माननीय राष्ट्रपति, सम्मानित अतिथिगण,
गणतंत्र दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं । मैं स्वतंत्र भारत में जन्म लिए प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में शुभकामनाएं देते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।
65 वर्ष पहले आज ही के दिन भारत के लोगों ने विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान स्वयं को आत्मार्पित किया था।
यह संविधान विविधता और असमानता वाले समाज के लिए था, अनेक चुनौतियों बाधाओं का सामना कर रहे एक युवा राष्ट्र के लिए था।
यह सहअस्तित्व, विधानसभाओं और गणराज्यों के प्रति हमारी प्राचीन सोच के प्रति एक शपथ था।
सर्वोच्च आदर्शों से बना और उन्नत दृष्टि से प्रेरित संविधान, एक दृष्टि और मूल्य जो भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका को परिभाषित करते हैं।
हम महान विरासत से संपन्न दो राष्ट्र हैं। भारत और अमेरिका की पीढ़ियों ने इस विरासत को संरक्षित रखा है।
हमारे देश के लिए यात्रा शानदार रही है।
लेकिन आगे का मार्ग अभी लंबा है, क्योंकि हमारे संविधान में व्यक्त आशाएं अभी बहुतों के लिए ओझल है।
यह आशा तब पूरी होगी जब प्रत्येक भारतीय का सम्मानजनक जीवन हो, मांग से स्वतंत्र हो तथा जिसका विश्वास सपनों की संभावना में हो।
पिछली मई में ऐतिहासिक चुनाव में हमारे देश ने उस विज़न के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
पिछले 8 महीनों में जनादेश पूरा करने के लिए हमने अथक कार्य किए- न केवल अपनी आर्थिक वृद्धि के लिए बल्कि हमारे लोगों के जीवन स्तर को बदलने और प्रकृति के वरदानों को संरक्षित रखने के लिए।
हमारा कार्य विशाल है और यह रातों-रात पूरा नहीं हो सकता।
हम अपनी चुनौतियों के प्रति सचेत हैं, लेकिन हम अपनी अनेक सफलताओं से प्रेरित भी हैं।
और हमारे पास हमारे युवा की ऊर्जा है, कारोबार का उद्यम है और हमारे किसानों निपुणता है। आप सभी के लिए हमारे द्वारा उठाए गए अनेक साहसिक कदमों को बताने की आवश्यकता नहीं। आप के लिए मेरा संदेश यह हैः
आपकेलिएमाहौलखुलाहोनेकेसाथस्वागतभराभीहोगा।हमआपकीपरियोजनाओंकामार्गदर्शनकरेंगेबल्किइसमेंपूरासाथदेंगे।आपकोयहांऐसावातावरणमिलेगाजोनिवेशकोबढ़ावादेगाऔरउद्योगकोप्रोत्साहितकरेगा।यहनवाचारकोपोषितकरेगाऔरआपकीबौद्धिकसंपदाकीरक्षाकरेगा।इससेयहांकारोबारकरनाआसानहोगा।हमारातात्कालिकलक्ष्यभारतकोपिछलीश्रेणीसेउठाकरदुनियाकेशीर्ष 50 देशोंमेंलानेकाहै।
आपकोजल्दहीऐसीकरव्यवस्थादेखनेकोमिलेगीजोनिश्चितऔरस्पर्धीहोगी।हमनेअतीतमेंहुएकुछअतिरेकीकदमोंकोहटादियाहै।अबहमबाकीअनिश्चितताओंकोभीखत्मकरदेंगे।
हमारालक्ष्यऐसीअर्थव्यवस्थाकानिर्माणहै, जहांकौशल, बुनियादीढांचाऔरसंसाधनविकासदरकोरफ्तारदेनेकीराहमेंरोड़ानबने।अर्थशास्त्रकीदुनियामेंआंकड़ेअक्सरयथार्थकाआईनादिखातेहैं।येआंकड़ेकहरहेहैंहमसहीराहपरहैं।हमारीअर्थव्यवस्थामें 0.1 फीसदीकाइजाफाहुआहै।
