महामहिम, राष्‍ट्रपति पार्क गुएन हाए

मीडिया के सदस्‍य

कोरिया गणराज्‍य की यात्रा पर आकर मुझे बेहद खुशी हुई है। मैं जोरदार स्‍वागत और मेजबानी के लिए राष्‍ट्रपति पार्क को तहे दिल से धन्‍यवाद देता हूं।

राष्‍ट्रपति पार्क के साथ आज बहुत उपयोगी बातचीत हुई। जनवरी 2014 में श्री पार्क की भारत यात्रा का हमारे संबंधों पर अच्‍छा प्रभाव पड़ा था।  

अपनी सरकार के पहले कार्यकाल में कोरिया गणराज्‍य की यात्रा पर आकर मुझे खुशी हुई है। मैं इससे पहले मुख्‍यमंत्री के रूप में यहां आया था।

कोरिया की आर्थिक तरक्‍की ने मुझे गहराई तक प्रभावित किया। तब से थोड़े से ही समय में, निर्माण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कोरिया वैश्विक तौर पर अगुवाई कर रहा है।

एशिया में दक्षिण कोरिया लोकतंत्र का एक मजबूत स्‍तम्‍भ है।



कोरिया की तेज प्रगति ने एशियाई शताब्‍दी को मजबूत बनाने का स्‍वप्‍न दिखाया है।

यह न केवल कोरिया की अर्थव्‍यवस्‍था की मजबूती पर आधारित है, बल्कि क्षेत्र की शांति और स्थिरता में भी उसका योगदान है।

हम भारत के आर्थिक आधुनिकीकरण में दक्षिण कोरिया को एक महत्‍वपूर्ण सहयोगी मानते हैं।

मैं ऐसे समय पर यहां आया हूं जब भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था ने नई रफ्तार पकड़ी है। हम आर्थिक आधुनिकीकरण के विस्‍तृत कार्यक्रम का अनुसरण कर रहे हैं जिसमें अर्थव्‍यवस्‍था के सभी क्षेत्र, नीतियां तथा प्रक्रियाओं के सभी पहलू शामिल हैं।

हम बुनियादी ढांचे और विश्‍व स्‍तर का निर्माण क्षेत्र बनाने पर विशेष ध्‍यान दे रहे हैं। दक्षिण कोरिया इस कार्य में प्रमुख सहयोगी बन सकता है।

हमारे संबंधों की शुरूआत मजबूत आर्थिक प्रभाव से शुरू हुई। लेकिन अब यह रणनीतिक साझेदारी में बदल चुकी है।

साझा मूल्‍यों और दूरदर्शिता के साथ देशों के बीच इतनी निकटता इससे पहले कभी देखने को नहीं मिली।

इन सभी कारणों से यह यात्रा मेरे लिए महत्‍वपूर्ण है।

मुझे खुशी है कि हम द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाकर 'विशेष रणनीतिक साझेदारी' स्थापित करने पर सहमत हुए।

आज हुए फैसले इस बात का प्रतीक हैं कि हम कितनी गंभीरता से अपनी मैत्री के नये स्‍वरूप को लेते हैं। कोरिया गणराज्‍य दूसरा ऐसा देश है जिसके साथ भारत की 2+2 स्‍वरूप में कूटनीतिक और सुरक्षा संबंधी बातचीत हुई है।

मैं, अपनी राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच नियमित सहयोग के फैसले का स्‍वागत करता हूं।

हम अपनी सशस्‍त्र सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हैं।

हमने रक्षा प्रौद्योगिकी और भारत में रक्षा उपकरणों के निर्माण में सहयोग बढ़ाने की भी इच्‍छा व्‍यक्‍त की। भारत में इस क्षेत्र में भारी अवसर हैं।

मैंने राष्‍ट्रपति पार्क से अनुरोध किया कि वे भारत में रक्षा क्षेत्र में कोरियाई कंपनियों की भागीदारी का समर्थन करें। उनकी प्रतिक्रिया सकारात्‍मक रही।

हम दोनों ने अपने आर्थिक संबंधों के बारे में विस्‍तृत विचार-विमर्श किया।

अनेक कोरियाई ब्रांड भारत में घर-घर में जाने जाते हैं। राष्‍ट्रपति पार्क और मुझे कोरियाई कंपनियों के हमारे 'मेक इन इंडिया' मिशन में भाग लेने के लिए व्‍यापक संभावनाएं दिखाई दीं। मैं कल कोरिया के बिजनेस प्रमुखों से मुलाकात करूंगा। कोरियाई कंपनियों के लिए भारत में सफलता की अपार संभावनाएं हैं।

हम एक चैनल-कोरिया प्‍लस- स्‍थापित करेंगे, ताकि भारत में उनका निवेश और कार्य बढ़ाया जा सके।

मैं नये क्षेत्रों में कोरियाई कंपनियों की भागीदारी के लिए राष्‍ट्रपति पार्क का सहयोग चाहता हूं।

रक्षा उपकरणों के अलावा, मैं एलएनजी टैंकरों सहित जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में कोरियाई निवेश को आमंत्रित करता हूं।

जहाज निर्माण के क्षेत्र में एक संयुक्‍त कार्य दल की स्‍थापना का हमारा फैसला इस क्षेत्र में सहयोग करने के प्रति हमारे गंभीर रवैये को दर्शाता है। कोरियाई कंपनियां एलएनजी टैंकरों को हासिल करने और उनके निर्माण के लिए भारत की योजना में शामिल हो रही हैं। कल मैं उल्‍सान में एक शिपयार्ड देखने जाऊंगा।

राष्‍ट्रपति पार्क और मैंने इस बात पर सहमति व्‍यक्‍त की कि हमारा मामूली व्‍यापार संभावना से काफी कम है। हमने व्‍यापक आर्थिक साझेदारी समझौते और बाजार में पहुंच से जुड़े अन्‍य मुद्दों की समीक्षा करने पर सहमति व्‍यक्‍त की। मैंने द्विपक्षीय व्‍यापार में संतुलित और व्‍यापक आधार का विकास देखने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की।

हमने अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर भी उपयोगी बातचीत की।

मैं कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दक्षिण कोरिया के कूटनीतिक प्रयासों का स्‍वागत करता हूं। मैं उसकी इस बात से भी सहमत हूं कि परमाणु और विनाशकारी हथियारों का प्रसार क्षेत्र के देशों के हित में नहीं होगा। मैं कोरियाई प्रायद्वीप को फिर से शांतिपूर्ण एकीकरण के लिए कोरियाई जनता को भारत के सहयोग की पेशकश करता हूं।

हमने पूर्वी एशिया शिखर बैठक और आसियान में हमारी वचनबद्धता के बारे में भी चर्चा की। हमने खुले, संतुलित और समग्र क्षेत्रीय निर्माण में दिलचस्‍पी दिखाई। क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के बारे में भी हमारे एक जैसे विचार हैं।

हमने नौवहन की आजादी और समुद्र के रास्‍तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपस में और अन्‍य देशों के साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्‍यक्‍त की।

दक्षिण कोरिया की यात्रा अभी शुरू हुई है, लेकिन यह काफी उपयोगी साबित हुई है। हमने संबंधों की ऐसी आधारशिला रखी है, जो साझा मूल्‍यों के साथ दो प्रमुख एशियाई देशों के बीच होनी चाहिए।

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।