प्रधानमंत्री मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ 2024 के दौरान छात्रों को संबोधित किया और उनसे बातचीत की। छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने एक सवाल भी किया कि छात्र अपनी कड़ी मेहनत के माध्यम से अपने माता-पिता का विश्वास कैसे अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि विश्वास की कमी अचानक नहीं होती; यह एक लम्बी प्रक्रिया होती है। इसके लिए हर माता-पिता, हर शिक्षक और हर छात्र को व्यवहार का बहुत सूक्ष्मता से विश्लेषण करना होगा। उन्होंने सलाह दी कि हर छात्र को अपने माता-पिता के साथ खुलकर बात करनी चाहिए। तभी माता-पिता के मन में भरोसा और विश्वास पैदा किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रक्रिया को एक पुल बनाने जैसा बताया, जिसमें से हर छोटा कदम महत्वपूर्ण होता है।
उन्होंने बताया कि कैसे माता-पिता द्वारा अपने बच्चों के प्रति नकारात्मक मानसिकता और विश्वास की कमी उनके बीच दूरियां बढ़ाती है, साथ ही छात्रों को अवसाद की ओर धकेलती है। शिक्षकों के लिए, सभी छात्र समान होने चाहिए, और उनकी ग्रोथ और डेवलपमेंट सर्वोपरि होना चाहिए।
उन्होंने अपने संबोधन में अंतत: यह जोर देकर कहा कि छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाने और उनमें भरोसा पैदा करने के लिए, शिक्षकों और माता-पिता को एक सकारात्मक वातावरण बनाना ही होगा।