"राष्ट्रपति के अभिभाषण से यह पता चलता है कि भारत किस गति से और पैमाने से आगे बढ़ रहा है"
"भारत के लोकतंत्र के लिए परिवारवाद की राजनीति चिंता का कारण है"
"मोदी की गारंटी है कि तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा"
"पहले कार्यकाल में हम पिछली सरकारों के गड्ढे भरते रहे, दूसरे कार्यकाल में हमने नए भारत की नींव रखी और तीसरे कार्यकाल में हम विकसित भारत के निर्माण को गति प्रदान करेंगे''
"उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक लोगों ने लंबित परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा होते देखा है"
"अयोध्या में राम मंदिर भारत की महान संस्कृति और परंपरा को लगातार ऊर्जा प्रदान करता रहेगा"
"सरकार का तीसरा कार्यकाल अगले 1000 वर्षों के लिए भारत की नींव रखेगा"
"अब भारत में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां देश की बेटियों के लिए दरवाजे बंद हों"
"मैं मां भारती और इसके 140 करोड़ नागरिकों के विकास में आपका सहयोग चाहता हूं"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया।

प्रधानमंत्री ने सदन में सेंगोल के उल्लेख से अपने संबोधन की शुरुआत की, जिसने गौरव और सम्मान के साथ उस जुलूस का नेतृत्व किया, जब राष्ट्रपति जी नए संसद भवन में पहुंची और सभी सांसदों ने उनका अनुसरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस विरासत को रेखांकित किया, जो सदन की गरिमा को कई गुना बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि 75वां गणतंत्र दिवस, नया संसद भवन और सेंगोल का आगमन बहुत महत्वपूर्ण घटना रही। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में अपने विचार और सुझाव देने के लिए सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति का अभिभाषण तथ्यों के आधार पर एक बहुत बड़ा दस्तावेज है, जिससे यह पता चलता है कि भारत किस गति और पैमाने से आगे बढ़ रहा है और इस तथ्य के बारे में भी ध्यान आकर्षित करता है कि नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीबों और अन्नदाता के चार स्तंभों से ही देश तेजी से विकसित और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि यह संबोधन इन चार स्तंभों को मजबूत करके देश को विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

मजबूत विपक्ष की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि "भारत के लोकतंत्र के लिए परिवारवाद की राजनीति चिंता का कारण है। परिवारवादी राजनीति के अर्थ पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राजनीतिक दल जो एक परिवार चलाता है, अपने सदस्यों को प्राथमिकता देता है और जहां सभी निर्णय परिवार के सदस्यों द्वारा लिए जाते हैं उसे परिवारवादी राजनीति माना जाता है, न कि उस परिवार को जिसके कई सदस्य जनता की सहायता से अपने बल पर राजनीति में आगे बढ़ रहे हैं। श्री मोदी ने लोकतंत्र के लिए परिवारवादी राजनीति के खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मैं राजनीति में उन सभी युवाओं का स्वागत करता हूं जो देश की सेवा करने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने लोकतंत्र में परिवारवादी राजनीति के उभरते खतरों के बारे में अफसोस जताया। उन्‍होंने राजनीति में उभरती इस संस्‍कृति पर खेद जताया और कहा कि देश में जो विकास हो रहा है वह किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि हर नागरिक का है।

भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की आज दुनिया सराहना कर रही है। इस पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मोदी की गारंटी है कि मौजूदा सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता से भारत के बारे में विश्व के दृष्टिकोण और उसकी राय से भी यह सार निकाला जा सकता है।

