प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्री महामहिम शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से भेंट की। यूएई के विदेश मंत्री भारत में आयोजित आर्थिक एवं तकनीकी योगदान के लिए भारत-यूएई संयुक्त आयोग की 11वीं बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए हैं। बैठक की सह-अध्यक्षता ईएएम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने यूएई की अपनी अत्यंत सफल यात्रा को याद करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिली है और इससे दोनों देशों को न सिर्फ फायदा होगा बल्कि एशिया और अन्य स्थानों में शांति तथा समृद्धि स्थापित करने में सहायता होगी। प्रधानमंत्री ने यूएई के नेतृत्व और उसके विजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि वहां के नेतृत्व ने मानव भावना, नवाचार और विज्ञान का हर संभव प्रयोग करके अपने देश को बदल दिया है। उन्होंने यूएई के जीवन्त और बहु-सांस्कृतिक समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि यूएई ने अपने यहां 2.6 मिलियन भारतीयों को अंगीकार किया है और उनके हितों की रक्षा की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यूएई की दो सप्ताह पूर्व की गई यात्रा के फौरन बाद वहां के विदेश मंत्री का भारत आगमन इस बात का परिचायक है कि दोनों देशों के संबंध पहले से अधिक प्रगाढ़ हो गये हैं। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उनके यूएई के दौरे के समय लिए गए निर्णयों को क्रियान्वित करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
यूएई के विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश भारत के साथ समेकित रणनीतिक साझेदारी को बहुत महत्व देता है। उन्होंने यूएई की प्रतिबद्धता दोहराई की उनका देश प्रधानमंत्री की जुलाई 2015 में यूएई की यात्रा के दौरान ठोस नतीजों को पूरी तनमया के साथ क्रियान्वित करेगा जिसमें व्यापार और निवेश, रक्षा-सुरक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, नवीकरणीय ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और जनता के बीच आदान-प्रदान शामिल हैं।
बैठक में दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में विकास और संयुक्त अनुसंधान सहित द्विपक्षीय सहयोग, भारत में निर्माण उद्योगों के लिए यूएई का निवेश और तीसरे देशों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आबू धाबी के युवराज को भारत आगमन के लिए दोबार आमंत्रित किया कि वे अपनी सुविधा से भारत पधारें।