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महामहिम अध्‍यक्ष डा. जिको लुवेनी, महामहिम प्रधानमंत्री बैनिमारामा, फिजी गणराज्‍य के संसद सदस्‍यों,
निसान बुला एवं नमस्‍ते,
दो माह पहले, फिजी के लोगों ने अपनी संसद का चुनाव करने के लिए असाधारण संख्‍या में मतदान किया था। छह माह पहले भारत के लोगों ने भी मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भाग लिया था।

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आज, मैं यहां खड़ा हूँ, इस विशेष उपहार के लिए – लोकतंत्र के जश्‍न में इस नई संसद में बोलने के लिए तथा हमारी मैत्री की फिर से पुष्टि करने के लिए आप सभी के बीच होने के लिए मैं आप सभी का बहुत आभारी हूँ।
भारत एक बिलियन से अधिक आबादी वाला देश है, फिजी एक मिलियन की आबादी देश है।  हम भिन्‍न – भिन्‍न महासागरों में स्थित हैं परंतु जिस वजह से आज हम जुड़े हैं वह हमारा लोकतंत्र है, हमारे समाजों की विविधता है, हमारा यह विश्‍वास कि सभी मानव जा‍ति समान है, और आजादी, गरिमा तथा हर व्‍यक्ति के अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है।  आज हमें जो चीज जोड़ती है वह यह भी है कि हमारी दोनों संसदों की अध्‍यक्ष महिलाएं हैं।
आपने हमसे बेहतर किया है। इस संसद में हर सात सदस्‍यों में एक महिला है; भारत में, यह हर नौ सदस्‍यों में एक महिला है। इस प्रकार, हम उम्‍मीद करते हैं कि अगली बार हम आपकी बराबरी कर लेंगे तथा हम उम्‍मीद करते हैं कि हम दोनों भविष्‍य में और बेहतर करेंगे।
फिजी के लोगों के भिन्‍न – भिन्‍न इतिहास, नृजातीयता, भाषाएं एवं धर्म हैं। परंतु, फिजी के एक राष्‍ट्र के रूप में एक आवाज के साथ, एक विजन के साथ और एक आकांक्षा के साथ एक साथ खड़े हैं। दोनों देशों में, हमने अपने लोगों को अधिकार प्रदान किया है। आपके संविधान की शुरूआत इन शब्‍दों से होती है – ''हम फिजी के लोग’’, हमारे संविधान की शुरूआत भी इन्‍हीं साधारण शब्‍दों के साथ होती है – ''हम भारत के लोग’’ और आपने क्‍या संविधान बनाया है! यह ऐसा संविधान है जो न केवल नागरिकों को आजादी एवं अधिकारों की गारंटी देता है अपितु, उनकी बुनियादी आवश्‍यकताओं का भी सुनिश्‍चय करता है तथा उन्‍हें सामर्थ्‍यवान बनाता है। जीवन के अधिकार से लेकर आजादी, गरिमा, समानता और धर्म की आजादी तक, शिक्षा के अधिकार से लेकर सूचना, काम करने, स्‍वास्‍थ्‍य, खाद्य एवं पानी का अधिकार, बच्‍चों एवं विकलांगों के अधिकार आदि। यह संविधान है जो एक प्रबुद्ध राष्‍ट्र की इच्‍छा को प्रतिविंबित करता है।
इस मील पत्‍‍थर की यात्रा संघर्षों एवं आघातों से भरी है परंतु, आपने जो मार्ग चुना है उसकी वजह से आपको पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है तथा यहां के लोगों का आपको समर्थन मिल रहा है।
माननीय सदस्‍यगण,
फिजी ऐसे छोटे राष्‍ट्रों का एक जीता – जागता उदाहरण है जो महान आकांक्षाओं को सफलता के साथ पूरा कर सकते हैं क्‍योंकि जिस वजह से कोई राष्‍ट्र सफल होता है वह उसका आकार या आबादी नहीं है अपितु उसका विजन और उसके मूल्‍य हैं।
आज, फिजी ऐसा राष्‍ट्र है जिसने अपने आर्थिक संसाधनों का अच्‍छी तरह से प्रयोग किया है। आप प्रशांत द्वीपसमूह की ओर से एक मजबूत आवाज तथा इस क्षेत्र का केंद्र हैं। आपने विजन एवं शासन कला के साथ जी-77 का नेतृत्‍व किया।