देश को समृद्धि की ओर ले जाने में सरकार की भूमिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली सरकार द्वारा 2014 में सदन में पेश किए गए अंतरिम बजट और तत्कालीन वित्त मंत्री के बयान के बारे में ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि अपने संबोधन के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आकार के हिसाब से भारत की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बारे में जानकारी दी थी, जबकि आज देश 5वें स्थान पर पहुंच गया है। तत्कालीन वित्त मंत्री का संदर्भ देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अगले तीन दशकों में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं "आज" देश को यह आश्वासन देता हूं कि वर्तमान सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व सरकार के कार्य की गति के साथ-साथ उसके बड़े लक्ष्यों और साहस को भी ध्यान से देख रहा है। उन्होंने सदन को बताया कि वर्तमान सरकार ने ग्रामीण गरीबों के लिए 4 करोड़ और शहरी गरीबों के लिए 80 लाख पक्के मकान बनाये हैं। पिछले 10 वर्षों में, 40,000 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण हुआ है, 17 करोड़ अतिरिक्त गैस कनेक्शन प्रदान किए गए और स्वच्छता कवरेज 40 प्रतिशत से बढ़कर 100 प्रतिशत हो गया।

जनकल्याण के प्रति पिछली सरकारों के आधे-अधूरे दृष्टिकोण और भारत के लोगों में विश्वास की कमी के बारे में अफसोस जताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय नागरिकों की ताकत और क्षमताओं में वर्तमान सरकार के विश्वास की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पहले कार्यकाल में हम पिछली सरकारों के गड्ढे भरते रहे, दूसरे कार्यकाल में हमने नए भारत की नींव रखी और तीसरे कार्यकाल में हम विकसित भारत के निर्माण को गति प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री ने पहले कार्यकाल की सूचीबद्ध योजनाओं - स्वच्छ भारत, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुगम्य भारत, डिजिटल इंडिया और जीएसटी का जिक्र किया। इसी तरह, उन्होंने बताया कि दूसरे कार्यकाल में देश ने अनुच्छेद 370 का उन्मूलन, नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने, भारतीय न्याय संहिता को अपनाने, 40,000 से अधिक अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने, वंदे भारत और नमो भारत ट्रेनों की शुरुआत होते देखी है। उन्होंने कहा कि उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक लोगों ने लंबित परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा होते देखा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा ने सभी को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रति सरकार के समर्पण और दृढ़ संकल्प को दिखाया है। राम मंदिर के अभिषेक पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर भारत की महान संस्कृति और परंपरा को लगातार ऊर्जा प्रदान करता रहेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा सरकार का तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों पर केंद्रित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का तीसरा कार्यकाल अगले 1000 वर्षों के लिए भारत की नींव रखेगा।

प्रधानमंत्री ने देश के 140 करोड़ नागरिकों की क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। उन्होंने इस बात को दोहराया कि अगर गरीबों को सही संसाधन और आत्म-सम्मान प्रदान किया जाए तो वे गरीबी को हरा सकते हैं। श्री मोदी ने 50 करोड़ गरीबों के पास अपने बैंक खाते, 4 करोड़ के पास अपना मकान, 11 करोड़ के पास पेयजल कनेक्शन, 55 करोड़ के पास आयुष्मान कार्ड और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिलने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मोदी उन लोगों के लिए चिंतित हैं जिनकी कभी किसी को चिंता नहीं थी। श्री मोदी ने उन रेहड़ी-पटरी वालों का जिक्र किया, जो अब पीएम स्वनिधि के तहत ब्याज मुक्त ऋण लेते हैं। देश में पहली बार कारीगरों और हस्तशिल्पियों के लिए विश्वकर्मा योजना, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए पीएम जन मन योजना, वाइब्रेंट सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए ग्राम कार्यक्रम, मोटे अनाज का उत्पादन, वोकल फॉर लोकल और खादी क्षेत्र को मजबूत करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।

पीएम मोदी ने श्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने की ओर भी ध्यान आकर्षित किया और बताया कि कैसे पिछली सरकारों द्वारा इस महान व्यक्तित्व के साथ अनादर का व्यवहार किया गया था। उन्होंने 1970 के दशक में जब श्री ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयासों का भी स्मरण किया।

