महामहिम अध्यक्ष डा. जिको लुवेनी, महामहिम प्रधानमंत्री बैनिमारामा, फिजी गणराज्य के संसद सदस्यों,

निसान बुला एवं नमस्ते,

दो माह पहले, फिजी के लोगों ने अपनी संसद का चुनाव करने के लिए असाधारण संख्या में मतदान किया था। छह माह पहले भारत के लोगों ने भी मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भाग लिया था।

आज, मैं यहां खड़ा हूँ, इस विशेष उपहार के लिए – लोकतंत्र के जश्न में इस नई संसद में बोलने के लिए तथा हमारी मैत्री की फिर से पुष्टि करने के लिए आप सभी के बीच होने के लिए मैं आप सभी का बहुत आभारी हूँ।

भारत एक बिलियन से अधिक आबादी वाला देश है, फिजी एक मिलियन की आबादी देश है। हम भिन्न – भिन्न महासागरों में स्थित हैं परंतु जिस वजह से आज हम जुड़े हैं वह हमारा लोकतंत्र है, हमारे समाजों की विविधता है, हमारा यह विश्वास कि सभी मानव जाति समान है, और आजादी, गरिमा तथा हर व्यक्ति के अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। आज हमें जो चीज जोड़ती है वह यह भी है कि हमारी दोनों संसदों की अध्यक्ष महिलाएं हैं।

आपने हमसे बेहतर किया है। इस संसद में हर सात सदस्यों में एक महिला है; भारत में, यह हर नौ सदस्यों में एक महिला है। इस प्रकार, हम उम्मीद करते हैं कि अगली बार हम आपकी बराबरी कर लेंगे तथा हम उम्मीद करते हैं कि हम दोनों भविष्य में और बेहतर करेंगे।

फिजी के लोगों के भिन्न – भिन्न इतिहास, नृजातीयता, भाषाएं एवं धर्म हैं। परंतु, फिजी के एक राष्ट्र के रूप में एक आवाज के साथ, एक विजन के साथ और एक आकांक्षा के साथ एक साथ खड़े हैं। दोनों देशों में, हमने अपने लोगों को अधिकार प्रदान किया है। आपके संविधान की शुरूआत इन शब्दों से होती है – ''हम फिजी के लोग’’, हमारे संविधान की शुरूआत भी इन्हीं साधारण शब्दों के साथ होती है – ''हम भारत के लोग’’ और आपने क्या संविधान बनाया है! यह ऐसा संविधान है जो न केवल नागरिकों को आजादी एवं अधिकारों की गारंटी देता है अपितु, उनकी बुनियादी आवश्यकताओं का भी सुनिश्चय करता है तथा उन्हें सामर्थ्यवान बनाता है। जीवन के अधिकार से लेकर आजादी, गरिमा, समानता और धर्म की आजादी तक, शिक्षा के अधिकार से लेकर सूचना, काम करने, स्वास्थ्य, खाद्य एवं पानी का अधिकार, बच्चों एवं विकलांगों के अधिकार आदि। यह संविधान है जो एक प्रबुद्ध राष्ट्र की इच्छा को प्रतिविंबित करता है।

इस मील पत्थर की यात्रा संघर्षों एवं आघातों से भरी है परंतु, आपने जो मार्ग चुना है उसकी वजह से आपको पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है तथा यहां के लोगों का आपको समर्थन मिल रहा है।

माननीय सदस्यगण,

फिजी ऐसे छोटे राष्ट्रों का एक जीता – जागता उदाहरण है जो महान आकांक्षाओं को सफलता के साथ पूरा कर सकते हैं क्योंकि जिस वजह से कोई राष्ट्र सफल होता है वह उसका आकार या आबादी नहीं है अपितु उसका विजन और उसके मूल्य हैं।

आज, फिजी ऐसा राष्ट्र है जिसने अपने आर्थिक संसाधनों का अच्छी तरह से प्रयोग किया है। आप प्रशांत द्वीपसमूह की ओर से एक मजबूत आवाज तथा इस क्षेत्र का केंद्र हैं। आपने विजन एवं शासन कला के साथ जी-77 का नेतृत्व किया। आपके सैनिकों ने विश्व के सबसे खतरनाक स्थानों में से कुछ में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशनों में उत्कृष्ट व्यवसायवाद के साथ सेवा की है। और आप जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक वार्ता को आकार देने में प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं।

