अयोध्या में भव्य राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम सब जगह हैं, राम सबके हैं। इसीलिए राम भारत की ‘अनेकता में एकता’ के सूत्र हैं। पीएम मोदी ने कहा, "जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों। भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों।"
रामायण के विभिन्न पवित्र संस्करणों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारों साल पहले वाल्मीकि की रामायण में जो राम प्राचीन भारत का पथप्रदर्शन कर रहे थे, जो राम मध्ययुग में तुलसी, कबीर और नानक के जरिए भारत को बल दे रहे थे, वही राम आज़ादी की लड़ाई के समय बापू के भजनों में अहिंसा और सत्याग्रह की शक्ति बनकर मौजूद थे। तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं। भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है। राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम सब जगह हैं, राम सबके हैं। पीएम मोदी ने कहा, "तमिल में कंब रामायण तो तेलगू में रघुनाथ और रंगनाथ रामायण हैं। उड़िया में रूइपाद-कातेड़पदी रामायण तो कन्नड़ा में कुमुदेन्दु रामायण है। आप कश्मीर जाएंगे तो आपको रामावतार चरित मिलेगा, मलयालम में रामचरितम् मिलेगी। बांग्ला में कृत्तिवास रामायण है तो गुरु गोबिन्द सिंह ने तो खुद गोबिन्द रामायण लिखी है। इसीलिए, राम भारत की ‘अनेकता में एकता’ के सूत्र हैं।"