प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आज बेल्जियम, अमरीका और सउदी अरब के लिए रवाना होने से पहले के वक्तव्य का मूल पाठ निम्नलिखित है :
‘’30 मार्च को मैं बेल्जियम के प्रधानमंत्री श्री चार्ल्स मिशेल से ब्रुसेल्स में मुलाकात करूंगा। मेरा यूरोपीय नेताओं के साथ 13वीं भारत-यूरोप शिखर सम्मेलन में भी शामिल होने का भी कार्यक्रम है।
बेल्जियम के लोगों की जीवटता और भावना को नमन करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं। ब्रुसेल्स मे हुये भयानक हमले के बाद हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और हमले में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं।
बेल्जियम के साथ हमारे प्रगाढ़ संबंध हैं और यह समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। यूरोप में बेल्जियम भारत का दूसरा बड़ा व्यापारिक साझेदार है। प्रधानमंत्री के साथ मेरी बैठक का उद्देश्य यूरोप के इस महत्वपूर्ण सदस्य के साथ व्यापार, निवेश को बढ़ाना और उच्च प्रौद्योगिकी साझेदारी करना है। प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल के साथ मैं भारत-बेल्जियम ऐरिस (आर्य भट्ट अवलोकन विज्ञान अनुसंधान संस्थान) टेलीस्कोप को रिमोट से संचालित करूंगा।
भारत के लिए यूरोपीय संघ एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार और सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। इस सम्मेलन से पूरे क्षेत्र में हमारे बहुपक्षीय संबंध और बढ़ेंगे।
ब्रुसेल्स में, मेरी यूरोपीय संसद सदस्यों (एमईपी), विद्वानों, बेल्जियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और बेल्जियम के भारतीय समुदाय के साथ भी मुलाकात होगी। बेल्जियम में हीरा व्यापारी एसोसिएशन के बोर्ड मेम्बर्स के साथ भी बातचीत होगी।
उसी दिन शाम को सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करने और भारतीय समुदाय से बातचीत करने का कार्यक्रम है।
बेल्जियम के बाद 31 मार्च को मेरा वॉशिंगटन डीसी में चौथे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने का कार्यक्रम है, जहां कई राष्ट्र और वैश्विक संगठन के प्रतिनिधि मौजूद होंगे।
सम्मेलन में परमाणु सुरक्षा को खतरे के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की जायेगी। नेतागण वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने के तरीकों और उपायों पर चर्चा करेंगे ताकि ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ की पहुंच परमाणु सामाग्री तक न हो।
सम्मेलन से अलग मेरे कई देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए उनके नेताओं से मुलाकात का भी कार्यक्रम है।
एलआईजीओ परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों के साथ भी बातचीत होगी। महामहिम सुल्तान सलमान बिन अब्दुल अज़ीज अल सऊद के निमंत्रण पर मैं 2 और 3 अप्रैल को सऊदी अरब जाऊंगा।
भारत के सऊदी अरब के साथ विशेष संबंध हैं। दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ जुड़ाव हमारे संबंधों का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। मैं सउदी अरब के नेतृत्व के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना और प्रगाढ़ बनाना चाहता हूं। इस दौरान क्षेत्रीय स्थिति पर भी चर्चा होगी।
हमारे आर्थिक संबंध भी बढ़ रहे हैं। सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा सप्लायर है।
महामहिम सुल्तान सलमान बिन अब्दुल अज़ीज अल सऊद से मुलाकात के अलावा राज परिवार के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों से भी बातचीत होगी।
हम चाहते हैं कि सऊदी अरब के जाने-माने कारोबारी भारत की विकास उत्कृष्टता में साझेदार बने। रियाद में होने वाले व्यापारिक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्यों में से एक यह भी होगा।
रियाद में मैं मसमक किले, ‘एल एंड टी कर्मियों’ के रिहायशी परिसर और टीसीएस के महिला आईटी तथा आईटीईएस केंद्र का दौरा भी करूंगा।