"आज का रोजगार मेला, असम के युवाओं के भविष्य के प्रति गंभीरता को दर्शाता है"
"आजादी के अमृत काल में हम सभी ने अपने देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है"
"सरकारी प्रणालियों को वर्तमान समय के अनुसार खुद को बदलना चाहिए"
"प्रत्येक नई अवसंरचना परियोजना के साथ हर क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिल रहा है"
“आज युवा कई ऐसे क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं, जिनकी दस साल पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था”
"हम नए भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम उठा रहे हैं"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज एक वीडियो संदेश के माध्यम से असम रोजगार मेले को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने असम सरकार में सरकारी नौकरियों में नवनियुक्त युवाओं और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने पिछले महीने बिहू के अवसर पर राज्य की अपनी यात्रा को याद किया और कहा कि असमिया संस्कृति की महिमा के प्रतीक के रूप में उस भव्य आयोजन की स्मृति अभी भी उनके मन में एकदम ताजा है। उन्होंने कहा कि आज का रोजगार मेला, असम में युवाओं के भविष्य के प्रति गंभीरता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, इससे पहले भी असम में रोजगार मेले के जरिए 40 हजार से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आज लगभग 45 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गये हैं। उन्होंने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

प्रधानमंत्री ने कहा, "असम शांति और विकास का एक नया युग देख रहा है और विकास की इस गति ने असम में सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रेरणा का संचार किया है।" सरकारी नियुक्तियों को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए असम सरकार द्वारा शुरू की गई प्रक्रियाओं के संबंध में प्रधानमंत्री ने विभिन्न विभागों में भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए गठित 'असम प्रत्यक्ष भर्ती आयोग’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले की प्रक्रिया के कारण कई भर्ती प्रक्रियाएं समय पर पूरी नहीं हो पाती थीं, जहां प्रत्येक विभाग के नियम अलग-अलग थे और अभ्यर्थियों को अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता था। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रक्रियाओं को अब बहुत आसान बना दिया गया है और उन्होंने इस उपलब्धि के लिए असम सरकार को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा, "आजादी के अमृत काल में हम सभी ने अपने देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है।" उन्होंने बल देते हुए कहा कि अमृत काल के 25 वर्ष, सेवा काल के समान ही महत्वपूर्ण हैं। नवनियुक्तों के व्यवहार, सोच, कार्य करने के दृष्टिकोण और लोगों पर प्रभाव के महत्व को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नवनियुक्त कर्मी प्रत्येक आम नागरिक के लिए असम सरकार का चेहरा होंगे। उन्होंने कहा कि समाज आकांक्षी होता जा रहा है और कोई भी नागरिक विकास के लिए इंतजार नहीं करना चाहता। "ट्वेंटी-20 क्रिकेट के इस युग में, देश के लोग त्वरित परिणाम चाहते हैं।“ श्री मोदी ने कहा कि सरकारी प्रणालियों को इस अनुसार खुद को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने देश के नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने नियुक्त किए गए लोगों से उसी समर्पण के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया, जिसके जरिये वे यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे नई चीजों को सीखने के लिए तत्पर रहकर समाज और व्यवस्था को बेहतर बनाने में योगदान दे सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत की अवसंरचना को बहुत तेज गति के साथ आधुनिक बनाने पर लाखों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने नए राजमार्गों और एक्सप्रेसवे, रेलवे लाइनों, पत्तनों, हवाई अड्डों और जलमार्गों से जुड़ी परियोजनाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नई अवसंरचना परियोजना से हर क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने एक हवाई अड्डे के विकास के लिए इंजीनियरों, तकनीशियनों, लेखाकारों, मजदूरों और विभिन्न प्रकार के उपकरणों, स्टील और सीमेंट आदि की आवश्यकता का उदाहरण दिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि रेलवे लाइनों के विस्तार और उनके विद्युतीकरण से रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। उन्होंने जीवन यापन में आसानी पर जोर का जिक्र किया और कहा कि सरकार ने 2014 से अब तक लगभग 4 करोड़ पक्के घरों का निर्माण किया है, जिनमें शौचालय, गैस कनेक्शन, नल से पेयजल आपूर्ति और बिजली जैसी सुविधाएं हैं और इन्हें गरीबों को सौंप दिया गया है। उन्होंने निर्माण क्षेत्र, लॉजिस्टिक्स, कुशल श्रमिकों और मजदूरों के योगदान की सराहना की, जिन्होंने इन घरों के निर्माण और इन सुविधाओं की व्यवस्था करने में प्रयास किये हैं। प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन में आयुष्मान भारत योजना द्वारा निभाई गई भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश में कई नए अस्पताल और क्लीनिक स्थापित किए गए हैं। श्री मोदी ने कुछ सप्ताह पहले एम्स गुवाहाटी और 3 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण करने के सौभाग्य को भी याद किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असम में डेंटल कॉलेजों का भी विस्तार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके कारण चिकित्सा पेशे से जुड़े युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, "आज, युवा कई ऐसे क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं, जिसकी दस साल पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।" उन्होंने स्टार्टअप इकोसिस्टम पर प्रकाश डाला, जिसने देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के लाखों अवसर सृजित करने में मदद की है। उन्होंने कृषि, सामाजिक कार्यक्रमों, सर्वेक्षण और रक्षा क्षेत्र में ड्रोन की बढ़ती मांग का भी जिक्र किया और कहा कि इसने युवाओं के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी जिक्र किया, जो भारत में करोड़ों मोबाइल फोन बनाकर देश के विकास में योगदान दे रहा है। हर गांव में पहुंच रहे ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी के विस्तार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार को प्रोत्साहन मिला है। श्री मोदी ने रेखांकित किया कि केवल एक योजना या एक निर्णय, लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है।

वर्तमान सरकार की नीतियों को इसका श्रेय देते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि पूर्वोत्तर से बड़ी संख्या में युवा विकास की मुख्यधारा में आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौर पर कहा, “सरकार रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर देकर युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम एक नए भारत के निर्माण की दिशा में भी तेजी से कदम उठा रहे हैं।“

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.