आपके सैनिकों ने विश्‍व के सबसे खतरनाक स्‍थानों में से कुछ में संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति स्‍थापना मिशनों में उत्‍कृष्‍ट व्‍यवसायवाद के साथ सेवा की है। और आप जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक वार्ता को आकार देने में प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं।
भारत में ऐसे अनेक लोग हैं, जो चाहते हैं कि गोल्‍फ के मैदान में विजय सिंह भारतीय रंग पहनें।
माननीय सदस्‍यगण,

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भारत के लिए, फिजी का हमेशा एक विशेष स्‍थान बना रहेगा। इतिहास के झंझावातों से भारत से कई लोग आपके तटों पर आए। इसकी वजह से हमारे संस्‍कृति एवं अपनत्‍व का रिश्‍ता निर्मित हुआ है। परंतु, आज हमारा संबंध विकासशील देश के रूप में हमारे साझे मूल्‍यों एवं हमारे साझे हितों के अधिक विस्‍तृत आधार पर टिका है। और, अब हम एक नया इतिहास बनाने में साझेदार हैं।
आपने हमारे मंगल मिशन यानी मंगलयान की ट्रैकिंग के लिए फिजी में भारत के वै‍ज्ञानिकों को उदारता के साथ रखा। यह विश्‍व का एकमात्र मिशन है जो पहले प्रयास में सफल हो गया।
मैं आज, भारत के लोगों एवं वैज्ञानिकों की ओर से आप सभी का आभार व्‍यक्‍त करता हूँ। यह सहयोग का सरल किंतु गूढ़ कार्य हमारे संबंध में असीम संभावनाओं को दर्शाता है, यदि हम उनकी तलाश करने का विकल्‍प चुनते हैं।
हमारे व्‍यापार एवं निवेश संबंध साधारण हैं। विज्ञान, शिक्षा और संस्‍कृति में हमारा संबंध और भी मजबूत हो सकता है। इसके बावजूद, हमारी साझेदारी के ऐसे उदाहरण हैं जिनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए – आपकी चीनी मिलों को अपग्रेड करने में हमारा सहयोग या स्‍वास्‍थ्‍य देख-रेख के क्षेत्र में सार्वजनिक – निजी साझेदारी।
जैसा कि हमने यहां अस्‍पताल चलाने के मामले में आपस में सहयोग किया है, हम भेषज पदार्थ एवं परंपरागत दवाओं के क्षेत्र में भी अपने सहयोग का विस्‍तार कर सकते हैं। जैसा कि फिजी, बदलते वैश्विक बाजारों के अनुसार अपने आप को बदल रहा है, भारत आपका साझेदार बनने के लिए तैयार है – आपके विद्यमान उद्योग को और मजबूत बनाने में तथा आपके युवाओं के लिए नए अवसरों की तलाश करने में। हमारे जैसे देशों के लिए, ग्राम एवं लघु व कुटीर उद्योग उपक्रम एवं रोजगार के स्रोत हैं।
आज, मुझे फिजी के ग्राम, लघु एवं मझोले उद्यमों के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए 5 मिलियन अमरीकी डालर के अनुदान की घोषणा करते हुए बहुत प्रसन्‍नता हो रही है। हम, रारव चीनी मिल में एक सह-उत्‍पादन विद्युत संयंत्र के लिए 70 मिलियन डालर की लाइन ऑफ क्रेडिट भी प्रदान करेंगे। और, फिजी में चीनी उद्योग के उन्‍नयन के लिए 5 मिलियन डालर की एक और लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान करेंगे। भारत और फिजी में कृषि से बहुसंख्‍यक आबादी का गुजर –बसर होता है। मैं कृषि क्षेत्र में उत्‍पादकता बढ़ाने के लिए हमारी विशेषज्ञता एवं सहायता की पेशकश करता हूँ।
