खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के महानिदेशक डॉ. जोस ग्रैजियानो डा सिल्वा ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ने डॉ. डा सिल्वा को ब्राजील में “नो हंगर प्रोजेक्ट” में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शख्सियतों में से एक बताया और एफएओ से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में गरीबों और किसानों के हितों की रक्षा करने में नेतृत्व करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नियम आधारित वैश्विक व्यापार समझौते के रास्ते में खड़ा नहीं हो सकता। लेकिन भारत गरीबों और किसानों के हितों और खाद्य सुरक्षा का बलिदान नहीं दे सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भारतीय कृषि में आने वाली चुनौतियों से निपटने में एफएओ की सक्रिय भागीदारी की ओर देख रहा है। उन्होंने खाद्य भंडारण में क्षमता बढ़ाने के लिए एफएओ के साथ साझेदारी की जरूरत पर भी बल दिया। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के जरिए एफएओ के प्रयासों के द्वारा लाई गई इस तरह की क्षमता के कुछ भाग को बहुत गरीब देशों की पोषण और खाद्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए रखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने भारत में महिलाओं के लिए एक विशेष अभियान बनाने में एफएओ के सहयोग की बात कही, जो पोषण मूल्य और खाद्य आदतों को सुधारने का मार्ग बतायेगा।
प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील में पोषक तत्वों को बढ़ाने, दालों के उत्पादन और प्रोटीन तत्वों को बढ़ाने, तिलहन के उत्पादन को सुधारने, दूध उत्पादकता को बढ़ाने और भारत में मत्स्य क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए एफएओ के सहयोग के तरीकों और उपायों पर भी विचार विमर्श किया।