महामहीम चांसलर अंगेला मैर्केल, वाइस चांसलर श्रीमान सिगमार गबरिएल, मंत्री डॉक्टरयोहाना वंका, मिनिस्टर-प्रेसिडेंट श्री स्टेफान वइल, डोयचे मेस्से के अध्यक्ष. डॉ॰ वोल्फराम फॉन फ्रिश

दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक मेले के उद्घाटन के अवसर पर मौजूद रहना मेरे लिए सच में बेहद सौभाग्‍य की बात है।

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महान नेता और भारत की मित्र चांसलर मर्केल के सानिध्‍य में ऐसा करना विशेष सम्‍मान की बात है।

सबसे पहले, मैं हैनोवर शहर और हैनोवर मेसे का आभार व्‍यक्‍त करना चाहता हूं। उन्‍होंने बहुत उदारता के साथ शहर में हमारे शेरों को प्रदर्शित करने की अनुमति दी है। शेर नए भारत का प्रतीक हैं। वे दहाड़ते हैं, लेकिन भारत की 25 बिलियन जनता की मैत्री और भागीदारी के वायदे के संदेश के साथ। यह इस मेले में भाग ले रहे भारत के 15 राज्‍यों, 20 मुख्‍य कार्यकारी अधि‍कारियों और 350 कम्‍पनियों का संदेश भी है।

भागीदार देश के रूप में भारत का चयन, भारत में आपके नए भरोसे को दर्शाता है। मेरी सरकार के कार्यकाल के पहले साल में हमारी यहां मौजूदगी का फैसला हमारी प्राथमिकता को दर्शाता है:

हम आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाना चाहते हैं और हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करना चाहते हैं।

हम विश्‍वस्‍तरीय उद्योग और बुनियादी ढांचा बनाना चाहते हैं।

हम अपने शहरों और गांवों को बदल देना चाहते हैं, उनके वातावरण को स्‍वच्‍छ बनाना चाहते हैं और जीवन स्‍तर में सुधार लाना चाहते हैं।

भागीदार देश के रूप में हमारी उपस्थिति कुछ और भी कहती है। हम अपने संसाधनों, कौशलों और उद्यम के बल पर अपने लक्ष्‍यों को सहज रूप से प्राप्‍त करेंगे। लेकिन हम यह जानते हैं, जब यह कार्य हम विश्‍व की भागीदारी से करेंगे, तो ज्‍यादा सफल होंगे। भारत की जनता के लिए जर्मनी एक मूल्‍यवान सहभागी और प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, गुणवत्‍ता और उत्‍पादकता का स्‍थायी प्रतीक है।

इतना ही नहीं, भारत और जर्मनी में निकट और प्रगाढ़ रिश्‍ते हैं। ये रिश्‍ते सदियों पहले, जर्मन विद्वानों की बौद्धिक यात्राओं में हैं। ये रिश्‍ते एक ही समय दोनों देशों के आधुनिक गणराज्‍यों के रूप में जन्‍म से गहरायी और वैविध्‍यपूर्ण हैं, इतिहास के गलियारों में भारतीय और जर्मन लोगों ने परस्‍पर आकर्षण और सदभावना का संबंध कायम किया है।

इसमें गतिशील आर्थिक भागीदारी भी शामिल है, जिसका दायरा पिछली शताब्दि से भी बढ़कर है। आज आप आसानी से सीमंस जैसी कंपनियों को भारतीय जैसा समझ सकते हैं। करीब सौ साल पहले, भारत के महान कवि और दार्शनिक रबीन्‍द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि भारत के लिए पश्चिमी विश्‍व को खोलने में जर्मनी का योगदान किसी भी अन्‍य देश से ज्‍यादा है।

