प्रधानमंत्री ने अपना पहला विदेश दौरा हिमालयी साम्राज्यभूटान का किया। उन्होंने सहयोग विकसित करने और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की प्रतिबद्धता एक बार फिर दोहराई।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भूटान दौरा
दिन : 02
लोग, जिनसे भेंट हुई: ताशिछोद्ज़ोंग में भूटान नरेश जिग्मे खैसर नामग्येल वांगचुक और रानी जेटसन पेमा; प्रधानमंत्री श्री शेरिंग तोबगे
भूटान भारत के सर्वाधिक मैत्रीपूर्ण पड़ोसी देशों में एक रहा है। भले ही वह हिमालय के लिए प्रेम हो, सांस्कृतिक विरासत या मूल्य हों, भारत और भूटान ने बहुत लंबे समय से करीबी रिश्ते निभाए हैं। दोनों देश अपनी विदेश नीति, रक्षा और वाणिज्य जैसे कई क्षेत्रों में रिश्ते निभाते हैं। भारत सरकार इस हिमालयी साम्राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहयोग के लिए हमेशा आतुर रही है। भारत के प्रधानमंत्री के अनुसार, भारत भूटान की अद्वितीय आर्थिक उन्नति और उसकी तरक्की एवं खुशहाली से प्रसन्न होता है। प्रधानमंत्री ने भूटान के विकास कार्यों में अपना सतत सहयोग जारी रखने की भारत की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 15-16 जून 2014 के बीच हुए 2-दिवसीय दौरे ने दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बना दिया। भूटान की शांति, खुशहाली और प्रगति की शुभकामना करते हुएश्री मोदी ने कहा,‘‘भारत भूटान की तरक्की और खुशी से जुड़ा हुआ है और हमेशा जुड़ा रहेगा। ये दोनों देश एक दूसरे के लिए बने हैं। हमारे पासपोर्ट्स के रंग अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारी संस्कृति और मूल्य समान रहेंगे।’’ वे थिम्पु में शाही सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
थिम्पु पहुँचने पर हज़ारों छात्रों और शिक्षकों ने श्री मोदी का भव्य स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट करके कहा,‘‘प्राइमरी स्कूल के छात्रों द्वारा गाए स्वागत गीत ने मेरे दिल को छू लिया।’’
Touched by welcome song sung by primary school students during the luncheon hosted by His Majesty the King of Bhutan pic.twitter.com/Jl6Kkg4RDl — Narendra Modi (@narendramodi) June 16, 2014
भारतीय प्रधानमंत्री ने भारत सरकार की ओर से मिली पूंजी से बनी सुप्रीम कोर्ट इमारत का उद्घाटन किया।
श्री मोदी ने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नेंग्येल वांगचुक और रानी जेटसन पेमा से भी मुलाकात की। इस दौरे पर उनके साथ विदेश मंत्री श्रीमति सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत दोवल और विदेश सचिव सुश्री सुजाता सिंह भी थे।
(ANI Photo)
उनके इस दौरे को दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों की ओर एक महान कदम माना जा रहा है। श्री मोदी का स्वागत करते हुए, भूटान के प्रधानमंत्री श्री श्रिंग टॉग्बे ने कहा,‘‘वे बहुत ही स्नेहशील व्यक्ति हैं और उनको काफी ज्ञान है और वे भूटान के हितैषी हैं। वे हमारे नरेशों को बहुत आदर की नज़र से देखते हैं। वे भारत-भूटान संबंधों के विवरणों को अच्छी तरह जानते हैं और इसीलिए उद्देश्य एवं आशा की भावना जागती है।’’ उन्होंने ट्वीट किया,‘‘ PM@narendramodi का दौरा सफल रहा : हमारे संरक्षक देवताओं; हमारे नरेशों के नेतृत्व; हमारी जनता के सौभाग्य को धन्यवाद।
PM@narendramodi visit a success: All thanks to the blessings of our Guardian Deities; leadership of our Kings; good fortune of our People. — Tshering Tobgay (@tsheringtobgay) June 16, 2014
‘‘यह हमारे राष्ट्र के लिए एक महान संदेश है और यह हमारी विदेश नीति के लिए बहुत अच्छा है,’’ श्री किरेन रिजिजु (गृह राज्यमंत्री) ने कहा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री किन्ली दोरजी ने कहा, ‘‘यह बेहद उत्साहजनक है। इस दौरे ने इतिहास रच दिया।’’
भूटान निवासियों ने मोदी के लिए एक अपवाद बनाया