भारत में ऐसे अनेक लोग हैं, जो चाहते हैं कि गोल्फ के मैदान में विजय सिंह भारतीय रंग पहनें।

माननीय सदस्यगण,

भारत के लिए, फिजी का हमेशा एक विशेष स्थान बना रहेगा। इतिहास के झंझावातों से भारत से कई लोग आपके तटों पर आए। इसकी वजह से हमारे संस्कृति एवं अपनत्व का रिश्ता निर्मित हुआ है। परंतु, आज हमारा संबंध विकासशील देश के रूप में हमारे साझे मूल्यों एवं हमारे साझे हितों के अधिक विस्तृत आधार पर टिका है। और, अब हम एक नया इतिहास बनाने में साझेदार हैं। आपने हमारे मंगल मिशन यानी मंगलयान की ट्रैकिंग के लिए फिजी में भारत के वैज्ञानिकों को उदारता के साथ रखा। यह विश्व का एकमात्र मिशन है जो पहले प्रयास में सफल हो गया। मैं आज, भारत के लोगों एवं वैज्ञानिकों की ओर से आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ। यह सहयोग का सरल किंतु गूढ़ कार्य हमारे संबंध में असीम संभावनाओं को दर्शाता है, यदि हम उनकी तलाश करने का विकल्प चुनते हैं।

हमारे व्यापार एवं निवेश संबंध साधारण हैं। विज्ञान, शिक्षा और संस्कृति में हमारा संबंध और भी मजबूत हो सकता है। इसके बावजूद, हमारी साझेदारी के ऐसे उदाहरण हैं जिनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए – आपकी चीनी मिलों को अपग्रेड करने में हमारा सहयोग या स्वास्थ्य देख-रेख के क्षेत्र में सार्वजनिक – निजी साझेदारी।

जैसा कि हमने यहां अस्पताल चलाने के मामले में आपस में सहयोग किया है, हम भेषज पदार्थ एवं परंपरागत दवाओं के क्षेत्र में भी अपने सहयोग का विस्तार कर सकते हैं। जैसा कि फिजी, बदलते वैश्विक बाजारों के अनुसार अपने आप को बदल रहा है, भारत आपका साझेदार बनने के लिए तैयार है – आपके विद्यमान उद्योग को और मजबूत बनाने में तथा आपके युवाओं के लिए नए अवसरों की तलाश करने में। हमारे जैसे देशों के लिए, ग्राम एवं लघु व कुटीर उद्योग उपक्रम एवं रोजगार के स्रोत हैं।

आज, मुझे फिजी के ग्राम, लघु एवं मझोले उद्यमों के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए 5 मिलियन अमरीकी डालर के अनुदान की घोषणा करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है। हम, रारव चीनी मिल में एक सह-उत्पादन विद्युत संयंत्र के लिए 70 मिलियन डालर की लाइन ऑफ क्रेडिट भी प्रदान करेंगे। और, फिजी में चीनी उद्योग के उन्नयन के लिए 5 मिलियन डालर की एक और लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान करेंगे। भारत और फिजी में कृषि से बहुसंख्यक आबादी का गुजर –बसर होता है। मैं कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए हमारी विशेषज्ञता एवं सहायता की पेशकश करता हूँ।

विश्व में दूध के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में, भारत आपके डेयरी उद्योग को विकसित करने में मदद कर सकता है, जिससे आपके निर्यात में भी वृद्धि हो सकती है। मछली पालन, कपड़ा एवं परिधान तथा रत्न एवं जवाहरात जैसे क्षेत्रों में हम व्यापार का विस्तार कर सकते हैं। इस डिजीटल युग में, हर राष्ट्र वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग का हिस्सा बन सकता है। और, यह एक ऐसा सपना है जिसे पूरी दुनिया के नौजवान समान रूप से देखते हैं। यह ऐसा उद्योग है जो विचारों एवं कौशलों पर निर्भर है। यह समृद्धि का एक अच्छा मार्ग भी प्रदान करता है और इसका कार्बन फुटप्रिंट बहुत कम है। यहां फिजी में सूचना प्रौद्योगिकी में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करके हमें बड़ी प्रसन्नता हुई है।

