Jayant Sinha Govt. & PSU

बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को गति मिलती है। इसके अलावा, टियर -2 और टियर -3 शहरों के जुड़ने का एक खास प्रभाव ये पड़ता है कि एविएशन नेटवर्क में अधिक लोग शामिल हो जाते हैं। नए यात्रियों के आने से पूरी श्रृंखला का आर्थिक महत्व बढ़ता है :  चाहे वो नए जुड़ने वाले शहर हों, पुराने एयरपोर्ट हों या फिर विमानन कंपनियां। इससे व्यवसाय की कार्यकुशलता बढ़ती है, इसकी सुलभता से भारत की विशाल पर्यटन क्षमता का द्वार खुलता है, मेडिकल इमरजेंसी के दौरान व्यावहारिक राहत मिलती है और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है।

UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) कार्यक्रम अविकसित regional routes की कमाई बढ़ाने के लिए regional aviation market को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। UDAN विश्व का एक अग्रणी नीतिगत माध्यम है, जो अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के ऐसे ही कार्यक्रमों पर आधारित है। भारत के aviation market में maximum governance के लिए Minimum government की सोच के तहत ही इस नए regional segment की आधारशिला रखी गई है।

भारत के aviation market में maximum governance के लिए Minimum government की सोच के तहत ही इस नए regional segment की आधारशिला रखी गई। 

UDAN मार्ग को लाभप्रद बनाने के साथ ही नए संपर्क सुनिश्चत करता है

हवाई सेवाओं की कमी वाले टियर-2 और टियर-3 शहरों के नागरिकों के लिए राज्य की राजधानियों, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महानगरों और वैश्विक स्थलों के लिए एक सक्षम और तेज परिवहन की जरूरत रही है। हालांकि विमानन व्यवसाय की परिचालन लागत बहुत ज्यादा होती है, जिसमें विमान की लागत, एयरपोर्ट शुल्क, केबिन क्रू, ईंधन और रखरखाव शामिल हैं।  जबतक पर्याप्त मात्रा में हवाई यातायात नहीं होगी, तबतक विमानन कंपनियां परिचालन के लिए जरूरी राजस्व नहीं जुटा सकेंगी और न अपनी पूंजी की लागत ही निकाल पाएंगी। यह खुद में स्पष्ट है कि एयरलाइंस कंपनियां घाटे वाले मार्गों पर उड़ान नहीं भरना चाहती हैं।

UDAN को सभी साझेदारों के साथ व्यापक और काफी परामर्श के बाद तैयार किया गया था, ताकि यह यात्रियों और एयरलाइंस कंपनियां दोनों के लिए लाभदायक योजना साबित हो। इस योजना में यात्रियों को अपने शहरों में एयर कनेक्टिविटी मिलती है और एक घंटे की यात्रा के लिए 2,500 में हवाई उड़ान का मौका मिलता है। जिन मार्गों को जोड़ा जाना है उन्हें एयरलाइंस कंपनियों ने खुद से विभिन्न क्षेत्रों की बाजार क्षमता के मूल्यांकन के आधार पर चुना है। यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने वाली विश्व की पहली योजना है, जिसमें (a) मार्ग लाभप्रदता सुनिश्चित करने और (b) सब्सिडी देने के लिए market-based mechanism की व्यवस्था है।  

हवाई मार्ग को लाभप्रद बनाए रखने के लिए UDAN तीन स्तरों पर परिचालित होता है: (1) परिचालन लागत में उल्लेखनीय ढंग से कमी, (2) आधा सीटों के लिए बाजार की खोज कर सब्सिडी उपलब्ध कराना, और (3) संबंधित मार्गों पर तीन साल के लिए exclusivity की गारंटी देना। हवाई ईंधन (ATF) पर टैक्स कम करके और UDAN मार्गों पर एयरपोर्ट शुल्क हटाकर परिचालन लागत घटाई गई है। विमानों को पट्टे पर लेने के लिए क्षेत्रीय बाजारों (आमतौर पर टर्बो-प्रोप यानि 40 टन और 80 सीटों से कम) की तरलता बढ़ाई गई है। साथ ही साथ DGCA द्वारा क्षेत्रीय विमानों के लिए नियमों को व्यवस्थित किया गया है ताकि नई एयरलाइंस कंपनियां कम से कम खर्च में सेवाओं की शुरुआत कर सकें।