भारतीय प्रधान मंत्री के दौरे के दौरान, उन्होंने भूटान संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया । इस असाधारण संबोधन को भूटान के लोगों का बहुत अच्छा प्रति रेस्पोंस मिला । हालांकि बधाई देने के संकेत के तौर पर भूटान के लोग तालियाँ नहीं बजाते, लेकिन उन्होंने प्रधान मंत्री मोदी के लिए एक अपवाद बनाया । उनका मानना है कि तालियाँ केवल बुरी आत्माओं को दूर भगाने के लिए बजाई जाती हैं ।लेकिन सोमवार को भूटान की संसद के संयुक्त सत्र में श्री मोदी के उत्साहवर्धक भाषण के बाद उन्होंने तालियाँ बजाई। स्रोत:– https://articles.economictimes.indiatimes.com/2014-06-16/news/50624019_1_bhutan-parliament-prime-minister-narendra-modi-mps
मेरे पहले विदेशी दौरे के लिए भूटान एक स्वाभाविक पसंद था ।
अपने दौरे की पूर्व संध्या पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने समझाया कि उन्होंने अपने पहले विदेशी दौरे के तौर पर भूटान को क्यों चुना । उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ‘‘अनूठे और खास संबंधों’’ के कारण अपनी पहली मंजिल के तौर पर भूटान ‘‘स्वाभाविक पसंद’’ था । ‘‘आम हितों और साझी खुशहाली से बंधे, भारत और भूटान का एक अनूठा और खास रिश्ता है जो भूगोल, इतिहास और संस्कृति के बंधनों द्वारा कूट रचित है । इसलिए प्रधानमंत्री के तौर पर मेरे पहले विदेशी दौरे की मंज़िल के रूप में भूटान एक स्वाभाविक पसंद है,’’ पीएम ने कहा । उनके अनुसार, भूटान के साथ हाइड्रोपॉवर सहकार्य ‘‘हर हाल में जीत दिलाने वाला सहकार्य और समूचे क्षेत्र के लिए एक आदर्श है।’’ दौरे के दौरान, उन्होंने 600 मेगावॉट क्षमता वाले खोलोन्ग्चु हाइड्रोपॉवर परियोजना की नींव भी रखी। ‘‘भूटान और भारत एक बहुत ही खास रिश्ता है जिसकी परख समय के साथ हो चुकी है। इसलिए, मेरे पहले विदेशी दौरे के लिए भूटान एक स्वाभाविक पसंद था।’’
Bhutan & India share a very special relationship that has stood the test of time. Thus, Bhutan was a natural choice for my 1st visit abroad. — Narendra Modi (@narendramodi) June 14, 2014
यह बात गौरतलब है कि मोदी के शपथ समारोह में आमंत्रित सात राष्ट्रों के नेताओं में से एक भूटान के प्रधानमंत्री भी थे।
हिमालय की गोद में बसे राष्ट्र में मोदी के दौरे की मुख्यझलकियाँ
- दोनों देशों ने हाइड्रोपॉवर सहकार्य में 10,000 मेगावॉट का लक्ष्य हासिल करने की अपनी कटिबद्धता को दोहराया।
- भूटान के सुप्रीम कोर्ट का उद्घाटन और भारत एवं भूटान के संयुक्त उपक्रम, 600 मेगावॉट खोलोन्ग्चु हाइड्रोपॉवर परियोजना की नींव रखी गई।
- भारतीय प्रधान मंत्री ने दूध के पाउडर, गेहूँ, खाद्य तेल, अनाजों और गैर-बासमती चावलके निर्यात पर लगी पाबंदी से भूटान को छूट सहित अनेक उपायों और रियायतों की घोषणा की।
- दोनों देशों ने उनके बीच मुक्त व्यापार व्यवस्था और दोतरफा व्यापार के विस्तार के बारे में चर्चा की।
- प्रधानमंत्री ने भूटान और नेपाल से सटे भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के साथ वार्षिक पहाड़ी खेल उत्सव के विचार पर भी ज़ोर दिया।
- श्री मोदी ने भूटान के छात्रों को भारत में शिक्षा के लिए दी जा रही छात्रवृत्ति दुगुनी करने की घोषणा की (अब 2 करोड़ रुपये) ।
- भारत भूटान को डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने में सहयोग भी देगा जिससे भूटान के युवा बीस लाख पुस्तकों और पत्रिकाओं तक पहुँच सकेंगे।
- प्रधानमंत्री ने भूटान में बी2बी संबंधों की जरूरत पर भी प्रकाश डाला । उन्होंने दोतरफा संबंधों या उनके कहे अनुसार ‘‘भारत टू भूटान रिलेशन्स’’ के विस्तार की घोषणा की।
- श्री मोदी ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की बजाय ‘सकल राष्ट्रीय खुशी’ पर ज़ोर देने की भूटान की अनूठी विलक्षणता पर बात की और कहा कि इसे मापने के मापदंडों में से एक यह भी हो सकता है कि उसका ‘‘भारत जैसा पड़ोसी’’ है।
Source - https://timesofindia.indiatimes.com/India/10-key-points-of-PM-Narendra-Modis-Bhutan-visit/articleshow/36663977.cms https://www.hindustantimes.com/india-news/pm-narendra-modi-arrives-to-a-grand-welcome-in-bhutan/article1-1229665.aspx
प्रधानमंत्री के आगमन पर उनको उत्साहपूर्ण स्वागत मिला। (पीटीआईफोटो)