आज, मैं भारत की बेजोड़ आर्थिक संभावनाओं को उजागर करने के अपने मिशन में जर्मनी की भागीदारी चाहता हूं। आज यहां एकत्र दुनिया भर के उद्योग जगत से मैं कहना चाहता हूं कि आज अपने मेजबान के लिए हमारे कोई विशेष पूर्वाग्रह नहीं हैं भारत विश्‍व को गले लगाने के लिए तैयार और तत्‍पर है। मैंने दुनिया भर की यात्रा के दौरान, भारत में व्‍यापार, निवेश और नवाचार के क्षेत्र में भागीदारी कायम करने के प्रति दिलचस्‍पी का एक नया स्‍तर देखा है। यह हमारी जनता और उद्योग, अवसरों और प्रगति के लिए- हमारे 80 करोड़ युवाओं की अपेक्षाओं की नयी लहर के प्रति आशा को प्रतिबिम्बित करता है और अगर हम अपने युवाओं के सपने साकार करना चाहते हैं, हमें अपने उद्योग जगत को विश्‍व के विनिर्माण केंद्र और अपने ही देश में रोजगार के साधन के रूप में परिवर्तित करना होगा। और, हमें हर हाल में अपने युवाओं को कौशल संपन्‍न बनाना होगा ताकि वे राष्‍ट्र की जरूरते और व्‍यापक जगत की मांगें पूरी कर सकें।

हम जो भी करने का चयन करते हैं, उत्‍कृष्‍टता प्राप्‍त करने से लेकर अत्‍यंत आवश्‍यक सामाजिक जरूरतें पूरी करने तक, हमें निवेश और प्रौद्योगिकी, उद्योग एवं उद्यम की जरूरत होगी। इसीलिए, मेक इन इंडिया मेरे लिए ब्रांड नहीं है। न ही किसी फुर्तीले शेर पर अंकित कोई नारा मात्र है!

यह नया राष्‍ट्रीय आंदोलन है और यह हमारी सरकार, समाज और कारोबार सभी को अपने में समेटे हैं। यहां मौजूद प्रबुद्ध लोगों के समक्ष मुझे यह बताने की जरूरत नहीं हैं कि हमारे परिवर्तन का पैमाना व्‍यापक है, इसलिए हम जिन अवसरों की पेशकश कर रहे हैं, वे अपार हैं।

आप हमारी जनसंख्‍या और हमारी जरूरत से भी अवगत हैं। आप यह पूछ सकते हैं कि क्‍या हम इस संभावना को वास्‍तविकता में बदल सकते हैं और हमारे विजन को अमली जामा पहना सकते हैं।

आप केवल आकर्षक स्‍थल ही नहीं चाहते, बल्कि यह आश्‍वासन भी चाहते हैं कि वहां खुलापन हो और वहां पहुंच बनाने और काम करने में सुगमता हो। आप यह भरोसा चाहते हैं कि वातावरण स्थिर हो, नियमों में जल्‍दी-जल्‍दी बदलाव न हो और अचानक कोई कदम न उठाए जाएं। इसलिए हमने अपने संकल्‍प को पूरा करने के लिए तीव्रता, निश्‍चय और साहस से कदम उठाया है।

हम स्थिर आर्थिक वातावरण तैयार कर रहे हैं, जो देश और विदेश में भरोसा जगाता है। हम इसके लिए कड़े वित्‍तीय अनुशासन का पालन कर रहे हैं। मैं जानता हूं कि चांसलर मर्केल इसकी कितनी सराहना करेंगी।

हमने अपनी नीतियों में सुधार लाने और बीमा, निर्माण, रक्षा और रेलवे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ज्‍यादा प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश लाने के लिए व्‍यापक कदम उठाए हैं। रेलवे वह सूत्र है, जिसने भारत को जोड़ रखा है। अब वह भारत के बदलाव लाने के लिए फास्‍ट ट्रैक साबित होगा। और, जो सरकार का विभाग था, अब o 00% प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के लिए खुला है।

हम अनावश्‍यक नियमों को हटा रहे हैं और अपनी प्रक्रियाओं को सरल बना रहे हैं। हम विविध प्रकार की स्‍वीकृतियों और लम्‍बे इंतजार को समाप्‍त करने के लिए डिजिटल टैक्‍नॉलोजी का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। हम आपकी परियोजनाओं में आपका मार्गदर्शन करेंगे और आपका साथ निभाएंगे।