मौजूदादौरमेंसारेएशियाईबाजारोंकेबीचभारतमेंकारोबारीमाहौलसबसे बेहतरहै।तीनसालकेबादभारतमेंउपभोक्ताविश्वाससकारात्मकदिखरहाहै।आठकोरसेक्टरोंमेंतेजीसेबढ़ोतरीदर्जकीगईहै।महंगाईपांचसालकेन्यूनतमस्तरपरहै।पिछलेचारमहीनोंकेभीतरदेशभरमें 110 मिलियनबैंकखातेखोलेगएहैं।
मेरेकार्यकालकेपहलेछहमहीनेमेंभारतमेंअमेरिकीनिवेश 50 फीसदीबढ़ाहै।औरमुझेयहभीपताहैकिसितंबरमेंवाशिंगटनमेंनिवेशकेजोवादेकिएगएथेवेभीआनेशुरूहोगएहैं।जी, मैंइनचीजोंपरनजररखताहूं।
हमबहुतबड़ेसपनेदेखतेहैं।इसलिएहमजोसंभावनाएंमुहैयाकरारहेहैंवेभीविशालहैं।
हमअपनेरेलमेंक्रांतिकीबातकरतेहैं।हमारीरेलमेंरोजानादुनियाकेतीनचौथाईआबादीसेअधिकलोगयात्राकरतेहैं।गंगासफाईकेहमारेमहत्वाकांक्षीकार्यक्रममें 500 मिलियनलोग, सैकड़ोंशहरऔरहजारोंगांवशामिलहैं।
हमारीयोजनाएकलाखसेअधिकआबादीवाले 500 से अधिक शहरोंमें शहरी कचरा प्रबंधनकी है।
ग्रामीणभारतकोजोड़नेकेहमारेविजनमें 600,000 गांवहैं।
अगलेसातवर्षोंमेंप्रत्येकभारतीयकोछतदेनेकेलिएप्रत्येकवर्षकमसेकम 5 मिलियननएमकानबनानेकीआवश्यकताहै।
यहकेवलनीतिऔररणनीतिनहींहै, जोहमेंवहांलेजाएगी।
हमजोकुछभीकरनाचाहतेहैं, उसमेंउद्यमऔरनिवेशशामिलहै।लेकिनउससेभीअधिकनवाचारऔरकल्पनाहै।
हमेंविकासकेपथपरअभीबहुतआगेजानाहै।हमसमृद्धिकेलिएकहींज्यादाटिकाऊरास्तेपरचलेंगे।
हमअपनीसंस्कृतिऔरपरम्पराकीस्वाभाविकप्रवृत्तिकेअनुरूपहीयहविकल्पचुनतेहैं, लेकिनइसपरअमलकेवक्तहमअपनेभविष्यकेप्रतिकटिबद्धताकोभीध्यानमेंरखतेहैं।
अगरहममहजविकल्पोंकोथोपनेकेबजायकिफायतीसमाधानकीपेशकशकरेंगेतोहमेंसफलतामिलनेकीसम्भावनाबढ़जाएगी।इसकेलिएऔरज्यादासंसाधनोंएवंबेहतरतकनीककीजरूरतहै।
यहीकारणहैकिहमनेस्वच्छऊर्जाविकसितकरनेकेलिएवैश्विकस्तरपरसार्वजनिककदमउठानेकाआह्वानकियाहै।इसकेमद्देनजरभुखमरीकीसमस्याएवंतरह-तरहकीबीमारियोंसेनिपटनेकेलिएहमेंविगतप्रयासोंसेसबकलेनाचाहिए।
भारतकीप्रगति 1.25 अरबलोगोंकीनियतिहै।
लेकिन,मानवसमुदायकेछठवेंहिस्सेकोमिलनेवालीसफलताभीइसदुनियाकेलिएकाफीमहत्वपूर्णसाबितहोगी।
यहएकऐसीदुनियाहोगीजहांगरीबीकाकहरकमहोगाऔरशिशुओंकेबचनेकीसंभावनाकहींज्यादारहेगी।इसीतरहबटियोंकेपासअवसरोंकासम्बलहोगा।
औरइसकेसाथही 800 मिलियनसशक्तएवंकाबिललोगोंकाएकविशालवैश्विकसंसाधनहोगा।
भारतवैश्विकअर्थव्यवस्थाकेलिएस्थिरताकाएकमहत्वपूर्णठिकानाऔरइसकेविकासकाएकइंजनहोगा।
इनसबसेभीज्यादा, एकसमृद्धभारतविश्वमेंशांतिएवंस्थिरताकीएकबड़ीताकतसाबितहोगा।
हमनेयहदेखाहैकिसमृद्धिशांतिकीगारंटीनहींहै।मैंयहबातदोहराताहूंकिसमृद्धिशांतिकीगारंटीनहींहै।हालांकि,भारतदुनियाकोएकपरिवारकेरूपमेंदेखताहैऔरहमइसमेंउनमूल्योंकोसमाहितकरनेकीकामनारखतेहैंजोहमारेराष्ट्रकोपरिभाषितकरताहै।
एक-दूसरेपरनिर्भरहमारीदुनियाकोपहलेसेकहींज्यादामजबूतअंतर्राष्ट्रीयसाझेदारियोंकीसख्तजरूरतहै।
औरकुछसाझेदारियोंमेंइतनीसंभावनाएंहैंकिवेहमारीतरहहमारीदुनियाकोनयाआकारदेसकतीहैं।
हमेंकेवलअपनेसहयोगकेइतिहासपरनजरेंदौड़ानेकीजरूरतहै।हमनेमिलजुलकरभारतमेंहरितक्रांतिकामार्गप्रशस्तकियाहै।हमनेअंतरिक्षमेंसहयोगकियाहै।हमनेआईआईटीऔरआईआईएमकीस्थापनाकेलिएभागीदारीकीहै।हमनेडिजिटलयुगकोआकारदेनेमेंमददकीहै।
हमारेइंजीनियर, वैज्ञानिकऔरडॉक्टरग्रामीणक्षेत्रोंकेलिएकिफायतीचिकित्साउपकरणऔरबच्चोंकेलिएनएटीकेविकसितकररहेहैं।
