मैं 26 से 30 सितम्बर 2014 तक अमरीका की यात्रा पर जा रहा हूं। मैं न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के बाद अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ द्विपक्षीय शिखर वार्ता के लिए 29 से 30 सितम्बर 2014 तक वाशिंगटन डीसी की यात्रा पर जाऊंगा।
संयुक्त राष्ट्र की 1945 में स्थापना से ही एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने विश्व में शांति और सुरक्षा की प्रगति तथा व्यापक आधार वाली समग्र आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहन देने के लिए बहुपक्षीय प्रक्रियाओं के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दर्शाई है। पिछले कई दशकों से संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना अभियानों में भारत का योगदान संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए हमारे प्रयासों का एक मजबूत प्रमाण है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 69वां सत्र ऐसे समय आयोजित हो रहा है जब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था, विश्व के अनेक भागों में अशांति और तनाव, आतंकवाद में बढ़ोतरी और प्रसार, अफ्रीका में इबोला से स्वास्थ्य संकट, जलवायु परिवर्तन और गरीबी की वैश्विक चुनौती जैसी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है।
मैं इन चुनौतियों को पूरा करने के लिए मजबूत वैश्विक प्रतिबद्धता और अधिक ठोस बहुपक्षीय कार्रवाई करने का आह्वान करूंगा। मैं प्रगति, विकास और गरीबी उन्मूलन पर ध्यान देने वाले पोस्ट-2015 विकास एजेंडा को जल्द अपनाने का अनुरोध भी करूंगा। चूंकि हम 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें सत्र की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए मैं 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र को प्रासंगिक और प्रभावी बनाये रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र में शीघ्र सुधार करने की तुरंत जरूरत पर जोर दूंगा ताकि इसे सुनिश्चित रूप से प्रासंगिक और प्रभावी बनाये रखा जा सके।
मैं संयुक्त राष्ट्र आम सभा की बैठक से हटकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और अन्य देशों के नेताओं से भी मिलूंगा। मेरी न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान अमरीका के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों की मुख्य बातों को शामिल किया जायेगा।
मैं व्यापार जगत की हस्तियों से मिलने और भारत के आर्थिक विकास और परिवर्तन में अधिक सक्रियता से भाग लेने के लिए उन्हें आमंत्रित करने को उत्सुक हूं। यह संदेश है कि मैं वॉशिंगटन डीसी में अमरीकी व्यापार समुदाय से बातचीत करूंगा। न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क में एक सार्वजनिक समारोह मानवता के लिए गंभीर चुनौती बनी गरीबी पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करने और विशेष रूप से युवाओं को शामिल करके इस चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक नागरिक कार्रवाई में मेरे मजबूत समर्थन के लिए मेरी भागीदारी के रूप में आयोजित किया जा रहा है।
मुझे न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय अमरीकी समुदाय से मिलने के अवसर का इंतजार है। विविध क्षेत्रों में अपनी सफलता, संयुक्त राष्ट्र में अपने योगदान भारत के साथ अपने संबंधों को बनाये रखने और विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के मध्य जीवंत पुल के रूप में उनकी भूमिका हमारे लिए गर्व का स्रोत है। वे हमारी विरासत, प्रगति और क्षमता के लिए एक खिड़की के रूप में कार्य करते हैं।
मैं वाशिंगटन डीसी में दो दिनों तक राष्ट्रपति ओबामा से मिलने के लिए उत्सुक हूं। उनके साथ यह मेरी पहली बैठक होगी। उनकी जीवन यात्रा अधिकारों और अवसरों का ऐसा महत्वपूर्ण प्रमाण है जिन्हें लोकतंत्र में उपलब्ध कराया है और वे पूरे विश्व की जनता के लिए एक प्रेरणा बन गये हैं। साझा मूल्य, हित और पूरक ताकत विश्व के सबसे प्राचीन और सबसे बड़े लोकतंत्रों के दरम्यान स्वाभाविक भागीदारी की आधारशिला उपलब्ध कराते हैं।
शिक्षा, कौशल, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और सबसे ऊपर मानवीय मूल्यों पर साझा प्रतिबद्धता में भागीदारी की व्यापक संभावनाओं पर संयुक्त राष्ट्र को मैं अपने राष्ट्र विकास के लिए एक बड़े भागीदार के रूप में देखता हूं। साथ-साथ कार्य करके हम दूसरों के साथ भी अधिक शांतिपूर्ण, स्थिर, सुरक्षित, सतत और समृद्ध विश्व का निर्माण करने के लिए अपने समय के अनेक अवरोधों को दूर कर सकते हैं।
मैं राष्ट्रपति ओबामा से विचार-विमर्श करूंगा कि हम अपनी साझा ताकत और दोनों देशों और विश्व के हितों के लिए नये स्तर तक अपने संबंधों को ले जाने के लिए हमने अभी तक जो कार्य किया है उसका हम कैसे उपयोग कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा से हमारी सामरिक साझेदारी में नये अध्याय की शुरुआत होगी।