माण, सहयोग और त्‍वरित प्रक्रिया में पूर्ण सहायता देने के लिए तैयार है।

हमें पारं‍परिक औषधि‍, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और वन सहित स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में अपने सहयोग को आगे बढ़ाना चाहिए। जैसा कि आपमें से कुछ पहले ही उल्‍लेख कर चुके हैं कि कृषि और खाद्य सुरक्षा भी एक ऐसा अन्‍य क्षेत्र है, जहां मैं सहयोग की अपार संभावनाएं देखता हूं।

हमें आपसी मान्‍यता के मामले में भी तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। हमें और अधिक अनुसंधान करने चाहिए तथा अपने प्राचीन संबंधों का आदान-प्रदान करना चाहिए। हमें यह भी देखना चाहिए कि कैसे हमारी सम्मिलित विरासत आधुनिक विश्‍व के लिए उपयोगी हो सकती है।

हमारे युवाओं और हमारे आर्थिक विकास के लिए रोजगार अवसरों का सृजन करने के लिए कौशल विकास आवश्‍यक है। हमें कौशल विकास में अपने संबंधित क्षेत्रों की विशेषज्ञताओं को साझा करने में सहयोग करना चाहिए।

मैं व्‍यक्तिगत रूप से जन संपर्क पर खास जोर देता हूं। मैं छात्रों, युवाओं, शिक्षकों, सांसदों, राजनयिकों, मीडिया, किसानों, कलाकारों और विशेषज्ञों के बीच संबंधों को बढ़ते हुए देखना चाहूंगा।

पर्यटन में भी उस तरह से वृद्धि नहीं हुई है जैसी होनी चाहिए। आज वास्‍तव में भारतीय पर्यटकों के लिए आसियान क्षेत्र सर्वाधिक लोकप्रिय स्‍थल है। मैं भविष्‍य में आसियान पर्यटकों की भारत में वृद्धि देखना चाहता हूं। इस संदर्भ में बौद्ध सर्किट व्‍यापक अवसर प्रदान करता है।

महानुभावों, हमने आर्थिक समृद्धि और अपने पर्यावरण की रक्षा पर काफी ध्‍यान दिया है। क्‍या हम अपने युवाओं की सुरक्षा और रक्षा पर भी समान ध्‍यान देते हैं? हमें आसियान देशों से उच्‍चस्‍तरीय सुरक्षा सहयोग मिला है, जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं, लेकिन हमें भविष्‍य में आतंकवाद, चरमपंथ, मादक पदार्थों, हथियारों और काले धन जैसे मसलों से निपटने के लिए अपने सहयोग को और मजबूत करना चाहिए।

महानुभावों, एशिया का भविष्‍य उज्‍ज्वल है, लेकिन यह कई चुनौतियों का भी सामना करता है। हमारी प्रगति और समृद्धि क्षेत्र की शांति और स्थिरता पर निर्भर करती है। दुनिया में परिवर्तन की लहर है और इस बदली हुई दुनिया में नई सच्‍चाइयां उभर कर सामने आ रही हैं। वैश्‍वीकरण जीवन का एक सच है। हम सभी इससे प्रभावित हैं और हम सभी इससे लाभान्वित भी हुए हैं।

विश्‍व में समुद्री व्‍यापार और यात्रा के संपर्कों को देखते हुए समुद्री सुरक्षा अब ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण हो चुकी है। हम सभी की जिम्‍मेदारी है कि हम सभी समुद्री क्षेत्र के मुद्दों पर अंतर्राष्‍ट्रीय कानूनों और मानदण्‍डों का पालन करें, जैसा कि हम वायु मार्ग के मामले में करते हैं। भविष्‍य में अंतरिक्ष में भी इसकी आवश्‍यकता होगी।

दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता के लिए, प्रत्‍येक को अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों और नियमों का पालन करना चाहिए। इसमें समुद्र के कानून पर 1982 की संयुक्‍त राष्‍ट्र संधि भी शामिल है। हम यह भी आशा करते हैं कि 2002 के घोषणा-पत्र के दिशा-निर्देशों को सफलतापूर्वक लागू करेंगे और दक्षिण चीन सागर के मामले में आचार संहिता के आधार पर आम सहमति से जल्‍द ही निष्‍कर्ष निकाला जा सकेगा।

अंत में, मैं कहना चाहूंगा कि आप सभी से यहां मिलना मेरे लिए सौभाग्‍य की बात है। इससे आसियान देशों के साथ हमारे संबंधों के प्रति मेरा विश्‍वास और उत्‍साह दोगुना हो गया है।

मैं आसियान के साथ संबंधों के लिए आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि इसे आगे बढ़ाने के प्रति मेरा व्‍यक्तिगत और निरंतर ध्‍यान बना रहेगा, ताकि हम इन संबंधों से अपनी उच्‍च अपेक्षाओं को पूरा कर सकें।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
'You Are A Champion Among Leaders': Guyana's President Praises PM Modi

Media Coverage

'You Are A Champion Among Leaders': Guyana's President Praises PM Modi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."