हमने इन्‍वेस्‍ट इंडिया की शुरूआत की है और उसमें कंट्री डेस्‍क्‍स बनाए हैं जिनका नेटवर्क राज्‍यों तक होगा। हम नवाचार को प्रोत्‍साहन देंगे और आपकी बौद्धिक संपदा की हिफाजत करेंगे। भारत में ये संस्‍थाएं थीं, जो जांच से परे समझी जाती थीं, अब ऐसा नहीं रहा है। हम संस्‍थाओं में इस प्रकार का सुधार कर रहे हैं, जैसा दशकों में नहीं हुआ है। हम ऐसी कर व्‍यवस्‍था बना रहे हैं, जो पूर्वानुमय, स्थिर और प्रतिस्‍पर्धी है।

अब हम बची हुई अनिश्चितताएं दूर करेंगे। वस्‍तु एवं सेवा कर में लम्‍बे अरसे से बदलाव की जरूरत थी, जो अब वास्‍तविकता बन रहा है। विश्‍वस्‍तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करना हमारी सर्वोच्‍च प्रा‍थमिकता है। हमने सार्वजनिक निवेश में काफी वृद्धि की है। हमने इस क्षेत्र के समेकित विकास के लिए राष्‍ट्रीय अवसंरचना एवं निवेश कोष और नये संस्‍थान की स्‍थापना की है। हम दीर्घकालिक कोषों के लिए नये आकर्षक वित्‍तीय साधनों की शुरूआत कर रहे हैं। हम ऊर्जा के स्‍वच्‍छ एवं बेहद कारगर इस्‍तेमाल के साथ हमारी वृद्धि को बल देना चाहते हैं।

हमने अगले सात वर्षों के लिए नवीकरणीय एवं स्‍वच्‍छ ऊर्जा के लिए 75 गीगावॉट्स की नयी क्षमता का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। यह चुनौतीपूर्ण लक्ष्‍य है-हां, लेकिन इसे जारी रखना महत्‍वपूर्ण है। सुशासन सिर्फ हमारे नागरिकों के लिए ही नहीं, बल्कि कारोबार के लिए भी आवश्‍यक है। पारदर्शिता और रफ्तार के साथ, हमने लम्‍बे अर्से से रूकी हुई परियोजनाओं को चालू किया है और संसाधनों का आवंटन किया है। यह हमारी अ‍र्थव्‍यवस्‍था को नयी गति दे रहे हैं। हम भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों और अन्‍य भूस्‍वामियों को तकलीफ पहुंचाए बगैर उचित व्‍यवस्‍था बना रहे हैं। हम अनुमानेय और पारदर्शक पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया बना रहे हैं जो हमारी राष्‍ट्रीय धरोहर का संरक्षण करेगी। सबसे बढ़कर, हम जानते हैं, जैसा कि आपको भी मालूम है, निवेश यात्रा का प्रारम्भ भले ही दिल्‍ली से हो, लेकिन उसकीसफलता राज्‍यों की राजधानियों और जिलों पर निर्भर करती है।

इसलिए, पहली बार, हम टीम इंडिया के रूप में - केंद्र और राज्‍यों के बीच नयी भागीदारी के साथ कार्य कर रहे हैं। हम सहकारी संघवाद की बात करते हैं, लेकिन प्रतिस्‍पर्धी संघवाद की भी चर्चा करते हैं, जहां राज्‍यों को निवेश और नौकरियों के लिए एक-दूसरे से स्‍पर्धा करके श्रेष्‍ठता साबित करनी होगी। हम उन्‍हें ज्‍यादा संसाधन भी दे रहे हैं, ताकि वे आपकी जरूरत के मुताबिक बुनियादी ढांचा तैयार कर सकें। मैं उन्‍हें अपने अंतर्राष्‍ट्रीय संबंध में भागीदार के रूप में देखता हूं।

