Quote“राष्ट्रपति ने दोनों सदनों को अपने दूरदर्शी संबोधन में देश को सटीक दिशा दी है”
Quote“आज पूरे विश्‍व में भारत को लेकर सकारात्मकता और आशा है”
Quote“आज सुधार मजबूरी से नहीं, बल्कि दृढ़ विश्वास से लागू किए जाते हैं”
Quote“यूपीए के कार्यकाल में भारत का 'खोया हुआ दशक' कहा जाता था, जबकि आज लोग वर्तमान दशक को ‘भारत का दशक’ कह रहे हैं”
Quote‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है, मजबूत लोकतंत्र के लिए रचनात्मक आलोचना जरूरी है और आलोचना ‘शुद्धि यज्ञ’ की तरह है’’
Quote“रचनात्मक आलोचना के बजाय कुछ लोग बाध्यकारी आलोचना में लिप्त हैं”
Quote‘‘140 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद ही मेरा ‘सुरक्षा कवच’ है’’
Quote“हमारी सरकार ने मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा किया है। हमने उनकी ईमानदारी के लिए उन्हें सम्मानित किया है”
Quote“भारतीय समाज में नकारात्मकता से निपटने की क्षमता है, लेकिन वह इस नकारात्मकता को कभी भी स्वीकार नहीं करता है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब लोकसभा में दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि माननीया राष्ट्रपति ने दोनों सदनों को अपने दूरदर्शी संबोधन में राष्ट्र को सटीक दिशा दी है। उन्होंने कहा कि माननीया राष्ट्रपति के संबोधन ने भारत की ‘नारी शक्ति’ को प्रेरित किया है और भारत के जनजातीय समुदायों में गर्व की भावना उत्‍पन्‍न करते हुए उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने राष्ट्र के ‘संकल्प से सिद्धि’ का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि तरह-तरह की चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन 140 करोड़ भारतीयों के दृढ़ संकल्प से देश हमारे रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि सदी में एक बार आने वाली आपदा और युद्ध के दौरान देश को सटीक ढंग से संभालने से हर भारतीय आत्मविश्वास से भरा हुआ है। व्‍यापक उथल-पुथल के इस दौर में भी भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है।

उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्‍व में भारत को लेकर सकारात्मकता और आशा है। प्रधानमंत्री ने इस सकारात्मकता का श्रेय स्थिरता, भारत की वैश्विक साख, भारत की बढ़ती क्षमता और भारत में उभरती नई संभावनाओं को दिया। प्रधानमंत्री ने देश में भरोसे के माहौल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में स्थिर और निर्णायक सरकार है। उन्होंने इस विश्वास को रेखांकित किया कि आज सुधार मजबूरी से नहीं, बल्कि दृढ़ विश्वास से लागू किए जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज पूरी दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है।’

प्रधानमंत्री ने 2014 से पहले के दशक की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि 2004 से 2014 के बीच के साल घोटालों से भरे रहे और साथ ही देश के कोने-कोने में आतंकी हमले हो रहे थे। इस दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी गई और वैश्विक मंचों पर भारत की आवाज बहुत ही कमजोर हो गई। वह युग ‘मौके में मुसीबत’ वाला था।

इस बात पर बल देते हुए कि देश आज आत्मविश्वास से भरा है और अपने सपनों एवं संकल्पों को साकार कर रहा है, प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया आशा भरी नजरों से भारत की ओर देख रही है और इसका श्रेय भारत की स्थिरता व संभावनाओं को देती है। उन्होंने कहा कि यूपीए के तहत भारत को ‘खोया हुआ दशक’ कहा जाता था, जबकि आज लोग वर्तमान दशक को ‘भारत का दशक’ कह रहे हैं।

भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए, प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए रचनात्मक आलोचना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आलोचना एक 'शुद्धि यज्ञ' की तरह है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रचनात्मक आलोचना के बजाय कुछ लोग बाध्यतावश आलोचना करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान, हमने ऐसे आलोचक देखे हैं जो रचनात्मक आलोचना के बजाय निराधार आरोप लगाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की आलोचना उन लोगों को सही नहीं मालूम होगी जो पहली बार बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एक राजवंश के बजाय, 140 करोड़ भारतीयों के परिवार के सदस्य हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “140 करोड़ भारतवासियों का आशीर्वाद मेरा ‘सुरक्षा कवच’ है।”

प्रधानमंत्री ने वंचित और उपेक्षित लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और जोर देकर कहा कि सरकार की योजनाओं का सबसे बड़ा लाभ दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और कमजोर वर्गों को मिला है। भारत की नारी शक्ति पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की नारी शक्ति को सशक्त बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि जब भारत की माताएं सशक्त होती हैं, तो लोग सशक्त होते हैं, और जब लोग सशक्त होते हैं तो यह समाज को सशक्त बनाता है जिससे देश सशक्त होता है। उन्होंने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि सरकार ने मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा किया है और उनकी ईमानदारी के लिए उन्हें सम्मानित किया है। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत के आम नागरिक सकारात्मकता से भरे हुए हैं, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय समाज में नकारात्मकता से निपटने की क्षमता है, लेकिन वह इस नकारात्मकता को कभी स्वीकार नहीं करता है