UDAN से पहले भारत में 76 एयरपोर्ट चालू हालत में थे। वर्तमान में 27 चालू हवाई अड्डे, 12 underserved हवाई अड्डे और 31 unserved हवाई अड्डे (कुल 70 हवाई अड्डे) 27 UDAN प्रस्तावों के माध्यम से एक ही झटके में जुड़ जाएंगे।

UDAN सब्सिडी के स्तर को निर्धारित करने के लिए बाजार आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करता है। सब्सिडी का स्तर अलग-अलग विमानों के लिए वास्तविक औद्योगिक डाटा के आधार पर परिचालन लागत के अनुमानों पर निर्धारित होता है। हवाई मार्ग का ठेका उसे मिलता है जो विमान की आधी सीटों के वास्ते सबसे कम सब्सिडी की बोली लगाता है। सब्सिडी वाली इन सीटों की कीमतों में अंतर होता है, जैसे आधे घंटे की उड़ान के लिए 1,500 रुपये और एक घंटे की उड़ान के लिए 2,500 रुपये। बाकी आधी सीटें बाजार भाव पर बेची जा सकती हैं। आखिरकार, विजेता बोली लगाने वाले को तय मार्ग पर तीन साल का विशेषाधिकार मिल जाता है, ताकि वो मार्ग के निर्माण में निवेश की ओर प्रोत्साहित हो सके। यह देखकर बेहद प्रसन्नता हुई है कि कई बोलियों में किसी सब्सिडी की मांग नहीं की गई है- लागत में कटौती और विशेषाधिकार ही बाजार को तुरंत शुरू करने के लिए काफी था।  

UDAN से पहले भारत में 76 एयरपोर्ट चालू हालत में थे। वर्तमान में 27 चालू हवाई अड्डे, 12 underserved हवाई अड्डे और 31 unserved हवाई अड्डे (कुल 70 हवाई अड्डे) 27 UDAN प्रस्तावों के माध्यम से एक ही झटके में जुड़ जाएंगे।

 

बेहतर नीति का विकास

अमेरिका, कनाडा, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे भौगोलिक रूप से बड़े देश सार्वजनिक धन से regional connectivity को सहयोग करते हैं। UDAN अपनी तरह की पहली स्कीम है, जिसमें regional connectivity के वास्ते धन जुटाने के लिए मेट्रो मार्गों पर उड़ानों से एक मामूली शुल्क लिया जाएगा। प्रमुख मार्गों पर उड़ानों से वसूले जाने वाले शुल्क से सालाना करीब 500 करोड़ रुपये (या 7.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर) जुटने का अनुमान है। ये रकम अमेरिकी सरकार द्वारा 2016 में Essential Air Services के प्रोत्साहन पर खर्च किए गए अनुमानित 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर का लगभग एक-चौथाई है।

बढ़ी हुई हवाई सेवाओं से यात्रियों को लाभ मिलेगा, metro routes पर विमान कंपनियों की यातायात बढ़ेगी, और भारत तेजी से आर्थिक विकास एवं राष्ट्रीय एकता के माध्यम से लाभ उठाएगा। 

UDAN के तहत पहली राउंड की बोली के लिए 27 प्रस्ताव आए। इसके तहत UDAN विमानों में 13 लाख सीट उपलब्ध कराने के लिए viability gap funding (VGF) के लिए सालाना 205 करोड़ रुपये का आग्रह था।

2016 में बेचे गए 15 करोड़ टिकट (10 करोड़ देशी और 5 करोड़ अंतरराष्ट्रीय) के आधार पर इस स्कीम के तहत 0.87 % अतिरिक्त क्षमता विकसित होगी। इस साल भारत का हवाई यात्रा बाजार 1,50,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है (50,000 करोड़ रुपये देशी और 1 लाख करोड़ रुपये अंतरराष्ट्रीय)। इसका मतलब UDAN से मिलने वाला शुल्क, उड्डयन क्षेत्र से प्राप्त होने वाले कुल राजस्व का 0.13 % रहेगा।