विश्‍व में दूध के सबसे बड़े उत्‍पादक के रूप में, भारत आपके डेयरी उद्योग को विकसित करने में मदद कर सकता है, जिससे आपके निर्यात में भी वृद्धि हो सकती है। मछली पालन, कपड़ा एवं परिधान तथा रत्‍न एवं जवाहरात जैसे क्षेत्रों में हम व्‍यापार का विस्‍तार कर सकते हैं। इस डिजीटल युग में, हर राष्‍ट्र वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग का हिस्‍सा बन सकता है। और, यह एक ऐसा सपना है जिसे पूरी दुनिया के नौजवान समान रूप से देखते हैं। यह ऐसा उद्योग है जो विचारों एवं कौशलों पर निर्भर है। यह समृद्धि का एक अच्‍छा मार्ग भी प्रदान करता है और इसका कार्बन फुटप्रिंट बहुत कम है। यहां फिजी में सूचना प्रौद्योगिकी में एक उत्‍कृष्‍टता केंद्र स्‍थापित करके हमें बड़ी प्रसन्‍नता हुई है।
हम, डिजीटल फिजी का निर्माण करने तथा फिजी को वैश्विक आईटी नेटवर्क से जोड़ने के लिए आपके युवाओं को कौशलों से लैस करने के लिए आपके साथ काम करने के लिए तैयार हैं। हम, शिक्षा एवं प्रशिक्षण में भी अपने सहयोग को गहन करना चाहते हैं तथा हम अपनी छात्रवृत्तियों की संख्‍या दोगुना करने जा रहे हैं।
आज, मेरा यह प्रस्‍ताव है कि अभिशासन, आर्थिक विकास, संरक्षण, जलवायु परिवर्तन तथा प्राकृतिक आपदाओं के लिए हमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की क्षमता का उपयोग करने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। हम, अंतरिक्ष में अपने क्षेत्रीय सहयोग के लिए फिजी को केंद्र बनाने के लिए उसी तरह काम कर सकते हैं जिस तरह भारत ने आसियान के साथ किया है। ऐसा भी समय था जब हम एक-दूसरे के बारे में यह सोचते थे कि हमारे बीच भौगोलिक दृष्टि से काफी दूरी है, हम महासागरों तथा सेवन टाइम जोन द्वारा अलग हैं।
परंतु, उस समय के बारे में सोचिए, जब यात्रा करना कठिन था। इसकी वजह से नए जीवन की तलाश में बहादुर लोग समुद्र की दुष्‍कर यात्रा करने से नहीं रूक पाए। मेरी लिए, फाइबर आप्टिक केबल एवं उपग्रह लिंक की दुनिया में दूरी कोई मायने नहीं रखती है। हम उतनी ही दूर हैं, जितना माउस का एक क्लिक या फोन का कॉल बटन। किसी भी स्थिति में, फिजी से आज कोई भी सीधी उड़ान आपको भारत के अधिकांश स्‍थानों पर पहुंचा सकती है। और, ऐसा मैं आप लोगों की तुलना में अपने लोगों के लिए कह रहा हूँ।
फिजी के लोग नियमित रूप से भारत आ रहे हैं। हम भारत के लोगों ने गर्मजोशीपूर्ण लोगों तथा प्रचुर संभावना वाले इस सुंदर शहर पर पर्याप्‍त रूप से ध्‍यान नहीं दिया है। निश्चित रूप से यह बदलना चाहिए। हमें हमारे दोनों देशों के बीच यात्रा को और सरल बनाना चाहिए।
इस वजह से, मैंने भारत में फिजी के लोगों के आगमन पर वीजा प्रदान करने का एक छोटा सा कदम उठाया है, जैसा कि आपने भारत के लोगों के लिए किया है। और, यदि आप चाहते हैं कि आपके द्वीपसमूह की प्रचुरता तथा आपके अतिथि सत्‍कार की गर्माहट का आनंद लेने के लिए अधिक संख्‍या में भारतीय यहां आएं, तो आपको फिजी में अपनी फिल्‍मों की शूटिंग करने के लिए बॉलीवुड को आमंत्रित करना चाहिए।
संसद के माननीय सदस्‍यगण,
हमने प्रचुर अवसरों की बात की है, परंतु हमारे अनेक चुनौतियां भी एक समान हैं। आपके लिए, जलवायु परिवर्तन डिबेट का विषय नहीं है अपितु यह अस्तित्‍व का एक बुनियादी प्रश्‍न है। भारत भी एक ऐसा राष्‍ट्र है जिसकी तट रेखा बहुत लंबी है तथा 1000 से अधिक द्वीपसमूह हैं। यह ऐसा राष्‍ट्र है जो मानसूनी बरसात तथा हिमालय के हिमखंडों पर निर्भर है।