प्रधानमंत्री ने भारत की नारी शक्ति को सशक्त बनाने के बारे में सरकार के योगदान पर प्रकाश डाला। अब भारत में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां देश की बेटियों के लिए दरवाजे बंद हों। वे फाइटर जैट उड़ा रही हैं और सीमाओं को भी सुरक्षित रख रही हैं। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों की क्षमताओं पर विश्वास व्यक्त किया, जिनके 10 करोड़ से अधिक सदस्य हैं और जो भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि आने वाले वर्षों में देश में तीन करोड़ लखपति दीदियां होंगी। उन्होंने उस सोच में बदलाव पर प्रसन्नता व्यक्त की जहां लड़कियों के जन्म पर भी जश्न मनाया जाता है। उन्होंने महिलाओं के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया।

किसान कल्याण के बारे में जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि वार्षिक कृषि बजट पिछली सरकारों के दौरान 25,000 करोड़ रुपये था, अब बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों को 2,80,000 करोड़ रुपये, पीएम फसल बीमा योजना के तहत 30,000 रुपये के प्रीमियम पर 1,50,000 करोड़ रुपये, मत्स्य पालन और पशुपालन के लिए एक समर्पित मंत्रालय का गठन, मछुआरों और और पशुपालक के लिए पीएम किसान क्रेडिट कार्ड देने और जानवरों की जान बचाने के लिए खुरपका और मुंहपका रोग के लिए 50 करोड़ टीकाकरण का भी उल्लेख किया।

भारत के युवाओं के लिए सृजित हुए अवसरों के बारे में प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप युग के आगमन, यूनिकॉर्न, डिजिटल सृजकों के उद्भव और उपहार अर्थव्यवस्था के बारे में बात की। पीएम मोदी ने कहा कि आज, भारत दुनिया की अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था है और यह भारत के युवाओं के लिए अनेक नए अवसर पैदा करेगी। उन्होंने भारत में मोबाइल विनिर्माण और सस्ते डेटा की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने भारत के पर्यटन और विमानन क्षेत्र में हुई प्रगति को भी स्वीकार किया। प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं को रोजगार के अवसर और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को बताया कि देश का बुनियादी ढांचा बजट जो 2014 से पहले के 10 सालों में 12 लाख करोड़ था, अब पिछले 10 साल में बढ़कर 44 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने उचित प्रणाली और आर्थिक नीतियां विकसित करके देश को विश्व का अनुसंधान और नवाचार केंद्र बनाने के लिए भारत के युवाओं को प्रोत्साहित करने का भी जिक्र किया। देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत को हरित हाइड्रोजन और सेमीकंडेक्टर क्षेत्रों में शीर्ष निवेश का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने मूल्य वृद्धि पर भी बात की और 1974 में 30 प्रतिशत मुद्रास्फीति की दर को भी स्मरण किया। उन्होंने देश में दो युद्धों और कोरोनोवायरस महामारी प्रकोप के बीच देश में मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए मौजूदा सरकार की प्रशंसा की। श्री मोदी ने उस समय को याद किया जब सदन की चर्चा देश में घोटालों के इर्द-गिर्द ही घूमती थी। उन्होंने पिछली सरकारों की तुलना में पीएमएलए के तहत मामलों में दोगुनी वृद्धि और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्ती राशि 5,000 करोड़ रुपये से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये होने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के वितरण की जानकारी देते हुए कहा कि सभी जब्त किए गए धन का उपयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया गया।

प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार से अंत तक लड़ने की प्रतिज्ञा की और कहा कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें उसका वापस भुगतान करना होगा। देश में शांति और अमन-चैन बनाए रखने के सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बताया कि दुनिया आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करने के लिए बाध्य है। उन्होंने अलगाववाद की विचारधारा की निंदा करते हुए भारत के रक्षा बलों की क्षमताओं पर गर्व और विश्वास व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर में हो रहे विकास की भी सराहना की।

प्रधानमंत्री मोदी ने सदन के सदस्यों से देश के विकास के लिए एकजुट होकर आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने अंत में कहा कि मैं मां भारती और इसके 140 करोड़ नागरिकों के विकास में आपका सहयोग चाहता हूं।

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