एक बाजारोन्मुखी नीति किसी भी क्षेत्र के विकास को महत्वपूर्ण रूप से प्रोत्साहित कर सकता है। विमानन के क्षेत्र में वृद्धि के दूसरे क्रम और नेटवर्क के प्रभावों के बिना भी 0.13% संसाधनों के aviation eco-system में पुन: आवंटन से 0.87 % अतिरिक्त क्षमता प्राप्त करना काफी कुछ दिखाता है। इससे लगता है कि एक अच्छी नीति के चलते 6 गुना से भी अधिक फायदा मिल रहा है।  

न्यूनतम शासन, बाजारोन्मुख गतिशील दृष्टिकोण

UDAN मार्गों के लिए साल में दो बार बोली लगेगी। बोली की खासियत ये है कि बोली के लिए खुलने वाले मार्गों को सरकार तय नहीं करती है: इसका निर्णय एयरलाइंस कंपनियां खुद अपनी मांगों के आकलन के आधार पर करती हैं। जब कोई एयरलाइंस किसी खास सेक्टर या नेटवर्क के लिए VGF (viability gap funding) की बोली लगा लेता है, तब उस मार्ग को counter-bidding के लिए खोला जाता है। इससे ये पता चलता है कि क्या सब्सिडी के स्तर में सुधार की गुंजाइश है, जिससे इसकी मात्रा घट सके।

UDAN के minimum government for maximum impact से निश्तित रूप से ‘हवाई चप्पल वाले नागरिकों के लिए हवाई यात्रा’ का प्रधानमंत्री का सपना साकार होगा। 

UDAN के लिए लगने वाली बोलियों की पुनरावृत्ति से aviation ecosystem से वो डाटा मिलने लगेगा कि कौन सा मार्ग काम का है और कौन काम का नहीं । ऑपरेटरों और मार्गों के प्रवेश और बाहर निकलने से एक जीवंत बाजार पैदा होगा, जिससे regional aviation market की चुनौतियों और अवसरों के बारे में समझना आसान हो जाएगा। हो सकता है कि किसी मार्ग पर कोई खास तरह का विमान बेहतर साबित न हो। लेकिन उसी मार्ग पर उससे कोई छोटा या बड़ा विमान, किसी अलग समय या अलग कनेक्शन के साथ सफल साबित हो जाए। विनियामक के बदले परिदृश्य में परिवर्तन की आवश्यकता को देखते हुए सीखने की जरूरत होगी। प्रयोग की अनुमति देने वाला एक गतिशील दृष्टिकोण और अधिक सुगम regional aviation market को एक मजबूत आधार प्रदान करेगा।

सरकार इस क्षेत्र को मदद देने के लिए सारी सुविधाएं मुहैया कराएगी, ताकि वो आम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर सके। UDAN से regional air connectivity को बहुत गति मिलेगी। साथ ही मामूली कीमत वाला बाजार मिलने से पूरे उड्डयन नेटवर्क को काफी मजबूती मिलेगी। बढ़ी हुई हवाई सेवाओं से यात्रियों को लाभ मिलेगा, Metro routes पर विमान कंपनियों की यातायात बढ़ेगी, और भारत तेजी से आर्थिक विकास एवं राष्ट्रीय एकता के माध्यम से लाभ उठाएगा। UDAN के Minimum government for Maximum impact से निश्चित रूप से हवाई चप्पल वाले नागरिकों के लिए हवाई यात्रा का प्रधानमंत्री का सपना साकार होगा।

(जयंत सिन्हा भारत के नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री हैं और झारखंड के हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। ये उनके निजी विचार हैं)

(जो विचार ऊपर व्यक्त किए गए हैं, वो लेखक के अपने विचार हैं और ये जरूरी नहीं कि नरेंद्र मोदी वेबसाइट एवं नरेंद्र मोदी एप इससे सहमत हो।)