हम भी, जलवायु परिवर्तन के भयंकर प्रभाव महसूस कर रहे हैं तथा इसके परिणामों को दूर करने के लिए हम अपनी जीडीपी का 6 प्रतिशत से अधिक खर्च कर रहे हैं। अब, हम में प्रत्‍येक को अपनी स्‍वयं की जिम्‍मेदारी वहन करनी चाहिए। हम किनारे नहीं रह सकते हैं तथा कोई कार्रवाई किए बगैर नहीं रह सकते हैं। प्रौद्योगिकी ने इसे संभव बनाया है। हमें समृद्धि के लिए पुराने रास्‍तों पर चलने की जरूरत नहीं है।
भारत में, हमने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का उपशमन करने एवं अनुकूलित करने दोनों के लिए एक व्‍यापक राष्‍ट्रीय योजना एवं रणनीति बनाई है। और, इसके प्रति मेरी गहन निजी प्रतिबद्धता है। और, हम पवन एवं सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में फिजी के साथ काम करने की उम्‍मीद रखते हैं। परंतु, यह भी उतना ही महत्‍वपूर्ण है कि वैश्विक समुदाय अपनी जिम्‍मेदारी को स्‍वीकार करे तथा अपनी प्रतिबद्धता को लागू करे।
यह ऐसा नहीं होना चाहिए कि बोझ दूसरों पर डाला जाए; या उनके अतिरेक की जिम्‍मेदारियों को उन विकल्‍पों पर डाला जाए जो दूसरे चुनते हैं। यह एक के ऊपर दूसरे के आर्थिक लाभ या व्‍यापार प्रतिस्‍पर्धा का मुद्दा नहीं होना चाहिए। विश्‍व सामूहिक कार्रवाई – साझी किंतु विभेदीकृत जिम्‍मेदारियों के एक सुंदर संतुलन पर सहमत हो गया था। यह सतत कार्रवाई का आधार होना चाहिए।
इसका अभिप्राय यह भी है कि विकसित देशों को वित्‍त पोषण एवं प्रौद्योगिकी अंतरण के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को अवश्‍य पूरा करना चाहिए। भारत फिजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है तथा छोटे द्वीपीय विकासशील राज्‍य संपोषणीय भविष्‍य के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय से निष्‍पक्ष एवं तत्‍काल प्रत्‍युत्‍तर की मांग कर रहे हैं।
शांतिपूर्ण, सहयोगात्‍मक एवं समृ‍द्ध एशिया एवं प्रशांत क्षेत्रों में हमारा साझा हित है। हिंद महासागर से होते हुए एशिया एवं प्रशांत महाद्वीप तक, यह प्रचुर गतिशीलता एवं अवसरों का क्षेत्र है परंतु, एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां अनेक चुनौतियां मौजूद हैं। फिजी इस क्षेत्र का लीडर है तथा विकासशील विश्‍व में एक मजबूत आवाज है। साथ मिलकर हम इस क्षेत्र में ऐसे भविष्‍य के लिए भी काम कर सकते हैं जिसमें सभी राष्‍ट्रों - छोटे हों या बड़े, विकसित हों या विकासशील – के लिए समान स्‍थान होना चाहिए तथा शांति एवं अमन चैन का वातावरण होना चाहिए।
आज दिन के उत्‍तरार्ध में प्रशांत द्वीपसमूह के नेताओं के साथ मेरी बैठक का आयोजन करने में प्रधानमंत्री एवं फिजी का उनके नेतृत्‍व के लिए मैं धन्‍यवाद करना चाहता हूँ।
हमें अवसरों का एक विशाल भंडार सृजित करने के लिए आपस में हाथ मिलाना चाहिए, जो हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक फैला हो।
कभी – कभी हमारे संबंधों में दिशाहीनता रही है। आइए एक नया रास्‍ता तैयार करें। आइए एक नए युग की शुरूआत करें – जब फिजी का दौरा करने के लिए भारत के किसी प्रधानमंत्री को अगले 33 साल का समय न लगे। जब परिचय की सहूलियत के साथ तथा ऐसी सरलता से भारत और फिजी के लोग एक – दूसरे के साथ काम करें जो नियमित साझेदारी की आदत से आती है।
जब हम इतिहास के संबंधों एवं भावनाओं के रिश्‍तों से शक्ति ग्रहण करें; अपने अनेक साझे हितों में नए प्रयोजनों की तलाश करें और अपने नए अवसरों का उपयोग करें।
धन्‍यवाद, विनाका

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.