प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को ज्यादा सक्षम बनाने में सहायता के लिए एक विस्तृत बैठक की, जिसमें इससे संबंधित रणनीतियों की समीक्षा की गई। इसमें फैसला लिया गया कि भारत के हवाई क्षेत्र का व्यवस्थित तरीके से प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे उड़ान का समय घटाकर लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके और सैन्य मामलों के विभाग के सहयोग से लागत घटाकर विनानन कंपनियों की भी सहायता की जा सके।
ज्यादा राजस्व अर्जित करने के साथ ही हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तीन महीनों के भीतर निविदा प्रक्रिया शुरू करके 6 अतिरिक्त हवाई अड्डों को पीपीपी आधार पर हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है।
इस अवसर पर ई-डीजीसीए परियोजना की भी समीक्षा की गई। इस परियोजना से डीजीसीए कार्यालय में ज्यादा पारदर्शिता आएगी और विभिन्न लाइसेंसों/ स्वीकृतियों से जुड़ी प्रक्रिया में लगने वाले समय में कमी होने से सभी हितधारकों को मदद मिलेगी।
यह भी फैसला लिया गया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय और इसके अधीन आने वाले संगठनों द्वारा की जा रहीं सुधार संबंधी पहल एक एक समयबद्ध तरीके से होनी चाहिए।
इस बैठक में गृह मंत्री, वित्त मंत्री, राज्य मंत्री (नागरिक उड्डयन), राज्य मंत्री (वित्त) और भारत सरकार के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।