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

  • Ankur Srivastava Nagar Mantri BJP February 17, 2023

    जय हिंद
  • ckkrishnaji February 15, 2023

    🙏
  • Kapil Parashar February 11, 2023

    https://fb.watch/iDxIcJRh0S/
  • SHRIGOPAL SHRIVASTAVA February 11, 2023

    good
  • Harjibhai gamara February 11, 2023

    Modi Ji Zinda bad
  • CHANDRA KUMAR February 11, 2023

    पुलवामा हमला हो, तो मोदी की साजिश चीनी सैनिक घुस आए, मोदी की साजिश अडानी का शेयर बढ़े, मोदी की साजिश भाई , मोदी कोई भूत है क्या, जो हर जगह दिखने लगा है, आपलोगों को। अडानी का शेयर उठेगा, अडानी का शेयर गिरेगा। यह तो स्वाभाविक सी बात है। जिसको अडानी का शेयर खरीदना है, खरीदे, बेचना है तो बेचे। अब मोदी कहां से आ गया, इन सब में। दर असल, जब से मोदीजी ने, यूरोप अमेरिका को नजर अंदाज करके , रुस से ईंधन खरीदा गया है। तभी से भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का प्रयास हो रहा है। पहले विदेशी कंपनी, निराधार आरोप लगाकर भारतीय शेयर धारकों से अडानी के कंपनी का शेयर बिकवा दिया। फिर विदेशी बैंक ने एक साथ अपना शेयर बेचने लगा, अपना निवेश वापस लेने लगा, अपना दिया कर्ज वापस मांगने लगा। अब भारत के सबसे बड़े कंपनी ग्रुप को धराशाई करने के बाद, अब यह साजिश रचा जा रहा है, की भारत में कोई भी विदेशी निवेश नहीं करे। 1. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था बदहाल होगा। 2. भारतीय राजनीति का आंतरिक माहौल खराब होगा। 3. भारतीय लोकतंत्र को खतरे में बताकर आंदोलन प्रारंभ किया जयेगम 4. भारतीय केंद्र सरकार को अस्थिर करके लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हराया जायेगा। 5. गठबंधन की सरकार को सत्ता में लाकर, फिर से यूरोप अमेरिका, अपना मनमानी करेगा। इससे बचने के लिए कुछ उपाय करना चाहिए 1. मोरिसस और स्विट्जरलैंड को निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाए। 2. चीन को लहासा कोलकाता कॉरिडोर बनाने के बहाने, भारत में एक अरब डॉलर का निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाए। क्योंकि अमेरिका अपना चीनी कर्ज और बॉन्ड पेपर को बेईमानी करना चाह रहा है। ऐसे में चीन को भारत के पक्ष में किया जाए और कोरोना फैलाने के आरोप से बचाने का आश्वासन दिया जाए। ध्यान रहे केवल आश्वासन ही देना है, चीन को कोई वास्तविक लाभ नहीं देना, न आर्थिक , न सामरिक, न कूटनीतिक। किसी भी प्रकार से चीन को लाभ पहुंचाने से बचा जाए। 3. छोटे छोटे देशों को पैसा देने की जगह, अब पैसा लिया जाए। तुर्की और सीरिया को निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाए। जब छोटे छोटे देश निवेश करेंगे, तब वे छोटे छोटे देश आयात भी करेंगे। उन्हें लगेगा, भारत में हमारा ही कंपनी उत्पादन कर रहा है, इसीलिए हम भारत से ही सामान खरीदेंगे। 4. भारतीयों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने का प्रशिक्षण दिया जाए। 5. अंतराष्ट्रीय कंपनी बनने में मदद किया जाए। 6. निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाए। 7. ऐसे वस्तुओं का उत्पादन किया जाए, जिसे निर्यात किया जा सके। 8. चीन और अमेरिका के व्यापार करने के तरीके को बारीकी से सीखा जाए। आखिर चीन और अमेरिका किस तरह से उत्पादन कर रहा है, किस तरह से व्यापार का प्रसार कर रहा है। यह भारतीय पेशेवर व्यापारियों छात्रों प्रोफेसरों को पढ़ने और रिसर्च करने के लिए भेजा जाए। भारतवर्ष को अस्थिर करने से बचाने के लिए, भारतीय अर्थव्यवस्था का नियंत्रण, केंद्र सरकार को अपने हाथ में रखना चाहिए।
  • gyaneshwar February 11, 2023

    shree Ganeshay namah Jai Ho congratulations BJP Government Bharat Mata ki Jai 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🐅🌺🌹🙏🙏
  • Balaji R February 10, 2023

    I haven't seen a person as powerful a speaker as Narendra Modiji. Wonderful Sir. You have no match in this country. You talk with a sense of commitment, sincerity, a vision and farsightedness, and a determination to take this country to the next higher level. Bharat needs you forever.
  • Balaji R February 10, 2023

    Excellent, Very Spirited Speech by Our beloved Pradhan Mantri Modiji. Long Live Modiji.
  • T. Balasubramanian February 10, 2023

    Excellent reply and put forward the message to the nation
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