प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नये वर्ष और नये दशक के अपने पहले मन की बात कार्यक्रम में ‘गगनयान’ मिशन की चर्चा की।
उन्होंने कहा कि भारत 2022 में अपनी आजादी के 75 वर्ष मनाएगा और देश को गगनयान मिशन के जरिए अंतरिक्ष में किसी भारतीय को पहुंचाने के अपने संकल्प को पूरा करना होगा।
उन्होंने कहा कि गगनयान मिशन 21वीं शताब्दी में भारत के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा। यह नये भारत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना के उन चार पायलटों की सराहना की, जिनका चयन मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के रूप में किया गया है और उन्हें रूस में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
‘ये होनहार युवा भारत के कौशल, प्रतिभा, क्षमता, साहस और सपनों का प्रतीक हैं। हमारे चारों मित्र कुछ ही दिनों में प्रशिक्षण के लिए रूस जाने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि उनके इस प्रयास से भारत और रूस की मैत्री और सहयोग में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा जाएगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के प्रशिक्षण के बाद इन अंतरिक्ष यात्रियों के कंधों पर देश की उम्मीदों और आकांक्षाओं तथा अंतरिक्ष में उड़ान भरने की जिम्मेदारी होगी।
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर मैं चारों युवाओं, भारतीय तथा रूसी वैज्ञानिकों और इस मिशन से जुड़े इंजीनियरों को बधाई देता हूं।