महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के नवसारी में लखपति दीदियों के साथ भावपूर्ण संवाद किया और महिला सशक्तिकरण के महत्व तथा समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही, आज पूरी दुनिया महिला दिवस मना रही है, लेकिन हमारी तो परंपराओं और संस्कृति में ही इसकी शुरुआत मां के प्रति श्रद्धा, 'मातृ देवो भव' से होती है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए साल का हर दिन 'मातृ देवो भव' है।

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लखपति दीदियों में से एक ने शिवानी महिला मंडल के साथ काम करने का अपना अनुभव साझा किया, जहां वे सौराष्ट्र के सांस्कृतिक शिल्प, मोतियों के काम से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने 400 से अधिक बहनों को मोतियों के काम का प्रशिक्षण दिया है, जबकि अन्य बहनें मार्केटिंग और अकाउंटिंग का काम संभालती हैं। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या मार्केटिंग टीम राज्य के बाहर भी जाती है, जिस पर उन्होंने पुष्टि की कि उन्होंने भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों का दौरा किया है। प्रतिभागी ने एक अन्य लखपति दीदी, पारुल बहन की सफलता पर प्रकाश डाला, जो 40,000 रुपये से अधिक कमाती हैं। इस तरह से, लखपति दीदियों की उपलब्धि को स्वीकार किया गया। श्री मोदी ने तीन करोड़ लखपति दीदियों को बनाने का अपना सपना व्यक्त किया और उन्होंने माना कि यह आंकड़ा पांच करोड़ तक पहुंच सकता है।

एक अन्य लखपति दीदी ने 65 महिलाओं के साथ मिश्री (शुगर कैंडी) से सिरप बनाने की अपनी यात्रा साझा की, जिससे उन्हें 25 से 30 लाख रुपये का वार्षिक कारोबार हासिल हुआ। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मंच ने उन्हें असहाय महिलाओं की सहायता करने और उनके बच्चों को शिक्षित करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने अपने प्रयासों के बारे में आगे बताया और कहा कि उन्होंने अपनी मार्केटिंग गतिविधियों के लिए वाहन भी खरीदे हैं। श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री होने से परे, एक सामान्य व्यक्ति के रूप में अधिकांश लखपति दीदियों के स्टॉल का दौरा किया और यह उनके लिए सामान्य बात थी।

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एक अन्य लखपति दीदी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह कड़ी मेहनत करके कुछ ही वर्षों में करोड़पति बन जाएंगी। उन्होंने सफलता का मार्ग दिखाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। एक ड्रोन दीदी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह लगभग 2 लाख रुपये कमा रही है। प्रधानमंत्री ने एक महिला के अनुभव के बारे में बताया जो साइकिल चलाना नहीं जानती, लेकिन ड्रोन पायलट है। महाराष्ट्र के पुणे में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिला ने कहा कि उसके रिश्तेदार और दोस्त उसे 'पायलट' कहकर बुलाते हैं। उसने प्रधानमंत्री को ड्रोन दीदी बनने और आज लखपति दीदी बनने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने कहा कि ड्रोन दीदी अब हर गांव की पहचान बन गई हैं।

इसके बाद श्री मोदी ने एक बैंक सखी से बातचीत की जो हर महीने करीब 4 से 5 लाख रुपए का कारोबार करती है। एक अन्य महिला ने अन्य महिलाओं को भी अपनी तरह लखपति दीदी बनाने की इच्छा जाहिर की।

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प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन व्यापार मॉडल में प्रवेश करने के महत्व पर जोर दिया और उनकी पहल को उन्नत करने के लिए सरकारी सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि कई महिलाएं जमीनी स्तर पर कमाई कर रही हैं और दुनिया को पता होना चाहिए कि भारतीय महिलाएं सिर्फ घरेलू काम तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति हैं। श्री मोदी ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं भारत की आर्थिक मजबूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं तकनीक को जल्दी अपना लेती हैं और ड्रोन दीदियों के साथ अपना अनुभव साझा किया, जिन्होंने तीन से चार दिनों के भीतर ड्रोन चलाना सीखा और ईमानदारी से अभ्यास किया। उन्होंने संघर्ष करने, निर्माण करने, पालन-पोषण करने और धन अर्जित करने की भारत की महिलाओं की अंतर्निहित शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस शक्ति से देश को बहुत लाभ होगा ।

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