Your Excellency, Prime Minister Tony Abbott,

मीडिया के मेरे मित्रो,

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प्रधान मंत्री Tony Abbott की भारत यात्रा पर उनका स्वागत करने में मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मेरी सरकार के वे पहले State Visit के माननीय अतिथि हैं। यह हमारा सौभाग्य है क्योंकि भारत ऑस्ट्रेलिया को बहुत महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखता है, और इन संबंधों को और गहरा बनाना चाहता है।

हम दोनों शांतिप्रिय लोकतांत्रिक देश हैं। दोनों देशों में विविधता है। हिन्द महासागर से हम दोनों जुड़े हुए हैं। भारत के विकास में आस्ट्रेलिया एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, क्योंकि भारत Resource Constrained देश है और भारत की आवश्यकताएं बहुत हद तक आस्ट्रेलिया पूरी कर सकता है। Infrastructure और Manufacturing में भी विशाल संभावनाएं हैं। आने वाले समय में भारत Highly Skilled Human Resources का बहुत बड़ा स्रोत बन सकता है।

शिक्षा, विज्ञान और skill development के क्षेत्रों में व्यापक सहयोग है। ऑस्ट्रेलिया में चार लाख से भी अधिक भारतीय समुदाय के निवासी जो समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है और दोनों देश के संबंधों को गहरा कर रहे है।

हिन्द महासागर क्षेत्र में और Asia Pacific में शांति और विकास को आगे बढ़ाना है, तो भारत और आस्ट्रेलिया को आपसी सहयोग को प्राथमिकता देनी होगी और अन्य देशों को इस काम में जोड़ने में नैतिक जिम्मेदारी लेनी होगी।

प्रधान मंत्री Abbott और मैंने इन सभी क्षेत्रों में अपने संबंधों को और गहरा करने के उपायों पर सार्थक बातचीत की है। 

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सबसे पहले 125 करोड़ भारतियों की तरफ से मैं आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने भारत से चुरायी हुई दो प्राचीन मूर्तियों को स्वयं साथ लाकर भारत को वापस सौंपा है। जैसे उनकी सरकार को इन मूर्तियों के बारे में पता चला तो उन्होंने बहुत शीघ्रता से यह निर्णय लिया था। Prime Minister Abbott ने केवल हमारी संपत्ति का ही आदर नहीं किया है बल्कि हमारी संस्कृति की ओर सम्मान की भावना प्रकट की है।

आज संपन्न हुआ Civil Nuclear Energy Cooperation Agreement एक ऐतिहासिक कदम है। यह हमारे आपसी विश्वास और भरोसे का बहुत बड़ा प्रमाण है। हमारे सहयोग में एक नए अध्याय का शुभारंभ करेगा। परमाणु ऊर्जा भारतीय अर्थव्यवस्था की कार्बन पदार्थों पर निर्भरता कम करेगी।

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हम अपने राजनीतिक संवाद और रक्षा क्षेत्र में सहयोग और मजबूत करेंगे। इस क्षेत्र में हम ऑस्ट्रेलिया को एक महत्वपूर्ण पार्टनर मानते हैं। जनप्रतिनिधियों के बीच Exchanges भी बढ़ायेंगे।

1986 के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर नहीं गया है। मैं नवंबर मेँ G-20 Summit के बाद द्विपक्षीय दौरा करूंगा। हम दोनों का प्रयास रहेगा कि जब भी हो सके आपसी बातचीत का सिलसिला जारी रहे।

मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर भी हम अपने संवाद को बढ़ायेंगे – राजनैतिक, आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्र में। साथ ही साथ हम Indian Ocean Region Association और East Asia Summit जैसे Forums में अपने संवाद और सहयोग को गहरा बनायेंगे।

अगले साल हमारी पहली द्विपक्षीय सामुंद्रिक अभ्यास होगी। आने वाले समय में हम इसे और आगे बढ़ायेंगे। हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न तरह से, जैसे Humanitarian Assistance है, हम बहुत योगदान दे सकते है। हम प्रथम विश्वयुद्ध, जिसमें हमारे सैनिक कंधे से कंधा मिलाकर लड़े थे, के 100वें साल के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लेंगे।

आतंकवाद, Cyber Threat और अन्य समस्याओं के खिलाफ भी हमारी साझेदारी बढ़ेगी।

हमारे बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करने की विशाल संभावनाएं मौजूद हैं। भारत की कंपनियां, जो ऑस्ट्रेलिया में निवेश करना चाहती है, उनको PM Abbott की सरकार ने सहायता दी है और उन्होंने मुझे आज आश्वासन दिया है कि निवेश निर्णयों को तेजी से संपन्न करेंगे। हम भारत में infrastructure, high technology और अन्य क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों द्वारा निवेश का स्वागत करेंगे।

पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय व्यापार में कुछ कमी आ गई थी। हमने तय किया है कि हम जल्द से जल्द Comprehensive Economic Partnership Agreement (CECA) को संपन्न करने का प्रयास करेंगे।  मुझे खुशी है कि आज हम Australia India Strategic Research Fund के लिए fresh funding की घोषणा कर रहे हैं। इस Fund का उपयोग हम ऊर्जा, खाद्य, जल, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान परियोजनाओं के लिए करते हैं।

PM Abbott ने भारत में युवा ऑस्ट्रेलियाई छात्रों की पढ़ाई के लिए एक New Colombo Plan की घोषणा की है। युवाओं के आदान-प्रदान से आपसी समझ और मित्रता बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री Abbott ने skill development, जो मेरे लिए एक प्राथमिकता का विष्य है, में हमारे सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाने का आश्वासन दिया है। हमनें यह भी निर्णय लिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में, विशेषकर की विश्व-विद्यालय के स्तर पर, हमारे सहयोग बढ़ें ताकि भारत के युवाओं के लिए World Class शिक्षा के अवसर बढ़ें।

क्रिकेट और हॉकी से तो हम दो देश जुड़े ही है। पर मैंने आग्रह किया है कि भारत में Sports Universities बनाने में ऑस्ट्रेलिया का सहयोग मिले।

विद्यार्थियों और दोनों देशों की बीच पर्यटको की बढ़ती संख्या हमारे people-to–people ties का विस्तार कर रहे हैं।

Multilateral forums में हमारे बीच घनिष्ठ सहयोग है। UN Security Council की स्थाई सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी को ऑस्ट्रेलिया के समर्थन की हम सराहना करते हैं।  मैं Brisbane में G-20 Summit की राह देख रहा हूं। मुझे विश्वास है कि Prime Minister Abbott के नेतृत्व में G-20 वैश्विक चुनौतियों के समाधान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा। 2015 का आगामी क्रिकेट वर्ल्ड कप के आयोजन के लिए भी शुभकामनाएं देता हूं।

मैं इस शिखर सम्मेलन से बहुत संतुष्ट हूं। मुझे विश्वास है कि आज की मुलाकात के बाद इन संबंधों को नई गति मिलेगी। आज हमने कई विषयों पर बात की है जो नवंबर के शिखर सम्मेलन में उसे हम और आगे बढ़ाने में सफल होंगे। और मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में ऑस्ट्रेलिया भारत के look east policy का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होगा और हर क्षेत्र में एक मजबूत साझेदार होगा।

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पिछले वर्ष भारत की प्रेसीडेंसी में G20 ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर उभरा: पीएम मोदी
November 21, 2024

उपस्थित सभी महानुभाव,

मैं आप सभी के बहुमूल्य सुझावों और व्यक्त किए गए सकारात्मक विचारों का स्वागत करता हूं। भारत के प्रस्तावों के संबंध में मेरी टीम आपके साथ सभी विवरण साझा करेगी और हम सभी विषयों पर समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे।

भारत और कैरिकॉम देशों के बीच संबंध हमारे अतीत के साझा अनुभवों, वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के लिए हमारी साझा आकांक्षाओं पर आधारित हैं।

भारत इन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमने अपने सभी प्रयासों में ग्लोबल साउथ की चिंताओं और उसकी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया है।

पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में उभरा। कल ब्राजील में भी मैंने वैश्विक समुदाय से ग्लोबल साउथ के देशों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।

मुझे खुशी है कि भारत और हमारे सभी कैरिकॉम मित्र इस बात पर सहमत हैं कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार आवश्यक हैं।

उन्हें आज की दुनिया और आज के समाज के हिसाब से खुद को ढालने की जरूरत है। यह समय की मांग है। इसे साकार करने के लिए कैरिकॉम के साथ घनिष्ठ सहयोग और कैरिकॉम का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है।

आज हमारी बैठक में लिए गए निर्णय, हर क्षेत्र में हमारे सहयोग को नए आयाम देंगे। इनके क्रियान्वयन में भारत-कैरिकॉम संयुक्त आयोग और संयुक्त कार्य समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

हमारे सकारात्मक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए, मैं प्रस्ताव करता हूं कि तीसरा कैरिकॉम शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित किया जाए।

मैं एक बार फिर राष्ट्रपति इरफान अली, प्रधानमंत्री डिकॉन मिशेल, कैरिकॉम सचिवालय और आप सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।