प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस यानि कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर बड़े वर्चुअल सम्मेलन सामाजिक सशक्तिकरण के लिए उत्तरदायी एआई 2020 (आरएआईएसई) का 5 अक्टूबर शाम 7 बजे उद्घाटन करेंगे।

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नीति आयोग एआई पर इस बड़े वर्चुअल सम्मेलन का 5 से 9 अक्टूबर, 2020 के बीच आयोजन कर रहे हैं।

आरएआईएसई 2020 एक ऐसा वैश्विक मंच होगा जहां सामाजिक बदलाव समेत स्वस्थ्य, कृषि, शिक्षा व स्मार्ट मोबिलिटी आदि क्षेत्रों में एआई के इस्तेमाल की संभावनाओं पर दुनियाभर के विशेषज्ञ विचारों का आदान प्रदान करेंगे।

आरएआईएसई 2020 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़ी योजनाओं, नवाचरों और अनुसंधान क्षेत्र के दुनियाभर के विशेषज्ञ तथा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। महामारी जैसे हालात में तैयारियों में एआई से लाभ, डिजिटाइजेशन पर नवाचार की प्रगति, समग्र एआई, सफलतापूर्वक नवाचार हेतु साझेदारी इत्यादि विभिन्न विषयों पर इस सम्मेलन में मंथन होंगे।

आरएआईएसई 2020 सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में काम करने वाले कुछ उत्साहजनक नव उद्यमों के बारे में भी प्रस्तुति दी जाएगी। एआई सोल्युशन प्रतियोगिता के अंतर्गत चयनित नव उद्यम 6 अक्टूबर, 2020 को एआई स्टार्ट अप पिच के अंतर्गत अपने सोल्युशन से जुड़ी प्रस्तुति देंगे। यह भारत सकरत के नव उद्यमों और नवाचरों को मंच, मान्यता और मार्गदर्शन के द्वारा निरंतर सहायता के विचार को दर्शाता है।

स्टार्टअप के लिए दुनिया के तीसरे सबसे बेहतर इकोसिस्टम, आईआईटी समेत विश्व स्तरीय विज्ञान एवं तकनीकी संस्थानों, विशाल डिजिटल बुनियादी ढांचा और हर वर्ष लाखों की संख्या में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले स्नातकों की बदौलत भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विकसित करने में विश्व की अगुवाई करने में पूरी तरह से सक्षम है। विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत की अर्थव्यवस्था के लिए 2035 तक 957 बिलियन अमेरिकी डॉलर आकर्षित कर सकता है।

'सबका साथ-सबका विकास' की भावना और विचार से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की योजना समग्र विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देना और देश के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सभी के लिए उपयोगी है, की रणनीति पर काम करना है। प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरित भारत जल्द ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच न सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नेतृत्व करेगा बल्कि यह दुनिया को यह भी दिखाएगा कि सामाजिक सशक्तिकरण में जवाब देह ढंग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।

आरएआईएसई 2020 (https://raise2020.indiaai.gov.in/) के माध्यम से विचारों के आदान-प्रदान का वातावरण सृजित होगा जो एआई के शुचिता पूर्ण और मर्यादित विकास व इस्तेमाल के बारे मेंजन जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

आरएआईएसई 2020 के बारे में

आरएआईएसई 2020 अपनी तरह का पहला वैश्विक आयोजन है, जिसका उद्देश्य जवाबदेह एआई के द्वारा सशक्तिकरण, सामाजिक परिवर्तन, सभी को शामिल करने, के भारत के दृष्टिकोण का रोड मैप प्रस्तुत करना है। इस कार्यक्रम का आयोजन इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग के साथ कर रहा है। आयोजन में विश्व उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ-साथ, जाने-माने विचारक, सरकारी प्रतिनिधियों और शिक्षा जगत के क्षेत्रों से लोगों के भाग लेने की संभावना है।

वेबसाइट : https://raise2020.indiaai.gov.in/

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प्रधानमंत्री ने 45वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि जनता भी परियोजना के अपेक्षित लाभों से वंचित हो जाती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान प्रभावित परिवारों के समय पर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की समीक्षा की और राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री ने उन शहरों में अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां मेट्रो परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं या पाइपलाइन में हैं ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं महत्वपूर्ण सीखों को समझा जा सके
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।