हम, डिजीटल फिजी का निर्माण करने तथा फिजी को वैश्विक आईटी नेटवर्क से जोड़ने के लिए आपके युवाओं को कौशलों से लैस करने के लिए आपके साथ काम करने के लिए तैयार हैं। हम, शिक्षा एवं प्रशिक्षण में भी अपने सहयोग को गहन करना चाहते हैं तथा हम अपनी छात्रवृत्तियों की संख्या दोगुना करने जा रहे हैं।

आज, मेरा यह प्रस्ताव है कि अभिशासन, आर्थिक विकास, संरक्षण, जलवायु परिवर्तन तथा प्राकृतिक आपदाओं के लिए हमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की क्षमता का उपयोग करने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। हम, अंतरिक्ष में अपने क्षेत्रीय सहयोग के लिए फिजी को केंद्र बनाने के लिए उसी तरह काम कर सकते हैं जिस तरह भारत ने आसियान के साथ किया है। ऐसा भी समय था जब हम एक-दूसरे के बारे में यह सोचते थे कि हमारे बीच भौगोलिक दृष्टि से काफी दूरी है, हम महासागरों तथा सेवन टाइम जोन द्वारा अलग हैं।

परंतु, उस समय के बारे में सोचिए, जब यात्रा करना कठिन था। इसकी वजह से नए जीवन की तलाश में बहादुर लोग समुद्र की दुष्कर यात्रा करने से नहीं रूक पाए। मेरी लिए, फाइबर आप्टिक केबल एवं उपग्रह लिंक की दुनिया में दूरी कोई मायने नहीं रखती है। हम उतनी ही दूर हैं, जितना माउस का एक क्लिक या फोन का कॉल बटन। किसी भी स्थिति में, फिजी से आज कोई भी सीधी उड़ान आपको भारत के अधिकांश स्थानों पर पहुंचा सकती है। और, ऐसा मैं आप लोगों की तुलना में अपने लोगों के लिए कह रहा हूँ।

फिजी के लोग नियमित रूप से भारत आ रहे हैं। हम भारत के लोगों ने गर्मजोशीपूर्ण लोगों तथा प्रचुर संभावना वाले इस सुंदर शहर पर पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं दिया है। निश्चित रूप से यह बदलना चाहिए। हमें हमारे दोनों देशों के बीच यात्रा को और सरल बनाना चाहिए।

इस वजह से, मैंने भारत में फिजी के लोगों के आगमन पर वीजा प्रदान करने का एक छोटा सा कदम उठाया है, जैसा कि आपने भारत के लोगों के लिए किया है। और, यदि आप चाहते हैं कि आपके द्वीपसमूह की प्रचुरता तथा आपके अतिथि सत्कार की गर्माहट का आनंद लेने के लिए अधिक संख्या में भारतीय यहां आएं, तो आपको फिजी में अपनी फिल्मों की शूटिंग करने के लिए बॉलीवुड को आमंत्रित करना चाहिए।

संसद के माननीय सदस्यगण,

हमने प्रचुर अवसरों की बात की है, परंतु हमारे अनेक चुनौतियां भी एक समान हैं। आपके लिए, जलवायु परिवर्तन डिबेट का विषय नहीं है अपितु यह अस्तित्व का एक बुनियादी प्रश्न है। भारत भी एक ऐसा राष्ट्र है जिसकी तट रेखा बहुत लंबी है तथा 1000 से अधिक द्वीपसमूह हैं। यह ऐसा राष्ट्र है जो मानसूनी बरसात तथा हिमालय के हिमखंडों पर निर्भर है।