लेकिन मैं इस बात से भी अवगत हूं कि नीतियां बदलना और नए कानून बनाना- दृष्टिकोण, संस्‍कृति और व्‍यवस्‍था बदलने से ज्‍यादा आसान होगा। जिस किसी मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी ने परिवर्तन लाने की कोशिश की होगी, इस बात से वाकिफ होगा। हमारा कार्य विशाल है, यह रातोंरात पूरा नहीं होगा। लेकिन, मुझे यकीन है कि यह पूरा होगा और हम मजबूती और स्‍पष्‍टता के साथ उसी दिशा में बढ़ रहे हैं। बदलाव की बयार बह रही है और रफ्तार पकड़ रही है। जब आईएमएफ, विश्‍व बैंक, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां और विशेषज्ञ एक स्‍वर से भारत के बारे में सकारात्‍मक बात कर रहे हैं, तो हम जानते हैं कि हवा सही दिशा में बह रही है और इसने हमने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍था बना दिया है।

तो, आपके लिए मेरा यही संदेश है : आपको ऐसा माहौल मिलेगा, जो सिर्फ मुक्‍त ही नहीं, बल्कि स्‍वागत करने वाला ही होगा।हम भारत में कारोबार करना आसान बनाएंगे और हम आपकी प्रतिक्रिया जानने को सदैव उत्‍सुक रहेंगे। तो, हमारा उद्योग यहां अपने कौशलों का प्रदर्शन करने के उपस्थित है। विश्‍व में तकनीकी नेतृत्‍व के कई भारतीय उदाहरण हैं, लेकिन हम ऐसा भविष्‍य चाहते हैं, जहां उत्‍कृष्‍टता हमारे प्रत्‍येक क्षेत्र और प्रत्‍येक उद्योग को परिभाषित करती हो और वे यहां आपकी भागीदारी इच्‍छा के साथ आए हैं।

यह मात्र वित्‍तीय प्रवाहों, नयी प्रौद्योगिकी अथवा उत्‍पादों के लिए नहीं है, एक-दूसरे से सीखने, सम्‍भावनाओं को नए अंदाज से देखने के लिए भी है। भारत ऐसा देश है, जिसकी दुनिया में बहुत साख है। सभी जगहों पर मैंने भारत की कामयाबी की सशक्‍त इच्‍छा देखी है।

मानवता के छठे हिस्‍से की प्र‍गति विश्‍व और हमारे खूबसूरत ग्रह के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण होगी। यह ज्‍यादा आशा और अवसरों वाली दुनिया होगी, ऐसी दुनिया जो अपनी सफलता के प्रति ज्‍यादा आश्‍वस्‍त होगी। यह राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक चुनौतियों का दौर है और हिंसा का खतरा हमारे घरों के करीब आ पहुंचता जा रहा है। मानवता को पहले से कहीं ज्‍यादा एकजुटता और अंतर्राष्‍ट्रीय भागीदारी की ताकत की जरूरत है।

भारत - आर्थिक स्थायित्‍व के आधार, वृद्धि के साधन और विश्‍व में शांति एवं स्थायित्‍व की ताकत के रूप में अपनी जिम्‍मेदारी निभाएगा। इसलिए मैं आपको भारत में कारोबार और -भारत तथा विश्‍व हेतु निर्माण करने के लिए आमंत्रित करता हूं। मैं आपको नए भारत के निर्माण में हमारा भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। मैं हमारी कालातीत परम्‍पराओं, विविधता के निर्बाध उत्‍सव का आनंद उठाने और हमारी स्‍नेहपूर्ण मैत्री को स्‍वीकार करने के लिए आपको आमंत्रित करता हूं।

मैं इस मेले की सफलता की कामना करता हूं। मैं आशा करता हूं कि जब इसका समापन होगा, कई नए द्वार खुलेंगे।

एक बार फिर से आपका आभार प्रकट करता हूं।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।