[caption id="attachment_80040" align="alignnone" width="684"] 4 जून 2014 को नई दिल्ली में सचिवों के साथ होने वाली बैठक से पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भारत सरकार के सभी सचिवों के साथ परिचय कराया गया।[/caption]
प्रधानमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदी ने 4 जून को भारत सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों और सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस तरह की बैठक आठ से भी अधिक सालों के बाद हुई है। प्रधानमंत्री ने लगभग ढाई घंटे तक सचिवों के सुझावों और टिप्पणियों को बड़े गौर से सुना । श्री मोदी ने सचिवों द्वारा व्यक्त की गई भावना और परिस्थितियों के कारण उनकी सही क्षमता का फायदा न उठाए जाने की उनकी मनोव्यथा के साथ सहानुभूति जताई । साथ ही, देश के बेहतर भविष्य के निर्माण के प्रति उनकी निष्ठा और क्षमता पर उन्होंने संपूर्ण विश्वास जताया । उन्होंने वरिष्ठ नौकरशाहों को प्रशासनिक नियमों एवं प्रक्रियाओं को आसान और सुप्रवाही बनाने के लिए कहा ताकि वे जनता के लिए सुविधाजनक हो। उन्होंने टीम भावना की जरूरत पर ज़ोर दिया और सचिवों को अपनी अपनी टीम का लीडर बनने का आग्रह किया । उन्होंने अधिकारियों को निर्णय लेने को भी प्रोत्साहित किया और उन्हें भरोसा दिया कि वे उनका साथ निभाएँगे । साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शासन चलाने की प्रक्रिया में विचारों को संस्थाओं में बदलना चाहिए क्योंकि व्यक्तियों की तुलना में संस्थाएँ लंबे समय तक टिकती हैं। लेकिन, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ नियम एवं प्रकियाएं काफी पुरानी हो सकती हैं और हो सकता है कि शासन चलाने की प्रक्रिया में सहयोग देने की बजाय वे टाली जा सकने वाली दुविधा पैदा कर रहे हों। उन्होंने ऐसे पुराने नियमों एवं प्रक्रियाओं की पहचान करने और छोड़ देने पर भी ज़ोर दिया । साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के शासन की प्रक्रिया दफ्तरों को साफ करने से शुरू होकर, कार्यस्थल को बेहतर बनाने तक जाएगी, जिससे कार्य संस्कृति अपने आप बेहतर हो जाएगी और नागरिकों को कुशल सेवाएँ मिलेंगी।
प्रधानमंत्री ने प्रशासन में बेहतर कुशलता और प्रभावशीलता के लिए तकनीक के उपयोग की जरूरत पर भी ज़ोर दिया । उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में, नागरिकों की शिकायतों का समाधान बेहद महत्वपूर्ण है और इस संदर्भ में सूचना तकनीक बहुत मददगार साबित हो सकती है । साथ ही उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग एवं विभागों के बीच बेहतर समझ के माध्यम से, प्रशासनिक और योजनाबद्ध अभिसरण संभव है। केवल सामूहिक क्रिया के माध्यम से, तेज परिणाम हासिल किए जा सकते हैं । श्री मोदी ने कहा कि वे उनके द्वारा किए जा रहे काम का ब्यौरा देने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे । वरिष्ठ नौकरशाहों ने इस भावना की हाँ में हाँ मिलाई और जिम्मेदारी के समान मानकों का स्वागत किया । प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी उन्हें मिलने आ सकते हैं और उन्होंने उनको अपने सुझावों एवं विचारों के साथ उन्हें मिलने को प्रोत्साहित किया।
श्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया :
Had a very fruitful meeting with Secretaries. Heard their views & asked to simplify administrative processes & make Govt. people friendly. — Narendra Modi (@narendramodi) June 4, 2014
We talked about institutionalizing processes as they will last longer than any individual and give better results to the people. — Narendra Modi (@narendramodi) June 4, 2014
I shared my views on the importance of teamwork and usage of technology, which has the potential to address people's grievances. — Narendra Modi (@narendramodi) June 4, 2014