हम भी, जलवायु परिवर्तन के भयंकर प्रभाव महसूस कर रहे हैं तथा इसके परिणामों को दूर करने के लिए हम अपनी जीडीपी का 6 प्रतिशत से अधिक खर्च कर रहे हैं। अब, हम में प्रत्येक को अपनी स्वयं की जिम्मेदारी वहन करनी चाहिए। हम किनारे नहीं रह सकते हैं तथा कोई कार्रवाई किए बगैर नहीं रह सकते हैं। प्रौद्योगिकी ने इसे संभव बनाया है। हमें समृद्धि के लिए पुराने रास्तों पर चलने की जरूरत नहीं है।

भारत में, हमने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का उपशमन करने एवं अनुकूलित करने दोनों के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय योजना एवं रणनीति बनाई है। और, इसके प्रति मेरी गहन निजी प्रतिबद्धता है। और, हम पवन एवं सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में फिजी के साथ काम करने की उम्मीद रखते हैं। परंतु, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि वैश्विक समुदाय अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करे तथा अपनी प्रतिबद्धता को लागू करे।

यह ऐसा नहीं होना चाहिए कि बोझ दूसरों पर डाला जाए; या उनके अतिरेक की जिम्मेदारियों को उन विकल्पों पर डाला जाए जो दूसरे चुनते हैं। यह एक के ऊपर दूसरे के आर्थिक लाभ या व्यापार प्रतिस्पर्धा का मुद्दा नहीं होना चाहिए। विश्व सामूहिक कार्रवाई – साझी किंतु विभेदीकृत जिम्मेदारियों के एक सुंदर संतुलन पर सहमत हो गया था। यह सतत कार्रवाई का आधार होना चाहिए।

इसका अभिप्राय यह भी है कि विकसित देशों को वित्त पोषण एवं प्रौद्योगिकी अंतरण के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को अवश्य पूरा करना चाहिए। भारत फिजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है तथा छोटे द्वीपीय विकासशील राज्य संपोषणीय भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से निष्पक्ष एवं तत्काल प्रत्युत्तर की मांग कर रहे हैं।

शांतिपूर्ण, सहयोगात्मक एवं समृद्ध एशिया एवं प्रशांत क्षेत्रों में हमारा साझा हित है। हिंद महासागर से होते हुए एशिया एवं प्रशांत महाद्वीप तक, यह प्रचुर गतिशीलता एवं अवसरों का क्षेत्र है परंतु, एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां अनेक चुनौतियां मौजूद हैं। फिजी इस क्षेत्र का लीडर है तथा विकासशील विश्व में एक मजबूत आवाज है। साथ मिलकर हम इस क्षेत्र में ऐसे भविष्य के लिए भी काम कर सकते हैं जिसमें सभी राष्ट्रों - छोटे हों या बड़े, विकसित हों या विकासशील – के लिए समान स्थान होना चाहिए तथा शांति एवं अमन चैन का वातावरण होना चाहिए।

आज दिन के उत्तरार्ध में प्रशांत द्वीपसमूह के नेताओं के साथ मेरी बैठक का आयोजन करने में प्रधानमंत्री एवं फिजी का उनके नेतृत्व के लिए मैं धन्यवाद करना चाहता हूँ।

हमें अवसरों का एक विशाल भंडार सृजित करने के लिए आपस में हाथ मिलाना चाहिए, जो हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक फैला हो।

कभी – कभी हमारे संबंधों में दिशाहीनता रही है। आइए एक नया रास्ता तैयार करें। आइए एक नए युग की शुरूआत करें – जब फिजी का दौरा करने के लिए भारत के किसी प्रधानमंत्री को अगले 33 साल का समय न लगे। जब परिचय की सहूलियत के साथ तथा ऐसी सरलता से भारत और फिजी के लोग एक – दूसरे के साथ काम करें जो नियमित साझेदारी की आदत से आती है।

जब हम इतिहास के संबंधों एवं भावनाओं के रिश्तों से शक्ति ग्रहण करें; अपने अनेक साझे हितों में नए प्रयोजनों की तलाश करें और अपने नए अवसरों का उपयोग करें।

धन्यवाद, विनाका

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।