हमारेइनदोनोंदेशोंके 90 सेभीज्यादासंस्थानजैवईंधनऔरसौरऊर्जाकेसाथ-साथऊर्जाकीकमखपतसुनिश्चितकरनेकेलिएआपसमेंसहयोगकररहेहैं।
अमेरिकीकंपनियांभारतकोउन्नतकौशलएवंप्रौद्योगिकीहस्तांतरितकररहीहैंऔरभारतीयोंद्वाराअमेरिकीकारोबारमेंनईजानफूंकीजारहीहै।
भारतकीआईटीकंपनियांअमेरिकामेंज्यादाकौशलवालीनौकरियांसृजितकररहीहैंऔरइसकेसाथहीअमेरिकीकंपनियोंकोप्रतिस्पर्धामेंटिकनेमेंमददगारसाबितहोरहीहैं।भारतकीआईटीकंपनियोंनेअमेरिकाकेअनुभवीसैनिकोंकोनएसिरेसेजिन्दगीसंवारनेमेंमदददीहै।
अमेरिका में 1,00,000 से भी ज्यादा भारतीय छात्र हैं और हजारों की संख्या में अमेरिकी छात्र भारत आते हैं। ये भविष्य के सहयोग की बीज डाल रहे हैं। 30 लाख भारतीय अमेरिकियों की सफलता इस सिलसिले में हमारी संभावनाओं को इंगित करती है।
हमारे कारोबारी परिचित लोकतांत्रिक महौल में करते हैं और उन्हें हमारे सहयोग व सद्भावना का भरोसा है।
अब हम नए क्षेत्रों जैसे कि असैन्य परमाणु ऊर्जा, नवीन ऊर्जा और रक्षा उपकरण में आगे बढ़ रहे हैं।
दोनों देशों का आर्थिक पुनरूत्थान हमें भविष्य में होने वाले समझौतों के प्रति काफी आशावादी बनाता है।
दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में एक-दूसरे की सफलता पर हमारा बहुत कुछ विशेषकर हमारे मूल्य और आपसी हित दांव पर है। अकेले काम करते हुए भी हम अपने आपसी हितों को आगे बढ़ा सकते हैं, लेकिन यदि हम साथ काम करें तो भारी सफलता प्राप्त करते सकते हैं।
हमारा आपसी सहयोग देश में सम्पन्नता और बाहर आर्थिक नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह हमारे समय के वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मददगार होगा।
लंबे समय से भारत और अमेरिका एक-दूसरे को पूरे यूरोप और अटलांटिक में देखते रहे हैं और जब मैं पूर्व की ओर देखता हूं तो मैं अमेरिका के पश्चिमी तटों को देखता हूं। ये हमें यह बताता है कि हम एक समान विशाल क्षेत्र से जुड़े हैं। यह क्षेत्र बेहद गतिमान है, फिर भी कई अनसुलझे सवाल भी हैं।
इसका भविष्य दोनों देशों और विश्व की नियति के लिए महत्वपूर्ण होगा। हमारे संबंध भविष्य को एक रूप देने में अपरिहार्य होंगे। हमारे सहयोग की सुदृढ़ता में मैं वैसे विश्व को देखने की ज्यादा उम्मीद करता हूं जो आपसी जरूरतों और हितों के आधार पर एकजुट है।
आसानी से समझें तो भारत और अमेरिका हाथ मिलाकर इस विश्व को सभी के लिए बेहतर बनाएंगे। आज सुबह, अमेरिका दोनों देशों के आपसी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हमारी दोस्ती का दामन थामा और आज शाम भविष्य के प्रति साझा प्रतिबद्धता को लेकर हम दोनों साथ आ गए हैं।
राष्ट्रपति महोदय, आपके नेतृत्व में और हमारे प्रतिभाशाली लोगों की मदद से हम हमारे वायदों को ठोस कार्यों में तब्दील कर सकते हैं।
राष्ट्रपति महोदय, हमारे साथ होने के लिए धन्यवाद। अमेरिका और पूरे भारत से आए सभी लोगों को धन्यवाद।
आपकी भागीदारी ने इस सम्मेलन को सार्थक बनाया।
आप सभी को धन्यवाद।