प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 25 सितम्बर, 2014 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन से ‘मेक इन इंडिया’ पहल का आगाज करेंगे। इसकी लांचिंग राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के साथ-साथ विदेश स्थित दूतावासों में भी की जाएगी। ‘मेक इन इंडिया’ पहल का सबसे पहले जिक्र प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस भाषण में किया गया था। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ नीति का भी उल्लेख किया था। इस पहल का आगाज करने में राज्य सरकारें, उद्योग मंडल और विदेश स्थित भारतीय दूतावास सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
सरकार एक नया रास्ता अख्तियार करने के प्रति कटिबद्ध है, जिसके तहत औद्योगिक इकाइयों को भरपूर सहयोग दिया जाता है। नियामकीय और नीतिगत मसलों से जुड़े सभी पहलुओं पर विदेशी निवेशकों का मार्गदर्शन सबसे पहले ‘इंवेस्ट इंडिया’ करेगा। नियामकीय मंजूरी दिलाने में भी यह मददगार साबित होगा। सरकार सभी नियामकीय प्रक्रियाओं पर करीबी नजर रख रही है, ताकि उन्हें सरल बनाने के साथ-साथ निवेशकों पर उनके पालन का बोझ भी कम किया जा सके।
औद्योगिक निकायों की ओर से पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देने के लिए नव सृजित वेब पोर्टल (www.makeinindia.com) के जरिए एक समर्पित प्रकोष्ठ बनाया गया है। इस पोर्टल पर उपलब्ध ‘एफएक्यू’ के विस्तृत सेट से निवेशकों को अपने सामान्य सवालों का जवाब ढूंढने में मदद मिलेगी। वहीं, इस प्रकोष्ठ से जुड़ी सहायता टीम विशेष सवालों का जवाब 72 घंटे के अंदर देगी। इस वेबसाइट का इस्तेमाल करने वालों के भौगोलिक स्थानों, रुचि और उनके व्यवहार पर नजर रखने का भी ठोस इंतजाम किया गया है। वेबसाइट पर पंजीकरण कराने वाले लोगों अथवा सवाल करने वालों को संबंधित सूचनाएं दी जाएंगी। निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ विदेशी निवेशकों को भारत में उनके आगमन से लेकर उनके प्रस्थान तक आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। इस पहल के तहत चिन्हित देशों के सभी क्षेत्रों की शीर्ष कंपनियों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत उन चुनिंदा घरेलू कंपनियों पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है जो नवाचार और नई तकनीक के मामले में अग्रणी हैं। इसका उद्देश्य इन कंपनियों को वैश्विक चैंपियन में तब्दील करना है। इसके तहत पर्यावरण अनुकूल एवं उन्नत निर्माण को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इसके साथ ही इन कंपनियों को वैश्विक वैल्यू चेन का अहम हिस्सा बनाने में भी मदद दी जाएगी।
सरकार ने ऐसे 25 महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की है जिनमें हमारा देश विश्व स्तर पर अग्रणी बन सकता है। प्रधानमंत्री सामान्य विवरण पुस्तिका के साथ-साथ इन क्षेत्रों के लिए अलग से विवरण पुस्तिकाएं भी जारी करेंगे। विवरण पुस्तिका में ऑटोमोबाइल, रसायन, सूचना तकनीक, दवा, कपड़ा, बंदरगाह, उड्डयन, चमड़ा, पर्यटन एवं आवभगत और रेलवे जैसे क्षेत्रों को भी कवर किया जाएगा। इसमें विकास को तेज गति प्रदान करने वालों, निवेश अवसरों, क्षेत्र विशेष के लिए तय एफडीआई और अन्य नीतियों तथा संबंधित एजेंसियों का भी ब्योरा होगा।
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